रीवा जिले के डभौरा में पुलिस ने अवैध विस्फोटक की बड़ी खेप पकड़ी है। सोमवार रात पुलिस ने उत्तर प्रदेश से ट्रेन के जरिए विस्फोटक ला रहे एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 400 डेटोनेटर और केबल समेत अन्य सामग्री बरामद की गई है। दोनों आरोपी आपस में रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान को इस तस्करी की सूचना मिली थी। इसके बाद डभौरा थाना प्रभारी ऋषभ सिंह बघेल ने जाल बिछाया। आरोपी जैसे ही जनता एक्सप्रेस से डभौरा रेलवे स्टेशन उतरे और बाजार क्षेत्र में पहुंचे, पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें रोक लिया। तलाशी लेने पर उनके पास मौजूद दो थैलों में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली। डेटोनेटर एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट शरद सरवटे ने तस्वीरें देखकर इसे एक्सप्लोसिव बताया है। उनका कहना है कि ये बेहद खतरनाक हैं। अगर इस मात्रा में विस्फोट होता है तो चार से पांच किलोमीटर के दायरा प्रभावित होगा। मुख्य सरगना कोई और, मोहरे पकड़े गए
पुलिस का कहना है कि जो दो लोग पकड़े गए हैं, उनका कोई पुराना आपराधिक बैकग्राउंड नहीं है। इस विस्फोटक सामग्री का उपयोग वे खनिज उत्खनन के लिए करते थे। बाद में वे ट्रैक्टर के जरिए सप्लाई करते थे। ये छोटे तस्कर हैं, इनके पीछे कोई बड़ा मास्टरमाइंड हो सकता है। जिसका खुलासा होना अभी बाकी है। मानिकपुर से लाए थे खेप, बेचने की थी तैयारी
पकड़े गए आरोपियों की पहचान विनोद मांझी (निवासी सोहागी) और पूजा मांझी (निवासी छदेनी, जवा) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक दोनों उत्तर प्रदेश के मानिकपुर से यह खेप लेकर आए थे। शक है कि वे इस विस्फोटक का इस्तेमाल अवैध खनन या दूसरे गैरकानूनी कामों में करने वाले थे। थाना प्रभारी बोले- केस दर्ज कर जांच शुरू की
डभौरा थाना प्रभारी ऋषभ सिंह बघेल ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी यह विस्फोटक सामग्री क्षेत्र में अवैध रूप से बेचने के लिए लाए थे। आरोपियों के खिलाफ बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन करने वालों को बेचते थे विस्फोटक
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे विस्फोटक सामग्री अवैध खनन करने वालों को बेचते थे। अवैध खनन में डेटोनेटर का इस्तेमाल खनिज चट्टानों को तोड़ने के लिए किया जाता है, ताकि पत्थर या खनिज को आसानी से निकाला जा सके। आम तौर पर खनन माफिया बिना किसी वैध अनुमति और सुरक्षा मानकों के चट्टानों में विस्फोट कर देते हैं, जिससे कम समय में अधिक मात्रा में खनिज निकालने का रास्ता साफ हो जाता है। विस्फोटक सामग्री की खेप मानिकपुर से लाते थे
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह विस्फोटक सामग्री की खेप मानिकपुर से लेकर आते थे। इसके बाद जनता एक्सप्रेस में सवार होकर डभौरा रेलवे स्टेशन पहुंचते थे। आरोपियों ने बताया कि वह अवैध खनन करने वाले लोगों को विस्फोटक सामग्री बेचते हैं। वे पहले भी इसी तरह से खेप ला चुके हैं। चालाकी से बच निकलते थे। भारी मात्रा में विस्फोटक मिलना चिंताजनक- एक्सपर्ट
डेटोनेटर एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट शरद सरवटे के मुताबिक भारी मात्रा में डेटोनेटर मिलना चिंताजनक है। डेटोनेटर देखने के बाद ही उसकी क्षमता का आकलन किया जा सकता है। डेटोनेटर किस तरह का है यह भी देखना पड़ेगा। अगर उसके साथ केबल है तो इसका मतलब है कि वह एक्सप्लोसिव के लिए हो सकता है। दरअसल, डेटोनेटर एक्सप्लोसिव में इंसर्ट किया जाता है। इसके बाद ही विस्फोट के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। सरवटे ने तस्वीरें देखने के बाद बताया कि यह डेटोनेटर नहीं है यह एक्सप्लोसिव है। इसमें डेटोनेटर लगाने के बाद विस्फोट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डेटोनेटर छोटे होते हैं। फोटो पर से तो यह डेटोनेटर नहीं बल्कि एक्सप्लोसिव नजर आते हैं।
रीवा जिले के डभौरा में पुलिस ने अवैध विस्फोटक की बड़ी खेप पकड़ी है। सोमवार रात पुलिस ने उत्तर प्रदेश से ट्रेन के जरिए विस्फोटक ला रहे एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 400 डेटोनेटर और केबल समेत अन्य सामग्री बरामद की गई है। दोनों आरोपी आपस में रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान को इस तस्करी की सूचना मिली थी। इसके बाद डभौरा थाना प्रभारी ऋषभ सिंह बघेल ने जाल बिछाया। आरोपी जैसे ही जनता एक्सप्रेस से डभौरा रेलवे स्टेशन उतरे और बाजार क्षेत्र में पहुंचे, पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें रोक लिया। तलाशी लेने पर उनके पास मौजूद दो थैलों में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली। डेटोनेटर एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट शरद सरवटे ने तस्वीरें देखकर इसे एक्सप्लोसिव बताया है। उनका कहना है कि ये बेहद खतरनाक हैं। अगर इस मात्रा में विस्फोट होता है तो चार से पांच किलोमीटर के दायरा प्रभावित होगा। मुख्य सरगना कोई और, मोहरे पकड़े गए
पुलिस का कहना है कि जो दो लोग पकड़े गए हैं, उनका कोई पुराना आपराधिक बैकग्राउंड नहीं है। इस विस्फोटक सामग्री का उपयोग वे खनिज उत्खनन के लिए करते थे। बाद में वे ट्रैक्टर के जरिए सप्लाई करते थे। ये छोटे तस्कर हैं, इनके पीछे कोई बड़ा मास्टरमाइंड हो सकता है। जिसका खुलासा होना अभी बाकी है। मानिकपुर से लाए थे खेप, बेचने की थी तैयारी
पकड़े गए आरोपियों की पहचान विनोद मांझी (निवासी सोहागी) और पूजा मांझी (निवासी छदेनी, जवा) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक दोनों उत्तर प्रदेश के मानिकपुर से यह खेप लेकर आए थे। शक है कि वे इस विस्फोटक का इस्तेमाल अवैध खनन या दूसरे गैरकानूनी कामों में करने वाले थे। थाना प्रभारी बोले- केस दर्ज कर जांच शुरू की
डभौरा थाना प्रभारी ऋषभ सिंह बघेल ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी यह विस्फोटक सामग्री क्षेत्र में अवैध रूप से बेचने के लिए लाए थे। आरोपियों के खिलाफ बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन करने वालों को बेचते थे विस्फोटक
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे विस्फोटक सामग्री अवैध खनन करने वालों को बेचते थे। अवैध खनन में डेटोनेटर का इस्तेमाल खनिज चट्टानों को तोड़ने के लिए किया जाता है, ताकि पत्थर या खनिज को आसानी से निकाला जा सके। आम तौर पर खनन माफिया बिना किसी वैध अनुमति और सुरक्षा मानकों के चट्टानों में विस्फोट कर देते हैं, जिससे कम समय में अधिक मात्रा में खनिज निकालने का रास्ता साफ हो जाता है। विस्फोटक सामग्री की खेप मानिकपुर से लाते थे
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह विस्फोटक सामग्री की खेप मानिकपुर से लेकर आते थे। इसके बाद जनता एक्सप्रेस में सवार होकर डभौरा रेलवे स्टेशन पहुंचते थे। आरोपियों ने बताया कि वह अवैध खनन करने वाले लोगों को विस्फोटक सामग्री बेचते हैं। वे पहले भी इसी तरह से खेप ला चुके हैं। चालाकी से बच निकलते थे। भारी मात्रा में विस्फोटक मिलना चिंताजनक- एक्सपर्ट
डेटोनेटर एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट शरद सरवटे के मुताबिक भारी मात्रा में डेटोनेटर मिलना चिंताजनक है। डेटोनेटर देखने के बाद ही उसकी क्षमता का आकलन किया जा सकता है। डेटोनेटर किस तरह का है यह भी देखना पड़ेगा। अगर उसके साथ केबल है तो इसका मतलब है कि वह एक्सप्लोसिव के लिए हो सकता है। दरअसल, डेटोनेटर एक्सप्लोसिव में इंसर्ट किया जाता है। इसके बाद ही विस्फोट के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। सरवटे ने तस्वीरें देखने के बाद बताया कि यह डेटोनेटर नहीं है यह एक्सप्लोसिव है। इसमें डेटोनेटर लगाने के बाद विस्फोट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डेटोनेटर छोटे होते हैं। फोटो पर से तो यह डेटोनेटर नहीं बल्कि एक्सप्लोसिव नजर आते हैं।