हल्द्वानी में फर्जी स्थायी निवास के बाद अब फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए हिल एंडोर्समेंट के लिए किए जा रहे आवेदनों का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कई ब्रोकर और कॉमन सर्विस सेंटर(सीएससी) संचालक उसके ड्राइविंग स्कूल के नाम से फर्जी सर्टिफिकेट विभाग की साइट पर अपलोड कर रहे हैं। जिलाधिकारी को दी गई शिकायत में कुमाऊं मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालक ने दावा किया है कि वह पिछले कुछ सालों से हिल प्रशिक्षण का कोई भी सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहे हैं लेकिन फिर भी उनके स्कूल के नाम से अवैध डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर हिल सर्टिफिकेट देकर लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। हालांकि आरटीओ अरविंद पांडे का कहना है कि हिल एंडोर्समेंट के लिए किसी भी स्पेशल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, यह सर्टिफिकेट आरटीओ से ही जारी होता है। लेकिन जब आरटीओ ने खुद ऑनलाइन हिल एंडोर्समेंट के लिए आवेदन किया तो फिर पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने का ऑप्शन आया और साथ ही ड्राइविंग टेस्ट स्कूल सिलेक्ट करने के लिए भी आया जिसमें उस ड्राइविंग स्कूल का नाम भी सिलेक्ट करने के लिए आया जिसने शिकायत की है। पहले जानिए आखिर है क्या हिल एंडोर्समेंट … हिल इंडोर्समेंट जिसे हिल रोड एंडोर्समेंट भी कहते हैं, एक अतिरिक्त नोट है जो मौजूदा ड्राइविंग लाइसेंस पर दिया जाता है। यह प्रमाणित करता है कि चालक पहाड़ी इलाकों में वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षित और योग्य है। खासकर कॉमर्शियल वाहन चालकों के लिए यह अनिवार्य होता है। हिल एंडोर्समेंट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चालक को कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और संकरी, खड़ी पहाड़ी सड़कों पर सुरक्षित ड्राइविंग का प्रशिक्षण मिला है। इसे ऑनलाइन आवेदन करके हासिल किया जा सकता है। शिकायत किसने की और आरोप क्या हैं? कुमाऊं मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालक गोपाल सिंह रावत ने पूरा मामला उजागर किया है। उनका कहना है कि वे जिले में हिल एंडोर्समेंट प्रशिक्षण सर्टिफिकेट देने वाले एकमात्र अधिकृत संस्थान हैं और परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में उनका ही नाम दर्ज है। रावत का आरोप है कि सीएससी केंद्रों द्वारा उनके स्कूल का नाम चुनकर फर्जी दस्तावेज अपलोड किए जा रहे हैं, जबकि उनके संस्थान ने ऐसे सर्टिफिकेट जारी ही नहीं किए। अब समझिए आवेदन प्रक्रिया में कैसे गड़बड़ी हो रही ऑनलाइन आवेदन करते समय सिस्टम यूजर से प्रशिक्षण सर्टिफिकेट अपलोड करने को कहता है और ‘ट्रेनिंग संस्थान’ वाले कॉलम में कुमाऊं मोटर ड्राइविंग स्कूल का नाम भी दिखता है। शिकायत है कि लोग स्कूल का नाम तो चुन लेते हैं, लेकिन प्रमाणपत्र की जगह कोई भी पेपर अपलोड कर देते हैं। इसके बाद भी हिल एंडोर्समेंट जुड़ जाता है और लाइसेंस जारी हो जाता है। आरटीओ ने खुद टेस्ट कर देखा, गड़बड़ी सामने आई मामला तब और स्पष्ट हुआ जब आरटीओ अरविंद पांडे ने खुद अपने लाइसेंस को हिल एंडोर्समेंट के लिए अप्लाई किया। सॉफ्टवेयर ने उनसे भी स्कूल का नाम सिलेक्ट करने और सर्टिफिकेट अपलोड करने को कहा, जिसके बाद पूरे सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका और मजबूत हो गई। RTO ने बताई तकनीकी त्रुटि
आरटीओ अरविंद पांडे का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मोटर एक्ट में किसी भी निजी ड्राइविंग स्कूल को हिल एंडोर्समेंट जारी करने की शक्ति नहीं दी गई है। इसलिए यदि किसी प्रशिक्षण केंद्र का नाम सॉफ्टवेयर में दिख रहा है, तो यह भी एक तकनीकी त्रुटि हो सकती है, जिसे हटाने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा जाएगा।
हल्द्वानी में फर्जी स्थायी निवास के बाद अब फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए हिल एंडोर्समेंट के लिए किए जा रहे आवेदनों का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कई ब्रोकर और कॉमन सर्विस सेंटर(सीएससी) संचालक उसके ड्राइविंग स्कूल के नाम से फर्जी सर्टिफिकेट विभाग की साइट पर अपलोड कर रहे हैं। जिलाधिकारी को दी गई शिकायत में कुमाऊं मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालक ने दावा किया है कि वह पिछले कुछ सालों से हिल प्रशिक्षण का कोई भी सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहे हैं लेकिन फिर भी उनके स्कूल के नाम से अवैध डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर हिल सर्टिफिकेट देकर लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। हालांकि आरटीओ अरविंद पांडे का कहना है कि हिल एंडोर्समेंट के लिए किसी भी स्पेशल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, यह सर्टिफिकेट आरटीओ से ही जारी होता है। लेकिन जब आरटीओ ने खुद ऑनलाइन हिल एंडोर्समेंट के लिए आवेदन किया तो फिर पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने का ऑप्शन आया और साथ ही ड्राइविंग टेस्ट स्कूल सिलेक्ट करने के लिए भी आया जिसमें उस ड्राइविंग स्कूल का नाम भी सिलेक्ट करने के लिए आया जिसने शिकायत की है। पहले जानिए आखिर है क्या हिल एंडोर्समेंट … हिल इंडोर्समेंट जिसे हिल रोड एंडोर्समेंट भी कहते हैं, एक अतिरिक्त नोट है जो मौजूदा ड्राइविंग लाइसेंस पर दिया जाता है। यह प्रमाणित करता है कि चालक पहाड़ी इलाकों में वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षित और योग्य है। खासकर कॉमर्शियल वाहन चालकों के लिए यह अनिवार्य होता है। हिल एंडोर्समेंट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चालक को कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और संकरी, खड़ी पहाड़ी सड़कों पर सुरक्षित ड्राइविंग का प्रशिक्षण मिला है। इसे ऑनलाइन आवेदन करके हासिल किया जा सकता है। शिकायत किसने की और आरोप क्या हैं? कुमाऊं मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालक गोपाल सिंह रावत ने पूरा मामला उजागर किया है। उनका कहना है कि वे जिले में हिल एंडोर्समेंट प्रशिक्षण सर्टिफिकेट देने वाले एकमात्र अधिकृत संस्थान हैं और परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में उनका ही नाम दर्ज है। रावत का आरोप है कि सीएससी केंद्रों द्वारा उनके स्कूल का नाम चुनकर फर्जी दस्तावेज अपलोड किए जा रहे हैं, जबकि उनके संस्थान ने ऐसे सर्टिफिकेट जारी ही नहीं किए। अब समझिए आवेदन प्रक्रिया में कैसे गड़बड़ी हो रही ऑनलाइन आवेदन करते समय सिस्टम यूजर से प्रशिक्षण सर्टिफिकेट अपलोड करने को कहता है और ‘ट्रेनिंग संस्थान’ वाले कॉलम में कुमाऊं मोटर ड्राइविंग स्कूल का नाम भी दिखता है। शिकायत है कि लोग स्कूल का नाम तो चुन लेते हैं, लेकिन प्रमाणपत्र की जगह कोई भी पेपर अपलोड कर देते हैं। इसके बाद भी हिल एंडोर्समेंट जुड़ जाता है और लाइसेंस जारी हो जाता है। आरटीओ ने खुद टेस्ट कर देखा, गड़बड़ी सामने आई मामला तब और स्पष्ट हुआ जब आरटीओ अरविंद पांडे ने खुद अपने लाइसेंस को हिल एंडोर्समेंट के लिए अप्लाई किया। सॉफ्टवेयर ने उनसे भी स्कूल का नाम सिलेक्ट करने और सर्टिफिकेट अपलोड करने को कहा, जिसके बाद पूरे सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका और मजबूत हो गई। RTO ने बताई तकनीकी त्रुटि
आरटीओ अरविंद पांडे का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मोटर एक्ट में किसी भी निजी ड्राइविंग स्कूल को हिल एंडोर्समेंट जारी करने की शक्ति नहीं दी गई है। इसलिए यदि किसी प्रशिक्षण केंद्र का नाम सॉफ्टवेयर में दिख रहा है, तो यह भी एक तकनीकी त्रुटि हो सकती है, जिसे हटाने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा जाएगा।