चंडीगढ़ में एक फार्मा कंपनी ने अपने 6 एम्प्लॉइज को क्रिसमस के तोहफे के तौर पर कारें गिफ्ट की हैं। इनमें एक कार की कीमत 6 लाख रुपए से भी ज्यादा है। यह पहला मौका नहीं है, जब कंपनी के मालिक ने कर्मचारियों को ऐसा गिफ्ट दिया हो। इससे पहले भी वह नए साल और दीवाली के मौके पर कर्मचारियों को कारें गिफ्ट कर चुके हैं। कंपनी मालिक एमके भाटिया ने कहा कि नए साल पर भी वह कर्मचारियों को कार गिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं। वह अब तक 100 से ज्यादा एम्प्लॉइज को कारें गिफ्ट कर चुके हैं। भाटिया ने कहा- सफलता उन्हें ही मिलती है, जो अपना काम पूरी निष्ठा, ईमानदारी और मेहनत से करते हैं। हर व्यक्ति को अपने जीवन और पेशे में धुरंधर बनना चाहिए, तभी वह सर्वश्रेष्ठ बन सकते हैं। उन्होंने अपने सहकर्मियों को संगठन की असली ताकत बताते हुए कहा कि कंपनी की प्रगति उनके समर्पण और इमानदार प्रयासों का परिणाम है। कार एम्प्लॉइज के नाम पर, जितनी EMI, उतनी सैलरी में बढ़ोतरी
कंपनी मालिक भाटिया ने बताया कि वह अच्छा काम करने वालों को सिलेक्ट कर कारें देते रहते हैं। पहले वह कंपनी के नाम पर गाड़ियां खरीदकर एम्प्लॉइज को देते थे। मगर अब सीधे उनके नाम पर ही लेते हैं। जिसके नाम पर गाड़ी ली, उसकी सैलरी उतनी बढ़ा देते हैं, जितनी कार की EMI यानी मासिक किस्त बनती है। इसके अलावा पेट्रोल का खर्चा उन्हें अलग से सैलरी में जोड़कर देते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ स्टाफ ही नहीं, बल्कि उनके पूरे बिजनेस की रीढ़ की हड्डी हैं। कार पाने वाले कर्मचारियों ने कहा कि इस तरह के कदम न केवल आर्थिक सहयोग देते हैं, बल्कि आत्मविश्वास और मनोबल को भी कई गुना बढ़ा देते हैं। यह प्रयास उन्हें और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता है। बाइक-ऑटो से कर्मचारियों को कार में लाने का सपना
एमके भाटिया ने बताया कि वह अपने कर्मचारियों को बाइक और ऑटो से उतारकर कार में लाना चाहते हैं। पिछले 3 वर्षों से अपने कर्मचारियों को कारें बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मेरा सपना पूरा हुआ तो कर्मचारियों के सपने भी पूरे होने चाहिए। गाड़ियां बांटने में उन्हें काफी खुशी होती है। सभी कर्मचारी जुनून से काम करते हैं, इसलिए उनके सपने पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल में 25 गाड़ियां गिफ्ट कर चुके हैं। पिछली दीपावली पर 13 गाड़ियां गिफ्ट की थीं। कभी दिवालिएपन की कगार पर थे भाटिया
कर्मचारियों को कार बांटकर सुर्खियां बटोर रहे एमके भाटिया मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। मुजफ्फरनगर में ही वह एक मेडिकल स्टोर चलाते थे। 2002 में काम में गिरावट आ गई और दिवालिया होने की कगार पर आ गए। तब उनके सिर पर करोड़ों रुपए का कर्ज था। चंडीगढ़ आए तो किस्मत बदल गई
भाटिया ने बताया कि इसके बाद 2015 में वह चंडीगढ़ आ गए। वहां फार्मा कंपनी शुरू की। इसके बाद उनका काम चल निकला। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह उनके एम्प्लॉइज हैं, जो पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं। इसके बाद कामयाबी पाते हुए उन्होंने अब 12 कंपनियां खड़ी कर ली हैं। कंपनी का ऑफिस चंडीगढ़ और पंचकूला में है। उनकी कंपनी के पास पहले से ही कनाडा, लंदन और दुबई में लाइसेंस हैं।
चंडीगढ़ में एक फार्मा कंपनी ने अपने 6 एम्प्लॉइज को क्रिसमस के तोहफे के तौर पर कारें गिफ्ट की हैं। इनमें एक कार की कीमत 6 लाख रुपए से भी ज्यादा है। यह पहला मौका नहीं है, जब कंपनी के मालिक ने कर्मचारियों को ऐसा गिफ्ट दिया हो। इससे पहले भी वह नए साल और दीवाली के मौके पर कर्मचारियों को कारें गिफ्ट कर चुके हैं। कंपनी मालिक एमके भाटिया ने कहा कि नए साल पर भी वह कर्मचारियों को कार गिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं। वह अब तक 100 से ज्यादा एम्प्लॉइज को कारें गिफ्ट कर चुके हैं। भाटिया ने कहा- सफलता उन्हें ही मिलती है, जो अपना काम पूरी निष्ठा, ईमानदारी और मेहनत से करते हैं। हर व्यक्ति को अपने जीवन और पेशे में धुरंधर बनना चाहिए, तभी वह सर्वश्रेष्ठ बन सकते हैं। उन्होंने अपने सहकर्मियों को संगठन की असली ताकत बताते हुए कहा कि कंपनी की प्रगति उनके समर्पण और इमानदार प्रयासों का परिणाम है। कार एम्प्लॉइज के नाम पर, जितनी EMI, उतनी सैलरी में बढ़ोतरी
कंपनी मालिक भाटिया ने बताया कि वह अच्छा काम करने वालों को सिलेक्ट कर कारें देते रहते हैं। पहले वह कंपनी के नाम पर गाड़ियां खरीदकर एम्प्लॉइज को देते थे। मगर अब सीधे उनके नाम पर ही लेते हैं। जिसके नाम पर गाड़ी ली, उसकी सैलरी उतनी बढ़ा देते हैं, जितनी कार की EMI यानी मासिक किस्त बनती है। इसके अलावा पेट्रोल का खर्चा उन्हें अलग से सैलरी में जोड़कर देते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ स्टाफ ही नहीं, बल्कि उनके पूरे बिजनेस की रीढ़ की हड्डी हैं। कार पाने वाले कर्मचारियों ने कहा कि इस तरह के कदम न केवल आर्थिक सहयोग देते हैं, बल्कि आत्मविश्वास और मनोबल को भी कई गुना बढ़ा देते हैं। यह प्रयास उन्हें और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता है। बाइक-ऑटो से कर्मचारियों को कार में लाने का सपना
एमके भाटिया ने बताया कि वह अपने कर्मचारियों को बाइक और ऑटो से उतारकर कार में लाना चाहते हैं। पिछले 3 वर्षों से अपने कर्मचारियों को कारें बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मेरा सपना पूरा हुआ तो कर्मचारियों के सपने भी पूरे होने चाहिए। गाड़ियां बांटने में उन्हें काफी खुशी होती है। सभी कर्मचारी जुनून से काम करते हैं, इसलिए उनके सपने पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल में 25 गाड़ियां गिफ्ट कर चुके हैं। पिछली दीपावली पर 13 गाड़ियां गिफ्ट की थीं। कभी दिवालिएपन की कगार पर थे भाटिया
कर्मचारियों को कार बांटकर सुर्खियां बटोर रहे एमके भाटिया मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। मुजफ्फरनगर में ही वह एक मेडिकल स्टोर चलाते थे। 2002 में काम में गिरावट आ गई और दिवालिया होने की कगार पर आ गए। तब उनके सिर पर करोड़ों रुपए का कर्ज था। चंडीगढ़ आए तो किस्मत बदल गई
भाटिया ने बताया कि इसके बाद 2015 में वह चंडीगढ़ आ गए। वहां फार्मा कंपनी शुरू की। इसके बाद उनका काम चल निकला। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह उनके एम्प्लॉइज हैं, जो पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं। इसके बाद कामयाबी पाते हुए उन्होंने अब 12 कंपनियां खड़ी कर ली हैं। कंपनी का ऑफिस चंडीगढ़ और पंचकूला में है। उनकी कंपनी के पास पहले से ही कनाडा, लंदन और दुबई में लाइसेंस हैं।