शंभू बॉर्डर पर चल रहा कौमी इंसाफ मोर्चा का धरना समाप्त हो गया है। कमेटी के सदस्यों ने इसका ऐलान किया है। उनकी प्रशासन-सरकार से बातचीत में सहमति बनी है। मीडिया से बात करते हुए गुरशरण सिंह ने बताया कि हमारी केंद्र सरकार से आए डायरेक्टर के साथ बैठक हो गई है। हमने अपना ज्ञापन उन्हें सौंप दिया है। उनकी तरफ से यह आश्वासन दिलाया गया है कि वह दिल्ली जाकर विभाग के मंत्री तक उनकी बात पहुंचा देंगे और जल्द ही इसका हल निकाल दिया जाएगा। दरअसल, सिख बंदियों की रिहाई के लिए कौमी इंसाफ मोर्चा पंजाब और विभिन्न किसान यूनियन आज शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए कूच के लिए जुटे थे। दोपहर तक बड़ी संख्या में कौमी इंसाफ मोर्चा और किसान यूनियन से जुड़े लोग बॉर्डर पर पहुंच गए थे। किसान यूनियन के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया था कि कौमी इंसाफ मोर्चा ने दिल्ली तक मार्च करना है। किसान संगठनों ने इस मार्च को समर्थन देने का फैसला किया है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष डॉ दर्शन पाल सिंह ने बताया कि हमारी तीन मांगे हैं, जिनमें सिख बंदियों की रिहाई, धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर सख्त कानून बने और तीसरा सोनम वांगचुक जैसे राजनीतिक बंदियों की तुरंत रिहाई हो। शंभू बॉर्डर के कुछ PHOTOS…. पुलिस ने ये बनाया था ट्रैफिक डायवर्जन प्लान
लुधियाना की तरफ से अंबाला जाने वाले वाहनों को राजपुरा से बनूड़, जीरकपुर, डेराबस्सी से होते हुए अंबाला की डायर्वट किया गया था। वहीं, अंबाला से लुधियाना की तरफ आने वाले वाहनों ने भी यही रूट अपनाया। फतेहगढ़ साहिब से अंबाला जाने वाले वाहनों को लांडरां से एयरपोर्ट चौक मोहाली, डेराबस्सी से अंबाला की तरफ डायवर्ट किया गया था। इसके अलावा राजपुरा से घनौर होकर अंबाला पहुंचने का विकल्प भी रहा। पटियाला की तरफ से अंबाला जाने वालों को भी घनौर से होकर निकलना पड़ा। राजपुरा से छोटे वाहन बनूड़, मनौली सूरज, लेहली लालड़ू होते हुए अंबाला जा सके। शंभू बॉर्डर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा के लिहाज से यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
शंभू बॉर्डर पर चल रहा कौमी इंसाफ मोर्चा का धरना समाप्त हो गया है। कमेटी के सदस्यों ने इसका ऐलान किया है। उनकी प्रशासन-सरकार से बातचीत में सहमति बनी है। मीडिया से बात करते हुए गुरशरण सिंह ने बताया कि हमारी केंद्र सरकार से आए डायरेक्टर के साथ बैठक हो गई है। हमने अपना ज्ञापन उन्हें सौंप दिया है। उनकी तरफ से यह आश्वासन दिलाया गया है कि वह दिल्ली जाकर विभाग के मंत्री तक उनकी बात पहुंचा देंगे और जल्द ही इसका हल निकाल दिया जाएगा। दरअसल, सिख बंदियों की रिहाई के लिए कौमी इंसाफ मोर्चा पंजाब और विभिन्न किसान यूनियन आज शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए कूच के लिए जुटे थे। दोपहर तक बड़ी संख्या में कौमी इंसाफ मोर्चा और किसान यूनियन से जुड़े लोग बॉर्डर पर पहुंच गए थे। किसान यूनियन के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया था कि कौमी इंसाफ मोर्चा ने दिल्ली तक मार्च करना है। किसान संगठनों ने इस मार्च को समर्थन देने का फैसला किया है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष डॉ दर्शन पाल सिंह ने बताया कि हमारी तीन मांगे हैं, जिनमें सिख बंदियों की रिहाई, धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर सख्त कानून बने और तीसरा सोनम वांगचुक जैसे राजनीतिक बंदियों की तुरंत रिहाई हो। शंभू बॉर्डर के कुछ PHOTOS…. पुलिस ने ये बनाया था ट्रैफिक डायवर्जन प्लान
लुधियाना की तरफ से अंबाला जाने वाले वाहनों को राजपुरा से बनूड़, जीरकपुर, डेराबस्सी से होते हुए अंबाला की डायर्वट किया गया था। वहीं, अंबाला से लुधियाना की तरफ आने वाले वाहनों ने भी यही रूट अपनाया। फतेहगढ़ साहिब से अंबाला जाने वाले वाहनों को लांडरां से एयरपोर्ट चौक मोहाली, डेराबस्सी से अंबाला की तरफ डायवर्ट किया गया था। इसके अलावा राजपुरा से घनौर होकर अंबाला पहुंचने का विकल्प भी रहा। पटियाला की तरफ से अंबाला जाने वालों को भी घनौर से होकर निकलना पड़ा। राजपुरा से छोटे वाहन बनूड़, मनौली सूरज, लेहली लालड़ू होते हुए अंबाला जा सके। शंभू बॉर्डर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा के लिहाज से यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।