आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को ₹250 करोड़ मूल्य का 68 लाख किलोग्राम घी सप्लाई कर चर्चा में आई उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के भगवानपुर की भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड पर गंभीर आरोप लगे हैं। CBI की विशेष जांच टीम (SIT) की ओर से नेल्लोर कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट के अनुसार इस डेयरी ने न तो कभी दूध खरीदा, न मक्खन फिर भी 2019 से 2024 के बीच लड्डू प्रसादम् में इस्तेमाल होने वाले घी की आपूर्ति करती रही। CBI की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासे
CBI के नेतृत्व वाली SIT ने यह खुलासा आरोपी अजय कुमार सुगंध की गिरफ्तारी के बाद किया। रिपोर्ट के अनुसार सुगंध ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी को मोनोडिग्लिसराइड्स और एसिटिक एसिड एस्टर जैसे रासायनिक यौगिकों की आपूर्ति की थी। इन रसायनों का इस्तेमाल नकली घी तैयार करने में किया गया था। SIT ने अदालत में रिमांड रिपोर्ट दाखिल करते हुए बताया कि डेयरी के प्रमोटर पोमिल जैन और विपिन जैन ने एक फर्जी देसी घी निर्माण इकाई स्थापित की थी और दूध खरीद व भुगतान के रिकॉर्ड में जालसाजी की। आरोपी को 3 दिन पहले दिल्ली से किया था गिरफ्तार
अजय कुमार को तीन दिन पहले दिल्ली में हिरासत में लिया गया था। बाद में पूछताछ के लिए तिरुपति स्थित एसआईटी कार्यालय लाया गया। जांचकर्ताओं ने कथित तौर पर रसायनों की आपूर्ति से जुड़े वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की गई। फिर उन्हें नेल्लोर एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 21 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी जारी रही सप्लाई
CBI रिपोर्ट के मुताबिक भोले बाबा डेयरी को 2022 में अयोग्य घोषित कर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। इसके बाद भी कंपनी ने तिरुपति की वैष्णवी डेयरी, उत्तर प्रदेश की माल गंगा डेयरी और तमिलनाडु की एआर डेयरी फूड्स के माध्यम से TTD के अनुबंधों में सफलतापूर्वक बोली लगाई और घी की सप्लाई जारी रखी। जांच में पाया गया कि मिलावटी घी में पशु वसा और सिंथेटिक रासायनिक तत्वों का उपयोग किया गया था, जो खाद्य सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन है। हरिद्वार फैक्ट्री में नहीं मिला घी उत्पादन
घोटाले के सामने आने के बाद केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (FSSAI) के निर्देश पर उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग ने अक्टूबर 2024 में हरिद्वार की फैक्ट्री पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान अधिकारियों को फैक्ट्री में घी उत्पादन का कोई प्रमाण नहीं मिला। फैक्ट्री में केवल एक चौकीदार और पांच कर्मचारी मौजूद थे, जबकि कोई लैब टेक्नीशियन या मैनेजर नहीं मिला। फैक्ट्री परिसर से मदर फूड काउ घी के खाली रैपर बरामद किए गए। जांच रिपोर्ट के बाद विभाग ने फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की थी और रिपोर्ट FSSAI को भेज दी गई थी। हरिद्वार के जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी महिमा नंद जोशी ने बताया- हमने पिछले वर्ष ही फैक्ट्री की जांच रिपोर्ट शासन स्तर पर जमा कर दी थी। जब हमारी टीम वहां पहुंची, फैक्ट्री बंद थी। दस्तावेजों के आधार पर हमने विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी थी। आगे की कार्रवाई FSSAI को करनी थी। यह घोटाला तब सुर्खियों में आया जब आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और भाजपा गठबंधन सरकार बनने के बाद लड्डू प्रसादम् में घी की मिलावट के आरोप सामने आए। सरकार ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच CBI को सौंप दी थी। अब SIT भोले बाबा डेयरी समेत अन्य संबंधित डेयरियों के वित्तीय लेनदेन, बैंक रिकॉर्ड और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क की फोरेंसिक जांच कर रही है।
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को ₹250 करोड़ मूल्य का 68 लाख किलोग्राम घी सप्लाई कर चर्चा में आई उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के भगवानपुर की भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड पर गंभीर आरोप लगे हैं। CBI की विशेष जांच टीम (SIT) की ओर से नेल्लोर कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट के अनुसार इस डेयरी ने न तो कभी दूध खरीदा, न मक्खन फिर भी 2019 से 2024 के बीच लड्डू प्रसादम् में इस्तेमाल होने वाले घी की आपूर्ति करती रही। CBI की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासे
CBI के नेतृत्व वाली SIT ने यह खुलासा आरोपी अजय कुमार सुगंध की गिरफ्तारी के बाद किया। रिपोर्ट के अनुसार सुगंध ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी को मोनोडिग्लिसराइड्स और एसिटिक एसिड एस्टर जैसे रासायनिक यौगिकों की आपूर्ति की थी। इन रसायनों का इस्तेमाल नकली घी तैयार करने में किया गया था। SIT ने अदालत में रिमांड रिपोर्ट दाखिल करते हुए बताया कि डेयरी के प्रमोटर पोमिल जैन और विपिन जैन ने एक फर्जी देसी घी निर्माण इकाई स्थापित की थी और दूध खरीद व भुगतान के रिकॉर्ड में जालसाजी की। आरोपी को 3 दिन पहले दिल्ली से किया था गिरफ्तार
अजय कुमार को तीन दिन पहले दिल्ली में हिरासत में लिया गया था। बाद में पूछताछ के लिए तिरुपति स्थित एसआईटी कार्यालय लाया गया। जांचकर्ताओं ने कथित तौर पर रसायनों की आपूर्ति से जुड़े वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की गई। फिर उन्हें नेल्लोर एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 21 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी जारी रही सप्लाई
CBI रिपोर्ट के मुताबिक भोले बाबा डेयरी को 2022 में अयोग्य घोषित कर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। इसके बाद भी कंपनी ने तिरुपति की वैष्णवी डेयरी, उत्तर प्रदेश की माल गंगा डेयरी और तमिलनाडु की एआर डेयरी फूड्स के माध्यम से TTD के अनुबंधों में सफलतापूर्वक बोली लगाई और घी की सप्लाई जारी रखी। जांच में पाया गया कि मिलावटी घी में पशु वसा और सिंथेटिक रासायनिक तत्वों का उपयोग किया गया था, जो खाद्य सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन है। हरिद्वार फैक्ट्री में नहीं मिला घी उत्पादन
घोटाले के सामने आने के बाद केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (FSSAI) के निर्देश पर उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग ने अक्टूबर 2024 में हरिद्वार की फैक्ट्री पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान अधिकारियों को फैक्ट्री में घी उत्पादन का कोई प्रमाण नहीं मिला। फैक्ट्री में केवल एक चौकीदार और पांच कर्मचारी मौजूद थे, जबकि कोई लैब टेक्नीशियन या मैनेजर नहीं मिला। फैक्ट्री परिसर से मदर फूड काउ घी के खाली रैपर बरामद किए गए। जांच रिपोर्ट के बाद विभाग ने फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की थी और रिपोर्ट FSSAI को भेज दी गई थी। हरिद्वार के जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी महिमा नंद जोशी ने बताया- हमने पिछले वर्ष ही फैक्ट्री की जांच रिपोर्ट शासन स्तर पर जमा कर दी थी। जब हमारी टीम वहां पहुंची, फैक्ट्री बंद थी। दस्तावेजों के आधार पर हमने विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी थी। आगे की कार्रवाई FSSAI को करनी थी। यह घोटाला तब सुर्खियों में आया जब आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और भाजपा गठबंधन सरकार बनने के बाद लड्डू प्रसादम् में घी की मिलावट के आरोप सामने आए। सरकार ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच CBI को सौंप दी थी। अब SIT भोले बाबा डेयरी समेत अन्य संबंधित डेयरियों के वित्तीय लेनदेन, बैंक रिकॉर्ड और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क की फोरेंसिक जांच कर रही है।