तेलंगाना में साइबराबाद स्पेशल ऑपरेशंस टीम ने एक बड़े इंटरस्टेट सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। ये गिरोह कई राज्यों से नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त कर रहा था और बच्चे 15-15 लाख रुपए में नि:संतान दंपतियों को बेच रहा था। मधुपुर के डीसीपी रितुराज ने बताया- बच्चे मुश्किल से कुछ दिन के हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कई राज्यों में पहले से ही मामले दर्ज हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम जो कार्रवाई करें, वह दूसरों के लिए सबक बने। पुलिस ने बताया कि यह गैंग देश भर में सप्लाई चेन चलाता था। बच्चों की अवैध बिक्री के लिए फर्जी गोद लेने के दस्तावेज बनाए जाते थे। मामले में नेटवर्क के सरगना, ट्रांसपोर्टर और हॉस्पिटल एजेंट समेत 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। साइबराबाद पुलिस फिलहाल अस्पताल के रिकॉर्ड और बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि पैसे के लेन-देन का पता लगाया जा सके और अन्य मेडिकल पेशेवरों की पहचान की जा सके जिन्होंने गैंग की मदद की हो सकती है। जांच में क्या सामने आया… साइबराबाद पुलिस के ने कहा- यह एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसकी जड़ें कई राज्यों में फैली हुई हैं। हम बचाए गए शिशुओं के बायोलॉजिकल पैरेंट्स का पता लगाने और गिरोह द्वारा बेचे गए अन्य बच्चों की पहचान करने के लिए गुजरात पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। —————- ये खबर भी पढ़ें… रेलवे स्टेशनों पर बच्चों की तस्करी रोकने अभियान, NCPCR के निर्देश पर संयुक्त टीमों ने की सघन जांच की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के निर्देश पर देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर नाबालिग बच्चों की तस्करी रोकने के लिए एक विशेष संयुक्त अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान व्यापक जांच के बावजूद एक भी नाबालिग तस्करी का मामला सामने नहीं आया। पूरी खबर पढ़ें…
तेलंगाना में साइबराबाद स्पेशल ऑपरेशंस टीम ने एक बड़े इंटरस्टेट सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। ये गिरोह कई राज्यों से नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त कर रहा था और बच्चे 15-15 लाख रुपए में नि:संतान दंपतियों को बेच रहा था। मधुपुर के डीसीपी रितुराज ने बताया- बच्चे मुश्किल से कुछ दिन के हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कई राज्यों में पहले से ही मामले दर्ज हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम जो कार्रवाई करें, वह दूसरों के लिए सबक बने। पुलिस ने बताया कि यह गैंग देश भर में सप्लाई चेन चलाता था। बच्चों की अवैध बिक्री के लिए फर्जी गोद लेने के दस्तावेज बनाए जाते थे। मामले में नेटवर्क के सरगना, ट्रांसपोर्टर और हॉस्पिटल एजेंट समेत 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। साइबराबाद पुलिस फिलहाल अस्पताल के रिकॉर्ड और बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि पैसे के लेन-देन का पता लगाया जा सके और अन्य मेडिकल पेशेवरों की पहचान की जा सके जिन्होंने गैंग की मदद की हो सकती है। जांच में क्या सामने आया… साइबराबाद पुलिस के ने कहा- यह एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसकी जड़ें कई राज्यों में फैली हुई हैं। हम बचाए गए शिशुओं के बायोलॉजिकल पैरेंट्स का पता लगाने और गिरोह द्वारा बेचे गए अन्य बच्चों की पहचान करने के लिए गुजरात पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। —————- ये खबर भी पढ़ें… रेलवे स्टेशनों पर बच्चों की तस्करी रोकने अभियान, NCPCR के निर्देश पर संयुक्त टीमों ने की सघन जांच की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के निर्देश पर देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर नाबालिग बच्चों की तस्करी रोकने के लिए एक विशेष संयुक्त अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान व्यापक जांच के बावजूद एक भी नाबालिग तस्करी का मामला सामने नहीं आया। पूरी खबर पढ़ें…