यूपी की रहने वाली रेप पीड़िता के पिता आसाराम की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। पिता ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें आसाराम को इलाज के लिए 6 महीने की जमानत मिली है। पीड़िता के पिता ने कहा, आसाराम पूरी तरह स्वस्थ है। उसे कोई बीमारी नहीं है। वह ऋषिकेश से लेकर महाराष्ट्र तक घूम रहा है। पिता ने कहा, उसे आम कैदियों की तरह जेल में ही इलाज मिलना चाहिए। पिता ने आशंका जताई है कि यदि आसाराम जेल से बाहर रहते हैं, तो उनके पूरे परिवार की जान को खतरा बना रहेगा। उन्होंने बताया, आसाराम के समर्थकों ने उनके परिवार को खत्म करने की चुनौती दी है, जिसके कारण वे हर समय डर में रहते हैं। उनकी मांग है कि आसाराम का इलाज अन्य कैदियों की तरह जेल के अंदर ही हो। भास्कर पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दे सकते हैं… आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को 6 महीने की जमानत दी थी। इसके आधार पर 6 नवंबर को आसाराम को गुजरात हाई कोर्ट से भी 6 महीने की अंतरिम जमानत मिल गई थी। गुजरात हाईकोर्ट में आसाराम की ओर से जमानत की याचिका पर सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को 6 महीने के लिए जमानत दी है। वे हृदय से संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं। पीड़िता की ओर से वकील एल्जो जोसफ ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, अगस्त में हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया था और इस बोर्ड के डॉक्टरों ने रिपोर्ट दी थी कि आसाराम स्टेबल हैं और उनको अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। इस रिपोर्ट से साफ है कि आसाराम गंभीर रूप से बीमार नहीं हैं और ऐसे में उनकी जमानत रद्द की जानी चाहिए। भूत-प्रेत का साया बताकर लड़की से आश्रम में रेप किया
शाहजहांपुर में रहने वाला एक परिवार आसाराम का अनुयायी था। परिवार की नाबालिग लड़की आसाराम के छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) स्थित आश्रम में 12वीं की पढ़ाई कर रही थी। साल-2013 की बात है। एक दिन लड़की क्लास में बेहोश हो गई। बाबा के साधक ने उस पर भूत-प्रेत का साया बताया और कहा कि इसका इलाज आसाराम बापू ही करेंगे। इसके बाद 14 अगस्त, 2013 को लड़की को छिंदवाड़ा से करीब 1 हजार किलोमीटर दूर जोधपुर के मनई आश्रम में ले जाया गया। 15 अगस्त, 2013 की रात कुटिया में रसोइया एक गिलास दूध लेकर आया। इसके बाद आसाराम ने लड़की से रेप किया। इस वारदात के 5 दिन बाद यानी 20 अगस्त, 2013 को पीड़ित लड़की ने दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज कराई। इसमें पीड़ित लड़की ने बताया कि आसाराम ने उससे ओरल सेक्स करने को कहा और गलत तरीके से भी छुआ। दिल्ली के निर्भया रेप केस की वजह से उस वक्त तक रेप-छेड़खानी के नए कानून लागू हो चुके थे। इसलिए आसाराम पर नए कानून के तहत कठोर धाराएं लगीं। 31 मार्च, 2013 को इस मामले में आसाराम गिरफ्तार हो गया। 25 अप्रैल, 2018 को जोधपुर की अदालत ने इस मामले में दोषी आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तभी से आसाराम सेंट्रल जेल जोधपुर में बंद है। इतने साल में आसाराम पहली बार पैरोल पर बाहर आया है। 7 जनवरी, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बेस पर उसको 31 मार्च, 2025 तक जमानत दी थी। फिर राजस्थान और गुजरात हाईकोर्ट से मिली थी राहत
जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को आसाराम को बढ़ती उम्र और लगातार गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इलाज के लिए 6 महीने की अंतरिम जमानत दी थी। इसी आदेश के आधार पर 6 नवंबर को गुजरात हाईकोर्ट ने भी रेप के एक अन्य मामले में उसे जमानत दे दी थी। लेकिन, उसमें आसाराम के साथ तीन पुलिसकर्मी रखने और समूह में साधकों से नहीं मिलने की शर्त भी थी। इन दोनों शर्तों को हटाने के लिए आसाराम की ओर से दोबारा गुजरात हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई थी। बता दें कि पीड़िता के पिता ने शाहजहांपुर में जमीन आसाराम के ट्रस्ट के नाम की थी। उस पर निर्माण भी पीड़िता के पिता ने कराया था। हालांकि उन्होंने उस जमीन को वापस लेने की पूरी कोशिश की लेकिन कामयाबी नही मिल पाई। पीड़िता और उसके परिवार को बदनाम करने के लिए आसाराम के गुर्गों ने कई हथकंडे अपनाए। अलग अलग समय पर शहर में आसाराम की किताबों को बंटवाया गया। जिसके माध्यम से उनको बेकसूर बताया जाता था। अब बात पीड़ित परिवार की पुलिस ने बढ़ाई परिवार की सुरक्षा, CCTV से नजर
शाहजहांपुर में जिस लड़की से रेप हुआ, उसकी उम्र अब 27 साल है। वह दो साल के एक बच्चे की मां है। उसका एक भाई ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। दूसरा भाई पिता के साथ कारोबार संभाले है। पीड़िता की मां पिछले 12 साल से घर में ही पड़ी रहती हैं। वो घर के बाहर कदम भी नहीं रखतीं। घर के बाहर हर वक्त 6 पुलिस वाले हथियारों से लैस होकर सुरक्षा में तैनात रहते हैं। इसमें 2 गनर पीड़ित पिता के साथ हर वक्त रहते हैं, जबकि 4 सुरक्षाकर्मी घर के बाहर बैठते हैं। घर के बाहर और आसपास CCTV लगे हुए हैं। इन कैमरों की फीड पुलिस के पास भी है। पुलिस दफ्तर में बैठे-बैठे घर के बाहर की गतिविधियों पर नजर रखती है। 7 जनवरी, 2025 को जब सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को जमानत दी, तब शाहजहांपुर के SP सिटी और CO सिटी सिक्योरिटी का रिव्यू करने पीड़िता के घर पहुंचे। CCTV भी देखे। उन्होंने सुरक्षा में 2 जवान और बढ़ा दिए हैं। एसपी सिटी देवेंद्र सिंह ने बताया- आसाराम प्रकरण में पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिए एक गारद 24 घंटे उनके आवास के बाहर तैनात रहती है। उनकी सुरक्षा के लिए मकान के आसपास सीसीटीवी लगाए गए हैं। पीड़िता का परिवार जब जिले से बाहर जाता है तो सुरक्षाकर्मियों साथ रहते हैं।
————————– यह खबर भी पढ़िए:- आसाराम के गुर्गे हमारा मर्डर करने घूम रहे:रेप पीड़िता के पिता बोले- 400 करोड़ तक का ऑफर मिला; 3 गवाहों की हत्या हुई इस मामले में देशभर में गवाहों पर हमले हुए हैं। 3 गवाहों की हत्या हो चुकी है, जबकि एक अभी लापता हैं। इसलिए परिवार अब भी डरा है। दैनिक भास्कर की टीम इस परिवार से मिलने यूपी के जिला शाहजहांपुर में पहुंचा। हमने इस परिवार की पीड़ा जानी। पढ़िए रेप पीड़िता के घर से रिपोर्ट…
यूपी की रहने वाली रेप पीड़िता के पिता आसाराम की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। पिता ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें आसाराम को इलाज के लिए 6 महीने की जमानत मिली है। पीड़िता के पिता ने कहा, आसाराम पूरी तरह स्वस्थ है। उसे कोई बीमारी नहीं है। वह ऋषिकेश से लेकर महाराष्ट्र तक घूम रहा है। पिता ने कहा, उसे आम कैदियों की तरह जेल में ही इलाज मिलना चाहिए। पिता ने आशंका जताई है कि यदि आसाराम जेल से बाहर रहते हैं, तो उनके पूरे परिवार की जान को खतरा बना रहेगा। उन्होंने बताया, आसाराम के समर्थकों ने उनके परिवार को खत्म करने की चुनौती दी है, जिसके कारण वे हर समय डर में रहते हैं। उनकी मांग है कि आसाराम का इलाज अन्य कैदियों की तरह जेल के अंदर ही हो। भास्कर पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दे सकते हैं… आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को 6 महीने की जमानत दी थी। इसके आधार पर 6 नवंबर को आसाराम को गुजरात हाई कोर्ट से भी 6 महीने की अंतरिम जमानत मिल गई थी। गुजरात हाईकोर्ट में आसाराम की ओर से जमानत की याचिका पर सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को 6 महीने के लिए जमानत दी है। वे हृदय से संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं। पीड़िता की ओर से वकील एल्जो जोसफ ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, अगस्त में हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया था और इस बोर्ड के डॉक्टरों ने रिपोर्ट दी थी कि आसाराम स्टेबल हैं और उनको अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। इस रिपोर्ट से साफ है कि आसाराम गंभीर रूप से बीमार नहीं हैं और ऐसे में उनकी जमानत रद्द की जानी चाहिए। भूत-प्रेत का साया बताकर लड़की से आश्रम में रेप किया
शाहजहांपुर में रहने वाला एक परिवार आसाराम का अनुयायी था। परिवार की नाबालिग लड़की आसाराम के छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) स्थित आश्रम में 12वीं की पढ़ाई कर रही थी। साल-2013 की बात है। एक दिन लड़की क्लास में बेहोश हो गई। बाबा के साधक ने उस पर भूत-प्रेत का साया बताया और कहा कि इसका इलाज आसाराम बापू ही करेंगे। इसके बाद 14 अगस्त, 2013 को लड़की को छिंदवाड़ा से करीब 1 हजार किलोमीटर दूर जोधपुर के मनई आश्रम में ले जाया गया। 15 अगस्त, 2013 की रात कुटिया में रसोइया एक गिलास दूध लेकर आया। इसके बाद आसाराम ने लड़की से रेप किया। इस वारदात के 5 दिन बाद यानी 20 अगस्त, 2013 को पीड़ित लड़की ने दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज कराई। इसमें पीड़ित लड़की ने बताया कि आसाराम ने उससे ओरल सेक्स करने को कहा और गलत तरीके से भी छुआ। दिल्ली के निर्भया रेप केस की वजह से उस वक्त तक रेप-छेड़खानी के नए कानून लागू हो चुके थे। इसलिए आसाराम पर नए कानून के तहत कठोर धाराएं लगीं। 31 मार्च, 2013 को इस मामले में आसाराम गिरफ्तार हो गया। 25 अप्रैल, 2018 को जोधपुर की अदालत ने इस मामले में दोषी आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तभी से आसाराम सेंट्रल जेल जोधपुर में बंद है। इतने साल में आसाराम पहली बार पैरोल पर बाहर आया है। 7 जनवरी, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बेस पर उसको 31 मार्च, 2025 तक जमानत दी थी। फिर राजस्थान और गुजरात हाईकोर्ट से मिली थी राहत
जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को आसाराम को बढ़ती उम्र और लगातार गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इलाज के लिए 6 महीने की अंतरिम जमानत दी थी। इसी आदेश के आधार पर 6 नवंबर को गुजरात हाईकोर्ट ने भी रेप के एक अन्य मामले में उसे जमानत दे दी थी। लेकिन, उसमें आसाराम के साथ तीन पुलिसकर्मी रखने और समूह में साधकों से नहीं मिलने की शर्त भी थी। इन दोनों शर्तों को हटाने के लिए आसाराम की ओर से दोबारा गुजरात हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई थी। बता दें कि पीड़िता के पिता ने शाहजहांपुर में जमीन आसाराम के ट्रस्ट के नाम की थी। उस पर निर्माण भी पीड़िता के पिता ने कराया था। हालांकि उन्होंने उस जमीन को वापस लेने की पूरी कोशिश की लेकिन कामयाबी नही मिल पाई। पीड़िता और उसके परिवार को बदनाम करने के लिए आसाराम के गुर्गों ने कई हथकंडे अपनाए। अलग अलग समय पर शहर में आसाराम की किताबों को बंटवाया गया। जिसके माध्यम से उनको बेकसूर बताया जाता था। अब बात पीड़ित परिवार की पुलिस ने बढ़ाई परिवार की सुरक्षा, CCTV से नजर
शाहजहांपुर में जिस लड़की से रेप हुआ, उसकी उम्र अब 27 साल है। वह दो साल के एक बच्चे की मां है। उसका एक भाई ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। दूसरा भाई पिता के साथ कारोबार संभाले है। पीड़िता की मां पिछले 12 साल से घर में ही पड़ी रहती हैं। वो घर के बाहर कदम भी नहीं रखतीं। घर के बाहर हर वक्त 6 पुलिस वाले हथियारों से लैस होकर सुरक्षा में तैनात रहते हैं। इसमें 2 गनर पीड़ित पिता के साथ हर वक्त रहते हैं, जबकि 4 सुरक्षाकर्मी घर के बाहर बैठते हैं। घर के बाहर और आसपास CCTV लगे हुए हैं। इन कैमरों की फीड पुलिस के पास भी है। पुलिस दफ्तर में बैठे-बैठे घर के बाहर की गतिविधियों पर नजर रखती है। 7 जनवरी, 2025 को जब सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को जमानत दी, तब शाहजहांपुर के SP सिटी और CO सिटी सिक्योरिटी का रिव्यू करने पीड़िता के घर पहुंचे। CCTV भी देखे। उन्होंने सुरक्षा में 2 जवान और बढ़ा दिए हैं। एसपी सिटी देवेंद्र सिंह ने बताया- आसाराम प्रकरण में पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिए एक गारद 24 घंटे उनके आवास के बाहर तैनात रहती है। उनकी सुरक्षा के लिए मकान के आसपास सीसीटीवी लगाए गए हैं। पीड़िता का परिवार जब जिले से बाहर जाता है तो सुरक्षाकर्मियों साथ रहते हैं।
————————– यह खबर भी पढ़िए:- आसाराम के गुर्गे हमारा मर्डर करने घूम रहे:रेप पीड़िता के पिता बोले- 400 करोड़ तक का ऑफर मिला; 3 गवाहों की हत्या हुई इस मामले में देशभर में गवाहों पर हमले हुए हैं। 3 गवाहों की हत्या हो चुकी है, जबकि एक अभी लापता हैं। इसलिए परिवार अब भी डरा है। दैनिक भास्कर की टीम इस परिवार से मिलने यूपी के जिला शाहजहांपुर में पहुंचा। हमने इस परिवार की पीड़ा जानी। पढ़िए रेप पीड़िता के घर से रिपोर्ट…