भरतपुर से नवजात को ऑक्सीजन सपोर्ट पर जयपुर ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। पिता का आरोप है कि जयपुर पहुंचने से पहले बस्सी के पास एम्बुलेंस में सिलेंडर की ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। एक दिन के मासूम ने उसकी गोद में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। आरोपी एंबुलेंस ड्राइवर दोनों को बस्सी के सरकारी हॉस्पिटल में छोड़कर फरार हो गया। बस्सी पुलिस ने न तो मामला दर्ज किया और न पिता की मदद की। पुलिसवालों ने पिता को बेटे की लाश के साथ बस में बैठाकर वापस भरतपुर भेज दिया। घटना शुक्रवार शाम की है। बच्चे के सांस लेने में परेशानी थी जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र निवासी मुकेश ने बताया कि उसके बेटे का जन्म गुरुवार (11 दिसंबर) को बयाना (भरतपुर) के सरकारी हॉस्पिटल में हुआ था। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ थी। उसी दिन उसे भरतपुर के जनाना हॉस्पिटल में रेफर कर दिया था। वहां से बच्चे को 12 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे जयपुर रेफर किया गया। पिता ने बताया कि बच्चे को मैं एम्बुलेंस से जयपुर के हॉस्पिटल लेकर जा रहा था। एम्बुलेंस में रखे सिलेंडर से जुड़ी नली से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही थी। रास्ते में करीब 12.30 बजे बस्सी (जयपुर) के पास सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो गई। बच्चा तड़पने लगा। इसके बाद बच्चे की मौत हो गई। हॉस्पिटल में छोड़कर फरार हुआ ड्राइवर नवजात के पिता ने बताया कि एम्बुलेंस ड्राइवर ने बच्चे को देखा तो वह हमें बस्सी के अस्पताल ले गया और वहां से फरार हो गया।इसके बाद वह अपने नवजात के शव को लेकर अस्पताल परिसर में बैठा रहा। बस्सी पुलिस को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। घटना की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एम्बुलेंस को जब्त कर लिया है। FIR नहीं, बच्चे के शव के साथ बस में बैठाया मुकेश ने आरोप लगाया कि बस्सी पुलिस ने उससे कहा कि इस मामले में यहां एफआईआर दर्ज नहीं होगी। इसके बाद पुलिस ने उसे उसके बच्चे के शव के साथ एक बस में बैठा दिया। बस से वह रात करीब 9 बजे भरतपुर के जनाना अस्पताल पहुंचा। जहां वह अस्पताल प्रशासन को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देना चाहता था, लेकिन वहां से भी उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद मथुरा गेट थाने पहुंचा, जहां पुलिस ने बताया कि एफआईआर बस्सी थाने में ही दर्ज होगी। इसके बाद बच्चे के शव को लेकर गांव आ गया, जहां रात में ही नवजात का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने भी नहीं की कोई सुनवाई मुकेश कुमार ने बताया- मैं बच्चे के शव को लेकर भरतपुर के जनाना अस्पताल पहुंचा। वहां मौजूद स्टाफ को सारी घटना के बारे में बताया। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद मैं मथुरा गेट अस्पताल पहुंचा। पुलिस ने बताया कि आपकी FIR बस्सी थाने में होगी। तब मैं बच्चे के शव को लेकर अपने गांव पहुंच गया। रात में ही बच्चे के शव को दफना दिया गया है। ….
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जयपुर में मरीज को एम्बुलेंस में छोड़कर भागा ड्राइवर, मौत:ऑक्सीजन नहीं होने पर भड़के थे परिजन, तोड़फोड़ और हंगामा जयपुर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल की लापरवाही से महिला मरीज की एम्बुलेंस में मौत हो गई। मरीज को सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS) रेफर किया गया था। पूरी खबर पढ़िए
भरतपुर से नवजात को ऑक्सीजन सपोर्ट पर जयपुर ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। पिता का आरोप है कि जयपुर पहुंचने से पहले बस्सी के पास एम्बुलेंस में सिलेंडर की ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। एक दिन के मासूम ने उसकी गोद में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। आरोपी एंबुलेंस ड्राइवर दोनों को बस्सी के सरकारी हॉस्पिटल में छोड़कर फरार हो गया। बस्सी पुलिस ने न तो मामला दर्ज किया और न पिता की मदद की। पुलिसवालों ने पिता को बेटे की लाश के साथ बस में बैठाकर वापस भरतपुर भेज दिया। घटना शुक्रवार शाम की है। बच्चे के सांस लेने में परेशानी थी जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र निवासी मुकेश ने बताया कि उसके बेटे का जन्म गुरुवार (11 दिसंबर) को बयाना (भरतपुर) के सरकारी हॉस्पिटल में हुआ था। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ थी। उसी दिन उसे भरतपुर के जनाना हॉस्पिटल में रेफर कर दिया था। वहां से बच्चे को 12 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे जयपुर रेफर किया गया। पिता ने बताया कि बच्चे को मैं एम्बुलेंस से जयपुर के हॉस्पिटल लेकर जा रहा था। एम्बुलेंस में रखे सिलेंडर से जुड़ी नली से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही थी। रास्ते में करीब 12.30 बजे बस्सी (जयपुर) के पास सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो गई। बच्चा तड़पने लगा। इसके बाद बच्चे की मौत हो गई। हॉस्पिटल में छोड़कर फरार हुआ ड्राइवर नवजात के पिता ने बताया कि एम्बुलेंस ड्राइवर ने बच्चे को देखा तो वह हमें बस्सी के अस्पताल ले गया और वहां से फरार हो गया।इसके बाद वह अपने नवजात के शव को लेकर अस्पताल परिसर में बैठा रहा। बस्सी पुलिस को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। घटना की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एम्बुलेंस को जब्त कर लिया है। FIR नहीं, बच्चे के शव के साथ बस में बैठाया मुकेश ने आरोप लगाया कि बस्सी पुलिस ने उससे कहा कि इस मामले में यहां एफआईआर दर्ज नहीं होगी। इसके बाद पुलिस ने उसे उसके बच्चे के शव के साथ एक बस में बैठा दिया। बस से वह रात करीब 9 बजे भरतपुर के जनाना अस्पताल पहुंचा। जहां वह अस्पताल प्रशासन को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देना चाहता था, लेकिन वहां से भी उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद मथुरा गेट थाने पहुंचा, जहां पुलिस ने बताया कि एफआईआर बस्सी थाने में ही दर्ज होगी। इसके बाद बच्चे के शव को लेकर गांव आ गया, जहां रात में ही नवजात का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने भी नहीं की कोई सुनवाई मुकेश कुमार ने बताया- मैं बच्चे के शव को लेकर भरतपुर के जनाना अस्पताल पहुंचा। वहां मौजूद स्टाफ को सारी घटना के बारे में बताया। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद मैं मथुरा गेट अस्पताल पहुंचा। पुलिस ने बताया कि आपकी FIR बस्सी थाने में होगी। तब मैं बच्चे के शव को लेकर अपने गांव पहुंच गया। रात में ही बच्चे के शव को दफना दिया गया है। ….
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