राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदुत्व सीमाओं में बंधा नहीं, बल्कि समावेशी है। यदि मुस्लिम और ईसाई इस देश की पूजा करें, भारतीय संस्कृति का पालन करें और अपनी परंपराएं व रीति-रिवाज कायम रखते हुए राष्ट्र के प्रति आस्था रखें, तो वे भी हिंदू हैं। भागवत ने गुवाहाटी में RSS के शताब्दी वर्ष के तहत बुद्धिजीवियों, लेखकों और उद्यमियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने पांच सामाजिक परिवर्तनों- सामाजिक सद्भाव, परिवार जागरण, नागरिक अनुशासन, आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण पर विस्तार से बात की। संघ प्रमुख भागवत 20 नवंबर को मणिपुर पहुंचेंगे। मणिपुर में 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद यह उनका पहला दौरा है। भागवत तीन दिन राज्य में रहेंगे और नागरिकों, उद्यमियों और जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। उनका 20 नवंबर को इम्फाल के कोंजेग लाइकाई में उद्यमियों और विशिष्ट नागरिकों के साथ कार्यक्रम है, जबकि 21 नवंबर को वे मणिपुर हिल्स के जनजातीय नेताओं से मिलेंगे। RSS के राज्य महासचिव तरुण कुमार शर्मा ने बताया कि भागवत का यह दौरा संगठन के शताब्दी समारोह की कड़ी में हो रहा है। मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुई हिंसा में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। हिंसा के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफे दे दिया था। केंद्र ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया है। 4 पॉइंट्स में समझिए मणिपुर हिंसा की वजह… मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। 5 सितंबर 2024: मणिपुर पर भागवत बोले- यहां सुरक्षा की गारंटी नहीं, फिर भी हमारे कार्यकर्ता डटे भागवत ने 5 सितंबर 2024 को कहा था कि मणिपुर में परिस्थितियां कठिन बनी हुई हैं। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहां कारोबार या सामाजिक सेवा के लिए गए लोगों के लिए माहौल अधिक चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा था- इस सबके बावजूद संघ के कार्यकर्ता दोनों गुटों (कुकी और मैतेई) की मदद और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यकर्ता न तो वहां से भागे, न ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। वे जनजीवन सामान्य करने, गुस्सा कम करने और राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ाने का काम कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें… —————————————— ये खबर भी पढ़ें… मणिपुर में हिंसा के 2 साल बाद PM चुराचांदपुर में रिलीफ कैंप पहुंचे, इंफाल में हिंसा पीड़ितों से मिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को मणिपुर के चुराचांदपुर और इंफाल पहुंचे थे। उन्होंने चुराचांदपुर में ₹7,300 करोड़ औ इंफाल में ₹1,200 करोड़ से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया था। मणिपुर में मई, 2023 में हिंसा भड़कने के बाद PM मोदी का यह पहला दौरा था। पूरी खबर पढ़ें…
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदुत्व सीमाओं में बंधा नहीं, बल्कि समावेशी है। यदि मुस्लिम और ईसाई इस देश की पूजा करें, भारतीय संस्कृति का पालन करें और अपनी परंपराएं व रीति-रिवाज कायम रखते हुए राष्ट्र के प्रति आस्था रखें, तो वे भी हिंदू हैं। भागवत ने गुवाहाटी में RSS के शताब्दी वर्ष के तहत बुद्धिजीवियों, लेखकों और उद्यमियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने पांच सामाजिक परिवर्तनों- सामाजिक सद्भाव, परिवार जागरण, नागरिक अनुशासन, आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण पर विस्तार से बात की। संघ प्रमुख भागवत 20 नवंबर को मणिपुर पहुंचेंगे। मणिपुर में 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद यह उनका पहला दौरा है। भागवत तीन दिन राज्य में रहेंगे और नागरिकों, उद्यमियों और जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। उनका 20 नवंबर को इम्फाल के कोंजेग लाइकाई में उद्यमियों और विशिष्ट नागरिकों के साथ कार्यक्रम है, जबकि 21 नवंबर को वे मणिपुर हिल्स के जनजातीय नेताओं से मिलेंगे। RSS के राज्य महासचिव तरुण कुमार शर्मा ने बताया कि भागवत का यह दौरा संगठन के शताब्दी समारोह की कड़ी में हो रहा है। मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुई हिंसा में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। हिंसा के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफे दे दिया था। केंद्र ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया है। 4 पॉइंट्स में समझिए मणिपुर हिंसा की वजह… मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। 5 सितंबर 2024: मणिपुर पर भागवत बोले- यहां सुरक्षा की गारंटी नहीं, फिर भी हमारे कार्यकर्ता डटे भागवत ने 5 सितंबर 2024 को कहा था कि मणिपुर में परिस्थितियां कठिन बनी हुई हैं। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहां कारोबार या सामाजिक सेवा के लिए गए लोगों के लिए माहौल अधिक चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा था- इस सबके बावजूद संघ के कार्यकर्ता दोनों गुटों (कुकी और मैतेई) की मदद और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यकर्ता न तो वहां से भागे, न ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। वे जनजीवन सामान्य करने, गुस्सा कम करने और राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ाने का काम कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें… —————————————— ये खबर भी पढ़ें… मणिपुर में हिंसा के 2 साल बाद PM चुराचांदपुर में रिलीफ कैंप पहुंचे, इंफाल में हिंसा पीड़ितों से मिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को मणिपुर के चुराचांदपुर और इंफाल पहुंचे थे। उन्होंने चुराचांदपुर में ₹7,300 करोड़ औ इंफाल में ₹1,200 करोड़ से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया था। मणिपुर में मई, 2023 में हिंसा भड़कने के बाद PM मोदी का यह पहला दौरा था। पूरी खबर पढ़ें…