आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी डॉ. शाहीन सईद अल-फलाह यूनिवर्सिटी में भी अहम रोल में थी। वो यूनिवर्सिटी की करिकुलम कमेटी में नंबर-3 की पोजिशन पर थी। इस कमेटी के जिम्मे मेडिकल छात्रों की पढ़ाई से जुड़े नियम व तौर-तरीकों का निर्धारण करना, सिलेबस में सुधार या बदलाव का प्रस्ताव देना, MBBS स्टूडेंट्स की प्रैक्टिकल व क्लिनिकल ट्रेनिंग के मानक तय करना शामिल है। इसके अलावा यह कमेटी मेडिकल एजुकेशन यूनिट के माध्यम से शिक्षकों के मॉड्यूल और ट्रेनिंग का रोडमैप तैयार करती है। जांच एजेंसियों को शक है कि डॉ. शाहीन अपने पद का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कर रही थी। डॉ. शाहीन अपने पद के दम पर दूसरे लोगों का माइंडवॉश कर रही थी। इस कमेटी का गठन कब किया गया इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। जांच एजेंसी इस कमेटी में शामिल दूसरे सदस्यों का भी रिकॉर्ड चेक कर रही हैं। इस कमेटी में डॉ. शाहीन को पैरा-क्लिनिकल प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया गया था। कमेटी में वाइस चांसलर भूपेन्द्र कौर आनंद नंबर-1 पोजिशन पर और मनवीन कौर लाल नंबर-2 पोजिशन पर हैं। कमेटी में प्री-क्लिनिकल, पैरा-क्लिनिकल, मेडिकल और सर्जिकल स्पेशियलिटी के विशेषज्ञ शामिल हैं। यूनिवर्सिटी की सुनवाई के तीन अहम पॉइंट… बाहरी राज्यों खासकर कश्मीरी जांच के दायरे में
जांच एजेंसियां फरीदाबाद जिले के सभी कालेजों, यूनिवर्सिटी और अस्पताल में कार्यरत दूसरे राज्यों के डॉक्टरों, प्रोफेसरों, कर्मियों की जानकारी इकट्ठी कर रही हैं। खासकर कश्मीरी मूल के लोगों पर नजर है। पुलिस के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से आकर काम करने वाले या फिर पढ़ाई करने वाले सभी का रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है। कॉलेज और अस्पताल में काम करने वाले के बारे में पता किया जा रहा है कि इनकी नियुक्ति प्रक्रिया क्या रही, कब से कार्यरत हैं, बैकग्राउंड क्या है। अभिभावकों को यूनिवर्सिटी के प्रशासन पर भरोसा नहीं
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के अभिभावकों में लगातार बेचैनी बनी हुई है। सोमवार को भी कई पेरेंट्स यूनिवर्सिटी पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमें यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भरोसा नहीं हो रहा। शनिवार को 25 अभिभावकों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से मुलाकात करनी चाही थी। लेकिन उनकी मुलाकात तीन डॉक्टरों से करा दी गई। जिसके बाद अब अभिभावक सरकार के सामने आने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसको लेकर भारी संख्या में अभिभावक इकट्ठा होने की बात कह रहे हैं। OPD और ICU से जुड़ी जानकारी लेंगे पेरेंट्स
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में इस समय सभी बैच में लगभग 750 छात्र MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। 200 से ज्यादा छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं। स्टूडेंट के परिजन अब यूनिवर्सिटी में चल रहे अस्पताल की OPD और ICU से जुड़ी जानकारियां हासिल करना चाह रहे हैं। एक पेरेंट्स रजनीश ने बताया कि वो चाहते की बच्चों को मेडिकल में क्या सुविधा मिल रही है, अस्पताल में क्या सुविधाएं व संसाधन मौजूद हैं, इसकी जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर शाहीन सईद, डॉक्टर मुजम्मिल शकील और डॉक्टर उमर नबी के नाम आतंकी मॉड्यूल में सामने आने के बाद पेरेंटस की चिंता और भी ज्यादा बढ़ी हुई है। जांच एजेंसियां यूनिवर्सिटी पर लगातार अपना शिकंजा कसती जा रही हैं। ऐसे में पेरेंटस को डर लग रहा है कि कहीं उनके बच्चों की डिग्री बर्बाद ना हो जाए। ———- ये खबर भी पढ़ें… अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों के लॉकर चेक होंगे, पुलिस प्रोफेसरों की बैंक डिटेल जुटा रही हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल से विस्फोटक बनाने का सामान मिलने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। पता चला है कि ये केमिकल फरीदाबाद, नूंह और आसपास के इलाकों से खरीदे गए थे। मॉड्यूल में शामिल डॉक्टर अमोनियम नाइट्रेट जैसे केमिकल जमा कर रहे थे, जिनका इस्तेमाल खाद बनाने में होता है। पूरी खबर पढ़ें…
आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी डॉ. शाहीन सईद अल-फलाह यूनिवर्सिटी में भी अहम रोल में थी। वो यूनिवर्सिटी की करिकुलम कमेटी में नंबर-3 की पोजिशन पर थी। इस कमेटी के जिम्मे मेडिकल छात्रों की पढ़ाई से जुड़े नियम व तौर-तरीकों का निर्धारण करना, सिलेबस में सुधार या बदलाव का प्रस्ताव देना, MBBS स्टूडेंट्स की प्रैक्टिकल व क्लिनिकल ट्रेनिंग के मानक तय करना शामिल है। इसके अलावा यह कमेटी मेडिकल एजुकेशन यूनिट के माध्यम से शिक्षकों के मॉड्यूल और ट्रेनिंग का रोडमैप तैयार करती है। जांच एजेंसियों को शक है कि डॉ. शाहीन अपने पद का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कर रही थी। डॉ. शाहीन अपने पद के दम पर दूसरे लोगों का माइंडवॉश कर रही थी। इस कमेटी का गठन कब किया गया इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। जांच एजेंसी इस कमेटी में शामिल दूसरे सदस्यों का भी रिकॉर्ड चेक कर रही हैं। इस कमेटी में डॉ. शाहीन को पैरा-क्लिनिकल प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया गया था। कमेटी में वाइस चांसलर भूपेन्द्र कौर आनंद नंबर-1 पोजिशन पर और मनवीन कौर लाल नंबर-2 पोजिशन पर हैं। कमेटी में प्री-क्लिनिकल, पैरा-क्लिनिकल, मेडिकल और सर्जिकल स्पेशियलिटी के विशेषज्ञ शामिल हैं। यूनिवर्सिटी की सुनवाई के तीन अहम पॉइंट… बाहरी राज्यों खासकर कश्मीरी जांच के दायरे में
जांच एजेंसियां फरीदाबाद जिले के सभी कालेजों, यूनिवर्सिटी और अस्पताल में कार्यरत दूसरे राज्यों के डॉक्टरों, प्रोफेसरों, कर्मियों की जानकारी इकट्ठी कर रही हैं। खासकर कश्मीरी मूल के लोगों पर नजर है। पुलिस के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से आकर काम करने वाले या फिर पढ़ाई करने वाले सभी का रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है। कॉलेज और अस्पताल में काम करने वाले के बारे में पता किया जा रहा है कि इनकी नियुक्ति प्रक्रिया क्या रही, कब से कार्यरत हैं, बैकग्राउंड क्या है। अभिभावकों को यूनिवर्सिटी के प्रशासन पर भरोसा नहीं
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के अभिभावकों में लगातार बेचैनी बनी हुई है। सोमवार को भी कई पेरेंट्स यूनिवर्सिटी पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमें यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भरोसा नहीं हो रहा। शनिवार को 25 अभिभावकों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से मुलाकात करनी चाही थी। लेकिन उनकी मुलाकात तीन डॉक्टरों से करा दी गई। जिसके बाद अब अभिभावक सरकार के सामने आने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसको लेकर भारी संख्या में अभिभावक इकट्ठा होने की बात कह रहे हैं। OPD और ICU से जुड़ी जानकारी लेंगे पेरेंट्स
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में इस समय सभी बैच में लगभग 750 छात्र MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। 200 से ज्यादा छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं। स्टूडेंट के परिजन अब यूनिवर्सिटी में चल रहे अस्पताल की OPD और ICU से जुड़ी जानकारियां हासिल करना चाह रहे हैं। एक पेरेंट्स रजनीश ने बताया कि वो चाहते की बच्चों को मेडिकल में क्या सुविधा मिल रही है, अस्पताल में क्या सुविधाएं व संसाधन मौजूद हैं, इसकी जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर शाहीन सईद, डॉक्टर मुजम्मिल शकील और डॉक्टर उमर नबी के नाम आतंकी मॉड्यूल में सामने आने के बाद पेरेंटस की चिंता और भी ज्यादा बढ़ी हुई है। जांच एजेंसियां यूनिवर्सिटी पर लगातार अपना शिकंजा कसती जा रही हैं। ऐसे में पेरेंटस को डर लग रहा है कि कहीं उनके बच्चों की डिग्री बर्बाद ना हो जाए। ———- ये खबर भी पढ़ें… अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों के लॉकर चेक होंगे, पुलिस प्रोफेसरों की बैंक डिटेल जुटा रही हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल से विस्फोटक बनाने का सामान मिलने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। पता चला है कि ये केमिकल फरीदाबाद, नूंह और आसपास के इलाकों से खरीदे गए थे। मॉड्यूल में शामिल डॉक्टर अमोनियम नाइट्रेट जैसे केमिकल जमा कर रहे थे, जिनका इस्तेमाल खाद बनाने में होता है। पूरी खबर पढ़ें…