दिल्ली में 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट केस में गिरफ्तार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की डॉ. शाहीन सईद के करीबियों पर उत्तर प्रदेश में ATS और NIA ने छापेमारी की है। कानपुर के हितकारी नगर में एक हरियाणा नंबर की कार मिली है। यह कार किसकी है, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। बताया गया है कि ब्लास्ट से 25 दिन पहले डॉ. शाहीन कानपुर आई थी। वहीं डॉ. शाहीन और मुजम्मिल ने पूछताछ में NIA को बताया है कि उन्होंने बम बनाने के लिए यूनिवर्सिटी की लैब से केमिकल चोरी किए थे। उधर, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की टीम ने रेड के बाद अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर 13 दिन की रिमांड पर लिया है। सर्च में 9 शेल कंपनियों का पता चला है, जो एक ही पते पर रजिस्टर्ड थीं। इनके प्रमोटर्स भी एक हीं हैं। आज के बड़े अपडेट्स… यूनिवर्सिटी की 415 करोड़ की आय का खुलासा
ED की टीम ने मंगलवार सुबह 5 बजे अल-फलाह ग्रुप से जुड़े 25 ठिकानों पर रेड की थी। जांच में सामने आया कि यूनिवर्सिटी ने 2014-15 में लगभग 31 करोड़ और 2015-16 में लगभग 29.5 करोड़ रुपए दान के रूप में दिखाए थे। 2016-17 से यूनिवर्सिटी ने अपनी कमाई को पढ़ाई से होने वाली आय बताना शुरू कर दिया। 2018-19 से यूनिवर्सिटी की कमाई में बढ़ोतरी हुई। 2018-19 में कमाई लगभग 24 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में 80 करोड़ रुपए हो गई। इन सात सालों में यूनिवर्सिटी को कुल 415 रुपए की कमाई हुई। सुसाइड बॉम्बर की टीम बना रहा था उमर
NIA की जांच में यह भी पता चला है कि डॉ. उमर नबी अपने जैसे और भी सुसाइड बॉम्बर बनाना चाहता था। इसके लिए वह युवाओं का ब्रेनवॉश करने के लिए उन्हें मोटिवेट करने वाले वीडियो भेजता था। ऐसे वीडियो 11 लोगों को भेजे गए थे, जिनमें से 7 कश्मीरी युवा थे और किसी न किसी तरह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। बाकी 4 लोग उत्तर प्रदेश, केरल और कर्नाटक के बताए जा रहे हैं। ऐसे लगभग 70 वीडियो मिले हैं, जिनमें से 12 डॉ. उमर ने खुद बनाए थे। मामले से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
दिल्ली में 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट केस में गिरफ्तार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की डॉ. शाहीन सईद के करीबियों पर उत्तर प्रदेश में ATS और NIA ने छापेमारी की है। कानपुर के हितकारी नगर में एक हरियाणा नंबर की कार मिली है। यह कार किसकी है, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। बताया गया है कि ब्लास्ट से 25 दिन पहले डॉ. शाहीन कानपुर आई थी। वहीं डॉ. शाहीन और मुजम्मिल ने पूछताछ में NIA को बताया है कि उन्होंने बम बनाने के लिए यूनिवर्सिटी की लैब से केमिकल चोरी किए थे। उधर, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की टीम ने रेड के बाद अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर 13 दिन की रिमांड पर लिया है। सर्च में 9 शेल कंपनियों का पता चला है, जो एक ही पते पर रजिस्टर्ड थीं। इनके प्रमोटर्स भी एक हीं हैं। आज के बड़े अपडेट्स… यूनिवर्सिटी की 415 करोड़ की आय का खुलासा
ED की टीम ने मंगलवार सुबह 5 बजे अल-फलाह ग्रुप से जुड़े 25 ठिकानों पर रेड की थी। जांच में सामने आया कि यूनिवर्सिटी ने 2014-15 में लगभग 31 करोड़ और 2015-16 में लगभग 29.5 करोड़ रुपए दान के रूप में दिखाए थे। 2016-17 से यूनिवर्सिटी ने अपनी कमाई को पढ़ाई से होने वाली आय बताना शुरू कर दिया। 2018-19 से यूनिवर्सिटी की कमाई में बढ़ोतरी हुई। 2018-19 में कमाई लगभग 24 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में 80 करोड़ रुपए हो गई। इन सात सालों में यूनिवर्सिटी को कुल 415 रुपए की कमाई हुई। सुसाइड बॉम्बर की टीम बना रहा था उमर
NIA की जांच में यह भी पता चला है कि डॉ. उमर नबी अपने जैसे और भी सुसाइड बॉम्बर बनाना चाहता था। इसके लिए वह युवाओं का ब्रेनवॉश करने के लिए उन्हें मोटिवेट करने वाले वीडियो भेजता था। ऐसे वीडियो 11 लोगों को भेजे गए थे, जिनमें से 7 कश्मीरी युवा थे और किसी न किसी तरह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। बाकी 4 लोग उत्तर प्रदेश, केरल और कर्नाटक के बताए जा रहे हैं। ऐसे लगभग 70 वीडियो मिले हैं, जिनमें से 12 डॉ. उमर ने खुद बनाए थे। मामले से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…