सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को फिर 7-7 साल की सजा हुई है। रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पैन कार्ड मामले में सोमवार को दोनों को दोषी करार दिया। फैसले के तुरंत बाद कोर्ट में ही पुलिस ने बाप-बेटे को हिरासत में ले लिया। दोनों को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट से एक किमी दूर गाड़ी से रामपुर जेल लेकर गई। कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया। आजम पुलिस की बोलेरो से जेल के बाहर उतरे तो एक हाथ में चश्मे का केस, दो पैकेट बिस्किट थे। फिर अब्दुल्ला गाड़ी से उतरा, उसके हाथ खाली थे। आजम के साथ उनका बड़ा बेटा अदीब भी पीछे-पीछे गाड़ी से जेल के गेट तक पहुंचा। उसने पिता आजम के कान में कुछ कहा, लेकिन क्या कहा, यह क्लियर नहीं है। अदीब ने भाई अब्दुल्ला को गले लगाया तो दोनों भावुक हो गए। जेल में दाखिल होने से पहले आजम ने कहा- कोर्ट का फैसला है, कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है। वहीं, आजम के जेल जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा- सत्ता के गुरूर में जो नाइंसाफी और जुल्म की हदें पार कर देते हैं। वो खुद एक दिन कुदरत के फैसले की गिरफ्त में आकर एक बेहद बुरे अंत की ओर जाते हैं। सब, सब देख रहे हैं। 2 तस्वीरें देखिए आजम खान 2017 में अखिलेश सरकार में नगर विकास मंत्री थे। उन्होंने अपने रसूख के दम पर लखनऊ नगर निगम से बेटे का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बनवाया। उसी के आधार पर फर्जी पैन कार्ड बनवाकर अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाया था। रामपुर कोर्ट का यह फैसला आजम के खिलाफ दर्ज 104 मुकदमों में से एक है। अब तक अदालत 11 मामलों में फैसला सुना चुकी है। इनमें से 6 मामलों में आजम को सजा हो चुकी है। वहीं, 5 मामलों में उन्हें बरी किया गया। 2 महीने पहले ही सभी केस में जमानत मिलने के बाद आजम सीतापुर जेल से बाहर आए थे। अब फिर से जेल पहुंच गए। आजम के इशारे पर बने बेटे के 2 पैन कार्ड
इस केस का ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा था। इसमें दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो चुकी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान वादी आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने तर्क दिया कि अब्दुल्ला आजम के साथ उनके पिता भी दोषी हैं। आजम पर आरोप लगा कि उनके इशारे पर ही दोनों पैन कार्ड का अब्दुल्ला ने समय-समय पर अलग-अलग इस्तेमाल किया। आज दोपहर बाद आजम खान और अब्दुल्ला आजम कोर्ट में पेश हुए। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट शोभित बंसल ने आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला को धोखाधड़ी में दोषी करार दिया। बेटे के लिए आजम खान गलती पर गलती करते रहे आजम ने अपने बेटे को चुनाव लड़ाने के लिए एक गलती (फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने) की। फिर बार-बार गलती दोहराते रहे। आजम साल-2017 में सपा सरकार में नगर विकास मंत्री थे। उस समय उनके सियासी रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह रामपुर सीट से ही 10 बार विधायक और एक बार सांसद रहे। उनकी पत्नी तंजीन फातिमा भी विधायक बनीं और बेटा अब्दुल्ला आजम दो बार विधायक बने। सपा सरकार में आजम का जलवा किसी CM से कम नहीं था। स्टेट प्लेन उन्हें रामपुर तक सिर्फ ड्रॉप करने के लिए जाया करता था। ऐसा माना जाता था कि प्रदेश की आधी सरकार रामपुर से ही चलती है। आजम अपने बेटे अब्दुल्ला को 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर की स्वार सीट से चुनाव लड़ाना चाहते थे। लेकिन, अब्दुल्ला के पैन कार्ड में दर्ज डेट ऑफ बर्थ आड़े आ रही थी। आजम पर आरोप है कि उन्होंने अपने रसूख के दम पर फर्जी डेट ऑफ बर्थ के जरिए फर्जी पैन कार्ड बनवा लिया। चुनाव हुए तो अब्दुल्ला की जीत हुई। इसके बाद BSP उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली खान ने फर्जी पैन कार्ड का मुद्दा उठाया। आरोप लगाया कि नॉमिनेशन के समय अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी। जांच हुई तो सामने आया कि अब्दुल्ला आजम ने फर्जी आयु प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ा था। वह नामांकन के समय 25 साल का नहीं था। इसके बाद अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया गया। उसकी सदस्यता भी चली गई। इस मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने भी रामपुर में केस दर्ज कराया था। मुकदमे में अब्दुल्ला आजम के साथ उसके पिता आजम और मां तंजीन फातिमा को भी जेल जाना पड़ा। हालांकि, 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से वह दोबारा जीता था। इसके बाद सरकारी काम में बाधा डालने के एक मुकदमे में उसे फिर सजा हुई और उसकी सदस्यता रद्द हो गई। 2 महीने पहले ही जेल छूटे थे आजम
आजम करीब 2 महीने पहले 23 सितंबर को ही सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। उनका बेटा अब्दुल्ला 9 महीने पहले हरदोई जेल से रिहा हुआ था। फर्जी पैन कार्ड का मामला 2019 का है। रामपुर में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि आजम ने बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाने के लिए दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए। असली जन्म तिथि यानी 1 जनवरी, 1993 के मुताबिक, अब्दुल्ला 2017 में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं था। उसकी उम्र 25 साल नहीं हुई थी। इसलिए आजम ने दूसरा पैन कार्ड बनवाया, जिसमें उन्होंने जन्म का साल 1990 दिखाया था। फैसला आने के बाद विधायक आकाश सक्सेना ने कहा- मैं इसे सत्य की जीत मानता हूं। आजम पर जितने मामले चल रहे, सारे पेपर एविडेंस के आधार पर हैं। कोई ऐसा केस नहीं, जिसमें उनके खिलाफ सबूत न हों। इसलिए कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई। जो गलत किया है, उसकी सजा मिलेगी ही। आजम के वकील बोले- हम हायर कोर्ट में अपील करेंगे
आजम के वकील नासिर सुल्तान ने बताया- कोर्ट ने सबूतों में क्या देखकर सजा सुनाई, ये तो फैसला पढ़कर ही बता पाएंगे। पहले भी उन्हें कई मामलों में सजा हुई है। जितने मामलों मे सजा हुई, वो अधिकतम सजा ही सुनाई गई है। अब इस सजा के खिलाफ अपील करेंगे। इन धाराओं में आजम-अब्दुल्ला को सजा
भाजपा नेता आकाश सक्सेना के एडवोकेट संदीप सक्सेना ने बताया- आजम और अब्दुल्ला को धारा- 467 (दस्तावेजों की जालसाजी) के तहत 7 साल की सजा सुनाई गई। इसके अलावा दोनों को धारा- 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) में एक साल, 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 420 (धोखाधड़ी) में 3-3 साल की सजा दी गई है। इसके अलावा कोर्ट ने दोनों को धारा- 471 के तहत 2 साल की सजा सुनाई है। आजम और अब्दुल्ला की जेल में बिताई गई सजा इसमें शामिल होगी या नहीं, ये पूरा फैसला पढ़ने के बाद ही साफ हो पाएगा। 23 जुलाई को हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
इसी साल 23 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम और अब्दुल्ला के दो पैन कार्ड मामलों को लेकर याचिका खारिज कर दी थी। आजम के वकील ने फर्जी पैनकार्ड के आरोपों को बेबुनियाद बताकर मामले को खारिज करने की अपील की थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले का ट्रायल पहले से ही लोकल कोर्ट में चल रहा है। इसमें दखल देना अनुचित है। लिहाजा, याचिका को खारिज किया जाता है। बाद में आजम सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिली थी। …तो जमानत पर छूट सकते थे आजम खान
अगर 5 साल की सजा होती तो कोर्ट उन्हें जमानत पर छोड़ सकता था। क्योंकि वो 5 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। लेकिन, इस केस में उन्हें 7 साल की सजा हुई है। 30 दिन के अंदर वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं। उनके वकील जजमेंट एनालिसिस करेंगे, तमाम बिंदुओं को जांचकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। आजम को जेल भिजवाने वाले भाजपा नेता आकाश सक्सेना को जानिए
आजम की विधायकी जाने के बाद रामपुर शहर सीट पर 5 दिसंबर, 2022 को उपचुनाव हुए थे। 7 दिसंबर को रिजल्ट घोषित हुआ। इसमें भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने आजम के करीबी आसिम रजा को 25,703 वोटों से हरा दिया। इससे पहले भी आकाश सक्सेना रामपुर विधानसभा सीट से 2022 में आजम के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन वो हार गए थे। आकाश अब तक 43 मामलों में आजम के खिलाफ सीधे पक्षकार हैं। आकाश सक्सेना पेशे से व्यवसायी और पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं। भास्कर से आजम ने कहा था- जेल चले जाएंगे जेल से रिहा होने के बाद दैनिक भास्कर से आजम खान ने विशेष बातचीत की थी। तब आजम ने कहा था- जेल चले जाएंगे। पढ़िए इंटरव्यू… सवाल: आप पर 114 मुकदमे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पैन कार्ड मामले में मुकदमा फिर से चलाने की बात कही है?
आजम खान: जेल चले जाएंगे। आप हमें डराने तो नहीं आए हैं? सवाल: आप पर इतने सारे मुकदमे हुए, किसी अफसर या सरकार को, किसे जिम्मेदार मानते हैं?
आजम खान: (जोर से हंसते हुए) अपने को जिम्मेदार मानता हूं। मैं तो चोर हूं न। न मैं चोर होता, न मेरे खिलाफ इतने मुकदमे होते। बस शिकवा इतना है कि चोर के खिलाफ डकैती की धाराएं लगा दीं। थोड़ी ज्यादती हो गई। सवाल: जौहर यूनिवर्सिटी पर ED, CBI का छापा पड़ा, इसका भविष्य क्या देखते हैं?
आजम खान: नहीं, सिर्फ IT का छापा पड़ा। और कोई नहीं…। भविष्य तो ऊपर वाला तय करेगा। न मैं और न आप। कोई नहीं। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… भाजपा प्रवक्ता बोले- जैसी करनी, वैसी भरनी
आजम के फिर जेल जाने पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, जब बोया पेड़ बबूल का तो फल कहां से होय। जैसी करनी वैसी भरनी। सत्ता के रसूख में सपा नेताओं ने कानून को तोड़ा मरोड़ा था। अत्याचार अन्याय किए थे, अब पाई पाई का हिसाब हो रहा है। न्याय हो रहा है। सपा को अगर इस से दर्द हो रहा है तो वह दर्द निवारक दवाओं का इंतजाम करे। अपर्णा बोलीं- गलत काम की सजा तो मिलेगी
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और भाजपा नेता अपर्णा बिष्ट यादव ने कहा, हमारे देश में कानून का राज है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा साफ तौर पर कहा गया है कि हम किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश में एक न्याय संविदा है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अगर गलत कार्य करता है, तो उसको सजा मिलेगी। इसी के कारण इनको भी 7-7 साल की सजा मिली है। ————————– यह खबर भी पढ़िए:- योगी बोले- मर्सिडीज वाले लोग गमले चुरा ले गए, पकड़ते तो बेइज्जती होती, इसलिए बुलाकर CCTV फुटेज दिखाए लखनऊ में सीएम योगी ने कहा कि G-20 समिट के बाद कार्यक्रम स्थल के आसपास लगाए गए गमलों को लोग मर्सिडीज से उठाकर ले गए। अब सोचिए, कहां मर्सिडीज कार की कीमत और कहां एक गमले की? अगर हम कार्रवाई करते तो शहर की गलत पहचान बनती। लोग कहते कि गमला चोर पकड़े जा रहे हैं, यह तो बहुत बड़ा एक्शन है। इसलिए हमने उन लोगों को बुलाकर गमले चोरी करने के CCTV फुटेज दिखाए। पढ़ें पूरी खबर…
सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को फिर 7-7 साल की सजा हुई है। रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पैन कार्ड मामले में सोमवार को दोनों को दोषी करार दिया। फैसले के तुरंत बाद कोर्ट में ही पुलिस ने बाप-बेटे को हिरासत में ले लिया। दोनों को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट से एक किमी दूर गाड़ी से रामपुर जेल लेकर गई। कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया। आजम पुलिस की बोलेरो से जेल के बाहर उतरे तो एक हाथ में चश्मे का केस, दो पैकेट बिस्किट थे। फिर अब्दुल्ला गाड़ी से उतरा, उसके हाथ खाली थे। आजम के साथ उनका बड़ा बेटा अदीब भी पीछे-पीछे गाड़ी से जेल के गेट तक पहुंचा। उसने पिता आजम के कान में कुछ कहा, लेकिन क्या कहा, यह क्लियर नहीं है। अदीब ने भाई अब्दुल्ला को गले लगाया तो दोनों भावुक हो गए। जेल में दाखिल होने से पहले आजम ने कहा- कोर्ट का फैसला है, कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है। वहीं, आजम के जेल जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा- सत्ता के गुरूर में जो नाइंसाफी और जुल्म की हदें पार कर देते हैं। वो खुद एक दिन कुदरत के फैसले की गिरफ्त में आकर एक बेहद बुरे अंत की ओर जाते हैं। सब, सब देख रहे हैं। 2 तस्वीरें देखिए आजम खान 2017 में अखिलेश सरकार में नगर विकास मंत्री थे। उन्होंने अपने रसूख के दम पर लखनऊ नगर निगम से बेटे का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बनवाया। उसी के आधार पर फर्जी पैन कार्ड बनवाकर अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाया था। रामपुर कोर्ट का यह फैसला आजम के खिलाफ दर्ज 104 मुकदमों में से एक है। अब तक अदालत 11 मामलों में फैसला सुना चुकी है। इनमें से 6 मामलों में आजम को सजा हो चुकी है। वहीं, 5 मामलों में उन्हें बरी किया गया। 2 महीने पहले ही सभी केस में जमानत मिलने के बाद आजम सीतापुर जेल से बाहर आए थे। अब फिर से जेल पहुंच गए। आजम के इशारे पर बने बेटे के 2 पैन कार्ड
इस केस का ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा था। इसमें दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो चुकी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान वादी आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने तर्क दिया कि अब्दुल्ला आजम के साथ उनके पिता भी दोषी हैं। आजम पर आरोप लगा कि उनके इशारे पर ही दोनों पैन कार्ड का अब्दुल्ला ने समय-समय पर अलग-अलग इस्तेमाल किया। आज दोपहर बाद आजम खान और अब्दुल्ला आजम कोर्ट में पेश हुए। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट शोभित बंसल ने आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला को धोखाधड़ी में दोषी करार दिया। बेटे के लिए आजम खान गलती पर गलती करते रहे आजम ने अपने बेटे को चुनाव लड़ाने के लिए एक गलती (फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने) की। फिर बार-बार गलती दोहराते रहे। आजम साल-2017 में सपा सरकार में नगर विकास मंत्री थे। उस समय उनके सियासी रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह रामपुर सीट से ही 10 बार विधायक और एक बार सांसद रहे। उनकी पत्नी तंजीन फातिमा भी विधायक बनीं और बेटा अब्दुल्ला आजम दो बार विधायक बने। सपा सरकार में आजम का जलवा किसी CM से कम नहीं था। स्टेट प्लेन उन्हें रामपुर तक सिर्फ ड्रॉप करने के लिए जाया करता था। ऐसा माना जाता था कि प्रदेश की आधी सरकार रामपुर से ही चलती है। आजम अपने बेटे अब्दुल्ला को 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर की स्वार सीट से चुनाव लड़ाना चाहते थे। लेकिन, अब्दुल्ला के पैन कार्ड में दर्ज डेट ऑफ बर्थ आड़े आ रही थी। आजम पर आरोप है कि उन्होंने अपने रसूख के दम पर फर्जी डेट ऑफ बर्थ के जरिए फर्जी पैन कार्ड बनवा लिया। चुनाव हुए तो अब्दुल्ला की जीत हुई। इसके बाद BSP उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली खान ने फर्जी पैन कार्ड का मुद्दा उठाया। आरोप लगाया कि नॉमिनेशन के समय अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी। जांच हुई तो सामने आया कि अब्दुल्ला आजम ने फर्जी आयु प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ा था। वह नामांकन के समय 25 साल का नहीं था। इसके बाद अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया गया। उसकी सदस्यता भी चली गई। इस मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने भी रामपुर में केस दर्ज कराया था। मुकदमे में अब्दुल्ला आजम के साथ उसके पिता आजम और मां तंजीन फातिमा को भी जेल जाना पड़ा। हालांकि, 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से वह दोबारा जीता था। इसके बाद सरकारी काम में बाधा डालने के एक मुकदमे में उसे फिर सजा हुई और उसकी सदस्यता रद्द हो गई। 2 महीने पहले ही जेल छूटे थे आजम
आजम करीब 2 महीने पहले 23 सितंबर को ही सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। उनका बेटा अब्दुल्ला 9 महीने पहले हरदोई जेल से रिहा हुआ था। फर्जी पैन कार्ड का मामला 2019 का है। रामपुर में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि आजम ने बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाने के लिए दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए। असली जन्म तिथि यानी 1 जनवरी, 1993 के मुताबिक, अब्दुल्ला 2017 में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं था। उसकी उम्र 25 साल नहीं हुई थी। इसलिए आजम ने दूसरा पैन कार्ड बनवाया, जिसमें उन्होंने जन्म का साल 1990 दिखाया था। फैसला आने के बाद विधायक आकाश सक्सेना ने कहा- मैं इसे सत्य की जीत मानता हूं। आजम पर जितने मामले चल रहे, सारे पेपर एविडेंस के आधार पर हैं। कोई ऐसा केस नहीं, जिसमें उनके खिलाफ सबूत न हों। इसलिए कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई। जो गलत किया है, उसकी सजा मिलेगी ही। आजम के वकील बोले- हम हायर कोर्ट में अपील करेंगे
आजम के वकील नासिर सुल्तान ने बताया- कोर्ट ने सबूतों में क्या देखकर सजा सुनाई, ये तो फैसला पढ़कर ही बता पाएंगे। पहले भी उन्हें कई मामलों में सजा हुई है। जितने मामलों मे सजा हुई, वो अधिकतम सजा ही सुनाई गई है। अब इस सजा के खिलाफ अपील करेंगे। इन धाराओं में आजम-अब्दुल्ला को सजा
भाजपा नेता आकाश सक्सेना के एडवोकेट संदीप सक्सेना ने बताया- आजम और अब्दुल्ला को धारा- 467 (दस्तावेजों की जालसाजी) के तहत 7 साल की सजा सुनाई गई। इसके अलावा दोनों को धारा- 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) में एक साल, 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 420 (धोखाधड़ी) में 3-3 साल की सजा दी गई है। इसके अलावा कोर्ट ने दोनों को धारा- 471 के तहत 2 साल की सजा सुनाई है। आजम और अब्दुल्ला की जेल में बिताई गई सजा इसमें शामिल होगी या नहीं, ये पूरा फैसला पढ़ने के बाद ही साफ हो पाएगा। 23 जुलाई को हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
इसी साल 23 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम और अब्दुल्ला के दो पैन कार्ड मामलों को लेकर याचिका खारिज कर दी थी। आजम के वकील ने फर्जी पैनकार्ड के आरोपों को बेबुनियाद बताकर मामले को खारिज करने की अपील की थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले का ट्रायल पहले से ही लोकल कोर्ट में चल रहा है। इसमें दखल देना अनुचित है। लिहाजा, याचिका को खारिज किया जाता है। बाद में आजम सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिली थी। …तो जमानत पर छूट सकते थे आजम खान
अगर 5 साल की सजा होती तो कोर्ट उन्हें जमानत पर छोड़ सकता था। क्योंकि वो 5 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। लेकिन, इस केस में उन्हें 7 साल की सजा हुई है। 30 दिन के अंदर वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं। उनके वकील जजमेंट एनालिसिस करेंगे, तमाम बिंदुओं को जांचकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। आजम को जेल भिजवाने वाले भाजपा नेता आकाश सक्सेना को जानिए
आजम की विधायकी जाने के बाद रामपुर शहर सीट पर 5 दिसंबर, 2022 को उपचुनाव हुए थे। 7 दिसंबर को रिजल्ट घोषित हुआ। इसमें भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने आजम के करीबी आसिम रजा को 25,703 वोटों से हरा दिया। इससे पहले भी आकाश सक्सेना रामपुर विधानसभा सीट से 2022 में आजम के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन वो हार गए थे। आकाश अब तक 43 मामलों में आजम के खिलाफ सीधे पक्षकार हैं। आकाश सक्सेना पेशे से व्यवसायी और पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं। भास्कर से आजम ने कहा था- जेल चले जाएंगे जेल से रिहा होने के बाद दैनिक भास्कर से आजम खान ने विशेष बातचीत की थी। तब आजम ने कहा था- जेल चले जाएंगे। पढ़िए इंटरव्यू… सवाल: आप पर 114 मुकदमे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पैन कार्ड मामले में मुकदमा फिर से चलाने की बात कही है?
आजम खान: जेल चले जाएंगे। आप हमें डराने तो नहीं आए हैं? सवाल: आप पर इतने सारे मुकदमे हुए, किसी अफसर या सरकार को, किसे जिम्मेदार मानते हैं?
आजम खान: (जोर से हंसते हुए) अपने को जिम्मेदार मानता हूं। मैं तो चोर हूं न। न मैं चोर होता, न मेरे खिलाफ इतने मुकदमे होते। बस शिकवा इतना है कि चोर के खिलाफ डकैती की धाराएं लगा दीं। थोड़ी ज्यादती हो गई। सवाल: जौहर यूनिवर्सिटी पर ED, CBI का छापा पड़ा, इसका भविष्य क्या देखते हैं?
आजम खान: नहीं, सिर्फ IT का छापा पड़ा। और कोई नहीं…। भविष्य तो ऊपर वाला तय करेगा। न मैं और न आप। कोई नहीं। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… भाजपा प्रवक्ता बोले- जैसी करनी, वैसी भरनी
आजम के फिर जेल जाने पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, जब बोया पेड़ बबूल का तो फल कहां से होय। जैसी करनी वैसी भरनी। सत्ता के रसूख में सपा नेताओं ने कानून को तोड़ा मरोड़ा था। अत्याचार अन्याय किए थे, अब पाई पाई का हिसाब हो रहा है। न्याय हो रहा है। सपा को अगर इस से दर्द हो रहा है तो वह दर्द निवारक दवाओं का इंतजाम करे। अपर्णा बोलीं- गलत काम की सजा तो मिलेगी
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और भाजपा नेता अपर्णा बिष्ट यादव ने कहा, हमारे देश में कानून का राज है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा साफ तौर पर कहा गया है कि हम किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश में एक न्याय संविदा है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अगर गलत कार्य करता है, तो उसको सजा मिलेगी। इसी के कारण इनको भी 7-7 साल की सजा मिली है। ————————– यह खबर भी पढ़िए:- योगी बोले- मर्सिडीज वाले लोग गमले चुरा ले गए, पकड़ते तो बेइज्जती होती, इसलिए बुलाकर CCTV फुटेज दिखाए लखनऊ में सीएम योगी ने कहा कि G-20 समिट के बाद कार्यक्रम स्थल के आसपास लगाए गए गमलों को लोग मर्सिडीज से उठाकर ले गए। अब सोचिए, कहां मर्सिडीज कार की कीमत और कहां एक गमले की? अगर हम कार्रवाई करते तो शहर की गलत पहचान बनती। लोग कहते कि गमला चोर पकड़े जा रहे हैं, यह तो बहुत बड़ा एक्शन है। इसलिए हमने उन लोगों को बुलाकर गमले चोरी करने के CCTV फुटेज दिखाए। पढ़ें पूरी खबर…