हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद मामला फिर तूल पकड़ गया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली पुलिस स्टेशन के बाहर तीन प्रमुख मांगों को लेकर 24 घंटे अनशन शुरू किया है। इनकी प्रमुख मांग बीते शुक्रवार को पुलिस द्वारा देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पर दर्ज FIR वापस लेने, कोर्ट द्वारा अवैध करार मस्जिद का बिजली-पानी काटने और कोर्ट के आदेशानुसार मस्जिद के ढांचे को गिराने की है। दरअसल, बीते शुक्रवार को देवभूमि संघर्ष समिति ने कोर्ट द्वारा अवैध करार संजौली मस्जिद में बाहरी राज्यों से आए मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोका। इस दौरान, दो समुदाय के लोगों के बीच बहस भी हुई। कुछ लोग बिना नमाज पढ़े ही लौट गए। इसके बाद, संजौली पुलिस ने तीन महिलाओं समेत छह लोगों पर FIR की है। इन पर समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। देवभूमि संघर्ष समिति इस पर भड़क उठी है। अदालत ने अवैध घोषित की, फिर भी ढांचा गिराया नहीं: ठाकुर देवभूमि संघर्ष समिति के सह-संयोजक मदन ठाकुर ने बताया- संजौली मस्जिद को अदालत ने अवैध घोषित कर दिया है। कोर्ट के आदेशों के बावजूद मस्जिद की बिजली व पानी का कनेक्शन नहीं काटा गया। कोर्ट ने अवैध ढांचा गिराने के आदेश दे रखे हैं। मगर नहीं गिराया गया। उल्टा देवभूमि संघर्ष समिति के लोगों को मामले दर्ज कर प्रताड़ित किया जा रहा है। देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारी विकास थापटा ने कहा- कोर्ट का फैसला आ गया है। फिर भी मस्जिद में नमाज चल रही है। अवैध ढांचे को गिराया नहीं जा रहा। सिलसिलेवार पढ़िए क्या है पूरा मामला.. महिलाएं बोलीं- पहले भी बाहरी लोगों ने माहौल खराब किया स्थानीय महिलाओं ने कहा- पहले भी बाहरी राज्यों के लोगों ने माहौल खराब किया और मस्जिद आने वाले स्थानीय लोगों के घरों में ताक-झांक करते थे। इससे कॉलोनी के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे थे। इसी वजह से बीते साल संजौली मस्जिद को लेकर विवाद हुआ और देशभर में इसकी चर्चाएं रही।
हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद मामला फिर तूल पकड़ गया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली पुलिस स्टेशन के बाहर तीन प्रमुख मांगों को लेकर 24 घंटे अनशन शुरू किया है। इनकी प्रमुख मांग बीते शुक्रवार को पुलिस द्वारा देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पर दर्ज FIR वापस लेने, कोर्ट द्वारा अवैध करार मस्जिद का बिजली-पानी काटने और कोर्ट के आदेशानुसार मस्जिद के ढांचे को गिराने की है। दरअसल, बीते शुक्रवार को देवभूमि संघर्ष समिति ने कोर्ट द्वारा अवैध करार संजौली मस्जिद में बाहरी राज्यों से आए मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोका। इस दौरान, दो समुदाय के लोगों के बीच बहस भी हुई। कुछ लोग बिना नमाज पढ़े ही लौट गए। इसके बाद, संजौली पुलिस ने तीन महिलाओं समेत छह लोगों पर FIR की है। इन पर समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। देवभूमि संघर्ष समिति इस पर भड़क उठी है। अदालत ने अवैध घोषित की, फिर भी ढांचा गिराया नहीं: ठाकुर देवभूमि संघर्ष समिति के सह-संयोजक मदन ठाकुर ने बताया- संजौली मस्जिद को अदालत ने अवैध घोषित कर दिया है। कोर्ट के आदेशों के बावजूद मस्जिद की बिजली व पानी का कनेक्शन नहीं काटा गया। कोर्ट ने अवैध ढांचा गिराने के आदेश दे रखे हैं। मगर नहीं गिराया गया। उल्टा देवभूमि संघर्ष समिति के लोगों को मामले दर्ज कर प्रताड़ित किया जा रहा है। देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारी विकास थापटा ने कहा- कोर्ट का फैसला आ गया है। फिर भी मस्जिद में नमाज चल रही है। अवैध ढांचे को गिराया नहीं जा रहा। सिलसिलेवार पढ़िए क्या है पूरा मामला.. महिलाएं बोलीं- पहले भी बाहरी लोगों ने माहौल खराब किया स्थानीय महिलाओं ने कहा- पहले भी बाहरी राज्यों के लोगों ने माहौल खराब किया और मस्जिद आने वाले स्थानीय लोगों के घरों में ताक-झांक करते थे। इससे कॉलोनी के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे थे। इसी वजह से बीते साल संजौली मस्जिद को लेकर विवाद हुआ और देशभर में इसकी चर्चाएं रही।