वित्त मंत्री दीया कुमारी ने दूसरा पूर्ण बजट पेश किया। बजट कैसा है? सबसे बड़ा सवाल यही है। इसे आम आदमी की भाषा में समझते हैं। आम आदमी के जीवन में सबसे प्रिय भोजन और उसका स्वाद (टेस्ट) होता है। अगर टेस्ट की बात करें तो पांच प्रमुख स्वाद हैं। इस बजट में भी यही पांच स्वाद मीठा, तीखा, खट्टा, नमकीन और कड़वा शामिल हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों की तरह इस बार भी बजट को स्वादिष्ट और गरिष्ठ बनाने की पूरी कोशिश की गई है, ताकि ये मनभावन नजर आ सके। दीया कुमारी ने अपने बजट भाषण में कहा- सबकी फिक्र में खुद को मिटाती हूं, हर वादा अपना, दिल से निभाती हूं। इस बजट में सभी वर्गों और सभी मुद्दों को छूने का प्रयास दिखता है, लेकिन इन घोषणाओं से राज्य का कर्ज भार बढ़ गया है। हालांकि वित्त मंत्री ने कुछ जगहों पर राजनीतिक चतुराई का परिचय देते हुए कुछ घोषणाओं को खट्टा-नमकीन भी बना दिया है। जैसे- 100 यूनिट फ्री बिजली को बढ़ाकर 150 यूनिट करना। हालांकि बढ़ी हुई 50 यूनिट का फायदा सीधे तौर पर आम आदमी को नहीं मिलेगा। ये फायदा सोलर यूनिट लगाने पर ही मिलेगा। हालांकि इसमें भी डिटेल गाइडलाइन का इंतजार है। राजस्थान में अभी करीब 28 हजार घर ही पीएम सूर्य घर योजना में शामिल हैं, जबकि राज्य सरकार ने 5 लाख का टारगेट लिया था। बजट में शहर और गांव दोनों पर फोकस किया गया है। युवाओं, बुजुर्गों और किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं हैं। दिव्यांगों और महिलाओं को बहुत कुछ मिला है। शहरी विकास मिशन से शहरों को साधा गया है। ग्रामीण इलाकों में सड़कों के विस्तार और हैंडपंप और ट्यूबवेल, तालाब से गांवों को रिझाने की कोशिश है। बजट में ट्रक ड्राइवर से लेकर दर्जी और गिग वर्कर तक के लिए योजनाएं हैं। 70 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को घर बैठे दवा देनी की घोषणा की गई है। मायने क्या : सरकार का आगामी निकाय और पंचायत राज संस्थाओं के चुनावों पर फोकस है। नवंबर तक राज्य के सभी निकायों के चुनाव होने हैं। इसके बाद पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने हैं। ऐसे में जयपुर में मेट्रो का विस्तार हो या गोविंददेवजी मंदिर में एक साल धार्मिक आयोजन या जोधपुर, कोटा से जुड़ी घोषणाएं सभी में चुनाव की झलक दिखती है, जो अभी नजर नहीं आ रही है। जब इन पर काम होगा तो ये साफ तौर पर नजर आने लगेगा। ये मेले का माहौल शहरों में चुनावी रंग में बदल जाएगा। फायदा : एक लेखानुदान और दो पूर्ण बजट में जिस तरह से लोक लुभावन घोषणाएं की गईं। शहरों और गांवों पर फोकस किया है। इसका चुनाव में फायदा लेने की कोशिश की जाएगी। सरकार ये दावा करेगी कि भाजपा सरकार युवाओं सहित सभी वर्गों पर फोकस करती है। विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। गहलोत सरकार में सबसे ज्यादा नाराजगी युवाओं को लेकर ही थी। पिछले दो बजट में युवाओं को साधने की काफी हद तक कोशिश की गई है। इस बार भी सवा लाख सरकारी नौकरियां और डेढ़ लाख प्राइवेट नौकरियां दिलाने का वादा है। हालांकि इसका फायदा तभी मिलेगा, जब ये नौकरियां जमीन पर उतरेंगी। बजट में आमजन के लिए राहत की बात ये है कि सरकार ने फ्री-बीज की स्कीमों को घटाया नहीं बल्कि बढ़ाया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर पैसा कहां से आएगा? क्योंकि सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। ये करीब 6.5 लाख करोड़ होने जा रहा है। ऐसे विकास के लिए सिर्फ कर्ज ही रास्ता है। राज्य का कृषि बजट अलग से पेश किया गया है। कृषि का आधा हिस्सा पशुपालन है। बजट में इसे लेकर भी कोई बड़ी घोषणा नहीं है। रेगिस्तान का जहाज ऊंट लगातार विलुप्त होता जा रहा है, लेकिन इसको बचाए रखने की कोई रणनीति नजर नहीं आती। भजनलाल सरकार बनने के बाद ओरण और गोचर भूमि की चर्चा हमेशा से होती रही है, लेकिन बजट इसको लेकर मौन है। मायने क्या : राजस्थान पर कर्ज का भार बढ़ेगा। आने वाले समय में फ्री बीज की स्कीमों पर संकट आ सकता है। दूसरा जिस तरह से निशुल्क बिजली स्कीम में सोलर को जोड़ा गया है। भविष्य में बिजली के 100 फ्री यूनिट पर भी इसका असर दिख सकता है। विकास और संरक्षण के मुद्दे अब फीके पड़ने लगे हैं। 100 यूनिट फ्री बिजली मिलती रहेगी फ्री बिजली में नई घोषणा के बाद अब तक मिलने वाली 100 यूनिट को लेकर सवाल खड़े हो गए थे, लेकिन वित्त मंत्री ने भास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि ये योजना बंद नहीं होगी। जिन्हें अभी 100 यूनिट फ्री बिजली मिल रही है उन्हें मिलती रहेगी।पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से जुड़ेंगे या जुड़े हैं, उन्हें 150 यूनिट फ्री बिजली मिलेगी। पेट्रोल-डीजल पर वैट घटने की उम्मीद थी, ये इस बार भी पूरी नहीं हुई। हालांकि सरकार बनने के बाद रेट में कमी की गई थी, लेकिन अब भी कई प्रदेशों की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल महंगा है। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि बजट में सरकार ये राहत देगी। फ्री बीज की कोई स्कीम घटाई नहीं गई, लेकिन कोई चौंकाने वाली नई आई भी नहीं। पिछले बजट में वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर घोषणा की गई थी, लेकिन इस बार बजट में इसको लेकर कोई बात नहीं है। खेल विभाग के लिए पिछले बजट में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और कई एकेडमियां खोलने की घोषणा की गई थीं, उनमें से ज्यादातर धरातल पर नहीं उतर पाई। इस बार खेल विभाग के लिए बड़ी घोषणा नहीं की गई, जबकि प्रदेश में युवाओं की आबादी ज्यादा है। ग्रामीण विकास विभाग में भी ज्यादा घोषणाएं नहीं है, यह बड़ा मंत्रालय माना जाता रहा है। अजमेर, बीकानेर जैसे शहरों को लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं है। मायने क्या : सरकार ने पिछले बजट की कई चीजों का इस बार बजट में जिक्र नहीं किया है। अब सरकारों का फोकस नई योजनाओं पर होता है। इस बजट में ये नजर आ रहा है। दूसरा, जहां भाजपा मजबूत है, वहां बजट बढ़ाया गया है, ताकि इसका फायदा अगले चुनावों में मिल सकें। पेट्रोल-डीजल और महंगाई के मुद्दों को सरकार नया टैक्स नहीं लगाया कहकर हैंडल कर देती है। राजस्थान बाकी प्रदेशों की तुलना में कुछ पिछड़ा माना जाता रहा है। इस बजट में कोई एक ऐसी घोषणा नहीं है, जो स्टेट की रैंकिंग सुधारने में मदद करें। पूरा बजट लोकलुभावन घोषणाओं पर केंद्रित हैं। दूसरा, फ्री बिज की स्कीमों से घाटे को सिर्फ कर्ज से पूरा किया जाना है। ऐसे में विकास के लिए कर्ज लेना होगा और आम आदमी पर ये बोझ बढ़ता ही जाता है। हमारे पूर्वज कहते हैं चतुर लड़ाई वह है जो केवल जीती ही नहीं जाती बल्कि उत्तमता से जीतने में सुगम होती है। लोन को कम करने की नीति नजर नहीं आती। मायने क्या : फ्री बीज स्कीम में ही ज्यादातर पैसा खर्च होने के कारण सरकार विकास से जुड़े ऐसे आउट ऑफ बॉक्स फैसले नहीं ले पाएगी, जो भविष्य की जरूरत के हिसाब से जरूरी हैं। इससे विकसित राजस्थान की कल्पना पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। अब ग्राफिक्स से समझिए बजट का सार… ——- बजट से जुड़ी यह खबरें भी पढ़िए… 1. बुजुर्गों की पेंशन बढ़ी:70 लाख किसानों को 9 हजार रुपए सम्मान निधि मिलेगी; 1.25 लाख नौकरी देगी सरकार राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी ने भजनलाल सरकार दूसरा पूर्ण बजट पेश किया। करीब 138 मिनट के बजट भाषण में दीया कुमारी की सबसे बड़ी घोषणा युवाओं के लिए रही। सरकार अगले एक साल में सवा लाख भर्ती करेगी। प्राइवेट सेक्टर में भी डेढ़ लाख नौकरियां दिलवाई जाएंगी। फाइनेंस मिनिस्टर ने बिजली के बिल में भी राहत देने की कोशिश की है। (पढ़ें पूरी खबर) 2. राजस्थान बजट में क्या सस्ता-क्या महंगा?:महिलाओं को मिलेगा सस्ता लोन; पत्नी के साथ प्रॉपर्टी खरीदने पर फायदा, पेट्रोल-डीजल पर नहीं घटाया वैट भजनलाल सरकार का दूसरा फुल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री दीया कुमारी ने राहत की कई बड़ी घोषणाएं कीं। पत्नी के साथ जॉइंट में प्रॉपर्टी खरीदना कुछ हद तक सस्ता किया है। अब पत्नी के साथ 50 लाख तक की संयुक्त प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टांप ड्यूटी आधा प्रतिशत कम चुकानी होगी। (पढ़ें पूरी खबर)
वित्त मंत्री दीया कुमारी ने दूसरा पूर्ण बजट पेश किया। बजट कैसा है? सबसे बड़ा सवाल यही है। इसे आम आदमी की भाषा में समझते हैं। आम आदमी के जीवन में सबसे प्रिय भोजन और उसका स्वाद (टेस्ट) होता है। अगर टेस्ट की बात करें तो पांच प्रमुख स्वाद हैं। इस बजट में भी यही पांच स्वाद मीठा, तीखा, खट्टा, नमकीन और कड़वा शामिल हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों की तरह इस बार भी बजट को स्वादिष्ट और गरिष्ठ बनाने की पूरी कोशिश की गई है, ताकि ये मनभावन नजर आ सके। दीया कुमारी ने अपने बजट भाषण में कहा- सबकी फिक्र में खुद को मिटाती हूं, हर वादा अपना, दिल से निभाती हूं। इस बजट में सभी वर्गों और सभी मुद्दों को छूने का प्रयास दिखता है, लेकिन इन घोषणाओं से राज्य का कर्ज भार बढ़ गया है। हालांकि वित्त मंत्री ने कुछ जगहों पर राजनीतिक चतुराई का परिचय देते हुए कुछ घोषणाओं को खट्टा-नमकीन भी बना दिया है। जैसे- 100 यूनिट फ्री बिजली को बढ़ाकर 150 यूनिट करना। हालांकि बढ़ी हुई 50 यूनिट का फायदा सीधे तौर पर आम आदमी को नहीं मिलेगा। ये फायदा सोलर यूनिट लगाने पर ही मिलेगा। हालांकि इसमें भी डिटेल गाइडलाइन का इंतजार है। राजस्थान में अभी करीब 28 हजार घर ही पीएम सूर्य घर योजना में शामिल हैं, जबकि राज्य सरकार ने 5 लाख का टारगेट लिया था। बजट में शहर और गांव दोनों पर फोकस किया गया है। युवाओं, बुजुर्गों और किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं हैं। दिव्यांगों और महिलाओं को बहुत कुछ मिला है। शहरी विकास मिशन से शहरों को साधा गया है। ग्रामीण इलाकों में सड़कों के विस्तार और हैंडपंप और ट्यूबवेल, तालाब से गांवों को रिझाने की कोशिश है। बजट में ट्रक ड्राइवर से लेकर दर्जी और गिग वर्कर तक के लिए योजनाएं हैं। 70 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को घर बैठे दवा देनी की घोषणा की गई है। मायने क्या : सरकार का आगामी निकाय और पंचायत राज संस्थाओं के चुनावों पर फोकस है। नवंबर तक राज्य के सभी निकायों के चुनाव होने हैं। इसके बाद पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने हैं। ऐसे में जयपुर में मेट्रो का विस्तार हो या गोविंददेवजी मंदिर में एक साल धार्मिक आयोजन या जोधपुर, कोटा से जुड़ी घोषणाएं सभी में चुनाव की झलक दिखती है, जो अभी नजर नहीं आ रही है। जब इन पर काम होगा तो ये साफ तौर पर नजर आने लगेगा। ये मेले का माहौल शहरों में चुनावी रंग में बदल जाएगा। फायदा : एक लेखानुदान और दो पूर्ण बजट में जिस तरह से लोक लुभावन घोषणाएं की गईं। शहरों और गांवों पर फोकस किया है। इसका चुनाव में फायदा लेने की कोशिश की जाएगी। सरकार ये दावा करेगी कि भाजपा सरकार युवाओं सहित सभी वर्गों पर फोकस करती है। विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। गहलोत सरकार में सबसे ज्यादा नाराजगी युवाओं को लेकर ही थी। पिछले दो बजट में युवाओं को साधने की काफी हद तक कोशिश की गई है। इस बार भी सवा लाख सरकारी नौकरियां और डेढ़ लाख प्राइवेट नौकरियां दिलाने का वादा है। हालांकि इसका फायदा तभी मिलेगा, जब ये नौकरियां जमीन पर उतरेंगी। बजट में आमजन के लिए राहत की बात ये है कि सरकार ने फ्री-बीज की स्कीमों को घटाया नहीं बल्कि बढ़ाया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर पैसा कहां से आएगा? क्योंकि सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। ये करीब 6.5 लाख करोड़ होने जा रहा है। ऐसे विकास के लिए सिर्फ कर्ज ही रास्ता है। राज्य का कृषि बजट अलग से पेश किया गया है। कृषि का आधा हिस्सा पशुपालन है। बजट में इसे लेकर भी कोई बड़ी घोषणा नहीं है। रेगिस्तान का जहाज ऊंट लगातार विलुप्त होता जा रहा है, लेकिन इसको बचाए रखने की कोई रणनीति नजर नहीं आती। भजनलाल सरकार बनने के बाद ओरण और गोचर भूमि की चर्चा हमेशा से होती रही है, लेकिन बजट इसको लेकर मौन है। मायने क्या : राजस्थान पर कर्ज का भार बढ़ेगा। आने वाले समय में फ्री बीज की स्कीमों पर संकट आ सकता है। दूसरा जिस तरह से निशुल्क बिजली स्कीम में सोलर को जोड़ा गया है। भविष्य में बिजली के 100 फ्री यूनिट पर भी इसका असर दिख सकता है। विकास और संरक्षण के मुद्दे अब फीके पड़ने लगे हैं। 100 यूनिट फ्री बिजली मिलती रहेगी फ्री बिजली में नई घोषणा के बाद अब तक मिलने वाली 100 यूनिट को लेकर सवाल खड़े हो गए थे, लेकिन वित्त मंत्री ने भास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि ये योजना बंद नहीं होगी। जिन्हें अभी 100 यूनिट फ्री बिजली मिल रही है उन्हें मिलती रहेगी।पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से जुड़ेंगे या जुड़े हैं, उन्हें 150 यूनिट फ्री बिजली मिलेगी। पेट्रोल-डीजल पर वैट घटने की उम्मीद थी, ये इस बार भी पूरी नहीं हुई। हालांकि सरकार बनने के बाद रेट में कमी की गई थी, लेकिन अब भी कई प्रदेशों की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल महंगा है। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि बजट में सरकार ये राहत देगी। फ्री बीज की कोई स्कीम घटाई नहीं गई, लेकिन कोई चौंकाने वाली नई आई भी नहीं। पिछले बजट में वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर घोषणा की गई थी, लेकिन इस बार बजट में इसको लेकर कोई बात नहीं है। खेल विभाग के लिए पिछले बजट में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और कई एकेडमियां खोलने की घोषणा की गई थीं, उनमें से ज्यादातर धरातल पर नहीं उतर पाई। इस बार खेल विभाग के लिए बड़ी घोषणा नहीं की गई, जबकि प्रदेश में युवाओं की आबादी ज्यादा है। ग्रामीण विकास विभाग में भी ज्यादा घोषणाएं नहीं है, यह बड़ा मंत्रालय माना जाता रहा है। अजमेर, बीकानेर जैसे शहरों को लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं है। मायने क्या : सरकार ने पिछले बजट की कई चीजों का इस बार बजट में जिक्र नहीं किया है। अब सरकारों का फोकस नई योजनाओं पर होता है। इस बजट में ये नजर आ रहा है। दूसरा, जहां भाजपा मजबूत है, वहां बजट बढ़ाया गया है, ताकि इसका फायदा अगले चुनावों में मिल सकें। पेट्रोल-डीजल और महंगाई के मुद्दों को सरकार नया टैक्स नहीं लगाया कहकर हैंडल कर देती है। राजस्थान बाकी प्रदेशों की तुलना में कुछ पिछड़ा माना जाता रहा है। इस बजट में कोई एक ऐसी घोषणा नहीं है, जो स्टेट की रैंकिंग सुधारने में मदद करें। पूरा बजट लोकलुभावन घोषणाओं पर केंद्रित हैं। दूसरा, फ्री बिज की स्कीमों से घाटे को सिर्फ कर्ज से पूरा किया जाना है। ऐसे में विकास के लिए कर्ज लेना होगा और आम आदमी पर ये बोझ बढ़ता ही जाता है। हमारे पूर्वज कहते हैं चतुर लड़ाई वह है जो केवल जीती ही नहीं जाती बल्कि उत्तमता से जीतने में सुगम होती है। लोन को कम करने की नीति नजर नहीं आती। मायने क्या : फ्री बीज स्कीम में ही ज्यादातर पैसा खर्च होने के कारण सरकार विकास से जुड़े ऐसे आउट ऑफ बॉक्स फैसले नहीं ले पाएगी, जो भविष्य की जरूरत के हिसाब से जरूरी हैं। इससे विकसित राजस्थान की कल्पना पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। अब ग्राफिक्स से समझिए बजट का सार… ——- बजट से जुड़ी यह खबरें भी पढ़िए… 1. बुजुर्गों की पेंशन बढ़ी:70 लाख किसानों को 9 हजार रुपए सम्मान निधि मिलेगी; 1.25 लाख नौकरी देगी सरकार राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी ने भजनलाल सरकार दूसरा पूर्ण बजट पेश किया। करीब 138 मिनट के बजट भाषण में दीया कुमारी की सबसे बड़ी घोषणा युवाओं के लिए रही। सरकार अगले एक साल में सवा लाख भर्ती करेगी। प्राइवेट सेक्टर में भी डेढ़ लाख नौकरियां दिलवाई जाएंगी। फाइनेंस मिनिस्टर ने बिजली के बिल में भी राहत देने की कोशिश की है। (पढ़ें पूरी खबर) 2. राजस्थान बजट में क्या सस्ता-क्या महंगा?:महिलाओं को मिलेगा सस्ता लोन; पत्नी के साथ प्रॉपर्टी खरीदने पर फायदा, पेट्रोल-डीजल पर नहीं घटाया वैट भजनलाल सरकार का दूसरा फुल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री दीया कुमारी ने राहत की कई बड़ी घोषणाएं कीं। पत्नी के साथ जॉइंट में प्रॉपर्टी खरीदना कुछ हद तक सस्ता किया है। अब पत्नी के साथ 50 लाख तक की संयुक्त प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टांप ड्यूटी आधा प्रतिशत कम चुकानी होगी। (पढ़ें पूरी खबर)