लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच लेह एपेक्स बॉडी (LAB) ने सोमवार को गृह मंत्रालय को 29 पन्नों का ड्राफ्ट सौंपा। इसमें हिंसा के बाद गिरफ्तार लोगों को सामान्य माफी देने और एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग भी शामिल है। नेताओं ने मांगें स्पष्ट रूप से रखीं। एलएबी के को चेयरमैन और लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष चेयरिंग दोरजे लाकरुक ने कहा कि ड्राफ्ट में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांगों को स्पष्ट रूप से रखा गया है। उन्होंने कहा कि सितंबर की हिंसा के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया या जिन पर मुकदमे दर्ज हुए, उनके लिए जनरल एमनेस्टी की मांग भी की गई है। साथ ही सोनम वांगचुक की रिहाई और उन पर लगे NSA को हटाने की मांग दोहराई गई। वांगचुक को सितंबर हिंसा के बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल उन्हें जोधपुर के जेल में रखा गया है। 24 सितंबर की हिंसा: क्या हुआ था? 10 सितंबर को सोनम वांगचुक ने राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर तीन सप्ताह की भूख हड़ताल शुरू की थी। इसके बाद लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) का गृह मंत्रालय के साथ बातचीत रुक गई। बातचीत में हो रहे देर से नाराज स्थानीय लोग 24 सितंबर को सड़कों पर उतर आए, जिसके दौरान हिंसा भड़क गई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई और करीब 90 लोग घायल हुए। घायलों में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान भी शामिल थे। हिंसा के बाद 22 अक्टूबर को लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने गृह मंत्रालय के साथ वार्ता फिर शुरू की। —– लद्दाख से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें लेह एपेक्स बॉडी का ऐलान- केंद्र से बातचीत नहीं करेंगे:कहा- पहले लद्दाख में शांति बहाल हो; कर्फ्यू के चलते टूरिस्ट रद्द कर रहे बुकिंग लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने ऐलान किया है कि वह लद्दाख में सामान्य स्थिति बहाल होने तक गृह मंत्रालय की हाई पावर कमेटी के साथ बातचीत नहीं करेगी। लेह एपेक्स बॉडी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने प्रेस से कहा, जब तक लद्दाख में शांति बहाल नहीं हो जाती, हम किसी भी बातचीत में भाग नहीं लेंगे। गन प्वाइंट पर कोई बातचीत नहीं हो सकती। पूरी खबर पढ़ें
लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच लेह एपेक्स बॉडी (LAB) ने सोमवार को गृह मंत्रालय को 29 पन्नों का ड्राफ्ट सौंपा। इसमें हिंसा के बाद गिरफ्तार लोगों को सामान्य माफी देने और एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग भी शामिल है। नेताओं ने मांगें स्पष्ट रूप से रखीं। एलएबी के को चेयरमैन और लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष चेयरिंग दोरजे लाकरुक ने कहा कि ड्राफ्ट में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांगों को स्पष्ट रूप से रखा गया है। उन्होंने कहा कि सितंबर की हिंसा के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया या जिन पर मुकदमे दर्ज हुए, उनके लिए जनरल एमनेस्टी की मांग भी की गई है। साथ ही सोनम वांगचुक की रिहाई और उन पर लगे NSA को हटाने की मांग दोहराई गई। वांगचुक को सितंबर हिंसा के बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल उन्हें जोधपुर के जेल में रखा गया है। 24 सितंबर की हिंसा: क्या हुआ था? 10 सितंबर को सोनम वांगचुक ने राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर तीन सप्ताह की भूख हड़ताल शुरू की थी। इसके बाद लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) का गृह मंत्रालय के साथ बातचीत रुक गई। बातचीत में हो रहे देर से नाराज स्थानीय लोग 24 सितंबर को सड़कों पर उतर आए, जिसके दौरान हिंसा भड़क गई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई और करीब 90 लोग घायल हुए। घायलों में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान भी शामिल थे। हिंसा के बाद 22 अक्टूबर को लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने गृह मंत्रालय के साथ वार्ता फिर शुरू की। —– लद्दाख से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें लेह एपेक्स बॉडी का ऐलान- केंद्र से बातचीत नहीं करेंगे:कहा- पहले लद्दाख में शांति बहाल हो; कर्फ्यू के चलते टूरिस्ट रद्द कर रहे बुकिंग लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने ऐलान किया है कि वह लद्दाख में सामान्य स्थिति बहाल होने तक गृह मंत्रालय की हाई पावर कमेटी के साथ बातचीत नहीं करेगी। लेह एपेक्स बॉडी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने प्रेस से कहा, जब तक लद्दाख में शांति बहाल नहीं हो जाती, हम किसी भी बातचीत में भाग नहीं लेंगे। गन प्वाइंट पर कोई बातचीत नहीं हो सकती। पूरी खबर पढ़ें