आज धुलेंडी के दिन सुबह 4 बजे भस्म आरती में सबसे पहले बाबा महाकाल को पुजारी-पुरोहितों द्वारा गुलाल लगाया जाएगा। इसी तरह महाकाल मंदिर में साल में दो बार भगवान की दिनचर्या में बदलाव होता है। कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से ठंड के अनुसार आरती का समय होता है। वहीं चैत्र कृष्ण प्रतिपदा गर्मी के अनुसार आरती का समय तय हो जाता है। इस बार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा 15 मार्च (होली के दूसरे दिन) से भगवान महाकाल के दिनचर्या में भी बदलाव आएगा। इस दिन से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है। भगवान महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाएगा। ठंडे जल से स्नान का क्रम शरद पूर्णिमा तक रहेगा। इस दौरान प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरती का समय भी बदल जाएगा। इससे पहले गुरुवार को देश में सबसे पहले होली का पर्व महाकाल मंदिर में मनाया गया। इस बार सिर्फ एक किलो हर्बल गुलाल भगवान महाकाल को अर्पित किया गया। आरती के दौरान आईजी उमेश जोगा, कलेक्टर नीरज सिंह और प्रशासक प्रथम कौशिक मौजूद रहे। संध्या आरती के बाद ओंकारेश्वर मंदिर के बाहर होलिका दहन किया गया। इसके लिए कंडों से होलिका बनाई गई थी। इस बार श्रद्धालुओं को होलिका दहन स्थल के आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। भोपाल में मुस्लिम भाइयों के साथ मिलकर होलिका दहन किया गया। बुरहानपुर में 3100 कंडों की होली जलाई गई। देखिए महाकाल की होली की 11 तस्वीरें- बाकी शहरों में होली और होलिका दहन की तस्वीरें देखिए- क्यों हर साल किया जाता है होलिका दहन?
असुर राज हिरण्यकाश्यपु के कहने पर उनकी बहन होलिका भगवान नारायण के अनन्य भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकर अग्नि में बैठ गई थी, जिसके बाद भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद अग्नि से सुरक्षित रहे। होलिका जलकर भस्म हो गई। जिसके बाद से हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप में होलिका दहन किया जाता है। मान्यता- नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
धर्म ग्रंथों में यह माना जाता है कि होलिका दहन के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसे नष्ट करने के लिए कुछ समय तक किसी धार्मिक या शुभ स्थान पर रहना चाहिए। इस समय घर जाना नकारात्मक प्रभावों को घर में लेकर आ सकता है। साथ ही, यह घर के सदस्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता। होली से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. पुलिस की हिदायत-रंगों से दिक्कत तो मस्जिदें ढक लें:रतलाम काजी के वायरल लेटर में होली को कचरा लिखा; सारंग बोले- ये तो ठीक नहीं इस खबर के मिनट-टु-मिनट अपडेट के लिए नीचे लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए…
आज धुलेंडी के दिन सुबह 4 बजे भस्म आरती में सबसे पहले बाबा महाकाल को पुजारी-पुरोहितों द्वारा गुलाल लगाया जाएगा। इसी तरह महाकाल मंदिर में साल में दो बार भगवान की दिनचर्या में बदलाव होता है। कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से ठंड के अनुसार आरती का समय होता है। वहीं चैत्र कृष्ण प्रतिपदा गर्मी के अनुसार आरती का समय तय हो जाता है। इस बार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा 15 मार्च (होली के दूसरे दिन) से भगवान महाकाल के दिनचर्या में भी बदलाव आएगा। इस दिन से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है। भगवान महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाएगा। ठंडे जल से स्नान का क्रम शरद पूर्णिमा तक रहेगा। इस दौरान प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरती का समय भी बदल जाएगा। इससे पहले गुरुवार को देश में सबसे पहले होली का पर्व महाकाल मंदिर में मनाया गया। इस बार सिर्फ एक किलो हर्बल गुलाल भगवान महाकाल को अर्पित किया गया। आरती के दौरान आईजी उमेश जोगा, कलेक्टर नीरज सिंह और प्रशासक प्रथम कौशिक मौजूद रहे। संध्या आरती के बाद ओंकारेश्वर मंदिर के बाहर होलिका दहन किया गया। इसके लिए कंडों से होलिका बनाई गई थी। इस बार श्रद्धालुओं को होलिका दहन स्थल के आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। भोपाल में मुस्लिम भाइयों के साथ मिलकर होलिका दहन किया गया। बुरहानपुर में 3100 कंडों की होली जलाई गई। देखिए महाकाल की होली की 11 तस्वीरें- बाकी शहरों में होली और होलिका दहन की तस्वीरें देखिए- क्यों हर साल किया जाता है होलिका दहन?
असुर राज हिरण्यकाश्यपु के कहने पर उनकी बहन होलिका भगवान नारायण के अनन्य भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकर अग्नि में बैठ गई थी, जिसके बाद भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद अग्नि से सुरक्षित रहे। होलिका जलकर भस्म हो गई। जिसके बाद से हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप में होलिका दहन किया जाता है। मान्यता- नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
धर्म ग्रंथों में यह माना जाता है कि होलिका दहन के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसे नष्ट करने के लिए कुछ समय तक किसी धार्मिक या शुभ स्थान पर रहना चाहिए। इस समय घर जाना नकारात्मक प्रभावों को घर में लेकर आ सकता है। साथ ही, यह घर के सदस्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता। होली से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. पुलिस की हिदायत-रंगों से दिक्कत तो मस्जिदें ढक लें:रतलाम काजी के वायरल लेटर में होली को कचरा लिखा; सारंग बोले- ये तो ठीक नहीं इस खबर के मिनट-टु-मिनट अपडेट के लिए नीचे लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए…