जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला पर सियासी हमले तेज हो गए हैं। उमर की खुद की पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है। वहीं सहयोगी कांग्रेस का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सरकार नीतिगत फैसलों में कांग्रेस को शामिल नहीं कर रही और गठबंधन की भावना की अनदेखी कर रही है। एआईसीसी महासचिव शहनवाज चौधरी ने चेतावनी दी है कि अगर एनसी ने रवैया नहीं बदला तो कांग्रेस इस गठबंधन पर पुनर्विचार करने को मजबूर होगी। विपक्ष ने उमर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पीडीपी विधायक वहीद पारा ने कहा, ‘उमर को सत्ता में आए एक साल पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक उसने जनता को कुछ नहीं दिया।’ बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर 2024 को सीएम पद की शपथ ली थी। अब 11 नवंबर 2025 कोजम्मू-कश्मीर में बडगाम और नागरोटा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। एनसी के बागी नेता बोले- इससे बेहतर तो एलजी का शासन था नेशनल कॉन्फ्रेंस में असंतोष बढ़ रहा है। सांसद आगा रहुल्लाह ने सरकार और संगठन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘हमें आत्ममंथन करना चाहिए। जनता हमसे नाराज है।’ रहुल्लाह ने स्वीकार किया कि पार्टी वादे पूरे करने में नाकाम रही। सीएम उमर अब्दुल्ला के बयान पर तंज कसते हुए पूछा, ‘जो चीजें उनके अधिकार में हैं, उन पर क्या किया?’ वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ ने पार्टी में बढ़ती दूरियों पर चिंता जताई। उनके बेटे ने उपराज्यपाल शासन को बेहतर बताया।
जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला पर सियासी हमले तेज हो गए हैं। उमर की खुद की पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है। वहीं सहयोगी कांग्रेस का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सरकार नीतिगत फैसलों में कांग्रेस को शामिल नहीं कर रही और गठबंधन की भावना की अनदेखी कर रही है। एआईसीसी महासचिव शहनवाज चौधरी ने चेतावनी दी है कि अगर एनसी ने रवैया नहीं बदला तो कांग्रेस इस गठबंधन पर पुनर्विचार करने को मजबूर होगी। विपक्ष ने उमर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पीडीपी विधायक वहीद पारा ने कहा, ‘उमर को सत्ता में आए एक साल पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक उसने जनता को कुछ नहीं दिया।’ बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर 2024 को सीएम पद की शपथ ली थी। अब 11 नवंबर 2025 कोजम्मू-कश्मीर में बडगाम और नागरोटा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। एनसी के बागी नेता बोले- इससे बेहतर तो एलजी का शासन था नेशनल कॉन्फ्रेंस में असंतोष बढ़ रहा है। सांसद आगा रहुल्लाह ने सरकार और संगठन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘हमें आत्ममंथन करना चाहिए। जनता हमसे नाराज है।’ रहुल्लाह ने स्वीकार किया कि पार्टी वादे पूरे करने में नाकाम रही। सीएम उमर अब्दुल्ला के बयान पर तंज कसते हुए पूछा, ‘जो चीजें उनके अधिकार में हैं, उन पर क्या किया?’ वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ ने पार्टी में बढ़ती दूरियों पर चिंता जताई। उनके बेटे ने उपराज्यपाल शासन को बेहतर बताया।