हरियाणा के गुरुग्राम में ठेके पर 10 करोड़ रुपए की अवैध विदेशी शराब मिलने के मामले में जिस अंकुश गोयल की तलाश है, इस कारोबार में उसकी कहानी फर्श से अर्श पर पहुंचने की है। वह नारनौल का रहने वाला है। परिवार कभी परचून की दुकान चलाता था, फिर जूतों की दुकान खोली। तब भी अवैध रूप से थैली में दारू बेचने के आरोप लगे। करीब 15 साल पहले खुलकर शराब के धंधे में आ गया। दो साल पहले “द ठेका” नाम से ब्रांड बनाया। हरियाणा के कई शहरों के अलावा राजस्थान और दिल्ली में कई ठेकों में पार्टनरशिप हैं। इनमें गुरुग्राम के महंगे इलाकों के ठेके भी शामिल हैं। शराब कारोबारी पर पहले भी 6 केस दर्ज हैं, जिनमें से 5 एक्साइज एक्ट में हैं। दो साल पहले इसके घर पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की रेड भी हुई थी। अब दो दिन पहले गुरुग्राम में “द ठेका” के नाम से चल रहे वाइन शॉप पर दस करोड़ रुपए की अवैध विदेशी शराब मिलने से मामला सुर्खियों में है। गुरुग्राम के सिग्नेचर टावर की लोकेशन पर स्थित यह ठेका M/s सुरेंद्र के नाम पर था, जिसके लिए सरकार को 44 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस जमा की गई है। असल मालिक अंकुश गोयल, अरुण मित्तल और सुग्रीव बिश्नोई बताए जा रहे हैं। फिलहाल, पुलिस ने दी ठेका वाइन शॉप के मैनेजर अजय (26) को सिलोखरा, गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी गांव नाधौरी, जिला फतेहाबाद का रहने वाला है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी की देखरेख में बरामद हुई विदेशी शराब रखी गई थी। अब पुलिस ठेका मालिक अंकुश और उसके अन्य पार्टनरों की तलाश में दबिश दे रही है। अंकुश गोयल कैसे बना शराब कारोबारी, 5 पॉइंट में जानिए… नारनौल ठेके पर बेच रहा था सस्ती शराब
करीब एक माह पूर्व इसके “द ठेका” फर्म पर शराब सस्ती बेची जा रही थी। इसकी सूचना पर भिवानी की एक्साइज टीम ने इसके सिंघाना रोड स्थित ठेके पर छापेमारी कर दो दिन के लिए बंद कर दिया था। इसकी जांच में सामने आया कि यह कस्टम ड्यूटी चोरी करके विदेश से तस्करी कर लाई गई शराब का पूरा खेल है, जिसकी वजह से शहर सस्ती बेचते हैं। एसआईटी कर रही मामले की जांच
सिग्नेचर ग्लोबल टावर के पास “द ठेका” नाम की वाइन शॉप से बिना होलोग्राम और बिना ट्रैक-एंड-ट्रेस स्ट्रिप्स वाली जो 3,921 पेटियां और 176 लूज बोतलें मिली हैं, वो अवैध रूट से पहुंची थी। बरामद शराब के लिए न तो कस्टम ड्यूटी चुकाई गई और न ही हरियाणा सरकार का अनिवार्य होलोग्राम लगा था। अवैध शराब के इस खेल में गुरुग्राम के कितने ठेकेदार सिंडिकेट में शामिल हैं, उनका पता लगाने के लिए एसीपी ईस्ट अमित भाटिया की अगुवाई में एसआईटी बनाई गई है। कुछ बोतलों की कीमत 1.50 लाख रुपए तक
पुलिस के मुताबिक, बरामद की गई शराब में जॉनी वॉकर ब्लू लेबल, सिवास रीगल 25 ईयर, ग्लेनफिडिच 21, मैकलन 18, डोम पेरिग्नन विन्टेज जैसी सुपर-प्रीमियम ब्रांड की पेटियां दो गुप्त कमरों में छिपाकर रखी गई थीं। एक-एक बोतल की कीमत 1500 से 1.50 लाख रुपए तक है। 3 पॉइंट में समझिए गुरुग्राम शराब घोटाले का पूरा खेल —————— ये खबर भी पढ़ें….. गुरुग्राम के ठेकों तक अवैध विदेशी शराब पहुंचने की कहानी:कस्टम ड्यूटी बचाने को समुद्री रास्ते से तस्करी; यहां ठेके सबसे महंगे, शराब सस्ती हरियाणा में गुरुग्राम के एक ठेके से 10 करोड़ की अवैध शराब मिलने के बाद वैध ठेकों पर अवैध विदेशी शराब बिक्री का खुलासा हुआ है। यह विदेशी शराब समुद्र के रास्ते मुंबई, चेन्नई और गुजरात के कांडला पोर्ट पहुंचती है। यहां से विदेशी शराब कंटेनर से कस्टम बांडेड वेयरहाउस तक पहुंचती है। इसके अलावा प्रीमियम शराब की कुछ खेप एयरपोर्ट पर भी उतरती हैं। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा के गुरुग्राम में ठेके पर 10 करोड़ रुपए की अवैध विदेशी शराब मिलने के मामले में जिस अंकुश गोयल की तलाश है, इस कारोबार में उसकी कहानी फर्श से अर्श पर पहुंचने की है। वह नारनौल का रहने वाला है। परिवार कभी परचून की दुकान चलाता था, फिर जूतों की दुकान खोली। तब भी अवैध रूप से थैली में दारू बेचने के आरोप लगे। करीब 15 साल पहले खुलकर शराब के धंधे में आ गया। दो साल पहले “द ठेका” नाम से ब्रांड बनाया। हरियाणा के कई शहरों के अलावा राजस्थान और दिल्ली में कई ठेकों में पार्टनरशिप हैं। इनमें गुरुग्राम के महंगे इलाकों के ठेके भी शामिल हैं। शराब कारोबारी पर पहले भी 6 केस दर्ज हैं, जिनमें से 5 एक्साइज एक्ट में हैं। दो साल पहले इसके घर पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की रेड भी हुई थी। अब दो दिन पहले गुरुग्राम में “द ठेका” के नाम से चल रहे वाइन शॉप पर दस करोड़ रुपए की अवैध विदेशी शराब मिलने से मामला सुर्खियों में है। गुरुग्राम के सिग्नेचर टावर की लोकेशन पर स्थित यह ठेका M/s सुरेंद्र के नाम पर था, जिसके लिए सरकार को 44 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस जमा की गई है। असल मालिक अंकुश गोयल, अरुण मित्तल और सुग्रीव बिश्नोई बताए जा रहे हैं। फिलहाल, पुलिस ने दी ठेका वाइन शॉप के मैनेजर अजय (26) को सिलोखरा, गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी गांव नाधौरी, जिला फतेहाबाद का रहने वाला है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी की देखरेख में बरामद हुई विदेशी शराब रखी गई थी। अब पुलिस ठेका मालिक अंकुश और उसके अन्य पार्टनरों की तलाश में दबिश दे रही है। अंकुश गोयल कैसे बना शराब कारोबारी, 5 पॉइंट में जानिए… नारनौल ठेके पर बेच रहा था सस्ती शराब
करीब एक माह पूर्व इसके “द ठेका” फर्म पर शराब सस्ती बेची जा रही थी। इसकी सूचना पर भिवानी की एक्साइज टीम ने इसके सिंघाना रोड स्थित ठेके पर छापेमारी कर दो दिन के लिए बंद कर दिया था। इसकी जांच में सामने आया कि यह कस्टम ड्यूटी चोरी करके विदेश से तस्करी कर लाई गई शराब का पूरा खेल है, जिसकी वजह से शहर सस्ती बेचते हैं। एसआईटी कर रही मामले की जांच
सिग्नेचर ग्लोबल टावर के पास “द ठेका” नाम की वाइन शॉप से बिना होलोग्राम और बिना ट्रैक-एंड-ट्रेस स्ट्रिप्स वाली जो 3,921 पेटियां और 176 लूज बोतलें मिली हैं, वो अवैध रूट से पहुंची थी। बरामद शराब के लिए न तो कस्टम ड्यूटी चुकाई गई और न ही हरियाणा सरकार का अनिवार्य होलोग्राम लगा था। अवैध शराब के इस खेल में गुरुग्राम के कितने ठेकेदार सिंडिकेट में शामिल हैं, उनका पता लगाने के लिए एसीपी ईस्ट अमित भाटिया की अगुवाई में एसआईटी बनाई गई है। कुछ बोतलों की कीमत 1.50 लाख रुपए तक
पुलिस के मुताबिक, बरामद की गई शराब में जॉनी वॉकर ब्लू लेबल, सिवास रीगल 25 ईयर, ग्लेनफिडिच 21, मैकलन 18, डोम पेरिग्नन विन्टेज जैसी सुपर-प्रीमियम ब्रांड की पेटियां दो गुप्त कमरों में छिपाकर रखी गई थीं। एक-एक बोतल की कीमत 1500 से 1.50 लाख रुपए तक है। 3 पॉइंट में समझिए गुरुग्राम शराब घोटाले का पूरा खेल —————— ये खबर भी पढ़ें….. गुरुग्राम के ठेकों तक अवैध विदेशी शराब पहुंचने की कहानी:कस्टम ड्यूटी बचाने को समुद्री रास्ते से तस्करी; यहां ठेके सबसे महंगे, शराब सस्ती हरियाणा में गुरुग्राम के एक ठेके से 10 करोड़ की अवैध शराब मिलने के बाद वैध ठेकों पर अवैध विदेशी शराब बिक्री का खुलासा हुआ है। यह विदेशी शराब समुद्र के रास्ते मुंबई, चेन्नई और गुजरात के कांडला पोर्ट पहुंचती है। यहां से विदेशी शराब कंटेनर से कस्टम बांडेड वेयरहाउस तक पहुंचती है। इसके अलावा प्रीमियम शराब की कुछ खेप एयरपोर्ट पर भी उतरती हैं। (पूरी खबर पढ़ें)