जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बनेंगे। 52वें CJI भूषण आर. गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को खत्म हो रहा है। सूर्यकांत 24 नवंबर को CJI पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण पत्र बनकर तैयार हो गए हैं। जस्टिस सूर्यकांत का पूरा परिवार हिसार के पेटवाड़ गांव में रहता है। उनके बड़े भाई मास्टर ऋषिकांत गांव में परिवार के साथ रहते हैं, वहीं एक भाई हिसार शहर में और तीसरा भाई दिल्ली में रहता है। सूर्यकांत के अलावा, उनके तीनों भाइयों – ऋषिकांत, शिवकांत और देवकांत को भी कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला है। बड़े भाई मास्टर ऋषिकांत ने बताया कि पूरा परिवार एक दिन पहले दिल्ली रवाना होगा और हरियाणा भवन में ठहरेगा। इसके बाद, आगे की व्यवस्था के अनुसार कार्यक्रम तय किया जाएगा। ऋषिकांत ने बताया कि शपथ ग्रहण में जाने से पहले जींद में ब्रह्म महाविद्यालय में हवन यज्ञ होगा, जिसमें परिवार के सदस्य शामिल होंगे और उसके बाद दिल्ली जाएंगे। हिसार बार के 136 वकील शामिल होंगे
24 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में हिसार बार एसोसिएशन के 136 वकील शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के प्रशासन की ओर से हिसार बार को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, और सभी 136 वकीलों के लिए विशेष पास जारी कर दिए गए हैं। शुक्रवार को बार लाइब्रेरी में जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संबंधित वकीलों को ये विशेष पास और निमंत्रण पत्र सौंपे। जस्टिस सूर्यकांत ने की हिसार से करियर की शुरुआत
हिसार बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट संदीप बूरा और सचिव एडवोकेट समीर भाटिया ने बताया कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत का हिसार से गहरा नाता रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1984-85 में हिसार जिला न्यायालय में ही वकील के रूप में की थी और लगभग 6 माह तक यहां प्रैक्टिस की थी। हिसार के वरिष्ठ वकील स्वर्गीय आत्माराम बंसल के यहां उन्होंने जूनियर के तौर पर काम किया था। हिसार बार के लिए अपने ही पूर्व सदस्य का देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचना अभूतपूर्व गौरव का विषय है। हिसार बार एसोसिएशन की खास तैयारियां… सभी को पास बांटे गए : जिला बार एसोसिएशन हिसार के प्रधान एडवोकेट संदीप बूरा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी सभी 136 विशेष पास सदस्यों को वितरित कर दिए गए हैं। वकील 23 और 24 नवंबर को दिल्ली रवाना होंगे। हिसार बार में लाइव टेलीकॉस्ट होगा : एडवोकेट संदीप बूरा ने बताया कि जो बार सदस्य दिल्ली नहीं जा सकेंगे, उनके लिए बार परिसर में शपथ ग्रहण समारोह का बड़ी एलईडी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। बार परिसर को विशेष रूप से सजाया जा रहा है, और हवन की तैयारी, ब्लड डोनेशन कैंप और कई किलो लड्डू वितरण आदि की भी योजना है। हिसार बार प्रधान व सचिव को विशेष न्योता : जस्टिस सूर्यकांत ने जिला बार एसोसिएशन हिसार के प्रधान एडवोकेट संदीप बूरा व सचिव समीर भाटिया को राष्ट्रपति भवन के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने का विशेष निमंत्रण भेजा है। बार प्रधान ने बताया कि हिसार बार एसोसिएशन के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है की हिसार जिले का बेटा देश का मुख्य न्यायाधीश बन रहा है। जस्टिस सूर्यकांत के बारे में उनके भाई की अहम बातें… ———— ये खबर भी पढ़ें… जस्टिस सूर्यकांत के भाई बोले- पिता जातिगत के खिलाफ रहे, चारों बेटों के नाम के पीछे कांत जोड़ा जस्टिस सूर्यकांत के भाई ऋषिकांत ने बताया कि शुरू से ही वह संयुक्त परिवार में रहे हैं। पिता और दो ताऊ सभी एक साथ रहते थे। पिता जातिगत भेदभाव में विश्वास नहीं रखते थे। उनके परदादा टीचर थे। पिता भी संस्कृत के टीचर रहे। इसलिए चारों भाइयों का ऋषिकांत, शिवकांत, देवकांत और सूर्यकांत नाम रखा, ताकि समाज में एक अलग पहचान बने। पूरी खबर पढ़ें…
जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बनेंगे। 52वें CJI भूषण आर. गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को खत्म हो रहा है। सूर्यकांत 24 नवंबर को CJI पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण पत्र बनकर तैयार हो गए हैं। जस्टिस सूर्यकांत का पूरा परिवार हिसार के पेटवाड़ गांव में रहता है। उनके बड़े भाई मास्टर ऋषिकांत गांव में परिवार के साथ रहते हैं, वहीं एक भाई हिसार शहर में और तीसरा भाई दिल्ली में रहता है। सूर्यकांत के अलावा, उनके तीनों भाइयों – ऋषिकांत, शिवकांत और देवकांत को भी कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला है। बड़े भाई मास्टर ऋषिकांत ने बताया कि पूरा परिवार एक दिन पहले दिल्ली रवाना होगा और हरियाणा भवन में ठहरेगा। इसके बाद, आगे की व्यवस्था के अनुसार कार्यक्रम तय किया जाएगा। ऋषिकांत ने बताया कि शपथ ग्रहण में जाने से पहले जींद में ब्रह्म महाविद्यालय में हवन यज्ञ होगा, जिसमें परिवार के सदस्य शामिल होंगे और उसके बाद दिल्ली जाएंगे। हिसार बार के 136 वकील शामिल होंगे
24 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में हिसार बार एसोसिएशन के 136 वकील शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के प्रशासन की ओर से हिसार बार को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, और सभी 136 वकीलों के लिए विशेष पास जारी कर दिए गए हैं। शुक्रवार को बार लाइब्रेरी में जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संबंधित वकीलों को ये विशेष पास और निमंत्रण पत्र सौंपे। जस्टिस सूर्यकांत ने की हिसार से करियर की शुरुआत
हिसार बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट संदीप बूरा और सचिव एडवोकेट समीर भाटिया ने बताया कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत का हिसार से गहरा नाता रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1984-85 में हिसार जिला न्यायालय में ही वकील के रूप में की थी और लगभग 6 माह तक यहां प्रैक्टिस की थी। हिसार के वरिष्ठ वकील स्वर्गीय आत्माराम बंसल के यहां उन्होंने जूनियर के तौर पर काम किया था। हिसार बार के लिए अपने ही पूर्व सदस्य का देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचना अभूतपूर्व गौरव का विषय है। हिसार बार एसोसिएशन की खास तैयारियां… सभी को पास बांटे गए : जिला बार एसोसिएशन हिसार के प्रधान एडवोकेट संदीप बूरा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी सभी 136 विशेष पास सदस्यों को वितरित कर दिए गए हैं। वकील 23 और 24 नवंबर को दिल्ली रवाना होंगे। हिसार बार में लाइव टेलीकॉस्ट होगा : एडवोकेट संदीप बूरा ने बताया कि जो बार सदस्य दिल्ली नहीं जा सकेंगे, उनके लिए बार परिसर में शपथ ग्रहण समारोह का बड़ी एलईडी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। बार परिसर को विशेष रूप से सजाया जा रहा है, और हवन की तैयारी, ब्लड डोनेशन कैंप और कई किलो लड्डू वितरण आदि की भी योजना है। हिसार बार प्रधान व सचिव को विशेष न्योता : जस्टिस सूर्यकांत ने जिला बार एसोसिएशन हिसार के प्रधान एडवोकेट संदीप बूरा व सचिव समीर भाटिया को राष्ट्रपति भवन के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने का विशेष निमंत्रण भेजा है। बार प्रधान ने बताया कि हिसार बार एसोसिएशन के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है की हिसार जिले का बेटा देश का मुख्य न्यायाधीश बन रहा है। जस्टिस सूर्यकांत के बारे में उनके भाई की अहम बातें… ———— ये खबर भी पढ़ें… जस्टिस सूर्यकांत के भाई बोले- पिता जातिगत के खिलाफ रहे, चारों बेटों के नाम के पीछे कांत जोड़ा जस्टिस सूर्यकांत के भाई ऋषिकांत ने बताया कि शुरू से ही वह संयुक्त परिवार में रहे हैं। पिता और दो ताऊ सभी एक साथ रहते थे। पिता जातिगत भेदभाव में विश्वास नहीं रखते थे। उनके परदादा टीचर थे। पिता भी संस्कृत के टीचर रहे। इसलिए चारों भाइयों का ऋषिकांत, शिवकांत, देवकांत और सूर्यकांत नाम रखा, ताकि समाज में एक अलग पहचान बने। पूरी खबर पढ़ें…