शिवसेना (UBT) के चीफ उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के सांसद संसद में जोर से ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाएंगे। ठाकरे ने BJP को चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो उन्हें सदन से बाहर फेंककर दिखाए। दरअसल 24 नवंबर को राज्यसभा सचिवालय ने सदस्यों को यह याद दिलाया था कि ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारे सदन के अंदर या बाहर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन माना जाता है। मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ठाकरे ने कहा कि क्या राज्यसभा सचिवालय से आई यह नवीनतम हिदायत जारी करने वाले व्यक्ति को पाकिस्तान भेजा जाएगा? क्या ‘मैकॉले की संतानों’ ने बीजेपी में घुसपैठ कर ली है ठाकरे ने पूछा कि क्या ‘मैकॉले की संतानों’ ने बीजेपी में घुसपैठ कर ली है। ठाकरे ने कहा, “हमारे सांसद ‘वंदे मातरम’ कहेंगे, देखते हैं, कौन हमें संसद से बाहर फेंकता है। शिवसेना (यूबीटी) के सभी सांसद ‘वंदे मातरम’ कहेंगे। राज्यसभा सदस्यों के लिए हैंडबुक में है जिक्र नारे लगाने पर रोक से जुड़ा यह निर्देश ‘राज्यसभा सदस्यों के लिए हैंडबुक’ में शामिल है, जो 1 दिसंबर से शुरू हो रहे सत्र से पहले जारी किया गया है। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार नहीं है कि ऐसा निर्देश जारी किया गया है। नवंबर 2005 में यूपीए सरकार के समय भी इसी तरह का एक परिपत्र जारी किया गया था। TMC और कांग्रेस भी विरोध में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस ने भी संसद में वंदेमातरम पर रोक का विरोध किया है। TMC चीफ और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने 26 नवंबर को पत्रकारों से कहा क्यों नहीं बोलेंगे? जय हिंद और वंदे मातरम हमारा राष्ट्रीय गीत है। यह हमारी आजादी का नारा है। जय हिंद हमारा नेताजी का नारा है। इससे जो टकराएगा चूर चूर हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने 27 नवंबर को एक वीडियो जारी कर कहा, खबरों के मुताबिक, राज्यसभा की बुलेटिन में कहा गया है कि सदन में “जय हिन्द” और “वंदे मातरम्” का प्रयोग नहीं होना चाहिए। मैं हैरान हूं कि आखिर इन नारों पर कैसी आपत्ति है? इनसे तो अंग्रेजों को दिक्कत थी, अब भाजपा को भी दिक्कत है। उन्होंने सवाल किया, आखिर किस मिट्टी के बने हैं वे लोग जिनको आजादी के दो सबसे प्रसिद्ध नारों को सदन में बोलना अखरता है? सुप्रिया ने दावा किया कि इन नारों से उन्हीं को दिक्कत हो सकती है जिन्होंने आजादी के आंदोलन में अपनी छोटी उंगली का छोटा नाखून तक नहीं कटाया तथा जो अंग्रेजों की गुलामी और उनके लिए मुखबिरी करते थे। ये खबर भी पढ़ें: कर्नाटक CM विवाद, शिवकुमार बोले- मुझे कुछ नहीं चाहिए:सीएम सिद्धारमैया ने कहा- सोनिया गांधी ने सत्ता का त्याग किया, तब मनमोहन PM बने कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच शुक्रवार को CM सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार आंगनवाड़ी कार्यक्रम के 50 वर्ष पूरे होने के कार्यक्रम में एक मंच पर नजर आए। पढ़ें पूरी खबर…
शिवसेना (UBT) के चीफ उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के सांसद संसद में जोर से ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाएंगे। ठाकरे ने BJP को चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो उन्हें सदन से बाहर फेंककर दिखाए। दरअसल 24 नवंबर को राज्यसभा सचिवालय ने सदस्यों को यह याद दिलाया था कि ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारे सदन के अंदर या बाहर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन माना जाता है। मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ठाकरे ने कहा कि क्या राज्यसभा सचिवालय से आई यह नवीनतम हिदायत जारी करने वाले व्यक्ति को पाकिस्तान भेजा जाएगा? क्या ‘मैकॉले की संतानों’ ने बीजेपी में घुसपैठ कर ली है ठाकरे ने पूछा कि क्या ‘मैकॉले की संतानों’ ने बीजेपी में घुसपैठ कर ली है। ठाकरे ने कहा, “हमारे सांसद ‘वंदे मातरम’ कहेंगे, देखते हैं, कौन हमें संसद से बाहर फेंकता है। शिवसेना (यूबीटी) के सभी सांसद ‘वंदे मातरम’ कहेंगे। राज्यसभा सदस्यों के लिए हैंडबुक में है जिक्र नारे लगाने पर रोक से जुड़ा यह निर्देश ‘राज्यसभा सदस्यों के लिए हैंडबुक’ में शामिल है, जो 1 दिसंबर से शुरू हो रहे सत्र से पहले जारी किया गया है। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार नहीं है कि ऐसा निर्देश जारी किया गया है। नवंबर 2005 में यूपीए सरकार के समय भी इसी तरह का एक परिपत्र जारी किया गया था। TMC और कांग्रेस भी विरोध में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस ने भी संसद में वंदेमातरम पर रोक का विरोध किया है। TMC चीफ और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने 26 नवंबर को पत्रकारों से कहा क्यों नहीं बोलेंगे? जय हिंद और वंदे मातरम हमारा राष्ट्रीय गीत है। यह हमारी आजादी का नारा है। जय हिंद हमारा नेताजी का नारा है। इससे जो टकराएगा चूर चूर हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने 27 नवंबर को एक वीडियो जारी कर कहा, खबरों के मुताबिक, राज्यसभा की बुलेटिन में कहा गया है कि सदन में “जय हिन्द” और “वंदे मातरम्” का प्रयोग नहीं होना चाहिए। मैं हैरान हूं कि आखिर इन नारों पर कैसी आपत्ति है? इनसे तो अंग्रेजों को दिक्कत थी, अब भाजपा को भी दिक्कत है। उन्होंने सवाल किया, आखिर किस मिट्टी के बने हैं वे लोग जिनको आजादी के दो सबसे प्रसिद्ध नारों को सदन में बोलना अखरता है? सुप्रिया ने दावा किया कि इन नारों से उन्हीं को दिक्कत हो सकती है जिन्होंने आजादी के आंदोलन में अपनी छोटी उंगली का छोटा नाखून तक नहीं कटाया तथा जो अंग्रेजों की गुलामी और उनके लिए मुखबिरी करते थे। ये खबर भी पढ़ें: कर्नाटक CM विवाद, शिवकुमार बोले- मुझे कुछ नहीं चाहिए:सीएम सिद्धारमैया ने कहा- सोनिया गांधी ने सत्ता का त्याग किया, तब मनमोहन PM बने कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच शुक्रवार को CM सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार आंगनवाड़ी कार्यक्रम के 50 वर्ष पूरे होने के कार्यक्रम में एक मंच पर नजर आए। पढ़ें पूरी खबर…