जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को बताया कि राज्य में इंटर स्टेट टेरर ग्रुप और ट्रांसनेशनल आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। इनके जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और गजवा-ए-हिंद (AGuH) से जुड़े होने के लिंक भी मिले हैं। पुलिस के काउंटर टेरर ऑपरेशन जांच के दौरान 7 आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई है। उनके पास से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के अलावा ये छापेमारी हरियाणा और यूपी में भी की गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि मॉड्यूल एक ‘व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम’ के तौर पर एक्टिव था। इसमें प्रोफेशनल कट्टरपंथी और स्टूडेंट्स का नेटवर्क शामिल है। यह लोग पाकिस्तान और अन्य देशों में बैठे विदेशी हैंडलरों से संपर्क में थे। पुलिस के मुताबिक ये लोग एन्क्रिप्टेड चैनल्स के जरिए रिक्रूटमेंट, फंडिंग और लॉजिस्टिक्स जुटाते थे। रकम प्रोफेशनल और एकेडमिक नेटवर्क के जरिए सामाजिक/चैरिटी एक्टिविटी के बहाने जुटाई जाती थी। मॉड्यूल युवाओं की पहचान कर उन्हें कट्टर बनाने, आतंकी रैंकों में भर्ती कराने, हथियार/गोलाबारूद की सप्लाई और IED तैयार करने से संबंधित सामग्री जुटाने में लगाते थे। दरअसल, 19 अक्टूबर को श्रीनगर के बुनपोरा नोगाम में कई स्थानों पर जैश-ए-मोहम्मद धमकी भरे पोस्टर मिले थे। मामले में नोगाम थाने में UAPA, विस्फोटक एक्ट और आर्म्स एक्ट में FIR दर्ज की गई थी। तब से जांच जारी है। ये 7 लोग गिरफ्तार हुए
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को बताया कि राज्य में इंटर स्टेट टेरर ग्रुप और ट्रांसनेशनल आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। इनके जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और गजवा-ए-हिंद (AGuH) से जुड़े होने के लिंक भी मिले हैं। पुलिस के काउंटर टेरर ऑपरेशन जांच के दौरान 7 आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई है। उनके पास से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के अलावा ये छापेमारी हरियाणा और यूपी में भी की गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि मॉड्यूल एक ‘व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम’ के तौर पर एक्टिव था। इसमें प्रोफेशनल कट्टरपंथी और स्टूडेंट्स का नेटवर्क शामिल है। यह लोग पाकिस्तान और अन्य देशों में बैठे विदेशी हैंडलरों से संपर्क में थे। पुलिस के मुताबिक ये लोग एन्क्रिप्टेड चैनल्स के जरिए रिक्रूटमेंट, फंडिंग और लॉजिस्टिक्स जुटाते थे। रकम प्रोफेशनल और एकेडमिक नेटवर्क के जरिए सामाजिक/चैरिटी एक्टिविटी के बहाने जुटाई जाती थी। मॉड्यूल युवाओं की पहचान कर उन्हें कट्टर बनाने, आतंकी रैंकों में भर्ती कराने, हथियार/गोलाबारूद की सप्लाई और IED तैयार करने से संबंधित सामग्री जुटाने में लगाते थे। दरअसल, 19 अक्टूबर को श्रीनगर के बुनपोरा नोगाम में कई स्थानों पर जैश-ए-मोहम्मद धमकी भरे पोस्टर मिले थे। मामले में नोगाम थाने में UAPA, विस्फोटक एक्ट और आर्म्स एक्ट में FIR दर्ज की गई थी। तब से जांच जारी है। ये 7 लोग गिरफ्तार हुए