केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच छठे दौर की बैठक 22 फरवरी को शाम छह बजे चंडीगढ़ में होगी। बैठक को लेकर केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक पत्र जारी कर दिया गया है। उधर, खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 87वें दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं बैठक से पहले डल्लेवाल ने संदेश जारी कर सभी संगठनों को एकजुट होने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब बहुत आगे बढ़ चुकी है। इसे जीतने के लिए एकता की जरूरत है। साथ ही उन्होंने अपने सभी संगठनों को एकता के लिए पत्र भी लिखा है। 27 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक होगी। डल्लेवाल ने करीब सात मिनट का संदेश जारी किया है। हालांकि, वह 14 तारीख से मेडिकल हेल्प नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बैठक में शामिल होंगे। डल्लेवाल ने अपने संदेश में पांच बिंदु उठाए हैं- 1. डल्लेवाल ने कहा कि यह आंदोलन करीब एक साल से चल रहा है। 21 फरवरी 2024 को किसान शुभकरण की गोली लगने से मौत हुई थी। कल तीनों मोर्चों पर देश के अलग-अलग राज्यों में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। श्रद्धांजलि सभाएं की जाएंगी। गांव बल्लों बठिंडा में मजबूत श्रद्धांजलि सभा की जाएगी। वहां गांव के लोगों द्वारा शुभकरण की प्रतिमा स्थापित की गई है। उसका पर्दा भी कल हटाया जाएगा। 2. हमारे प्रधानमंत्री यह कहते हैं कि देश में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र राज है। तो कल हमें इस नौजवान की श्रद्धांजलि समारोह अलग-अलग जगह करनी पड़ रही है। इसकी हमें जरूरत क्यों पड़ी। लोकतंत्र राज के अंदर तो यह नहीं होता है। जो लोग अपनी बात करना चाहते हैं, क्या उन पर गोलियां चलाई जाती है। उससे बुरी बात यह हुई है कि उस नौजवान का इंसाफ देना सरकार की जिम्मेदारी बनती थी, इंसाफ देने की बजाय आज तक कहीं किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिकारियों को अवॉर्ड देने की बात कही गई। यह बहुत बड़ा सवाल हमारे लोकतंत्र के ऊपर है। क्या ऐसा लोकतंत्र होता है। 3. किसान तो न तो मुसलमान है, न हिंदू और न ईसाई और न सिख है। किसान किसी मजहब का नहीं है। किसान तो किसान है। हमारे किसानों ने बड़ा प्रयास किया है। हमें पीने के लिए जल लेकर गए। अलग अलग धार्मिक स्थानों जैसे गंगा, गोल्डन टैंपल, मुस्लिम भाई मक्का मदीना से जल लेकर आए। वह उन सबका धन्यवाद करते हैं। मैं सबका जल ग्रहण करूगा। 4. देखिए जब पिछला आंदोलन चला उस समय भी एकता बनाने के लिए पंजाब व देश के सभी संगठनों को एकजुट करने के लिए हम यत्नशील रहे और वह किया भी। अब भी हम समझते हैं कि इस समय भी एकता की जरूरत है। इस आंदोलन को लड़ते लड़ते जब एमएसपी की बात कोई जानता नहीं था। वह बात इस समय आज देश ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में पहुंच गई है। इस बात को हम संसद तक ले जाने में कामयाब रहे हैं। इस को एकता के बिना नहीं जीता जा सकता है। हम सभी संगठनों को ओर बुद्विजीवियों को विनती करेंगे इस लड़ाई को हम बहुत आगे तक ले जा चुके हैं। इसको जीतने के लिए एकता की जरूरत है। दूसरी बात जितने हमारे बुद्विजीवी और संगठन जो बाहर है। उनके जो भी सुझाव हैं। उन्हें हमें भेजे। क्योंकि सरकार हमसे अब बातचीत कर रही है। जितने भी समझदार लोग है सहयोग दें। 5. 27 फरवरी को चंडीगढ़ में एकता बैठक की जाएगी। सभी देश के लोगों को बताना चाह रहा हूं कि 22 तारीख को सकार दूसरी बार बैठक करने के लिए आ रही है। सरकार का पत्र हमें मिला है। मीटिंग शाम छह बजे चंडीगढ़ के सेक्टर -26 में होगी। देखते है कि क्या हल निकलता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री से अपील करते है देखिए आप लोकतंत्र की बात करते हो, सांसद की बात करत हो, संसद को पवित्र मंदिर मानते हैं। ऐसे में संसद की जो कमेटी बनी है। उसने एमएसपी की लीगल गारंटी को लागू करने की सिफारिश की है। उसे पूरा करवाए। सिरसा की हार्ट सर्जरी हुई किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को महापंचायत से ठीक पहले 12 फरवरी को हार्ट अटैक आया था। इसके बाद उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उन्हें गंभीर हालत में अमृतसर ले जाया गया। जहां उनकी हार्ट सर्जरी सफल रही। हालांकि, वे अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं। इससे पहले भी उनकी हार्ट सर्जरी हो चुकी थी। दूसरी ओर, 14 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ बैठक में जाते समय किसान नेता कुर्बुरू शांताकुमार की कार पटियाला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद उन्हें एयर एम्बुलेंस के जरिए बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। जहां उनकी रीढ़ की हड्डी से संबंधित सर्जरी हुई थी। बैठक से पहले एमएसपी पर लोगों से मांगे सुझाव शुभकरण की बरसी से पहले किसानों का एक जत्था सिरसा से पैदल ही बल्लो गांव के लिए रवाना हुआ। वहीं, किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले एमएसपी पर लोगों से सुझाव लेने का फैसला किया है। लोग खनौरी, शंभू या रत्नपुरा मोर्चे पर पहुंचकर अपने सुझाव दे सकते हैं। मेल पर सुझाव देने के लिए ईमेल करना होगा। 27 को SKM के साथ एकता बैठक शंभू और खनौरी मोर्चे की एकता प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ इसी महीने बैठक होगी। दोनों मंचों ने बैठक के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को निमंत्रण भेजा है। बैठक 27 फरवरी को चंडीगढ़ में तय की गई है। हालांकि, इससे पहले 12 फरवरी को SKM के साथ किसान मजदूर मोर्चा की बैठक हुई थी। इस बैठक में एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता शामिल नहीं हुए थे। क्योंकि उस दिन खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत थी। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने उस समय बताया था कि महापंचायत के कारण उनकी तरफ से नेता एकता बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे।
केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच छठे दौर की बैठक 22 फरवरी को शाम छह बजे चंडीगढ़ में होगी। बैठक को लेकर केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक पत्र जारी कर दिया गया है। उधर, खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 87वें दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं बैठक से पहले डल्लेवाल ने संदेश जारी कर सभी संगठनों को एकजुट होने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब बहुत आगे बढ़ चुकी है। इसे जीतने के लिए एकता की जरूरत है। साथ ही उन्होंने अपने सभी संगठनों को एकता के लिए पत्र भी लिखा है। 27 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक होगी। डल्लेवाल ने करीब सात मिनट का संदेश जारी किया है। हालांकि, वह 14 तारीख से मेडिकल हेल्प नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बैठक में शामिल होंगे। डल्लेवाल ने अपने संदेश में पांच बिंदु उठाए हैं- 1. डल्लेवाल ने कहा कि यह आंदोलन करीब एक साल से चल रहा है। 21 फरवरी 2024 को किसान शुभकरण की गोली लगने से मौत हुई थी। कल तीनों मोर्चों पर देश के अलग-अलग राज्यों में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। श्रद्धांजलि सभाएं की जाएंगी। गांव बल्लों बठिंडा में मजबूत श्रद्धांजलि सभा की जाएगी। वहां गांव के लोगों द्वारा शुभकरण की प्रतिमा स्थापित की गई है। उसका पर्दा भी कल हटाया जाएगा। 2. हमारे प्रधानमंत्री यह कहते हैं कि देश में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र राज है। तो कल हमें इस नौजवान की श्रद्धांजलि समारोह अलग-अलग जगह करनी पड़ रही है। इसकी हमें जरूरत क्यों पड़ी। लोकतंत्र राज के अंदर तो यह नहीं होता है। जो लोग अपनी बात करना चाहते हैं, क्या उन पर गोलियां चलाई जाती है। उससे बुरी बात यह हुई है कि उस नौजवान का इंसाफ देना सरकार की जिम्मेदारी बनती थी, इंसाफ देने की बजाय आज तक कहीं किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिकारियों को अवॉर्ड देने की बात कही गई। यह बहुत बड़ा सवाल हमारे लोकतंत्र के ऊपर है। क्या ऐसा लोकतंत्र होता है। 3. किसान तो न तो मुसलमान है, न हिंदू और न ईसाई और न सिख है। किसान किसी मजहब का नहीं है। किसान तो किसान है। हमारे किसानों ने बड़ा प्रयास किया है। हमें पीने के लिए जल लेकर गए। अलग अलग धार्मिक स्थानों जैसे गंगा, गोल्डन टैंपल, मुस्लिम भाई मक्का मदीना से जल लेकर आए। वह उन सबका धन्यवाद करते हैं। मैं सबका जल ग्रहण करूगा। 4. देखिए जब पिछला आंदोलन चला उस समय भी एकता बनाने के लिए पंजाब व देश के सभी संगठनों को एकजुट करने के लिए हम यत्नशील रहे और वह किया भी। अब भी हम समझते हैं कि इस समय भी एकता की जरूरत है। इस आंदोलन को लड़ते लड़ते जब एमएसपी की बात कोई जानता नहीं था। वह बात इस समय आज देश ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में पहुंच गई है। इस बात को हम संसद तक ले जाने में कामयाब रहे हैं। इस को एकता के बिना नहीं जीता जा सकता है। हम सभी संगठनों को ओर बुद्विजीवियों को विनती करेंगे इस लड़ाई को हम बहुत आगे तक ले जा चुके हैं। इसको जीतने के लिए एकता की जरूरत है। दूसरी बात जितने हमारे बुद्विजीवी और संगठन जो बाहर है। उनके जो भी सुझाव हैं। उन्हें हमें भेजे। क्योंकि सरकार हमसे अब बातचीत कर रही है। जितने भी समझदार लोग है सहयोग दें। 5. 27 फरवरी को चंडीगढ़ में एकता बैठक की जाएगी। सभी देश के लोगों को बताना चाह रहा हूं कि 22 तारीख को सकार दूसरी बार बैठक करने के लिए आ रही है। सरकार का पत्र हमें मिला है। मीटिंग शाम छह बजे चंडीगढ़ के सेक्टर -26 में होगी। देखते है कि क्या हल निकलता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री से अपील करते है देखिए आप लोकतंत्र की बात करते हो, सांसद की बात करत हो, संसद को पवित्र मंदिर मानते हैं। ऐसे में संसद की जो कमेटी बनी है। उसने एमएसपी की लीगल गारंटी को लागू करने की सिफारिश की है। उसे पूरा करवाए। सिरसा की हार्ट सर्जरी हुई किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को महापंचायत से ठीक पहले 12 फरवरी को हार्ट अटैक आया था। इसके बाद उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उन्हें गंभीर हालत में अमृतसर ले जाया गया। जहां उनकी हार्ट सर्जरी सफल रही। हालांकि, वे अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं। इससे पहले भी उनकी हार्ट सर्जरी हो चुकी थी। दूसरी ओर, 14 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ बैठक में जाते समय किसान नेता कुर्बुरू शांताकुमार की कार पटियाला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद उन्हें एयर एम्बुलेंस के जरिए बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। जहां उनकी रीढ़ की हड्डी से संबंधित सर्जरी हुई थी। बैठक से पहले एमएसपी पर लोगों से मांगे सुझाव शुभकरण की बरसी से पहले किसानों का एक जत्था सिरसा से पैदल ही बल्लो गांव के लिए रवाना हुआ। वहीं, किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले एमएसपी पर लोगों से सुझाव लेने का फैसला किया है। लोग खनौरी, शंभू या रत्नपुरा मोर्चे पर पहुंचकर अपने सुझाव दे सकते हैं। मेल पर सुझाव देने के लिए ईमेल करना होगा। 27 को SKM के साथ एकता बैठक शंभू और खनौरी मोर्चे की एकता प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ इसी महीने बैठक होगी। दोनों मंचों ने बैठक के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को निमंत्रण भेजा है। बैठक 27 फरवरी को चंडीगढ़ में तय की गई है। हालांकि, इससे पहले 12 फरवरी को SKM के साथ किसान मजदूर मोर्चा की बैठक हुई थी। इस बैठक में एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता शामिल नहीं हुए थे। क्योंकि उस दिन खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत थी। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने उस समय बताया था कि महापंचायत के कारण उनकी तरफ से नेता एकता बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे।