केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच सालों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत देशभर में 4.43 करोड़ जॉब कार्ड हटाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा बिहार में 1.04 करोड़ कार्ड डिलीट हुए है। दूसरे नंबर पर यूपी है, जहां 90.4 लाख जॉब कार्ड हटाए गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि कुल हटाए गए जॉब कार्ड में बिहार और उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 44% है। बिहार-यूपी के अलावा जिन 4 राज्यों में सबसे ज्यादा जॉब कार्ड डिलीट किए गए, उनमें ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल है। सरकार बोली- डिलीट कार्ड फर्जी, डुप्लीकेट या गलत जानकारियों वाले थे यह जानकारियां ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने राज्यसभा में सांसद तिरुचि शिवा के सवाल के लिखित जवाब में दी। मंत्री ने बताया कि जितने भी जॉब कार्ड डिलीट हुए, वे फर्जी, डुप्लीकेट या गलत जानकारियों वाले कार्ड थे और यह प्रक्रिया नियमित रूप से की जाती है। मंत्री ने बताया कि जिन परिवारों ने स्थायी रूप से पलायन कर लिया है, जिन ग्राम पंचायतों का शहरीकरण हो चुका है या जिन परिवारों में जॉब कार्ड का एकमात्र सदस्य मृत्यु को प्राप्त हो चुका है, ऐसे मामलों में भी कार्ड डिलीट किए गए हैं। सरकार ने बताया कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 25 जनवरी 2025 को एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की गई थी। केंद्र के मुताबिक, अगर किसी भी तरह का कन्फ्यूजन होता है इन SOP को देखा जा सकता है। मनरेगा का नाम वीबी-जी राम जी करने वाला बिल दोनों सदनों में पास 1 से 19 दिसंबर तक चले, संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा का नाम बदलकर ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), 2025’ (VB-जी राम जी) करने वाला बिल पास हो गया। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे संसद में पेश किया था। ये बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को रिप्लेस करेगा। नए बिल में कहा गया है कि इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। इसके तहत काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी। मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ संसद में विपक्ष का प्रदर्शन इस मुद्दे पर संसद परिसर में विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने अन्य विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर मनरेगा से जुड़े VB G RAM G विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा को कमजोर करना करोड़ों लोगों के रोजगार अधिकार पर असर डालता है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी विधेयक के विरोध में संसद परिसर में रातभर धरना दिया।
———————– बंगाल की जॉब-गारंटी योजना महात्मा गांधी के नाम पर होगी:ममता बोलीं- मनरेगा से बापू का नाम हटाना शर्मनाक रोजगार गारंटी स्कीम ‘मनरेगा’ से महात्मा गांधी का नाम हटाने के विवाद के बीच बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि बंगाल की रोजगार गारंटी योजना ‘कर्मश्री’ का नाम बदलकर महात्मा गांधी के नाम पर रखा जाएगा। ममता ने कहा कि यह कदम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान में लिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच सालों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत देशभर में 4.43 करोड़ जॉब कार्ड हटाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा बिहार में 1.04 करोड़ कार्ड डिलीट हुए है। दूसरे नंबर पर यूपी है, जहां 90.4 लाख जॉब कार्ड हटाए गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि कुल हटाए गए जॉब कार्ड में बिहार और उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 44% है। बिहार-यूपी के अलावा जिन 4 राज्यों में सबसे ज्यादा जॉब कार्ड डिलीट किए गए, उनमें ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल है। सरकार बोली- डिलीट कार्ड फर्जी, डुप्लीकेट या गलत जानकारियों वाले थे यह जानकारियां ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने राज्यसभा में सांसद तिरुचि शिवा के सवाल के लिखित जवाब में दी। मंत्री ने बताया कि जितने भी जॉब कार्ड डिलीट हुए, वे फर्जी, डुप्लीकेट या गलत जानकारियों वाले कार्ड थे और यह प्रक्रिया नियमित रूप से की जाती है। मंत्री ने बताया कि जिन परिवारों ने स्थायी रूप से पलायन कर लिया है, जिन ग्राम पंचायतों का शहरीकरण हो चुका है या जिन परिवारों में जॉब कार्ड का एकमात्र सदस्य मृत्यु को प्राप्त हो चुका है, ऐसे मामलों में भी कार्ड डिलीट किए गए हैं। सरकार ने बताया कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 25 जनवरी 2025 को एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की गई थी। केंद्र के मुताबिक, अगर किसी भी तरह का कन्फ्यूजन होता है इन SOP को देखा जा सकता है। मनरेगा का नाम वीबी-जी राम जी करने वाला बिल दोनों सदनों में पास 1 से 19 दिसंबर तक चले, संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा का नाम बदलकर ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), 2025’ (VB-जी राम जी) करने वाला बिल पास हो गया। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे संसद में पेश किया था। ये बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को रिप्लेस करेगा। नए बिल में कहा गया है कि इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। इसके तहत काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी। मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ संसद में विपक्ष का प्रदर्शन इस मुद्दे पर संसद परिसर में विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने अन्य विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर मनरेगा से जुड़े VB G RAM G विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा को कमजोर करना करोड़ों लोगों के रोजगार अधिकार पर असर डालता है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी विधेयक के विरोध में संसद परिसर में रातभर धरना दिया।
———————– बंगाल की जॉब-गारंटी योजना महात्मा गांधी के नाम पर होगी:ममता बोलीं- मनरेगा से बापू का नाम हटाना शर्मनाक रोजगार गारंटी स्कीम ‘मनरेगा’ से महात्मा गांधी का नाम हटाने के विवाद के बीच बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि बंगाल की रोजगार गारंटी योजना ‘कर्मश्री’ का नाम बदलकर महात्मा गांधी के नाम पर रखा जाएगा। ममता ने कहा कि यह कदम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान में लिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…