दिल्ली ब्लास्ट से तार जुड़ने के बाद पकड़ी गई फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की डॉ. शाहीन सईद देश में धमाकों को अंजाम देकर देश छोड़कर भागने की तैयारी कर रही थी। उसने दिल्ली ब्लास्ट से 7 दिन पहले पासपोर्ट वेरिफिकेशन कराई थी। जांच में खुलासा हुआ है कि शाहीन को “मैडम सर्जन” कोडनेम दिया गया था। इस ऑपरेशन में जुड़े सभी साथी और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े आतंकी शाहीन को इसी नाम से बुलाते थे। डॉ. मुजम्मिल शकील की डायरी से ‘ऑपरेशन हमदर्द’ का खुलासा हुआ। सूत्रों के मुताबिक इनकी मुस्लिम लड़कियों को भर्ती कर हमलों के लिए तैयार करने की योजना थी। ये काम शाहीन को करना था। शाहीन की डायरी से JeM के नेटवर्क का विवरण मिला। कुल 25-30 व्यक्तियों का नेटवर्क जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद से जुड़ा है। अकेली मिली थी डॉ. शाहीन
दिल्ली ब्लास्ट से ठीक पहले, अक्टूबर 2025 के अंत में डॉ. शाहीन ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। 3 नवंबर को फरीदाबाद के धौज थाना पुलिस की टीम ने यूनिवर्सिटी के मेडिकल डिपार्टमेंट में डॉ. शाहीन के पासपोर्ट और वीजा का वेरिफिकेशन किया। पुलिसकर्मी यूनिवर्सिटी स्टाफ के फ्लैट नंबर 32 में पहुंचे, जहां उन्होंने दस्तावेजों की फोटोकॉपी ली, तस्वीरें खींची और कुछ अन्य जानकारियां दर्ज कीं। उस समय डॉ. शाहीन अकेली थी। पुलिस से रिपोर्ट जमा कराने में देरी हुई
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वेरिफिकेशन रिपोर्ट तैयार तो की गई थी, लेकिन इसे रूटीन प्रक्रिया समझकर प्राथमिकता नहीं दी गई। इसी चूक ने शाहीन का देश छोड़ने का रास्ता रोक दिया। दिल्ली ब्लास्ट के बाद जब उसके फोन और दस्तावेज जब्त किए गए, तो वीजा आवेदन और वेरिफिकेशन की अधूरी फाइलें सामने आईं। रिपोर्ट समय पर जमा न होने के कारण डॉ. शाहीन फरार नहीं हो सकी, और उनकी गिरफ्तारी ने पूरे नेटवर्क को उजागर कर दिया। अब जानिए डॉ. शाहीन सईद के टॉपर से टेरर का सफर….. धौज से लेकर कश्मीर और दुबई तक लिंक खंगाले जा रहे
गिरफ्तारी के बाद NIA, यूपी ATS, जम्मू कश्मीर पुलिस और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम डॉ. शाहीन को श्रीनगर ले गई। पूछताछ में दिल्ली-मुंबई ब्लास्ट, टेरर फंडिंग और रेडिकलाइजेशन नेटवर्क के खुलासे हो रहे हैं। इस बारे में UAE इंटेलिजेंस से सहयोग मांगा गया है। यूपी आईएमए ने रद्द की सदस्यता
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की उत्तर प्रदेश इकाई ने डॉ. शाहीन सईद की आजीवन सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। गाजियाबाद स्थित प्रांतीय कार्यालय को कानपुर ब्रांच से यह संस्तुति मिली थी कि डॉ. शाहीन कथित रूप से राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाई गई है। इसके बाद प्रांतीय शाखा ने सदस्यता निरस्त करते हुए मामला केंद्रीय IMA को भेजा गया। केंद्रीय एजेंसी जांच कर रही
फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी कर रहीं हैं। थाने से कुछ रिकॉर्ड लिया गया है। सुरक्षा कारणों के चलते इससे ज्यादा जानकारी देना फिलहाल संभव नहीं है। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें :- फरीदाबाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी के इमाम की बीवी सामने आई, बोली- दोस्त का सामान रखने की कह मुजम्मिल ने कमरा लिया दिल्ली बम ब्लास्ट के बाद हिरासत में लिए गए फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मस्जिद के इमाम मोहम्मद इश्तियाक की पत्नी हसीना पहली बार कैमरे के सामने आई। हसीना ने कहा- “डॉ. मुजम्मिल ने पहले उसके पति से मस्जिद में पहचान बनाई और फिर उनसे दूध खरीदना शुरू कर दिया। पढ़ें पूरी खबर…
दिल्ली ब्लास्ट से तार जुड़ने के बाद पकड़ी गई फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की डॉ. शाहीन सईद देश में धमाकों को अंजाम देकर देश छोड़कर भागने की तैयारी कर रही थी। उसने दिल्ली ब्लास्ट से 7 दिन पहले पासपोर्ट वेरिफिकेशन कराई थी। जांच में खुलासा हुआ है कि शाहीन को “मैडम सर्जन” कोडनेम दिया गया था। इस ऑपरेशन में जुड़े सभी साथी और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े आतंकी शाहीन को इसी नाम से बुलाते थे। डॉ. मुजम्मिल शकील की डायरी से ‘ऑपरेशन हमदर्द’ का खुलासा हुआ। सूत्रों के मुताबिक इनकी मुस्लिम लड़कियों को भर्ती कर हमलों के लिए तैयार करने की योजना थी। ये काम शाहीन को करना था। शाहीन की डायरी से JeM के नेटवर्क का विवरण मिला। कुल 25-30 व्यक्तियों का नेटवर्क जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद से जुड़ा है। अकेली मिली थी डॉ. शाहीन
दिल्ली ब्लास्ट से ठीक पहले, अक्टूबर 2025 के अंत में डॉ. शाहीन ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। 3 नवंबर को फरीदाबाद के धौज थाना पुलिस की टीम ने यूनिवर्सिटी के मेडिकल डिपार्टमेंट में डॉ. शाहीन के पासपोर्ट और वीजा का वेरिफिकेशन किया। पुलिसकर्मी यूनिवर्सिटी स्टाफ के फ्लैट नंबर 32 में पहुंचे, जहां उन्होंने दस्तावेजों की फोटोकॉपी ली, तस्वीरें खींची और कुछ अन्य जानकारियां दर्ज कीं। उस समय डॉ. शाहीन अकेली थी। पुलिस से रिपोर्ट जमा कराने में देरी हुई
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वेरिफिकेशन रिपोर्ट तैयार तो की गई थी, लेकिन इसे रूटीन प्रक्रिया समझकर प्राथमिकता नहीं दी गई। इसी चूक ने शाहीन का देश छोड़ने का रास्ता रोक दिया। दिल्ली ब्लास्ट के बाद जब उसके फोन और दस्तावेज जब्त किए गए, तो वीजा आवेदन और वेरिफिकेशन की अधूरी फाइलें सामने आईं। रिपोर्ट समय पर जमा न होने के कारण डॉ. शाहीन फरार नहीं हो सकी, और उनकी गिरफ्तारी ने पूरे नेटवर्क को उजागर कर दिया। अब जानिए डॉ. शाहीन सईद के टॉपर से टेरर का सफर….. धौज से लेकर कश्मीर और दुबई तक लिंक खंगाले जा रहे
गिरफ्तारी के बाद NIA, यूपी ATS, जम्मू कश्मीर पुलिस और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम डॉ. शाहीन को श्रीनगर ले गई। पूछताछ में दिल्ली-मुंबई ब्लास्ट, टेरर फंडिंग और रेडिकलाइजेशन नेटवर्क के खुलासे हो रहे हैं। इस बारे में UAE इंटेलिजेंस से सहयोग मांगा गया है। यूपी आईएमए ने रद्द की सदस्यता
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की उत्तर प्रदेश इकाई ने डॉ. शाहीन सईद की आजीवन सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। गाजियाबाद स्थित प्रांतीय कार्यालय को कानपुर ब्रांच से यह संस्तुति मिली थी कि डॉ. शाहीन कथित रूप से राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाई गई है। इसके बाद प्रांतीय शाखा ने सदस्यता निरस्त करते हुए मामला केंद्रीय IMA को भेजा गया। केंद्रीय एजेंसी जांच कर रही
फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी कर रहीं हैं। थाने से कुछ रिकॉर्ड लिया गया है। सुरक्षा कारणों के चलते इससे ज्यादा जानकारी देना फिलहाल संभव नहीं है। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें :- फरीदाबाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी के इमाम की बीवी सामने आई, बोली- दोस्त का सामान रखने की कह मुजम्मिल ने कमरा लिया दिल्ली बम ब्लास्ट के बाद हिरासत में लिए गए फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मस्जिद के इमाम मोहम्मद इश्तियाक की पत्नी हसीना पहली बार कैमरे के सामने आई। हसीना ने कहा- “डॉ. मुजम्मिल ने पहले उसके पति से मस्जिद में पहचान बनाई और फिर उनसे दूध खरीदना शुरू कर दिया। पढ़ें पूरी खबर…