राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू से मुलाकात कर अंबाला सिविल एन्क्लेव एयरपोर्ट के शीघ्र संचालन और हरियाणा में विमानन प्रशिक्षण अवसंरचना के विकास का विषय प्रमुखता से उठाया। चर्चा के दौरान कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि देश के सबसे पुराने हवाई अड्डों में से एक होने के बावजूद अंबाला में अब तक आरसीएस उड़ान योजना के तहत व्यावसायिक उड़ान सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में स्वीकृत यह परियोजना कई महत्वपूर्ण चरण पूरे कर चुकी है। जिनमें रक्षा मंत्रालय द्वारा ₹133 करोड़ मूल्य की भूमि का हस्तांतरण और अक्टूबर 2023 में हरियाणा सरकार द्वारा शिलान्यास शामिल है। 5 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ सांसद शर्मा ने जोर दिया कि अंबाला एयरपोर्ट के संचालन से अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल सहित आसपास के जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही यह हवाई अड्डा प्रतिकूल मौसम की स्थिति में चंडीगढ़ एयरपोर्ट के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ कार्तिकेय शर्मा ने हरियाणा के युवाओं के लिए विमानन कौशल और पायलट प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कालका–पिंजौर क्षेत्र में पायलट प्रशिक्षण और फ्लाइंग स्कूल हब विकसित करने और हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल एविएशन के विस्तार का प्रस्ताव रखा। ताकि राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती विमानन पेशेवरों की मांग को पूरा किया जा सके। पिंजौर में पायलट ट्रेनिंग पर भी चर्चा नागरिक उड्डयन मंत्री ने उठाए गए विषयों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए अंबाला एयरपोर्ट परियोजना की स्थिति और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तृत जानकारी दी। मंत्री ने क्षेत्रीय हवाई अड्डों के महत्व को स्वीकार करते हुए पिंजौर क्षेत्र में पायलट प्रशिक्षण और फ्लाइंग स्कूल से जुड़ी प्रस्तावनाओं पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। मंत्री की प्रतिक्रिया का स्वागत करते हुए कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इस तरह की सार्थक और केंद्रित चर्चाएं लंबे समय से लंबित परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में सहायक होती हैं। उन्होंने अंबाला और आसपास के क्षेत्रों के समग्र विकास, रोजगार सृजन और अवसंरचना सुदृढ़ीकरण के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।
राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू से मुलाकात कर अंबाला सिविल एन्क्लेव एयरपोर्ट के शीघ्र संचालन और हरियाणा में विमानन प्रशिक्षण अवसंरचना के विकास का विषय प्रमुखता से उठाया। चर्चा के दौरान कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि देश के सबसे पुराने हवाई अड्डों में से एक होने के बावजूद अंबाला में अब तक आरसीएस उड़ान योजना के तहत व्यावसायिक उड़ान सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में स्वीकृत यह परियोजना कई महत्वपूर्ण चरण पूरे कर चुकी है। जिनमें रक्षा मंत्रालय द्वारा ₹133 करोड़ मूल्य की भूमि का हस्तांतरण और अक्टूबर 2023 में हरियाणा सरकार द्वारा शिलान्यास शामिल है। 5 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ सांसद शर्मा ने जोर दिया कि अंबाला एयरपोर्ट के संचालन से अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल सहित आसपास के जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही यह हवाई अड्डा प्रतिकूल मौसम की स्थिति में चंडीगढ़ एयरपोर्ट के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ कार्तिकेय शर्मा ने हरियाणा के युवाओं के लिए विमानन कौशल और पायलट प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कालका–पिंजौर क्षेत्र में पायलट प्रशिक्षण और फ्लाइंग स्कूल हब विकसित करने और हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल एविएशन के विस्तार का प्रस्ताव रखा। ताकि राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती विमानन पेशेवरों की मांग को पूरा किया जा सके। पिंजौर में पायलट ट्रेनिंग पर भी चर्चा नागरिक उड्डयन मंत्री ने उठाए गए विषयों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए अंबाला एयरपोर्ट परियोजना की स्थिति और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तृत जानकारी दी। मंत्री ने क्षेत्रीय हवाई अड्डों के महत्व को स्वीकार करते हुए पिंजौर क्षेत्र में पायलट प्रशिक्षण और फ्लाइंग स्कूल से जुड़ी प्रस्तावनाओं पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। मंत्री की प्रतिक्रिया का स्वागत करते हुए कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इस तरह की सार्थक और केंद्रित चर्चाएं लंबे समय से लंबित परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में सहायक होती हैं। उन्होंने अंबाला और आसपास के क्षेत्रों के समग्र विकास, रोजगार सृजन और अवसंरचना सुदृढ़ीकरण के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।