निर्वाचन आयोग ने सीकर के श्रीमाधोपुर के एक युवा वोटर के 7 EPIC कार्ड जारी कर दिए। सभी वोटर आईडी पर मतदाता पहचान संख्या (EPIC नंबर) अलग-अलग है। 6 वोटर आईडी पर युवक की एक जैसी फोटो, जबकि एक आईडी पर युवक की दूसरी फोटो लगी है। 12 अक्टूबर को डाक पार्सल से युवक को एक साथ 7 अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड मिले। इस पर युवक और उसके परिजन चौंक गए। श्रीमाधोपुर विधानसभा के युवा कांग्रेस अध्यक्ष को इस बारे में पता चला उन्होंने AICC और यूथ कांग्रेस के ग्रुप पर इसकी जानकारी शेयर की। इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर पूरे सिस्टम को हाईजैक करने का आरोप लगाया। कांग्रेस की इस टिप्पणी के बाद निर्वाचन आयोग ने इसका फैक्ट चेक करवाया और स्पष्टीकरण देकर जिम्मेदार के खिलाफ कार्यवाही की बात कही। मामले को लेकर भास्कर रिपोर्टर ने एसडीएम और निर्वाचन अधिकारी अनिल कुमार से बात की, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। वहीं बीएलओ मनीष कुमार ने कॉल रिसीव नहीं किया। पहली बार आवेदन खारिज होने पर दूसरी बार आवेदन किया था
दरअसल, श्रीमाधोपुर में वार्ड 13 के खटीक मोहल्ला निवासी युवक मेघराज पटवा (18) के घर डाक पार्सल से 7 वोटर ID कार्ड आए हैं। इनमें सभी में EPIC नंबर तो अलग-अलग है, लेकिन नाम, जन्म तारीख समेत अन्य जानकारी एक है। युवक के पिता भोमाराम ने बताया- मेरा बेटा मेघराज 12वीं क्लास का स्टूडेंट है। वह जुलाई 2025 में 18 साल का होने वाला था। ऐसे में मैंने मई 2025 को बेटे का नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए आवेदन किया था। उस समय बीएलओ ने 18 साल की उम्र पूरी नहीं होने के कारण आवेदन खारिज कर दिया था। जुलाई में बेटा 18 साल का होने पर दोबारा वोटर कार्ड के लिए आवेदन किया था। 12 अक्टूबर की सुबह हमें डाक पार्सल मिला था, जिसमें मेघराज की एक की जगह कुल 7 वोटर आईडी मिली। 6 वोटर कार्ड पर मेघराज की एक जैसी फोटो, जबकि एक कार्ड पर मेघराज की दूसरी फोटो लगी थी। एसडीएम ने युवक को ऑफिस बुलाया
मेघराज पटवा ने बताया- बुधवार और गुरुवार को एसडीएम अनिल कुमार ने मुझे उपखंड ऑफिस पर बुलाया था। SDM ने मुझसे सभी 7 वोटर आईडी कार्ड मांगे थे, लेकिन ये कार्ड कांग्रेस नेता विक्की बिवांल के पास होने के कारण मैं उनको नहीं दे पाया। उन्होंने एक पेपर पर मुझसे हस्ताक्षर (साइन) करवाए थे। पेपर पर क्या लिखा था, वो मैंने नहीं पढ़ा। यूथ कांग्रेस के नेता ने कांग्रेस के ग्रुप में जानकारी दी
युवा कांग्रेस के श्रीमाधोपुर विधानसभा अध्यक्ष विक्की बिवांल ने कहा- जब मैं वार्ड 13 में मेघराज पटवा के घर गया और उनकी दादी से बात की, तो 7 कार्ड जारी होने की जानकारी मिली। इस पर मैंने इसकी जानकारी AICC और यूथ कांग्रेस के ग्रुप पर शेयर की। बिंवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी की शह पर चुनाव आयोग काम कर रहा है। उन्होंने कहा- मेरे वार्ड में एक अन्य मामला भी सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति के नाम से 3 वोटर आईडी कार्ड जारी हुए हैं। यह गलती यदि समय रहते नहीं सुधारी गई तो आगामी चुनावों में कई तरह की तकनीकी गड़बड़ियां देखने को मिल सकती है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल
एक युवक के 7 वोटर आईडी कार्ड जारी होने का मामला सामने आया तो कांग्रेस ने इसे वोट चोरी के मुद्दे से जोड़कर निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा- बीजेपी की वोट चोरी व्यवस्था। चुनाव आयोग ने राजस्थान के मेघराज पटवा के घर 7 वोटर आईडी कार्ड भेज दिए। जिनमें सभी का E-PIC नंबर अलग-अलग है। मेघराज ने वोटर आईडी के लिए अप्लाई किया था। जिसके बाद चुनाव आयोग की ये करतूत सामने आई है। नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग ने चुनाव का पूरा सिस्टम हाईजैक कर लिया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा- ‘व्यक्ति एक, वोट अनेक, BJP की ‘वोट चोरी’ योजना। नरेंद्र मोदी और ज्ञानेश कुमार ने संविधान के ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ सिद्धांत को चौपट कर दिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने करवाया फैक्ट चेक, गलती पकड़ में आई
कांग्रेस की टिप्पणी के बाद सीकर जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस पूरे मामले पर फैक्ट चेक करवाया तो गलती पकड़ में आई। आयोग ने लिखा- उक्त व्यक्ति ने जब वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया तो उसने 7 बार ऑनलाइन आवेदन (फॉर्म-6) कर दिया। इन सभी आवेदनों की बूथ स्तर के अधिकारी ने ठीक से जांच नहीं की, जिसके कारण 7 अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड जारी हो गए। बूथ स्तरीय अधिकारी की तरफ से की गई इस लापरवाही पर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। साथ ही आयोग ने लिखा- उस मतदाता से नाम हटवाने के लिए 6 अलग-अलग आवेदन (फॉर्म-7) भरवा लिए गए हैं। SIR वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण के लिए ही है। इसमें इस प्रकार की दोहरी प्रविष्टियां भी हटाई जानी है। उस मतदाता ने SIR 2026 में एक ही गणना प्रपत्र भरा है। अब बनने वाली मतदाता सूची में उसका नाम केवल एक बार ही आएगा।
निर्वाचन आयोग ने सीकर के श्रीमाधोपुर के एक युवा वोटर के 7 EPIC कार्ड जारी कर दिए। सभी वोटर आईडी पर मतदाता पहचान संख्या (EPIC नंबर) अलग-अलग है। 6 वोटर आईडी पर युवक की एक जैसी फोटो, जबकि एक आईडी पर युवक की दूसरी फोटो लगी है। 12 अक्टूबर को डाक पार्सल से युवक को एक साथ 7 अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड मिले। इस पर युवक और उसके परिजन चौंक गए। श्रीमाधोपुर विधानसभा के युवा कांग्रेस अध्यक्ष को इस बारे में पता चला उन्होंने AICC और यूथ कांग्रेस के ग्रुप पर इसकी जानकारी शेयर की। इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर पूरे सिस्टम को हाईजैक करने का आरोप लगाया। कांग्रेस की इस टिप्पणी के बाद निर्वाचन आयोग ने इसका फैक्ट चेक करवाया और स्पष्टीकरण देकर जिम्मेदार के खिलाफ कार्यवाही की बात कही। मामले को लेकर भास्कर रिपोर्टर ने एसडीएम और निर्वाचन अधिकारी अनिल कुमार से बात की, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। वहीं बीएलओ मनीष कुमार ने कॉल रिसीव नहीं किया। पहली बार आवेदन खारिज होने पर दूसरी बार आवेदन किया था
दरअसल, श्रीमाधोपुर में वार्ड 13 के खटीक मोहल्ला निवासी युवक मेघराज पटवा (18) के घर डाक पार्सल से 7 वोटर ID कार्ड आए हैं। इनमें सभी में EPIC नंबर तो अलग-अलग है, लेकिन नाम, जन्म तारीख समेत अन्य जानकारी एक है। युवक के पिता भोमाराम ने बताया- मेरा बेटा मेघराज 12वीं क्लास का स्टूडेंट है। वह जुलाई 2025 में 18 साल का होने वाला था। ऐसे में मैंने मई 2025 को बेटे का नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए आवेदन किया था। उस समय बीएलओ ने 18 साल की उम्र पूरी नहीं होने के कारण आवेदन खारिज कर दिया था। जुलाई में बेटा 18 साल का होने पर दोबारा वोटर कार्ड के लिए आवेदन किया था। 12 अक्टूबर की सुबह हमें डाक पार्सल मिला था, जिसमें मेघराज की एक की जगह कुल 7 वोटर आईडी मिली। 6 वोटर कार्ड पर मेघराज की एक जैसी फोटो, जबकि एक कार्ड पर मेघराज की दूसरी फोटो लगी थी। एसडीएम ने युवक को ऑफिस बुलाया
मेघराज पटवा ने बताया- बुधवार और गुरुवार को एसडीएम अनिल कुमार ने मुझे उपखंड ऑफिस पर बुलाया था। SDM ने मुझसे सभी 7 वोटर आईडी कार्ड मांगे थे, लेकिन ये कार्ड कांग्रेस नेता विक्की बिवांल के पास होने के कारण मैं उनको नहीं दे पाया। उन्होंने एक पेपर पर मुझसे हस्ताक्षर (साइन) करवाए थे। पेपर पर क्या लिखा था, वो मैंने नहीं पढ़ा। यूथ कांग्रेस के नेता ने कांग्रेस के ग्रुप में जानकारी दी
युवा कांग्रेस के श्रीमाधोपुर विधानसभा अध्यक्ष विक्की बिवांल ने कहा- जब मैं वार्ड 13 में मेघराज पटवा के घर गया और उनकी दादी से बात की, तो 7 कार्ड जारी होने की जानकारी मिली। इस पर मैंने इसकी जानकारी AICC और यूथ कांग्रेस के ग्रुप पर शेयर की। बिंवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी की शह पर चुनाव आयोग काम कर रहा है। उन्होंने कहा- मेरे वार्ड में एक अन्य मामला भी सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति के नाम से 3 वोटर आईडी कार्ड जारी हुए हैं। यह गलती यदि समय रहते नहीं सुधारी गई तो आगामी चुनावों में कई तरह की तकनीकी गड़बड़ियां देखने को मिल सकती है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल
एक युवक के 7 वोटर आईडी कार्ड जारी होने का मामला सामने आया तो कांग्रेस ने इसे वोट चोरी के मुद्दे से जोड़कर निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा- बीजेपी की वोट चोरी व्यवस्था। चुनाव आयोग ने राजस्थान के मेघराज पटवा के घर 7 वोटर आईडी कार्ड भेज दिए। जिनमें सभी का E-PIC नंबर अलग-अलग है। मेघराज ने वोटर आईडी के लिए अप्लाई किया था। जिसके बाद चुनाव आयोग की ये करतूत सामने आई है। नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग ने चुनाव का पूरा सिस्टम हाईजैक कर लिया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा- ‘व्यक्ति एक, वोट अनेक, BJP की ‘वोट चोरी’ योजना। नरेंद्र मोदी और ज्ञानेश कुमार ने संविधान के ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ सिद्धांत को चौपट कर दिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने करवाया फैक्ट चेक, गलती पकड़ में आई
कांग्रेस की टिप्पणी के बाद सीकर जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस पूरे मामले पर फैक्ट चेक करवाया तो गलती पकड़ में आई। आयोग ने लिखा- उक्त व्यक्ति ने जब वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया तो उसने 7 बार ऑनलाइन आवेदन (फॉर्म-6) कर दिया। इन सभी आवेदनों की बूथ स्तर के अधिकारी ने ठीक से जांच नहीं की, जिसके कारण 7 अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड जारी हो गए। बूथ स्तरीय अधिकारी की तरफ से की गई इस लापरवाही पर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। साथ ही आयोग ने लिखा- उस मतदाता से नाम हटवाने के लिए 6 अलग-अलग आवेदन (फॉर्म-7) भरवा लिए गए हैं। SIR वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण के लिए ही है। इसमें इस प्रकार की दोहरी प्रविष्टियां भी हटाई जानी है। उस मतदाता ने SIR 2026 में एक ही गणना प्रपत्र भरा है। अब बनने वाली मतदाता सूची में उसका नाम केवल एक बार ही आएगा।