आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पिछले अक्टूबर से भारत और चीन के संबंधों में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हालिया बैठकों में सामान्य स्थिति बहाल करने और विवादों के समाधान पर सकारात्मक चर्चा हुई है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि 21 अक्टूबर 2024 को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुआ समझौता भारत के लिए फायदेमंद रहा। इस समझौते में सीमा पर गश्त को लेकर बातचीत हुई है। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और चीन विकास साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं और यह भी कि मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक दिशाएं स्पष्ट हों, तो उससे सभी को लाभ होता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जून 2024 में चीनी समकक्ष से कहा कि यह तय करने का समय है कि बर्फ पिघलनी चाहिए या नहीं। रक्षा मंत्रियों ने भी सीमाओं पर बातचीत और समाधान पर सहमति जताई है। आर्मी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि फिल्म तो शुरू भी नहीं हुई थी, बस 88 घंटे का ट्रेलर दिखा था। अगर पाकिस्तान फिर मौका देता है तो हम उन्हें बताने में पीछे नहीं हटेंगे कि जिम्मेदार देश पड़ोसियों से कैसे पेश आते हैं। द्विवेदी बोले- आतंक को रोकने सख्त कदम उठाने होंगे आर्मी चीफ दिल्ली में चाणक्य डिफेंस डायलॉग के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत प्रगति की बात करता है, इसलिए जो लोग आतंक फैलाते हैं, उन्हें रोकने के लिए सख्त कदम जरूरी हैं। आर्मी चीफ ने बताया, भारतीय सेना भविष्य को जमीन से जुड़कर देखती है। हम पांच जेनरेशन के वॉरफेयर में लड़ रहे हैं और सेना उसी के अनुसार खुद को बदल रही है। पहले युद्ध में फैसले लेने में दिन लग जाते थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अगर युद्ध 48 घंटे में भी लड़ना पड़े तो देश की पूरी ताकत एक साथ लगानी होगी। जनरल द्विवेदी ने कहा कि असली ताकत वही होती है जब दुश्मन को यकीन हो कि अगर उसने कोई गलती की तो भारत तुरंत कार्रवाई करेगा। आज भारत की डिफेंस क्षमता इतनी मजबूत हो चुकी है कि सामने वाला देश हमारे इरादों को गंभीरता से लेता है। आर्मी चीफ की स्पीच की 6 बड़ी बातें… 1. डिप्लोमेसी में सेना की भूमिका अहम- विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले साल अक्टूबर में सेना कमांडरों को संबोधित कर चुके हैं और उन्होंने साफ कहा था कि डिफेंस डिप्लोमेसी में भारतीय सेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें सीखने के साथ बहुत योगदान देने की भी जरूरत है। 2. भारत-चीन संबंधों में बड़ा बदलाव आया- अक्टूबर 2024 से अब तक भारत-चीन संबंधों में बड़ा बदलाव आया है। दोनों देशों ने समझा कि सामान्य स्थिति बहाल करना ही फायदेमंद है। 21 अक्टूबर 2024 को पूर्वी लद्दाख में हुए समझौते से दोनों पक्षों को बड़ा लाभ मिला। 3. लोग जम्मू-कश्मीर आना चाह रहे- आज आम नागरिक पूरे भारत में घूमना चाहते हैं और बाहर के लोग भी जम्मू-कश्मीर आना चाह रहे हैं। जो लोग हालात खराब होने पर घाटी छोड़कर चले गए थे, वे अब लौटकर योगदान देना चाहते हैं। 4. सेना बड़े बदलावों पर काम कर रही- सेना तेजी से बदलाव और सुधार की दिशा में काम कर रही है। रक्षा मंत्री ने इस साल को ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म’ घोषित किया था, जबकि सेना पहले से ही ‘डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन’ यानी 10 साल के बड़े बदलावों पर काम कर रही है। 5. आधुनिक युद्ध का चेहरा बदल रहा है- युद्ध अब केवल जमीन, समुद्र और हवा तक सीमित नहीं है। आज युद्ध में साइबर, स्पेस, इंफॉर्मेशन वॉरफेयर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और कॉग्निटिव वॉरफेयर जैसे नए मोर्चे जुड़ गए हैं। इस वजह से थिएटर कमांड का ढांचा भी 2-फ्रंट बॉर्डर और आंतरिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। 6. रक्षा बजट में बढ़ोतरी, फंड की कोई कमी नहीं- पद संभालने के बाद मैंने देश के शीर्ष नेताओं से बात की, और सभी ने भरोसा दिलाया कि बजट की चिंता न करें। 2024-25 में रक्षा खरीद के लिए ₹22,000 करोड़ मिले थे, लेकिन इसे बढ़ाकर ₹28,000-₹39,000 करोड़ कर दिया गया। जनरल द्विवेदी के पिछले 2 बयान 5 नवंबर- आज कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 5 नवंबर को दिल्ली में हुए ‘इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव 2025’ में कहा कि आज दुनिया में कई तरह के खतरे हैं और ये तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं रह सकता। अब सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा- रक्षा क्षेत्र में मिलजुलकर की गई खोज (इनोवेशन) ही सबसे मजबूत सुरक्षा कवच है। 1 नवंबरः हमने कभी नमाज के वक्त हमला नहीं किया जनरल उपेंद्र द्विवेदी 1 नवंबर को 53 साल बाद अपने बचपन के स्कूल सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे थे। इस दौरान आर्मी चीफ ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर एक धर्म युद्ध था, यह आगे भी जारी रहेगा। हमने किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया, न ही नमाज या किसी भी धार्मिक प्रार्थना के समय हमला किया। पूरी खबर पढ़ें… ————————- जनरल उपेंद्र द्विवेदी की ये खबर भी पढ़ें… सेना प्रमुख बोले-जमीन पर कब्जा भारत में जीत का पैमाना:युद्ध 4 दिन का टेस्ट मैच नहीं, इसमें थल सेना की भूमिका हमेशा अहम रहेगी आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि युद्ध के दौरान जमीन पर कब्जा ही भारत में जीत की असली ‘करेंसी’ या पैमाना है। इस वजह से थल सेना की भूमिका हमेशा सबसे अहम रहेगी। जनरल द्विवेदी दिल्ली में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोल रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पिछले अक्टूबर से भारत और चीन के संबंधों में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हालिया बैठकों में सामान्य स्थिति बहाल करने और विवादों के समाधान पर सकारात्मक चर्चा हुई है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि 21 अक्टूबर 2024 को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुआ समझौता भारत के लिए फायदेमंद रहा। इस समझौते में सीमा पर गश्त को लेकर बातचीत हुई है। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और चीन विकास साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं और यह भी कि मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक दिशाएं स्पष्ट हों, तो उससे सभी को लाभ होता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जून 2024 में चीनी समकक्ष से कहा कि यह तय करने का समय है कि बर्फ पिघलनी चाहिए या नहीं। रक्षा मंत्रियों ने भी सीमाओं पर बातचीत और समाधान पर सहमति जताई है। आर्मी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि फिल्म तो शुरू भी नहीं हुई थी, बस 88 घंटे का ट्रेलर दिखा था। अगर पाकिस्तान फिर मौका देता है तो हम उन्हें बताने में पीछे नहीं हटेंगे कि जिम्मेदार देश पड़ोसियों से कैसे पेश आते हैं। द्विवेदी बोले- आतंक को रोकने सख्त कदम उठाने होंगे आर्मी चीफ दिल्ली में चाणक्य डिफेंस डायलॉग के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत प्रगति की बात करता है, इसलिए जो लोग आतंक फैलाते हैं, उन्हें रोकने के लिए सख्त कदम जरूरी हैं। आर्मी चीफ ने बताया, भारतीय सेना भविष्य को जमीन से जुड़कर देखती है। हम पांच जेनरेशन के वॉरफेयर में लड़ रहे हैं और सेना उसी के अनुसार खुद को बदल रही है। पहले युद्ध में फैसले लेने में दिन लग जाते थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अगर युद्ध 48 घंटे में भी लड़ना पड़े तो देश की पूरी ताकत एक साथ लगानी होगी। जनरल द्विवेदी ने कहा कि असली ताकत वही होती है जब दुश्मन को यकीन हो कि अगर उसने कोई गलती की तो भारत तुरंत कार्रवाई करेगा। आज भारत की डिफेंस क्षमता इतनी मजबूत हो चुकी है कि सामने वाला देश हमारे इरादों को गंभीरता से लेता है। आर्मी चीफ की स्पीच की 6 बड़ी बातें… 1. डिप्लोमेसी में सेना की भूमिका अहम- विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले साल अक्टूबर में सेना कमांडरों को संबोधित कर चुके हैं और उन्होंने साफ कहा था कि डिफेंस डिप्लोमेसी में भारतीय सेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें सीखने के साथ बहुत योगदान देने की भी जरूरत है। 2. भारत-चीन संबंधों में बड़ा बदलाव आया- अक्टूबर 2024 से अब तक भारत-चीन संबंधों में बड़ा बदलाव आया है। दोनों देशों ने समझा कि सामान्य स्थिति बहाल करना ही फायदेमंद है। 21 अक्टूबर 2024 को पूर्वी लद्दाख में हुए समझौते से दोनों पक्षों को बड़ा लाभ मिला। 3. लोग जम्मू-कश्मीर आना चाह रहे- आज आम नागरिक पूरे भारत में घूमना चाहते हैं और बाहर के लोग भी जम्मू-कश्मीर आना चाह रहे हैं। जो लोग हालात खराब होने पर घाटी छोड़कर चले गए थे, वे अब लौटकर योगदान देना चाहते हैं। 4. सेना बड़े बदलावों पर काम कर रही- सेना तेजी से बदलाव और सुधार की दिशा में काम कर रही है। रक्षा मंत्री ने इस साल को ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म’ घोषित किया था, जबकि सेना पहले से ही ‘डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन’ यानी 10 साल के बड़े बदलावों पर काम कर रही है। 5. आधुनिक युद्ध का चेहरा बदल रहा है- युद्ध अब केवल जमीन, समुद्र और हवा तक सीमित नहीं है। आज युद्ध में साइबर, स्पेस, इंफॉर्मेशन वॉरफेयर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और कॉग्निटिव वॉरफेयर जैसे नए मोर्चे जुड़ गए हैं। इस वजह से थिएटर कमांड का ढांचा भी 2-फ्रंट बॉर्डर और आंतरिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। 6. रक्षा बजट में बढ़ोतरी, फंड की कोई कमी नहीं- पद संभालने के बाद मैंने देश के शीर्ष नेताओं से बात की, और सभी ने भरोसा दिलाया कि बजट की चिंता न करें। 2024-25 में रक्षा खरीद के लिए ₹22,000 करोड़ मिले थे, लेकिन इसे बढ़ाकर ₹28,000-₹39,000 करोड़ कर दिया गया। जनरल द्विवेदी के पिछले 2 बयान 5 नवंबर- आज कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 5 नवंबर को दिल्ली में हुए ‘इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव 2025’ में कहा कि आज दुनिया में कई तरह के खतरे हैं और ये तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं रह सकता। अब सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा- रक्षा क्षेत्र में मिलजुलकर की गई खोज (इनोवेशन) ही सबसे मजबूत सुरक्षा कवच है। 1 नवंबरः हमने कभी नमाज के वक्त हमला नहीं किया जनरल उपेंद्र द्विवेदी 1 नवंबर को 53 साल बाद अपने बचपन के स्कूल सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे थे। इस दौरान आर्मी चीफ ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर एक धर्म युद्ध था, यह आगे भी जारी रहेगा। हमने किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया, न ही नमाज या किसी भी धार्मिक प्रार्थना के समय हमला किया। पूरी खबर पढ़ें… ————————- जनरल उपेंद्र द्विवेदी की ये खबर भी पढ़ें… सेना प्रमुख बोले-जमीन पर कब्जा भारत में जीत का पैमाना:युद्ध 4 दिन का टेस्ट मैच नहीं, इसमें थल सेना की भूमिका हमेशा अहम रहेगी आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि युद्ध के दौरान जमीन पर कब्जा ही भारत में जीत की असली ‘करेंसी’ या पैमाना है। इस वजह से थल सेना की भूमिका हमेशा सबसे अहम रहेगी। जनरल द्विवेदी दिल्ली में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोल रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…