हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 42 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की सोमवार (6 जनवरी) रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। वे करीब एक घंटे तक बेहोश रहे। उनकी पल्स रेट 42 और ब्लड प्रेशर (BP) की अपर रेंज 80 और लोअर रेंज 56 तक आ गई, जबकि 60 से ज्यादा उम्र के पुरुष का सामान्य BP रेट 133/69 होता है। वहां मौजूद डॉक्टरों की टीम ने उनके हाथ-पैर मसले। जिसके बाद उन्हें होश आया। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें पानी पिलाया। डल्लेवाल की तबीयत का पता चलते ही मोर्चे पर मौजूद सभी किसान जाग गए। उन्होंने रात को ही डल्लेवाल की सेहत को लेकर सतनाम वाहेगुरु का जाप करना शुरू कर दिया। महापंचायत के बाद डल्लेवाल को लगी थी उल्टियां
इससे पहले, 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत हुई थी। यहां 9 मिनट के संबोधन के बाद डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें चक्कर आए और उल्टियां होने लगीं। उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया। जिसके बाद सेहत विभाग ने एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। उल्टियां होने के बाद डल्लेवाल ने पानी पीना छोड़ दिया था। उनकी सेहत काफी कमजोर हो गई थी। हाईपावर कमेटी डल्लेवाल से मिली
वहीं सोमवार (6 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी चेयरमैन पूर्व जस्टिस नवाब सिंह की अगुआई में खनौरी बॉर्डर पर पहुंची। कमेटी ने डल्लेवाल से मुलाकात की। साथ ही उन्हें कहा कि भले ही वह अनशन जारी रखें, लेकिन मेडिकल सहायता लें। कमेटी ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपेंगे। कमेटी ने साफ किया कि उनकी तरफ से पहले सुप्रीम कोर्ट में इश्यू बताए गए हैं। इश्यू की संख्या कम या बढ़ सकती है। हम फेजवाइज रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास किसी तरह का फैसला लेने की अथॉरिटी नहीं है। डल्लेवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 28 दिन में 8 सुनवाई हो चुकीं 1. डल्लेवाल को जबरन कुछ न खिलाएं
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। 2. पंजाब सरकार ढिलाई नहीं बरत सकती
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. बिना टेस्ट कौन 70 साल के आदमी की तबीयत ठीक बता रहा
इस सुनवाई में पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. डल्लेवाल की सेहत की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती है। यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 5. डल्लेवाल को अस्पताल शिफ्ट करें, केंद्र मदद करे
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। 6. पंजाब सरकार ने 3 दिन की मोहलत मांगी
इस सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. हमने डल्लेवाल अनशन तोड़ने को नहीं कहा
2 जनवरी की सुनवाई में कोर्ट ने कहा– जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। 8. पंजाब सरकार ने कहा- डल्लेवाल बातचीत को राजी
6 जनवरी को हुई सुनवाई में पंजाब सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल कोर्ट की बनाई कमेटी से मिलने के लिए राजी हो गए हैं। सिब्बल ने सुनवाई कुछ समय बाद करने की अपील की। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार (10 जनवरी) के लिए तय कर दी। लोहड़ी पर जलाएंगे ड्राफ्ट किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि 6 जनवरी को शंभू बॉर्डर पर श्री गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व मनाया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से जो नई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है, वह रद्द किए गए कृषि कानूनों का रूप है। अब इसे नए रूप में लागू करने की तैयारी है। इसका किसान विरोध कर रहे हैं। 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन, पूरे देश में इस ड्राफ्ट को जलाया जाएगा। 10 जनवरी को केंद्र सरकार के किसानों के प्रति अपनाए गए रवैये के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाए जाएंगे। *************** किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- डल्लेवाल के डॉक्टर बोले– उनके शरीर में सिर्फ हडि्डयां बचीं:साइलेंट अटैक का खतरा बढ़ा खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की देखभाल कर रहे डॉ. अवतार सिंह का दावा है कि उनके शरीर में अब सिर्फ हडि्डयां बचीं हैं। उनके किडनी–लिवर, फेफड़ों में खराबी आ चुकी है। उन्हें कभी भी साइलेंट अटैक आ सकता है। पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 42 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की सोमवार (6 जनवरी) रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। वे करीब एक घंटे तक बेहोश रहे। उनकी पल्स रेट 42 और ब्लड प्रेशर (BP) की अपर रेंज 80 और लोअर रेंज 56 तक आ गई, जबकि 60 से ज्यादा उम्र के पुरुष का सामान्य BP रेट 133/69 होता है। वहां मौजूद डॉक्टरों की टीम ने उनके हाथ-पैर मसले। जिसके बाद उन्हें होश आया। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें पानी पिलाया। डल्लेवाल की तबीयत का पता चलते ही मोर्चे पर मौजूद सभी किसान जाग गए। उन्होंने रात को ही डल्लेवाल की सेहत को लेकर सतनाम वाहेगुरु का जाप करना शुरू कर दिया। महापंचायत के बाद डल्लेवाल को लगी थी उल्टियां
इससे पहले, 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत हुई थी। यहां 9 मिनट के संबोधन के बाद डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें चक्कर आए और उल्टियां होने लगीं। उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया। जिसके बाद सेहत विभाग ने एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। उल्टियां होने के बाद डल्लेवाल ने पानी पीना छोड़ दिया था। उनकी सेहत काफी कमजोर हो गई थी। हाईपावर कमेटी डल्लेवाल से मिली
वहीं सोमवार (6 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी चेयरमैन पूर्व जस्टिस नवाब सिंह की अगुआई में खनौरी बॉर्डर पर पहुंची। कमेटी ने डल्लेवाल से मुलाकात की। साथ ही उन्हें कहा कि भले ही वह अनशन जारी रखें, लेकिन मेडिकल सहायता लें। कमेटी ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपेंगे। कमेटी ने साफ किया कि उनकी तरफ से पहले सुप्रीम कोर्ट में इश्यू बताए गए हैं। इश्यू की संख्या कम या बढ़ सकती है। हम फेजवाइज रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास किसी तरह का फैसला लेने की अथॉरिटी नहीं है। डल्लेवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 28 दिन में 8 सुनवाई हो चुकीं 1. डल्लेवाल को जबरन कुछ न खिलाएं
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। 2. पंजाब सरकार ढिलाई नहीं बरत सकती
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. बिना टेस्ट कौन 70 साल के आदमी की तबीयत ठीक बता रहा
इस सुनवाई में पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. डल्लेवाल की सेहत की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती है। यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 5. डल्लेवाल को अस्पताल शिफ्ट करें, केंद्र मदद करे
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। 6. पंजाब सरकार ने 3 दिन की मोहलत मांगी
इस सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. हमने डल्लेवाल अनशन तोड़ने को नहीं कहा
2 जनवरी की सुनवाई में कोर्ट ने कहा– जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। 8. पंजाब सरकार ने कहा- डल्लेवाल बातचीत को राजी
6 जनवरी को हुई सुनवाई में पंजाब सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल कोर्ट की बनाई कमेटी से मिलने के लिए राजी हो गए हैं। सिब्बल ने सुनवाई कुछ समय बाद करने की अपील की। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार (10 जनवरी) के लिए तय कर दी। लोहड़ी पर जलाएंगे ड्राफ्ट किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि 6 जनवरी को शंभू बॉर्डर पर श्री गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व मनाया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से जो नई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है, वह रद्द किए गए कृषि कानूनों का रूप है। अब इसे नए रूप में लागू करने की तैयारी है। इसका किसान विरोध कर रहे हैं। 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन, पूरे देश में इस ड्राफ्ट को जलाया जाएगा। 10 जनवरी को केंद्र सरकार के किसानों के प्रति अपनाए गए रवैये के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाए जाएंगे। *************** किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- डल्लेवाल के डॉक्टर बोले– उनके शरीर में सिर्फ हडि्डयां बचीं:साइलेंट अटैक का खतरा बढ़ा खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की देखभाल कर रहे डॉ. अवतार सिंह का दावा है कि उनके शरीर में अब सिर्फ हडि्डयां बचीं हैं। उनके किडनी–लिवर, फेफड़ों में खराबी आ चुकी है। उन्हें कभी भी साइलेंट अटैक आ सकता है। पढ़ें पूरी खबर