इंडिगो संकट के बीच सरकार ने शनिवार को एयरलाइन्स के मनमाने किराए पर रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि सभी एयरलाइन्स फेयर कैप यानी अधिकतम किराया सीमा से ज्यादा कीमत पर टिकट नहीं बेच सकती। सरकार ने बताया कि यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते। इस कदम का मकसद एयरफेयर में अनियमितता रोकना, बाजार में प्राइसिंग डिसिप्लिन बनाए रखना और संकट में फंसे यात्रियों का शोषण रोकना है। अब कोई भी एयरलाइन 500 किमी की दूरी तक 7500 रुपए, 500-1000 किमी तक 12 हजार रुपए से ज्यादा किराया नहीं ले पाएगी। वहीं, अधिकतम किराया 18 हजार रुपए तय किया गया है। हालांकि ये किराया सीमा बिजनेस क्लास के लिए लागू नहीं होगी। 10 गुना तक कीमत में मिल रहे थे टिकट इंडिगो की फ्लाइट्स में बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन और देरी के बाद फ्लाइट्स का किराए में उछाल देखने को मिला था। यात्रियों को ऑप्शनल फ्लाइट्स की तलाश में सामान्य से दस गुनी कीमत पर टिकट खरीदने पड़ रहे थे। बुकिंग साइट MakeMyTrip के अनुसार, 6 दिसंबर को दिल्ली से बेंगलुरु की सबसे सस्ती फ्लाइट की कीमत 40,000 रुपए से ज्यादा है, जबकि कुछ फ्लाइट्स का किराया 80,000 रुपए तक हैं। दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट का न्यूनतम किराया 36,107 रुपए और अधिकतम 56,000 रुपए है। वहीं दिल्ली-चेन्नई की देर रात की फ्लाइट्स का किराया 62,000 से 82,000 रुपए तक पहुंच गया।
कल तक किराया वापसी और 48 घंटे में लगेज लौटाने के निर्देश इसके साथ ही सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (MoCA) ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि वह कल (रविवार) रात 8 बजे तक सभी पेंडिंग पैसेंजर रिफंड वापस करे। पैसेंजर के लगेज भी 48 घंटे में लौटाए। इसके अलावा, सरकार ने दूसरी एयरलाइन से कहा कि वह तय हवाई किराए से ज्यादा ना लें। अगर निर्देशों को नहीं माना गया तो तुरंत एक्शन लिया जाएगा। केंद्र ने इंडिगो को राहत दी, वीकली रेस्ट का आदेश वापस केंद्र सरकार शुक्रवार को बैकफुट पर आ गई थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयलाइंस, खासकर इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत दी। वीकली रेस्ट के बदले कोई भी छुट्टी नहीं देने के फैसले को वापस ले लिया। इंडिगो का दावा है कि इस नियम की वजह से पायलटों और अन्य स्टाफ की कमी हुई थी और पूरा ऑपरेशन प्रभावित हुआ। इसे दुरुस्त करने समय लगेगा। DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियम, फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) का दूसरा फेज लागू किया था। पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ था। DGCA के वो नए नियम, जिससे इंडिगो में स्टाफ क्राइसिस हुई DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियमों में बदलाव किए हथे। इसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नाम दिया गया है। इन्हें दो चरणों में लागू किया गया। पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ। वहीं 1 नवंबर से दूसरा चरण लागू हुआ। नए नियमों में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पायलटों और क्रू को पर्याप्त आराम देने पर जोर दिया गया है। इस कारण एयरलाइन कंपनियों के पास पायलटों और क्रू मेंबर्स की अचानक कमी पड़ गई है। DGCA ने बताया कि नवंबर में इंडिगो की कुल 1,232 उड़ानें कैंसिल की गईं, जिनमें FDTL नियमों के कारण 755 उड़ानें शामिल हैं।
इंडिगो के पास सबसे ज्यादा प्लेन, इसलिए ज्यादा असर एयरलाइन दिन भर में लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ऑपरेट करती है। यह संख्या एअर इंडिया के एक दिन में संचालित उड़ानों की लगभग दोगुनी है। इतने बड़े पैमाने पर यदि 10–20 प्रतिशत उड़ानें भी देर से चलें या रद्द हों, तो इसका मतलब होता है 200–400 उड़ानें प्रभावित होना। हजारों यात्रियों के लिए बड़ी मुश्किलें आना। बुधवार को भी इंडिगो की 200 से ज्यादा उड़ानों पर असर पड़ा था। DGCA के अनुसार, क्रू की कमी इसकी मुख्य वजह है। इंडिगो में यह दिक्कत पिछले महीने से चल रही है। नवंबर में इसकी 1232 उड़ानें रद्द हुईं। मंगलवार को 1400 उड़ानें देरी से चलीं। बच्चे-बूढ़े परेशान, सीढ़ियों-कुर्सियों पर रात गुजारी… 6 तस्वीरों में देखिए देश की 60% घरेलू उड़ानें इंडिगो के पास
———————————- ये खबर भी पढ़ें… एअर इंडिया ने एक्सपायर फिटनेस सर्टिफिकेट वाला प्लेन उड़ाया: विमान ने 8 रूट्स पर उड़ान भरी एअर इंडिया ने अपने A-320 नियो प्लेन को फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर होने के बाद भी 8 रूट्स पर उड़ाया। 26 नवंबर को एयरलाइन ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को इसकी जानकारी दी।मामला सामने के बाद DGCA ने प्लेन की उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। पूरी खबर पढ़ें…
इंडिगो संकट के बीच सरकार ने शनिवार को एयरलाइन्स के मनमाने किराए पर रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि सभी एयरलाइन्स फेयर कैप यानी अधिकतम किराया सीमा से ज्यादा कीमत पर टिकट नहीं बेच सकती। सरकार ने बताया कि यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते। इस कदम का मकसद एयरफेयर में अनियमितता रोकना, बाजार में प्राइसिंग डिसिप्लिन बनाए रखना और संकट में फंसे यात्रियों का शोषण रोकना है। अब कोई भी एयरलाइन 500 किमी की दूरी तक 7500 रुपए, 500-1000 किमी तक 12 हजार रुपए से ज्यादा किराया नहीं ले पाएगी। वहीं, अधिकतम किराया 18 हजार रुपए तय किया गया है। हालांकि ये किराया सीमा बिजनेस क्लास के लिए लागू नहीं होगी। 10 गुना तक कीमत में मिल रहे थे टिकट इंडिगो की फ्लाइट्स में बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन और देरी के बाद फ्लाइट्स का किराए में उछाल देखने को मिला था। यात्रियों को ऑप्शनल फ्लाइट्स की तलाश में सामान्य से दस गुनी कीमत पर टिकट खरीदने पड़ रहे थे। बुकिंग साइट MakeMyTrip के अनुसार, 6 दिसंबर को दिल्ली से बेंगलुरु की सबसे सस्ती फ्लाइट की कीमत 40,000 रुपए से ज्यादा है, जबकि कुछ फ्लाइट्स का किराया 80,000 रुपए तक हैं। दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट का न्यूनतम किराया 36,107 रुपए और अधिकतम 56,000 रुपए है। वहीं दिल्ली-चेन्नई की देर रात की फ्लाइट्स का किराया 62,000 से 82,000 रुपए तक पहुंच गया।
कल तक किराया वापसी और 48 घंटे में लगेज लौटाने के निर्देश इसके साथ ही सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (MoCA) ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि वह कल (रविवार) रात 8 बजे तक सभी पेंडिंग पैसेंजर रिफंड वापस करे। पैसेंजर के लगेज भी 48 घंटे में लौटाए। इसके अलावा, सरकार ने दूसरी एयरलाइन से कहा कि वह तय हवाई किराए से ज्यादा ना लें। अगर निर्देशों को नहीं माना गया तो तुरंत एक्शन लिया जाएगा। केंद्र ने इंडिगो को राहत दी, वीकली रेस्ट का आदेश वापस केंद्र सरकार शुक्रवार को बैकफुट पर आ गई थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयलाइंस, खासकर इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत दी। वीकली रेस्ट के बदले कोई भी छुट्टी नहीं देने के फैसले को वापस ले लिया। इंडिगो का दावा है कि इस नियम की वजह से पायलटों और अन्य स्टाफ की कमी हुई थी और पूरा ऑपरेशन प्रभावित हुआ। इसे दुरुस्त करने समय लगेगा। DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियम, फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) का दूसरा फेज लागू किया था। पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ था। DGCA के वो नए नियम, जिससे इंडिगो में स्टाफ क्राइसिस हुई DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियमों में बदलाव किए हथे। इसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नाम दिया गया है। इन्हें दो चरणों में लागू किया गया। पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ। वहीं 1 नवंबर से दूसरा चरण लागू हुआ। नए नियमों में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पायलटों और क्रू को पर्याप्त आराम देने पर जोर दिया गया है। इस कारण एयरलाइन कंपनियों के पास पायलटों और क्रू मेंबर्स की अचानक कमी पड़ गई है। DGCA ने बताया कि नवंबर में इंडिगो की कुल 1,232 उड़ानें कैंसिल की गईं, जिनमें FDTL नियमों के कारण 755 उड़ानें शामिल हैं।
इंडिगो के पास सबसे ज्यादा प्लेन, इसलिए ज्यादा असर एयरलाइन दिन भर में लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ऑपरेट करती है। यह संख्या एअर इंडिया के एक दिन में संचालित उड़ानों की लगभग दोगुनी है। इतने बड़े पैमाने पर यदि 10–20 प्रतिशत उड़ानें भी देर से चलें या रद्द हों, तो इसका मतलब होता है 200–400 उड़ानें प्रभावित होना। हजारों यात्रियों के लिए बड़ी मुश्किलें आना। बुधवार को भी इंडिगो की 200 से ज्यादा उड़ानों पर असर पड़ा था। DGCA के अनुसार, क्रू की कमी इसकी मुख्य वजह है। इंडिगो में यह दिक्कत पिछले महीने से चल रही है। नवंबर में इसकी 1232 उड़ानें रद्द हुईं। मंगलवार को 1400 उड़ानें देरी से चलीं। बच्चे-बूढ़े परेशान, सीढ़ियों-कुर्सियों पर रात गुजारी… 6 तस्वीरों में देखिए देश की 60% घरेलू उड़ानें इंडिगो के पास
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