कांग्रेस ने बुधवार को RSS-BJP पर संविधान पर हमला करने और उसे कमजोर करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सुनियोजित तरीके से संवैधानिक सिद्धांतों को कमजोर कर रहे हैं। पार्टी ने कहा कि वह पूरे देश में संविधान दिवस को “संविधान बचाओ दिवस” के रूप में मना रही है। उधर, पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कोलकाता में संविधान दिवस पर कहा- नागरिकता अधिकारों के नाम पर, डर का माहौल बनाया गया है। हम संविधान पर हमला नहीं होने देंगे- राहुल संविधान को गरीब का सुरक्षा कवच बताते हुए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने X पर पोस्ट में लोगों से यह प्रतिज्ञा लेने का आग्रह किया कि “हम संविधान पर कोई हमला नहीं होने देंगे” और कहा कि इस पर किसी भी हमले के खिलाफ खड़े होने वाले वह पहले व्यक्ति होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने BJP पर संस्थानों को नुकसान पहुंचाने और संविधान का अनादर करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि संविधान के निर्माण में उनका कोई योगदान नहीं था, इसलिए इसका वर्तमान में सम्मान करना महज एक दिखावा और ढोंग है। BJP राजनीतिक सुविधा के कारण संविधान के प्रति सम्मान दिखा रही है। उन्होंने संविधान के मूलभूत सिद्धांतों जैसे न्याय, समानता, स्वतंत्रता, आपसी भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की रक्षा करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि BJP के शासन में भारत की ये पहचान आज खतरे में है। खड़गे ने आरोप लगाया कि ये वही लोग हैं जिन्होंने संविधान की प्रतियां जलाईं और अब वे जाकर बाबासाहेब की प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं। ममता बोलीं- SIR के पीछे NRC लागू करने की असली मंशा पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने संविधान दिवस पर कोलकाता में डॉ. बीआर अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बाद में बाद पत्रकारों से बात करते हुए, ममता ने आरोप लगाया कि मौलिक अधिकार खतरे में हैं। वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) चुपके से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू करने और आम लोगों के बीच डर पैदा करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने हाथ में संविधान की प्रति पकड़े हुए कहा, मैं दुख के साथ देख रही हूं कि लोगों के वोट देने के अधिकार छीने जा रहे हैं, उनके धार्मिक अधिकार छीने जा रहे हैं। अभद्र भाषा का उपयोग करके हमले किए जा रहे हैं, और किसी को बख्शा नहीं जा रहा है, न दलितों को, न अल्पसंख्यकों को और न ही सामान्य हिंदू मतदाताओं को। इसके पीछे एनआरसी की असली मंशा है। हम स्तब्ध और दुखी हैं। इसलिए मैं आज भारत के लोकतंत्र की रक्षा करने की यहां शपथ लेती हूं। दिन में पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, उन्होंने कहा था कि जब लोकतंत्र दांव पर है, धर्मनिरपेक्षता खतरे में है। संघवाद को बुल्डोज किया जा रहा है। बनर्जी ने कहा कि संविधान राष्ट्र की रीढ़ है, जो भारत की संस्कृतियों, भाषाओं और समुदायों की विविधता को कुशलता से एक साथ बुनता है। संविधान दिवस 1949 में भारतीय संविधान को अपनाने की याद में 26 नवंबर को मनाया जाता है। भारत सरकार ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया था।
कांग्रेस ने बुधवार को RSS-BJP पर संविधान पर हमला करने और उसे कमजोर करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सुनियोजित तरीके से संवैधानिक सिद्धांतों को कमजोर कर रहे हैं। पार्टी ने कहा कि वह पूरे देश में संविधान दिवस को “संविधान बचाओ दिवस” के रूप में मना रही है। उधर, पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कोलकाता में संविधान दिवस पर कहा- नागरिकता अधिकारों के नाम पर, डर का माहौल बनाया गया है। हम संविधान पर हमला नहीं होने देंगे- राहुल संविधान को गरीब का सुरक्षा कवच बताते हुए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने X पर पोस्ट में लोगों से यह प्रतिज्ञा लेने का आग्रह किया कि “हम संविधान पर कोई हमला नहीं होने देंगे” और कहा कि इस पर किसी भी हमले के खिलाफ खड़े होने वाले वह पहले व्यक्ति होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने BJP पर संस्थानों को नुकसान पहुंचाने और संविधान का अनादर करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि संविधान के निर्माण में उनका कोई योगदान नहीं था, इसलिए इसका वर्तमान में सम्मान करना महज एक दिखावा और ढोंग है। BJP राजनीतिक सुविधा के कारण संविधान के प्रति सम्मान दिखा रही है। उन्होंने संविधान के मूलभूत सिद्धांतों जैसे न्याय, समानता, स्वतंत्रता, आपसी भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की रक्षा करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि BJP के शासन में भारत की ये पहचान आज खतरे में है। खड़गे ने आरोप लगाया कि ये वही लोग हैं जिन्होंने संविधान की प्रतियां जलाईं और अब वे जाकर बाबासाहेब की प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं। ममता बोलीं- SIR के पीछे NRC लागू करने की असली मंशा पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने संविधान दिवस पर कोलकाता में डॉ. बीआर अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बाद में बाद पत्रकारों से बात करते हुए, ममता ने आरोप लगाया कि मौलिक अधिकार खतरे में हैं। वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) चुपके से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू करने और आम लोगों के बीच डर पैदा करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने हाथ में संविधान की प्रति पकड़े हुए कहा, मैं दुख के साथ देख रही हूं कि लोगों के वोट देने के अधिकार छीने जा रहे हैं, उनके धार्मिक अधिकार छीने जा रहे हैं। अभद्र भाषा का उपयोग करके हमले किए जा रहे हैं, और किसी को बख्शा नहीं जा रहा है, न दलितों को, न अल्पसंख्यकों को और न ही सामान्य हिंदू मतदाताओं को। इसके पीछे एनआरसी की असली मंशा है। हम स्तब्ध और दुखी हैं। इसलिए मैं आज भारत के लोकतंत्र की रक्षा करने की यहां शपथ लेती हूं। दिन में पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, उन्होंने कहा था कि जब लोकतंत्र दांव पर है, धर्मनिरपेक्षता खतरे में है। संघवाद को बुल्डोज किया जा रहा है। बनर्जी ने कहा कि संविधान राष्ट्र की रीढ़ है, जो भारत की संस्कृतियों, भाषाओं और समुदायों की विविधता को कुशलता से एक साथ बुनता है। संविधान दिवस 1949 में भारतीय संविधान को अपनाने की याद में 26 नवंबर को मनाया जाता है। भारत सरकार ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया था।