CBSE के नए एग्जामिनेशन पैटर्न में पंजाबी का पेपर अनिवार्य न होने पर पंजाबी भाषा को लेकर छिड़े विवाद ने राजनीतिक रूप लेना शुरू कर दिया है। इसे लेकर पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा भी आगे आए हैं। पंजाब के एजुकेशन मिनिस्टर हरजोत बैंस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को खत लिखा है। इस मामले में दिल्ली के कैबिनेट मिनिस्टर मनजिंदर सिंह सिरसा ने AAP नेताओं पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। सिंगर गुरु रंधावा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि पंजाब में पढ़ने वाले हर छात्र के लिए पंजाबी अनिवार्य होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी बोर्ड से पढ़ाई कर रहा हो। गुरु रंधावा ने कहा, “यह हमारी शान और पहचान है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन पंजाबी हमारी संस्कृति और जड़ें हैं। मेरा पूरा अस्तित्व मेरी भाषा और पंजाबी गीतों की वजह से है।” उन्होंने खुद को “हमेशा एक गर्वित ग्रामीण, गर्वित पंजाबी और गर्वित भारतीय” बताते हुए कहा कि पंजाबी भाषा को बढ़ावा देना सभी की जिम्मेदारी है। मंत्री बैंस ने नाराजगी जताई पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर CBSE द्वारा पंजाबी भाषा को मुख्य विषय से बाहर करने और इसे क्षेत्रीय एवं विदेशी भाषाओं की सूची से हटाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मंत्री बैंस ने इसे पंजाबी भाषा के प्रति जानबूझकर की गई अनदेखी बताया और इसकी तत्काल वापसी की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि यह फैसला पंजाब के लोगों की संस्कृति और भाषा पर सीधा हमला है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। पंजाब सरकार ने CBSE के इस कदम की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की है और इसे तत्काल रद्द करने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाबी भाषा को हटाया जाना पंजाब के अधिकारों और उसकी सांस्कृतिक पहचान का हनन है। पंजाब सरकार इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाए हुए है और यदि केंद्र सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी। सिरसा का AAP-अकाली लीडरों पर पलटवार दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि CBSE ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि विषयों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और वेबसाइट पर दी गई सूची केवल सांकेतिक है। पंजाबी भाषा की परीक्षा शामिल की जाएगी और दो बोर्ड परीक्षा प्रणाली में सभी वर्तमान विषय जारी रहेंगे। AAP और अकाली लीडर अनावश्यक भ्रम पैदा कर रहे हैं। राजनीति के लिए छात्रों को गुमराह करना बंद करें। CBSE ने जारी किया स्पष्टीकरण CBSE ने कक्षा 10वीं के क्षेत्रीय भाषा विषयों की सूची से पंजाबी को हटाने के आरोपों का खंडन करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया। बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा है कि “यह CBSE की वेबसाइट पर 25 फरवरी 2025 को जारी कक्षा 10वीं की दो बोर्ड परीक्षाओं के संचालन संबंधी मसौदा नीति के संदर्भ में है। यह स्पष्ट किया जाता है कि वर्तमान में प्रदान किए जा रहे अन्य विषयों और भाषाओं की सूची 2025-26 में भी जारी रहेगी।” क्या था विवाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने दसवीं कक्षा के लिए नए पैटर्न का ड्राफ्ट बनाया गया। इसमें पंजाबी विषय के मुद्दे पर सियासत गरमा गई। AAP ने केंद्र सरकार पर पंजाबी को हटाने का आरोप लगाया। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस का आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और सीबीएसई ने एग्जाम पैटर्न से पंजाबी को जानबूझकर हटाया है। यह पंजाब के साथ धक्का है। वह इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिख रहे हैं। जरूरत पड़ने पर दिल्ली जाकर मुलाकात भी करेंगे। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सीनियर नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने भी CBSE के नए पैटर्न से पंजाबी को हटाने को गलत बताया। उन्होंने कहा कि अकाली दल इसका विरोध करेगा। CBSE स्कूलों में भी पंजाबी विषय को तुरंत बहाल किया जाए।
CBSE के नए एग्जामिनेशन पैटर्न में पंजाबी का पेपर अनिवार्य न होने पर पंजाबी भाषा को लेकर छिड़े विवाद ने राजनीतिक रूप लेना शुरू कर दिया है। इसे लेकर पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा भी आगे आए हैं। पंजाब के एजुकेशन मिनिस्टर हरजोत बैंस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को खत लिखा है। इस मामले में दिल्ली के कैबिनेट मिनिस्टर मनजिंदर सिंह सिरसा ने AAP नेताओं पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। सिंगर गुरु रंधावा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि पंजाब में पढ़ने वाले हर छात्र के लिए पंजाबी अनिवार्य होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी बोर्ड से पढ़ाई कर रहा हो। गुरु रंधावा ने कहा, “यह हमारी शान और पहचान है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन पंजाबी हमारी संस्कृति और जड़ें हैं। मेरा पूरा अस्तित्व मेरी भाषा और पंजाबी गीतों की वजह से है।” उन्होंने खुद को “हमेशा एक गर्वित ग्रामीण, गर्वित पंजाबी और गर्वित भारतीय” बताते हुए कहा कि पंजाबी भाषा को बढ़ावा देना सभी की जिम्मेदारी है। मंत्री बैंस ने नाराजगी जताई पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर CBSE द्वारा पंजाबी भाषा को मुख्य विषय से बाहर करने और इसे क्षेत्रीय एवं विदेशी भाषाओं की सूची से हटाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मंत्री बैंस ने इसे पंजाबी भाषा के प्रति जानबूझकर की गई अनदेखी बताया और इसकी तत्काल वापसी की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि यह फैसला पंजाब के लोगों की संस्कृति और भाषा पर सीधा हमला है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। पंजाब सरकार ने CBSE के इस कदम की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की है और इसे तत्काल रद्द करने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाबी भाषा को हटाया जाना पंजाब के अधिकारों और उसकी सांस्कृतिक पहचान का हनन है। पंजाब सरकार इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाए हुए है और यदि केंद्र सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी। सिरसा का AAP-अकाली लीडरों पर पलटवार दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि CBSE ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि विषयों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और वेबसाइट पर दी गई सूची केवल सांकेतिक है। पंजाबी भाषा की परीक्षा शामिल की जाएगी और दो बोर्ड परीक्षा प्रणाली में सभी वर्तमान विषय जारी रहेंगे। AAP और अकाली लीडर अनावश्यक भ्रम पैदा कर रहे हैं। राजनीति के लिए छात्रों को गुमराह करना बंद करें। CBSE ने जारी किया स्पष्टीकरण CBSE ने कक्षा 10वीं के क्षेत्रीय भाषा विषयों की सूची से पंजाबी को हटाने के आरोपों का खंडन करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया। बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा है कि “यह CBSE की वेबसाइट पर 25 फरवरी 2025 को जारी कक्षा 10वीं की दो बोर्ड परीक्षाओं के संचालन संबंधी मसौदा नीति के संदर्भ में है। यह स्पष्ट किया जाता है कि वर्तमान में प्रदान किए जा रहे अन्य विषयों और भाषाओं की सूची 2025-26 में भी जारी रहेगी।” क्या था विवाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने दसवीं कक्षा के लिए नए पैटर्न का ड्राफ्ट बनाया गया। इसमें पंजाबी विषय के मुद्दे पर सियासत गरमा गई। AAP ने केंद्र सरकार पर पंजाबी को हटाने का आरोप लगाया। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस का आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और सीबीएसई ने एग्जाम पैटर्न से पंजाबी को जानबूझकर हटाया है। यह पंजाब के साथ धक्का है। वह इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिख रहे हैं। जरूरत पड़ने पर दिल्ली जाकर मुलाकात भी करेंगे। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सीनियर नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने भी CBSE के नए पैटर्न से पंजाबी को हटाने को गलत बताया। उन्होंने कहा कि अकाली दल इसका विरोध करेगा। CBSE स्कूलों में भी पंजाबी विषय को तुरंत बहाल किया जाए।