चंडीगढ़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जतिंदरपाल मलहोत्रा द्वारा कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अनपढ़ कहने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस इस बयान को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता पुतले फूंक रहे हैं, बैठकें कर रहे हैं और कॉलोनियों में जाकर लोगों को मलहोत्रा का बयान सुनवा रहे हैं। विवाद की शुरुआत तब हुई, जब कांग्रेस ने चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस द्वारा एस्टेट सेक्रेटरी को भेजे एक लेटर को लेकर किरायेदारी और मलकियत से जुड़े मुद्दे उठाए। इसके जवाब में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपों का खंडन किया। इसी दौरान उन्होंने कहा कि कॉलोनियों में रहने वाले लोग कम पढ़े-लिखे या अनपढ़ हैं, जो विपक्ष के बहकावे में आ जाते हैं। इस बयान के बाद कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है और मलहोत्रा से सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग कर रही है। शहर की कई कॉलोनियों में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन जारी हैं। 2 पॉइंट में पढ़िए क्या है फ्लैट्स विवाद… अब पढ़िए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के बयान पर रार क्यों… यूटी एस्टेट ऑफिस लेगा फैसला
शहर में ऐसी 18 कालोनियों में 13500 घर हैं, जिसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसमें से बहुत से लोग भवन निर्माण करने वाले मजदूर, या इसके बाद शहर में आकर छोटे मोटे काम करने वाले लोग हैं। जिन्हें स्लम कालोनियों से हटाकर दोबारा से बसाया गया था। अब वह इसके मालिकाना हक की मांग कर रहे हैं। जिस पर यूटी एस्टेट कार्यालय और हाउसिंग बोर्ड कार्यालय की तरफ से फैसला लिया जाना है।
चंडीगढ़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जतिंदरपाल मलहोत्रा द्वारा कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अनपढ़ कहने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस इस बयान को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता पुतले फूंक रहे हैं, बैठकें कर रहे हैं और कॉलोनियों में जाकर लोगों को मलहोत्रा का बयान सुनवा रहे हैं। विवाद की शुरुआत तब हुई, जब कांग्रेस ने चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस द्वारा एस्टेट सेक्रेटरी को भेजे एक लेटर को लेकर किरायेदारी और मलकियत से जुड़े मुद्दे उठाए। इसके जवाब में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपों का खंडन किया। इसी दौरान उन्होंने कहा कि कॉलोनियों में रहने वाले लोग कम पढ़े-लिखे या अनपढ़ हैं, जो विपक्ष के बहकावे में आ जाते हैं। इस बयान के बाद कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है और मलहोत्रा से सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग कर रही है। शहर की कई कॉलोनियों में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन जारी हैं। 2 पॉइंट में पढ़िए क्या है फ्लैट्स विवाद… अब पढ़िए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के बयान पर रार क्यों… यूटी एस्टेट ऑफिस लेगा फैसला
शहर में ऐसी 18 कालोनियों में 13500 घर हैं, जिसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसमें से बहुत से लोग भवन निर्माण करने वाले मजदूर, या इसके बाद शहर में आकर छोटे मोटे काम करने वाले लोग हैं। जिन्हें स्लम कालोनियों से हटाकर दोबारा से बसाया गया था। अब वह इसके मालिकाना हक की मांग कर रहे हैं। जिस पर यूटी एस्टेट कार्यालय और हाउसिंग बोर्ड कार्यालय की तरफ से फैसला लिया जाना है।