हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की 2 दिन की हड़ताल के बावजूद प्रदेश सरकार सभी मांगें मानने को तैयार नहीं हुई है। सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए डॉक्टरों की हड़ताल पर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिए आवश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) का सहारा लिया गया है। दूसरी तरफ हरियाणा सिविल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMSA) एक्शन कमेटी ने घोषणा की है कि हड़ताल आगे भी जारी रहेगी। साथ ही पंचकूला में कई डॉक्टर आमरण अनशन पर भी बैठेंगे। पिछले साल भी सरकारी डॉक्टरों ने 24 से 27 जुलाई तक हड़ताल की थी। तब सरकार से बातचीत के बाद सहमति बन गई थी। तब सरकार ने सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) पदों पर सीधी भर्ती न करने और एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) में बदलाव पर सहमति जताई थी। साथ ही 15 अगस्त 2024 तक इसकी नोटिफिकेशन जारी करने का वादा किया था। अब सरकार की ओर से SMO पदों पर भर्ती का लेटर जारी होते ही मामला फिर भड़क गया। बताया जा रहा है कि ACP में बदलाव की मांग मानने पर करीब 10 करोड़ रुपए सालाना आर्थिक भार ही बढ़ना है। मगर सरकार को अंदेशा है कि डॉक्टरों के बाद फिर बाकी विभागों के कर्मी भी ये मांग करने लगेंगे। सबसे पहले डॉक्टरों की 2 बड़ी मांग हैं क्या… 1. SMO पदों को प्रमोशन से भरें
SMO को सीधी भर्ती से भरने की बजाय मेडिकल ऑफिसर्स को प्रमोशन देकर भरा जाए। डॉक्टरों का तर्क है कि सीधी भर्ती से उनके प्रमोशन के मौके खत्म होंगे, जिससे करियर ग्रोथ रुक जाएगी। कई डॉक्टर पूरी सर्विस में एक ही पद पर अटक जाएंगे। 2. ACP में बदलाव हो
पिछले साल हरियाणा के डाक्टर्स ने बिहार व दिल्ली की तर्ज पर चार एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) 4, 9, 13 और 20 साल की सर्विस पर मांगी थी। सरकार वर्तमान में मिल रही 5, 10 व 15 साल की ACP में ही बदलाव करने पर राजी हुई। 5 साल पर पहले जैसे 6600 रुपए, 10 साल की सर्विस पर 7600 की जगह 8000 रुपए और 15 साल की ACP 8700 रुपए की बजाए 9500 रुपए देना तय हुई, लेकिन नोटिफिकेशन नहीं किया। अब जानिए सरकार का इन मांगों पर तर्क क्या… 1. SMO के 150 पद खाली पड़े
हरियाणा में पहले से ही SMO की सीधी भर्ती होती रही हैं। 2012 के बाद सूबे में अभी तक एक बार भी SMO की सीधी भर्ती नहीं हुई है। इसके कारण इस पद पर 150 पद खाली पड़े हुए हैं। 2. भर्ती में 25-75 का फॉर्मूला
हरियाणा के हेल्थ डिपार्टमेंट में SMO की भर्ती दो तरह से की जाती हैं। 25% सीटें सरकार डायरेक्ट भर्ती है और 75 प्रतिशत सीटें प्रमोशन से भरी जाती हैं। कुछ सीनियर अधिकारियों का तर्क है कि सीधी भर्ती पर रोक लगाने के लिए सरकार को नियमों में संशोधन करना होगा। हेल्थ विभाग के अलावा भी अन्य विभागों में इस ग्रेड की नौकरियां सीधी भर्ती से ही जाती हैं। एक चिट्ठी के बाद शुरू हुआ आंदोलन
पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारियों की बैठक की मिनिट्स का लेटर सामने आया। जिसमें SMO की सीधी भर्ती का फैसला था। इससे बाद HCMSA ने सीधी भर्ती रोकने और ACP में बदलाव की मांग को लेकर सीएम व हेल्थ मिनिस्टर को ज्ञापन भेजा। 27 नवंबर को दो घंटे ओपीडी ठप रखी गई। फिर 30 नवंबर को बैठक में 8 व 9 दिसंबर को हड़ताल का फैसला लिया। 5 दिसंबर को चंडीगढ़ में 3 दौर की बैठक हुई लेकिन बातचीत सिरे नहीं चढ़ी। सरकार SMO की सीधी भर्ती रोकने पर राजी हुई लेकिन ACP पर नहीं मानी। 2 दिन में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखा…
8 और 9 दिसंबर को डॉक्टरों ने हड़ताल की। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवाओं तक असर दिखा। कई जगह पोस्टमॉर्टम तक रुक गए। महेंद्रगढ़ में बच्ची का पोस्टमॉर्टम न होने पर नारनौल रेफर किया गया। अल्ट्रासाउंड-एक्सरे के लिए मरीज भटकते दिखे। भिवानी, करनाल, झज्जर, हिसार, फतेहाबाद और गुरुग्राम में हड़ताल के कारण अव्यवस्था की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने धारा 163 लागू कर दी और किसी भी तरह के धरने-प्रदर्शन पर रोक लगा दी। स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखने की सरकारी की तैयारी क्या
हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए, सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। DMER से लगभग 540 डॉक्टर, आयुष विभाग से 500 डॉक्टर, ESI से 75 डॉक्टर, आयुष्मान भारत से संबद्ध निजी अस्पतालों से 300 डॉक्टर और NHM से 490 डॉक्टरों को विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात किया गया है। CM बोले- डॉक्टर भगवान, उनकी बात को सुना जाएगा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि डॉक्टरों को भगवान की संज्ञा दी जाती है। यह मानवता की सेवा का पेशा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी डॉक्टरों की कई मांगें सरकार द्वारा पूरी की गई हैं। वर्तमान में हमारे मंत्रीगण और अधिकारीगण उनसे बातचीत कर रहे हैं। उनकी सभी बातों को सुना जाएगा और किसी के अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा।
हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की 2 दिन की हड़ताल के बावजूद प्रदेश सरकार सभी मांगें मानने को तैयार नहीं हुई है। सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए डॉक्टरों की हड़ताल पर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिए आवश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) का सहारा लिया गया है। दूसरी तरफ हरियाणा सिविल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMSA) एक्शन कमेटी ने घोषणा की है कि हड़ताल आगे भी जारी रहेगी। साथ ही पंचकूला में कई डॉक्टर आमरण अनशन पर भी बैठेंगे। पिछले साल भी सरकारी डॉक्टरों ने 24 से 27 जुलाई तक हड़ताल की थी। तब सरकार से बातचीत के बाद सहमति बन गई थी। तब सरकार ने सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) पदों पर सीधी भर्ती न करने और एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) में बदलाव पर सहमति जताई थी। साथ ही 15 अगस्त 2024 तक इसकी नोटिफिकेशन जारी करने का वादा किया था। अब सरकार की ओर से SMO पदों पर भर्ती का लेटर जारी होते ही मामला फिर भड़क गया। बताया जा रहा है कि ACP में बदलाव की मांग मानने पर करीब 10 करोड़ रुपए सालाना आर्थिक भार ही बढ़ना है। मगर सरकार को अंदेशा है कि डॉक्टरों के बाद फिर बाकी विभागों के कर्मी भी ये मांग करने लगेंगे। सबसे पहले डॉक्टरों की 2 बड़ी मांग हैं क्या… 1. SMO पदों को प्रमोशन से भरें
SMO को सीधी भर्ती से भरने की बजाय मेडिकल ऑफिसर्स को प्रमोशन देकर भरा जाए। डॉक्टरों का तर्क है कि सीधी भर्ती से उनके प्रमोशन के मौके खत्म होंगे, जिससे करियर ग्रोथ रुक जाएगी। कई डॉक्टर पूरी सर्विस में एक ही पद पर अटक जाएंगे। 2. ACP में बदलाव हो
पिछले साल हरियाणा के डाक्टर्स ने बिहार व दिल्ली की तर्ज पर चार एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) 4, 9, 13 और 20 साल की सर्विस पर मांगी थी। सरकार वर्तमान में मिल रही 5, 10 व 15 साल की ACP में ही बदलाव करने पर राजी हुई। 5 साल पर पहले जैसे 6600 रुपए, 10 साल की सर्विस पर 7600 की जगह 8000 रुपए और 15 साल की ACP 8700 रुपए की बजाए 9500 रुपए देना तय हुई, लेकिन नोटिफिकेशन नहीं किया। अब जानिए सरकार का इन मांगों पर तर्क क्या… 1. SMO के 150 पद खाली पड़े
हरियाणा में पहले से ही SMO की सीधी भर्ती होती रही हैं। 2012 के बाद सूबे में अभी तक एक बार भी SMO की सीधी भर्ती नहीं हुई है। इसके कारण इस पद पर 150 पद खाली पड़े हुए हैं। 2. भर्ती में 25-75 का फॉर्मूला
हरियाणा के हेल्थ डिपार्टमेंट में SMO की भर्ती दो तरह से की जाती हैं। 25% सीटें सरकार डायरेक्ट भर्ती है और 75 प्रतिशत सीटें प्रमोशन से भरी जाती हैं। कुछ सीनियर अधिकारियों का तर्क है कि सीधी भर्ती पर रोक लगाने के लिए सरकार को नियमों में संशोधन करना होगा। हेल्थ विभाग के अलावा भी अन्य विभागों में इस ग्रेड की नौकरियां सीधी भर्ती से ही जाती हैं। एक चिट्ठी के बाद शुरू हुआ आंदोलन
पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारियों की बैठक की मिनिट्स का लेटर सामने आया। जिसमें SMO की सीधी भर्ती का फैसला था। इससे बाद HCMSA ने सीधी भर्ती रोकने और ACP में बदलाव की मांग को लेकर सीएम व हेल्थ मिनिस्टर को ज्ञापन भेजा। 27 नवंबर को दो घंटे ओपीडी ठप रखी गई। फिर 30 नवंबर को बैठक में 8 व 9 दिसंबर को हड़ताल का फैसला लिया। 5 दिसंबर को चंडीगढ़ में 3 दौर की बैठक हुई लेकिन बातचीत सिरे नहीं चढ़ी। सरकार SMO की सीधी भर्ती रोकने पर राजी हुई लेकिन ACP पर नहीं मानी। 2 दिन में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखा…
8 और 9 दिसंबर को डॉक्टरों ने हड़ताल की। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवाओं तक असर दिखा। कई जगह पोस्टमॉर्टम तक रुक गए। महेंद्रगढ़ में बच्ची का पोस्टमॉर्टम न होने पर नारनौल रेफर किया गया। अल्ट्रासाउंड-एक्सरे के लिए मरीज भटकते दिखे। भिवानी, करनाल, झज्जर, हिसार, फतेहाबाद और गुरुग्राम में हड़ताल के कारण अव्यवस्था की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने धारा 163 लागू कर दी और किसी भी तरह के धरने-प्रदर्शन पर रोक लगा दी। स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखने की सरकारी की तैयारी क्या
हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए, सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। DMER से लगभग 540 डॉक्टर, आयुष विभाग से 500 डॉक्टर, ESI से 75 डॉक्टर, आयुष्मान भारत से संबद्ध निजी अस्पतालों से 300 डॉक्टर और NHM से 490 डॉक्टरों को विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात किया गया है। CM बोले- डॉक्टर भगवान, उनकी बात को सुना जाएगा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि डॉक्टरों को भगवान की संज्ञा दी जाती है। यह मानवता की सेवा का पेशा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी डॉक्टरों की कई मांगें सरकार द्वारा पूरी की गई हैं। वर्तमान में हमारे मंत्रीगण और अधिकारीगण उनसे बातचीत कर रहे हैं। उनकी सभी बातों को सुना जाएगा और किसी के अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा।