दिल्ली ब्लास्ट का हरियाणा के बाद अब पंजाब से भी कनेक्शन जुड़ गया है। पठानकोट के आर्मी एरिया मामून कैंट के पास बने मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले डॉक्टर को इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट पर हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली धमाके और हरियाणा की अल फलाह यूनिवर्सिटी से लिंक सामने आने के बाद ये कार्रवाई हुई है। डॉक्टर की पहचान रईस अहमद भट्ट निवासी अनंतनाग के तौर पर हुई है। 45 वर्षीय भट्ट व्हाइट मेडिकल कॉलेज में 3 साल से पढ़ा रहा था। दिल्ली विस्फोट के मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर के साथ भी उसका संपर्क सामने आया है। एजेंसियां अब उससे पूछताछ कर रही है। उधर, मेडिकल कॉलेज का मैनेजमेंट देखने वाले स्वर्ण सलारिया ने इसकी पुष्टि की है। बताया कि डॉक्टर भट्ट को देर रात हिरासत में लिया गया है। भट्ट उनके यहां लेप्रोस्कोपिक सर्जन के तौर पर काम करता था, लेकिन उसका दिल्ली धमाके के साथ क्या कनेक्शन है, उन्हें नहीं पता। अल फलाह यूनिवर्सिटी में भी प्रोफेसर रह चुका
डॉक्टर रईस भट्ट के बारे में पता चला है कि वह 4 साल फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में काम कर चुका है। अभी भी वह अल फलाह यूनिवर्सिटी के अपने कई फैलो के संपर्क में था। सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर रईस भट्ट का दिल्ली विस्फोट के मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर के साथ भी संपर्क था। डॉक्टर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हालांकि डॉक्टर को किस एजेंसी ने गिरफ्तार किया है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। पकड़ा गया डॉक्टर अनंतनाग का रहने वाला है। टीम कर रही पूर्व स्टाफ की जांच
बता दें कि अल फलाह यूनिवर्सिटी में सामने आए आतंकी मॉड्यूल के बाद जांच एजेंसियां यूनिवर्सिटी से लिंक रखने वाले सारे स्टाफ से पूछताछ कर रही हैं। इसी कड़ी में पठानकोट से डॉक्टर रईस भट्ट को हिरासत में लिया गया है। जांच कर रही टीम ने शुक्रवार रात यूनिवर्सिटी में पहुंचकर डॉक्टर को हिरासत में लिया। इसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी गई। टीम ने डॉक्टर की गतिविधियों के बारे में साथी डॉक्टरों से भी बात की है। हालांकि इसमें क्या पता चला है, स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। स्थानीय डीएसपी ने भट्ट को हिरासत में लेने की पुष्टि की है। दिल्ली ब्लास्ट में भास्कर की 2 इन्वेस्टिगेशन… 1. तीसरी तक पढ़े मौलवी ने डॉक्टरों को आतंक पढ़ाया
कश्मीर के जिस मौलाना मोहम्मद इरफान की वजह से आतंकियों के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ, वो तीसरी कक्षा तक ही पढ़ा था। लेकिन, वो डॉक्टरों को आतंक का पाठ पढ़ा चुका था। इरफान शोपियां का रहने वाला है। नौगाम में मदरसे में पढ़ाने जाता था। 17 अक्टूबर को उसने ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का धमकी भरा पोस्टर लिखा। फिर उसे प्रिंटिंग कराने ले गया। पोस्टर में सेना के खिलाफ धमकी भरी बातें लिखी थीं। जवानों ने पोस्टर देखा और आसपास पता लगाया तो मौलवी का सुराग मिला। अगले ही दिन जवान शोपियां पहुंच गए और उसे दबोच लिया। जांच सूत्रों ने भास्कर को बताया कि नौगाम में इरफान जिस मस्जिद में रहता था, उस कमरे को खोला गया। वहां कुछ और पोस्टर मिले। इसके बाद पहला केस दर्ज हुआ। कुछ दिन मामला शांत रहा, लेकिन 27 अक्टूबर को नौगाम में और पोस्टर लगे मिले। ये प्रिंटेड थे। सीसीटीवी फुटेज से इन्हें लगाने वाली की पहचान कुलगाम के वांपोरा निवासी डॉ. अदील मोहम्मद के रूप में हुई। 2. जहां से चार आतंकी निकले, वहां 40% डॉक्टर कश्मीरी
फरीदाबाद के धौज गांव में बनी जिस अलफलाह यूनिवर्सिटी से चार आतंकी डॉक्टर निकले, वहां 40% डॉक्टर कश्मीरी हैं। नाम न छापने की शर्त पर मेडिकल कॉलेज में तैनात एक महिला डॉक्टर ने भास्कर को बताया कि 2021 में लेडी आतंकी डॉ. शाहीन बतौर प्रोफेसर जुड़ी। उसे प्रबंधन ने कॉलेज की 6 सदस्यीय फार्माको विजिलेंस कमेटी में अहम पद दिया। उसने ही 2022 में पुलवामा के आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल गनी, डॉ. उमर नबी, डॉ. सज्जाद अहमद को नौकरी दिलाई। सज्जाद को कॉलेज कमेटी का सदस्य बनवाया। शाहीन और सज्जाद का यूनिवर्सिटी में काफी प्रभाव था। दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े 4 अपडेट्स… ——————————
ये खबर भी पढ़ें… दिल्ली ब्लास्ट, फरीदाबाद में मस्जिदों की चेकिंग:इमामों से पूछताछ; अल-फलाह यूनिवर्सिटी के 15 डॉक्टर अंडरग्राउंड, गुरुग्राम में सादी वर्दी में पुलिस तैनात हरियाणा के फरीदाबाद में शनिवार को पुलिस मस्जिदों की चेकिंग कर रही है। इमामों से पूछताछ कर उनका वेरिफिकेशन किया जा रहा है। कॉलोनियों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। खासतौर पर जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वालों के घरों की तलाशी ले रही है। संवेदनशील जगहों पर सादा कपड़ों में गुरुग्राम पुलिस तैनात की गई है। (पूरी खबर पढ़ें)
दिल्ली ब्लास्ट का हरियाणा के बाद अब पंजाब से भी कनेक्शन जुड़ गया है। पठानकोट के आर्मी एरिया मामून कैंट के पास बने मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले डॉक्टर को इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट पर हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली धमाके और हरियाणा की अल फलाह यूनिवर्सिटी से लिंक सामने आने के बाद ये कार्रवाई हुई है। डॉक्टर की पहचान रईस अहमद भट्ट निवासी अनंतनाग के तौर पर हुई है। 45 वर्षीय भट्ट व्हाइट मेडिकल कॉलेज में 3 साल से पढ़ा रहा था। दिल्ली विस्फोट के मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर के साथ भी उसका संपर्क सामने आया है। एजेंसियां अब उससे पूछताछ कर रही है। उधर, मेडिकल कॉलेज का मैनेजमेंट देखने वाले स्वर्ण सलारिया ने इसकी पुष्टि की है। बताया कि डॉक्टर भट्ट को देर रात हिरासत में लिया गया है। भट्ट उनके यहां लेप्रोस्कोपिक सर्जन के तौर पर काम करता था, लेकिन उसका दिल्ली धमाके के साथ क्या कनेक्शन है, उन्हें नहीं पता। अल फलाह यूनिवर्सिटी में भी प्रोफेसर रह चुका
डॉक्टर रईस भट्ट के बारे में पता चला है कि वह 4 साल फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में काम कर चुका है। अभी भी वह अल फलाह यूनिवर्सिटी के अपने कई फैलो के संपर्क में था। सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर रईस भट्ट का दिल्ली विस्फोट के मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर के साथ भी संपर्क था। डॉक्टर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हालांकि डॉक्टर को किस एजेंसी ने गिरफ्तार किया है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। पकड़ा गया डॉक्टर अनंतनाग का रहने वाला है। टीम कर रही पूर्व स्टाफ की जांच
बता दें कि अल फलाह यूनिवर्सिटी में सामने आए आतंकी मॉड्यूल के बाद जांच एजेंसियां यूनिवर्सिटी से लिंक रखने वाले सारे स्टाफ से पूछताछ कर रही हैं। इसी कड़ी में पठानकोट से डॉक्टर रईस भट्ट को हिरासत में लिया गया है। जांच कर रही टीम ने शुक्रवार रात यूनिवर्सिटी में पहुंचकर डॉक्टर को हिरासत में लिया। इसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी गई। टीम ने डॉक्टर की गतिविधियों के बारे में साथी डॉक्टरों से भी बात की है। हालांकि इसमें क्या पता चला है, स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। स्थानीय डीएसपी ने भट्ट को हिरासत में लेने की पुष्टि की है। दिल्ली ब्लास्ट में भास्कर की 2 इन्वेस्टिगेशन… 1. तीसरी तक पढ़े मौलवी ने डॉक्टरों को आतंक पढ़ाया
कश्मीर के जिस मौलाना मोहम्मद इरफान की वजह से आतंकियों के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ, वो तीसरी कक्षा तक ही पढ़ा था। लेकिन, वो डॉक्टरों को आतंक का पाठ पढ़ा चुका था। इरफान शोपियां का रहने वाला है। नौगाम में मदरसे में पढ़ाने जाता था। 17 अक्टूबर को उसने ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का धमकी भरा पोस्टर लिखा। फिर उसे प्रिंटिंग कराने ले गया। पोस्टर में सेना के खिलाफ धमकी भरी बातें लिखी थीं। जवानों ने पोस्टर देखा और आसपास पता लगाया तो मौलवी का सुराग मिला। अगले ही दिन जवान शोपियां पहुंच गए और उसे दबोच लिया। जांच सूत्रों ने भास्कर को बताया कि नौगाम में इरफान जिस मस्जिद में रहता था, उस कमरे को खोला गया। वहां कुछ और पोस्टर मिले। इसके बाद पहला केस दर्ज हुआ। कुछ दिन मामला शांत रहा, लेकिन 27 अक्टूबर को नौगाम में और पोस्टर लगे मिले। ये प्रिंटेड थे। सीसीटीवी फुटेज से इन्हें लगाने वाली की पहचान कुलगाम के वांपोरा निवासी डॉ. अदील मोहम्मद के रूप में हुई। 2. जहां से चार आतंकी निकले, वहां 40% डॉक्टर कश्मीरी
फरीदाबाद के धौज गांव में बनी जिस अलफलाह यूनिवर्सिटी से चार आतंकी डॉक्टर निकले, वहां 40% डॉक्टर कश्मीरी हैं। नाम न छापने की शर्त पर मेडिकल कॉलेज में तैनात एक महिला डॉक्टर ने भास्कर को बताया कि 2021 में लेडी आतंकी डॉ. शाहीन बतौर प्रोफेसर जुड़ी। उसे प्रबंधन ने कॉलेज की 6 सदस्यीय फार्माको विजिलेंस कमेटी में अहम पद दिया। उसने ही 2022 में पुलवामा के आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल गनी, डॉ. उमर नबी, डॉ. सज्जाद अहमद को नौकरी दिलाई। सज्जाद को कॉलेज कमेटी का सदस्य बनवाया। शाहीन और सज्जाद का यूनिवर्सिटी में काफी प्रभाव था। दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े 4 अपडेट्स… ——————————
ये खबर भी पढ़ें… दिल्ली ब्लास्ट, फरीदाबाद में मस्जिदों की चेकिंग:इमामों से पूछताछ; अल-फलाह यूनिवर्सिटी के 15 डॉक्टर अंडरग्राउंड, गुरुग्राम में सादी वर्दी में पुलिस तैनात हरियाणा के फरीदाबाद में शनिवार को पुलिस मस्जिदों की चेकिंग कर रही है। इमामों से पूछताछ कर उनका वेरिफिकेशन किया जा रहा है। कॉलोनियों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। खासतौर पर जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वालों के घरों की तलाशी ले रही है। संवेदनशील जगहों पर सादा कपड़ों में गुरुग्राम पुलिस तैनात की गई है। (पूरी खबर पढ़ें)