सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तमिलनाडु में शराब दुकान के लाइसेंस से जुड़े तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (TASMAC) घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी पर सवाल उठाए। कोर्ट ने ED से सवाल किया कि क्या आप राज्य पुलिस की शक्तियों में दखल नहीं दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने पूछा कि क्या राज्य पुलिस इस घोटाले की जांच नहीं कर सकती है, क्या ED का दखल जरूरी है? इससे संघीय ढांचे पर क्या असर होगा? दरअसल, ED ने मार्च में TASMAC के चेन्नई स्थित मुख्यालय पर ₹1,000 करोड़ के घोटाले मामले में छापेमारी की थी। इसमें शराब की बोतलों की कीमत बढ़ाना, टेंडर में हेराफेरी और रिश्वतखोरी शामिल है। इस दौरान अधिकारियों ने कंप्यूटर और अन्य सामान जब्त किए थे। इसके बाद राज्य सरकार और TASMAC ने दावा किया था कि छापे अवैध हैं और ED ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। इसके बाद मामला मद्रास हाइकोर्ट पहुंचा, जहां हाइकोर्ट ने ED को जांच जारी रखने की इजाजत दी थी। कोर्ट रूम LIVE- ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू, वहीं राज्य की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में दलीलें पेश की। 3 पॉइंट्स में जानिए, तमिलनाडु सरकार और TASMAC सुप्रीम कोर्ट क्यों गई 22 मई- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- ED ने सारी हदें पार कीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को सुनवाई में कहा था कि ED ने सारी हदें पार कर दी हैं। जब राज्य सरकार की जांच एजेंसी इस मामले में कार्रवाई कर रही है तो ED को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- ED देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है। पूरी खबर पढ़ें… —————————————- ये खबर भी पढ़ें… कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसन फार्मा बंद, लाइसेंस रद्द, चेन्नई में कंपनी के ठिकानों पर ED रेड तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस पूरी तरह से रद्द कर दिया। साथ ही कंपनी को हमेशा के लिए बंद करने की घोषणा की। सरकार को श्रीसन फार्मा की फैक्ट्री में 350 से ज्यादा गंभीर श्रेणी की गड़बड़ियां मिली थीं। पूरी खबर पढ़ें…
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तमिलनाडु में शराब दुकान के लाइसेंस से जुड़े तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (TASMAC) घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी पर सवाल उठाए। कोर्ट ने ED से सवाल किया कि क्या आप राज्य पुलिस की शक्तियों में दखल नहीं दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने पूछा कि क्या राज्य पुलिस इस घोटाले की जांच नहीं कर सकती है, क्या ED का दखल जरूरी है? इससे संघीय ढांचे पर क्या असर होगा? दरअसल, ED ने मार्च में TASMAC के चेन्नई स्थित मुख्यालय पर ₹1,000 करोड़ के घोटाले मामले में छापेमारी की थी। इसमें शराब की बोतलों की कीमत बढ़ाना, टेंडर में हेराफेरी और रिश्वतखोरी शामिल है। इस दौरान अधिकारियों ने कंप्यूटर और अन्य सामान जब्त किए थे। इसके बाद राज्य सरकार और TASMAC ने दावा किया था कि छापे अवैध हैं और ED ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। इसके बाद मामला मद्रास हाइकोर्ट पहुंचा, जहां हाइकोर्ट ने ED को जांच जारी रखने की इजाजत दी थी। कोर्ट रूम LIVE- ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू, वहीं राज्य की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में दलीलें पेश की। 3 पॉइंट्स में जानिए, तमिलनाडु सरकार और TASMAC सुप्रीम कोर्ट क्यों गई 22 मई- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- ED ने सारी हदें पार कीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को सुनवाई में कहा था कि ED ने सारी हदें पार कर दी हैं। जब राज्य सरकार की जांच एजेंसी इस मामले में कार्रवाई कर रही है तो ED को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- ED देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है। पूरी खबर पढ़ें… —————————————- ये खबर भी पढ़ें… कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसन फार्मा बंद, लाइसेंस रद्द, चेन्नई में कंपनी के ठिकानों पर ED रेड तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस पूरी तरह से रद्द कर दिया। साथ ही कंपनी को हमेशा के लिए बंद करने की घोषणा की। सरकार को श्रीसन फार्मा की फैक्ट्री में 350 से ज्यादा गंभीर श्रेणी की गड़बड़ियां मिली थीं। पूरी खबर पढ़ें…