अमृतसर में रविवार को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों सिंह साहिबानों की अहम बैठक हुई। इसकी अगुवाई कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने की। इस बैठक में सिख मर्यादाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें आनंद कारज (डेस्टिनेशन वेडिंग), एआई से धार्मिक फिल्में बनाना और सिखा के आंतरिक मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप की मनाही का रहा। बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि अब आनंद कारज गुरुद्वारों में ही होगा। पार्कों, होटलों और अन्य खुले या व्यवसायिक स्थानों पर आनंद कारज की पूर्णत: मनाही होगी। इसके अलावा धार्मिक विषयों पर एआई या कृत्रिम फिल्में नहीं बनाई जा सकेंगी। यदि बनानी हो तो SGPC की अनुमति जरूरी होगी। सबसे खास फैसला ये रहा कि पावन स्वरूपों से जुड़े मामलों में कोई भी राजनीतिक दल हस्तक्षेप नहीं करेगा। वर्तमान सरकार और सत्ताधारी राजनीतिक दल को चेतावनी दी गई कि यदि सिखों के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बंद नहीं किया गया, तो पंथक परंपराओं के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। बैठक में मौजूद तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी टेक सिंह, सचखंड श्री हरिमंदर साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी परविंदरपाल सिंह, सिंह साहिब ज्ञानी केवल सिंह तथा तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जुगिंदर सिंह ने एकमत से इन फैसलों पर सहमति जताई और सिख समुदाय से इनके पालन की अपील की। यहां जानिए अकाल तख्त साहिब ने लिए ये महत्वपूर्ण फैसले… आनंद कारज केवल गुरुद्वारों में ही संपन्न होगा, रागी जत्थे भी होंगे जिम्मेदार
जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि वर्तमान में पार्कों, होटलों और अन्य खुले या व्यवसायिक स्थानों पर कराए जा रहे आनंद कारज कार्यक्रमों पर गंभीरता से विचार किया गया। सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि आनंद कारज केवल गुरुद्वारों में ही संपन्न होगा और किसी भी अन्य स्थान पर इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को किसी भी विवाह स्थल पर ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उल्लंघन की स्थिति में पावन स्वरूप प्रदान करने वाले व्यक्ति, आनंद कारज करवाने वाले रागी जत्थे और संबंधित स्थानों के मालिकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। विशेष तौर पर चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में सामने आ रहे ऐसे मामलों पर भी बैठक में चिंता व्यक्त की गई। सभी ग्रंथी सिंह, रागी जत्थे, प्रबंधक एवं सेवादार इन आदेशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें। AI से वीडियो फोटो नहीं बनाई जा सकती
बैठक में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित वीडियो और आर्टिफिशियल फिल्मों के निर्माण के विषय पर भी विस्तार से चर्चा हुई। जत्थेदार ने कहा कि तकनीक भले ही आधुनिक हो, लेकिन बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि धार्मिक विषयों पर इस प्रकार की एआई या कृत्रिम फिल्में नहीं बनाई जा सकतीं, क्योंकि इससे सिख मर्यादाओं और परंपराओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जत्थेदार ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सिख मर्यादाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी ऐसे मामलों पर कड़ा रुख अपनाया जाएगा। SGPC की पूर्व अनुमति के बिना सिख इतिहास से संबंधित कोई भी फिल्म नहीं बनाई जा सकती। SGPC देश के प्रमुख फिल्म निर्माताओं को इस आदेश की प्रति भेजेगी। सिख धर्म के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप सहन नहीं
पांच सिंह साहिबानों की बैठक में सिख गुरु साहिबानों, उनके परिवारजनों, शहीदों, सिख योद्धाओं और सिख इतिहास पर आधारित फिल्मों, एनिमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वीडियो को लेकर गंभीर चर्चा की गई।
जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि यह महसूस किया गया कि आधुनिक तकनीक के युग में यह विषय अत्यंत संवेदनशील है और इसके लिए स्पष्ट नीति आवश्यक है। साल 1934, 1940, 2003, 2015 और 2022 में फिल्मों को लेकर लिए गए पंथक निर्णयों की पुष्टि की गई। साथ ही 2 मई 2025 को सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों से भी इस विषय पर विचार किया गया था। सिख गुरु साहिबानों, उनके परिवार, शहीदों, महापुरुषों और सिख संस्कारों की नकल या दृश्य रूपांतरण कर फिल्में/एनीमेशन बनाना निषिद्ध है। SGPC की पूर्व अनुमति के बिना ये नहीं हो सकेगा। ईश्वर सिंह जांच आयोग की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई
पंजाब सरकार द्वारा की गई कानूनी कार्रवाई को सरदार ईश्वर सिंह जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सही ठहराया जा रहा है, जबकि श्री अकाल तख़्त साहिब के आदेश से गठित इसी आयोग की रिपोर्ट के पृष्ठ संख्या 230 पर स्पष्ट रूप से लिखा है- यह न समझा जाए कि सरकारी कानून या पुलिस थाना इन पावन स्वरूपों के मामले को सही ढंग से निपटा लेगा। दुनिया में रिश्वत व्यापक स्तर पर प्रचलित है, पैसों के बल पर फैसले बदले जाते हैं और थानों में मामलों को कमजोर किया जा सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि श्री अकाल तख़्त साहिब के निर्देशों के अनुसार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपने संस्थागत ढांचे के माध्यम से इस मामले का समाधान करे। धार्मिक मामलों में पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
श्री अकाल तख्त साहिब और सचखंड श्री हरिमंदर साहिब प्रबंधन द्वारा सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले प्रचार संबंधी कई शिकायतें पंजाब पुलिस को दी गई हैं, किंतु आज तक किसी भी दोषी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि शरारती तत्वों द्वारा SGPC के फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर सिखों के विरुद्ध नफरत फैलाई जा रही है, परंतु पुलिस इन्हें बंद कराने या दोषियों को गिरफ्तार करने में विफल रही है। वहीं, दूसरी ओर निहंग वेश में एक सिख द्वारा खिलौना बंदूक दिखाने पर भी एफआईआर दर्ज कर दी जाती है। ऐसे हालात में SGPC के आंतरिक मामलों की जांच का अधिकार सरकार या पुलिस को देना पूरी तरह अनुचित है। राजनीतिक हस्तक्षेप पर दी गई सख्त चेतावनी
जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि जांच रिपोर्ट के पृष्ठ संख्या 231 पर यह भी स्पष्ट लिखा है- यह जांच आयोग का मत है कि इन पावन स्वरूपों से जुड़े मामलों का कोई भी राजनीतिक दल अपने निजी हितों के लिए दुरुपयोग न करे। यदि कोई राजनीतिक दल ऐसा करता है, तो वह श्री अकाल तख़्त साहिब के प्रति जवाबदेह होगा और पंथ उसे देखेगा। इसी संदर्भ में वर्तमान सरकार और सत्ताधारी राजनीतिक दल को चेतावनी दी जाती है कि यदि सिखों के इस आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बंद नहीं किया गया, तो पंथक परंपराओं के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
अमृतसर में रविवार को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों सिंह साहिबानों की अहम बैठक हुई। इसकी अगुवाई कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने की। इस बैठक में सिख मर्यादाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें आनंद कारज (डेस्टिनेशन वेडिंग), एआई से धार्मिक फिल्में बनाना और सिखा के आंतरिक मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप की मनाही का रहा। बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि अब आनंद कारज गुरुद्वारों में ही होगा। पार्कों, होटलों और अन्य खुले या व्यवसायिक स्थानों पर आनंद कारज की पूर्णत: मनाही होगी। इसके अलावा धार्मिक विषयों पर एआई या कृत्रिम फिल्में नहीं बनाई जा सकेंगी। यदि बनानी हो तो SGPC की अनुमति जरूरी होगी। सबसे खास फैसला ये रहा कि पावन स्वरूपों से जुड़े मामलों में कोई भी राजनीतिक दल हस्तक्षेप नहीं करेगा। वर्तमान सरकार और सत्ताधारी राजनीतिक दल को चेतावनी दी गई कि यदि सिखों के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बंद नहीं किया गया, तो पंथक परंपराओं के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। बैठक में मौजूद तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी टेक सिंह, सचखंड श्री हरिमंदर साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी परविंदरपाल सिंह, सिंह साहिब ज्ञानी केवल सिंह तथा तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जुगिंदर सिंह ने एकमत से इन फैसलों पर सहमति जताई और सिख समुदाय से इनके पालन की अपील की। यहां जानिए अकाल तख्त साहिब ने लिए ये महत्वपूर्ण फैसले… आनंद कारज केवल गुरुद्वारों में ही संपन्न होगा, रागी जत्थे भी होंगे जिम्मेदार
जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि वर्तमान में पार्कों, होटलों और अन्य खुले या व्यवसायिक स्थानों पर कराए जा रहे आनंद कारज कार्यक्रमों पर गंभीरता से विचार किया गया। सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि आनंद कारज केवल गुरुद्वारों में ही संपन्न होगा और किसी भी अन्य स्थान पर इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को किसी भी विवाह स्थल पर ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उल्लंघन की स्थिति में पावन स्वरूप प्रदान करने वाले व्यक्ति, आनंद कारज करवाने वाले रागी जत्थे और संबंधित स्थानों के मालिकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। विशेष तौर पर चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में सामने आ रहे ऐसे मामलों पर भी बैठक में चिंता व्यक्त की गई। सभी ग्रंथी सिंह, रागी जत्थे, प्रबंधक एवं सेवादार इन आदेशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें। AI से वीडियो फोटो नहीं बनाई जा सकती
बैठक में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित वीडियो और आर्टिफिशियल फिल्मों के निर्माण के विषय पर भी विस्तार से चर्चा हुई। जत्थेदार ने कहा कि तकनीक भले ही आधुनिक हो, लेकिन बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि धार्मिक विषयों पर इस प्रकार की एआई या कृत्रिम फिल्में नहीं बनाई जा सकतीं, क्योंकि इससे सिख मर्यादाओं और परंपराओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जत्थेदार ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सिख मर्यादाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी ऐसे मामलों पर कड़ा रुख अपनाया जाएगा। SGPC की पूर्व अनुमति के बिना सिख इतिहास से संबंधित कोई भी फिल्म नहीं बनाई जा सकती। SGPC देश के प्रमुख फिल्म निर्माताओं को इस आदेश की प्रति भेजेगी। सिख धर्म के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप सहन नहीं
पांच सिंह साहिबानों की बैठक में सिख गुरु साहिबानों, उनके परिवारजनों, शहीदों, सिख योद्धाओं और सिख इतिहास पर आधारित फिल्मों, एनिमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वीडियो को लेकर गंभीर चर्चा की गई।
जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि यह महसूस किया गया कि आधुनिक तकनीक के युग में यह विषय अत्यंत संवेदनशील है और इसके लिए स्पष्ट नीति आवश्यक है। साल 1934, 1940, 2003, 2015 और 2022 में फिल्मों को लेकर लिए गए पंथक निर्णयों की पुष्टि की गई। साथ ही 2 मई 2025 को सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों से भी इस विषय पर विचार किया गया था। सिख गुरु साहिबानों, उनके परिवार, शहीदों, महापुरुषों और सिख संस्कारों की नकल या दृश्य रूपांतरण कर फिल्में/एनीमेशन बनाना निषिद्ध है। SGPC की पूर्व अनुमति के बिना ये नहीं हो सकेगा। ईश्वर सिंह जांच आयोग की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई
पंजाब सरकार द्वारा की गई कानूनी कार्रवाई को सरदार ईश्वर सिंह जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सही ठहराया जा रहा है, जबकि श्री अकाल तख़्त साहिब के आदेश से गठित इसी आयोग की रिपोर्ट के पृष्ठ संख्या 230 पर स्पष्ट रूप से लिखा है- यह न समझा जाए कि सरकारी कानून या पुलिस थाना इन पावन स्वरूपों के मामले को सही ढंग से निपटा लेगा। दुनिया में रिश्वत व्यापक स्तर पर प्रचलित है, पैसों के बल पर फैसले बदले जाते हैं और थानों में मामलों को कमजोर किया जा सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि श्री अकाल तख़्त साहिब के निर्देशों के अनुसार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपने संस्थागत ढांचे के माध्यम से इस मामले का समाधान करे। धार्मिक मामलों में पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
श्री अकाल तख्त साहिब और सचखंड श्री हरिमंदर साहिब प्रबंधन द्वारा सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले प्रचार संबंधी कई शिकायतें पंजाब पुलिस को दी गई हैं, किंतु आज तक किसी भी दोषी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि शरारती तत्वों द्वारा SGPC के फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर सिखों के विरुद्ध नफरत फैलाई जा रही है, परंतु पुलिस इन्हें बंद कराने या दोषियों को गिरफ्तार करने में विफल रही है। वहीं, दूसरी ओर निहंग वेश में एक सिख द्वारा खिलौना बंदूक दिखाने पर भी एफआईआर दर्ज कर दी जाती है। ऐसे हालात में SGPC के आंतरिक मामलों की जांच का अधिकार सरकार या पुलिस को देना पूरी तरह अनुचित है। राजनीतिक हस्तक्षेप पर दी गई सख्त चेतावनी
जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि जांच रिपोर्ट के पृष्ठ संख्या 231 पर यह भी स्पष्ट लिखा है- यह जांच आयोग का मत है कि इन पावन स्वरूपों से जुड़े मामलों का कोई भी राजनीतिक दल अपने निजी हितों के लिए दुरुपयोग न करे। यदि कोई राजनीतिक दल ऐसा करता है, तो वह श्री अकाल तख़्त साहिब के प्रति जवाबदेह होगा और पंथ उसे देखेगा। इसी संदर्भ में वर्तमान सरकार और सत्ताधारी राजनीतिक दल को चेतावनी दी जाती है कि यदि सिखों के इस आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बंद नहीं किया गया, तो पंथक परंपराओं के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।