सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुनवाई की। कोर्ट ने NHAI और MCD को आदेश दिए कि दिल्ली बॉर्डर पर बने 9 टोल प्लाजा थोड़े समय के लिए बंद किए जाएं या किसी दूसरी जगह शिफ्ट किए जाएं। कोर्ट ने कहा कि इससे ट्रैफिक जाम कम होगा और पॉल्यूशन पर कंट्रोल होगा। कोर्ट ने MCD को एक हफ्ते में अपना फैसला लेने का समय दिया। सीजेआई सूर्यकांत के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि एयर पॉल्यूशन हर सर्दियों में बार-बार होता है। इसलिए CAQM को अपनी पुरानी पॉलिसी पर फिर से विचार करना चाहिए और एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए मजबूत लॉन्ग टर्म प्लान बनाना चाहिए। दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों के खिलाफ एक्शन की परमिशन मांगी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने 12 अगस्त के आदेश में बदलाव करते हुए साफ किया है कि अब दिल्ली-NCR में सिर्फ BS-IV और उससे नए वाहनों को ही छूट मिलेगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जिनका प्रदूषण स्तर बीएस-IV से नीचे का है। कोर्ट के 4 प्रमुख कमेंट्स… 7 हजार मजदूरों का वेरिफिकेशन पूरा दिल्ली सरकार की ओर से पेश ASG ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि 2.5 लाख पंजीकृत मजदूरों में से 7 हजार का वेरिफिकेशन हो चुका है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सहायता राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी। कोर्ट ने प्रक्रिया में गड़बड़ी पर सख्त चेतावनी दी। बेंच ने पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका को आगे की सुनवाई के लिए 6 जनवरी को लिस्ट किया है। बेंच ने कहा कि इस याचिका पर साल में कम से कम दो बार सुनवाई होनी चाहिए। BS-IV वाहन मानक स्तर के बारे जानें… BS-IV (भारत स्टेज-4) वाहन मानक सरकार द्वारा तय किए गए ऐसे नियम हैं, जिनका मकसद वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करना है। ये नियम BS-III से ज्यादा सख्त थे और 1 अप्रैल 2017 से पूरे देश में नए वाहनों पर लागू हुए। इसके तहत पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं, जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर, की सीमा तय की गई और सल्फर कम वाला ईंधन इस्तेमाल किया गया। इससे प्रदूषण घटाने में मदद मिली, हालांकि अब BS-VI इससे भी नए और सख्त मानक हैं। सरकार-प्राइवेट 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण के चलते भाजपा सरकार ने बुधवार को सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम नियम लागू कर दिया है। यानी अब सभी दफ्तरों में सिर्फ आधे कर्मचारी जाएंगे। आधे कर्मचारी घर से काम करेंगे। कपिल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में 16 दिनों तक ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का तीसरा फेज, (GRAP-3) लागू रहा। इस दौरान निर्माण कार्य बंद थे। इससे दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हुए हैं। दिल्ली सरकार सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में मुआवजे के तौर पर ₹10,000 ट्रांसफर करेगी। पूरी खबर पढ़ें… …………………………. दिल्ली-NCR प्रदूषण से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… दिल्ली में प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा: केवल BS-6 गाड़ियों को ही एंट्री दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 16 दिसंबर को कहा था कि गाड़ी की वैध PUC (Pollution Under Control Certificate) यानी प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना 18 दिसंबर से डीजल-पेट्रोल नहीं मिलेगा। दिल्ली में दूसरे राज्यों के BS-6 गाड़ियों के अलावा सभी गाड़ियों की एंट्री बंद कर दी गई है। कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह रोक लगाई है, कंस्ट्रक्शन का समान ले जा रहे वाहनों के चालान किए जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें…
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुनवाई की। कोर्ट ने NHAI और MCD को आदेश दिए कि दिल्ली बॉर्डर पर बने 9 टोल प्लाजा थोड़े समय के लिए बंद किए जाएं या किसी दूसरी जगह शिफ्ट किए जाएं। कोर्ट ने कहा कि इससे ट्रैफिक जाम कम होगा और पॉल्यूशन पर कंट्रोल होगा। कोर्ट ने MCD को एक हफ्ते में अपना फैसला लेने का समय दिया। सीजेआई सूर्यकांत के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि एयर पॉल्यूशन हर सर्दियों में बार-बार होता है। इसलिए CAQM को अपनी पुरानी पॉलिसी पर फिर से विचार करना चाहिए और एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए मजबूत लॉन्ग टर्म प्लान बनाना चाहिए। दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों के खिलाफ एक्शन की परमिशन मांगी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने 12 अगस्त के आदेश में बदलाव करते हुए साफ किया है कि अब दिल्ली-NCR में सिर्फ BS-IV और उससे नए वाहनों को ही छूट मिलेगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जिनका प्रदूषण स्तर बीएस-IV से नीचे का है। कोर्ट के 4 प्रमुख कमेंट्स… 7 हजार मजदूरों का वेरिफिकेशन पूरा दिल्ली सरकार की ओर से पेश ASG ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि 2.5 लाख पंजीकृत मजदूरों में से 7 हजार का वेरिफिकेशन हो चुका है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सहायता राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी। कोर्ट ने प्रक्रिया में गड़बड़ी पर सख्त चेतावनी दी। बेंच ने पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका को आगे की सुनवाई के लिए 6 जनवरी को लिस्ट किया है। बेंच ने कहा कि इस याचिका पर साल में कम से कम दो बार सुनवाई होनी चाहिए। BS-IV वाहन मानक स्तर के बारे जानें… BS-IV (भारत स्टेज-4) वाहन मानक सरकार द्वारा तय किए गए ऐसे नियम हैं, जिनका मकसद वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करना है। ये नियम BS-III से ज्यादा सख्त थे और 1 अप्रैल 2017 से पूरे देश में नए वाहनों पर लागू हुए। इसके तहत पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं, जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर, की सीमा तय की गई और सल्फर कम वाला ईंधन इस्तेमाल किया गया। इससे प्रदूषण घटाने में मदद मिली, हालांकि अब BS-VI इससे भी नए और सख्त मानक हैं। सरकार-प्राइवेट 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण के चलते भाजपा सरकार ने बुधवार को सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम नियम लागू कर दिया है। यानी अब सभी दफ्तरों में सिर्फ आधे कर्मचारी जाएंगे। आधे कर्मचारी घर से काम करेंगे। कपिल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में 16 दिनों तक ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का तीसरा फेज, (GRAP-3) लागू रहा। इस दौरान निर्माण कार्य बंद थे। इससे दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हुए हैं। दिल्ली सरकार सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में मुआवजे के तौर पर ₹10,000 ट्रांसफर करेगी। पूरी खबर पढ़ें… …………………………. दिल्ली-NCR प्रदूषण से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… दिल्ली में प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा: केवल BS-6 गाड़ियों को ही एंट्री दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 16 दिसंबर को कहा था कि गाड़ी की वैध PUC (Pollution Under Control Certificate) यानी प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना 18 दिसंबर से डीजल-पेट्रोल नहीं मिलेगा। दिल्ली में दूसरे राज्यों के BS-6 गाड़ियों के अलावा सभी गाड़ियों की एंट्री बंद कर दी गई है। कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह रोक लगाई है, कंस्ट्रक्शन का समान ले जा रहे वाहनों के चालान किए जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें…