इंडियन एयरफोर्स में 6 नए मिड-एयर रीफ्यूलिंग (हवाई ईंधन भरने वाले) विमान शामिल करने के लिए इजराइल की कंपनी से ₹8 हजार करोड़ की डील अंतिम दौर में है। कंपनी इजराइल सरकार के स्वामित्व वाली ‘इजराइल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज’ (IAI) है। इस डील के लिए रूस और यूरोप की कुछ कंपनियां भी दौड़ में थीं, लेकिन वे तकनीकी शर्तें और ‘मेक इन इंडिया’ नियम पूरे नहीं कर पाईं। IAI ने ऑफसेट नीति के तहत लगभग 30% ‘मेक इन इंडिया’ सामग्री शामिल करने पर सहमति जताई है। IAI की डील के तहत पुराने बोइंग 767 कमर्शियल विमानों में बदलाव कर उन्हें टैंकर विमानों में बदला जाएगा। कंपनी ने ऑफसेट नीति के तहत लगभग 30% ‘मेक इन इंडिया’ सामग्री शामिल करने पर सहमति जताई है। 15 साल से हो रही थी डील में देरी भारत सरकार ने पिछले 15 सालों में कई बार नए टैंकर विमान खरीदने की प्रयास किए गए, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से सौदा अधूरा रहा जाता था। दरअसल, वायुसेना अपने पुराने विमानों को धीरे-धीरे हटा रही है। नए लड़ाकू विमान मिड-एयर रीफ्यूलिंग की मदद से लंबी दूरी तक उड़ान भर सकेंगे। इंडियन एयरफोर्स हाल ही में एक विमान किराए (wet lease) पर भी लिया है, लेकिन बढ़ती हवाई क्षमताओं और नई पीढ़ी के फाइटर जेट्स के लिए और ज्यादा टैंकर विमानों की जरूरत है। भारत की अन्य डिफेंस डील…. इंडियन आर्मी और एयरफोर्स को 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर मिलेंगे इंडियन आर्मी और एयरफोर्स अपने पुराने चेतक और चीता हेलिकॉप्टरों को हटाकर करीब 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर खरीदने की तैयारी कर रही है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया है। इन नए हेलिकॉप्टरों को रिकॉनेसेन्स और सर्विलांस हेलिकॉप्टर (RSH) के तौर पर बांटा गया है। इनमें से 120 हेलिकॉप्टर भारतीय सेना और 80 हेलिकॉप्टर वायुसेना को दिए जाएंगे। ये हेलिकॉप्टर दिन और रात दोनों समय में काम कर सकेंगे। रक्षा मंत्रालय का उद्देश्य तकनीकी जरूरतें तय करना, खरीद प्रक्रिया पर निर्णय लेना और संभावित आपूर्तिकर्ताओं की पहचान करना है। इसमें भारतीय कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा जो विदेशी कंपनियों (OEMs) के साथ साझेदारी करके हेलिकॉप्टर बना सकें। पूरी खबर पढ़ें… तीनों सेनाओं के लिए ₹79,000 करोड़ के हथियार खरीदे जाएंगे रक्षा मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को करीब ₹79,000 करोड़ के एडवांस हथियार और सैन्य उपकरण खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में ये फैसला लिया गया था। इससे नाग मिसाइल खरीदी जाएंगी, जो दुश्मन के टैंक और बंकर तबाह करने में सक्षम है। लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक्स बनाए जाएंगे, जिससे समुद्र से जमीन पर ऑपरेशन आसान हो सके। साथ ही एडवांस लाइटवेट टारपीडो की खरीद होगी, ताकि समंदर में पनडुब्बियों को ध्वस्त किया जा सके। इसके अलावा सुपर रैपिड गन खरीदी जाएंगी। पूरी खबर पढ़ें… …………………………. भारत ने अमेरिका से हथियार-विमानों की खरीद रोकी, रक्षा मंत्री का अमेरिका दौरा भी रद्द टैरिफ विवाद के बीच भारत ने अमेरिका से नए हथियार और विमान खरीद की योजना रोकी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने 3 भारतीय अफसरों के हवाले से यह जानकारी दी थी। ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाने के बाद इसे भारत की पहली ठोस प्रतिक्रिया मानी गई थी। पूरी खबर पढ़ें…
इंडियन एयरफोर्स में 6 नए मिड-एयर रीफ्यूलिंग (हवाई ईंधन भरने वाले) विमान शामिल करने के लिए इजराइल की कंपनी से ₹8 हजार करोड़ की डील अंतिम दौर में है। कंपनी इजराइल सरकार के स्वामित्व वाली ‘इजराइल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज’ (IAI) है। इस डील के लिए रूस और यूरोप की कुछ कंपनियां भी दौड़ में थीं, लेकिन वे तकनीकी शर्तें और ‘मेक इन इंडिया’ नियम पूरे नहीं कर पाईं। IAI ने ऑफसेट नीति के तहत लगभग 30% ‘मेक इन इंडिया’ सामग्री शामिल करने पर सहमति जताई है। IAI की डील के तहत पुराने बोइंग 767 कमर्शियल विमानों में बदलाव कर उन्हें टैंकर विमानों में बदला जाएगा। कंपनी ने ऑफसेट नीति के तहत लगभग 30% ‘मेक इन इंडिया’ सामग्री शामिल करने पर सहमति जताई है। 15 साल से हो रही थी डील में देरी भारत सरकार ने पिछले 15 सालों में कई बार नए टैंकर विमान खरीदने की प्रयास किए गए, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से सौदा अधूरा रहा जाता था। दरअसल, वायुसेना अपने पुराने विमानों को धीरे-धीरे हटा रही है। नए लड़ाकू विमान मिड-एयर रीफ्यूलिंग की मदद से लंबी दूरी तक उड़ान भर सकेंगे। इंडियन एयरफोर्स हाल ही में एक विमान किराए (wet lease) पर भी लिया है, लेकिन बढ़ती हवाई क्षमताओं और नई पीढ़ी के फाइटर जेट्स के लिए और ज्यादा टैंकर विमानों की जरूरत है। भारत की अन्य डिफेंस डील…. इंडियन आर्मी और एयरफोर्स को 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर मिलेंगे इंडियन आर्मी और एयरफोर्स अपने पुराने चेतक और चीता हेलिकॉप्टरों को हटाकर करीब 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर खरीदने की तैयारी कर रही है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया है। इन नए हेलिकॉप्टरों को रिकॉनेसेन्स और सर्विलांस हेलिकॉप्टर (RSH) के तौर पर बांटा गया है। इनमें से 120 हेलिकॉप्टर भारतीय सेना और 80 हेलिकॉप्टर वायुसेना को दिए जाएंगे। ये हेलिकॉप्टर दिन और रात दोनों समय में काम कर सकेंगे। रक्षा मंत्रालय का उद्देश्य तकनीकी जरूरतें तय करना, खरीद प्रक्रिया पर निर्णय लेना और संभावित आपूर्तिकर्ताओं की पहचान करना है। इसमें भारतीय कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा जो विदेशी कंपनियों (OEMs) के साथ साझेदारी करके हेलिकॉप्टर बना सकें। पूरी खबर पढ़ें… तीनों सेनाओं के लिए ₹79,000 करोड़ के हथियार खरीदे जाएंगे रक्षा मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को करीब ₹79,000 करोड़ के एडवांस हथियार और सैन्य उपकरण खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में ये फैसला लिया गया था। इससे नाग मिसाइल खरीदी जाएंगी, जो दुश्मन के टैंक और बंकर तबाह करने में सक्षम है। लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक्स बनाए जाएंगे, जिससे समुद्र से जमीन पर ऑपरेशन आसान हो सके। साथ ही एडवांस लाइटवेट टारपीडो की खरीद होगी, ताकि समंदर में पनडुब्बियों को ध्वस्त किया जा सके। इसके अलावा सुपर रैपिड गन खरीदी जाएंगी। पूरी खबर पढ़ें… …………………………. भारत ने अमेरिका से हथियार-विमानों की खरीद रोकी, रक्षा मंत्री का अमेरिका दौरा भी रद्द टैरिफ विवाद के बीच भारत ने अमेरिका से नए हथियार और विमान खरीद की योजना रोकी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने 3 भारतीय अफसरों के हवाले से यह जानकारी दी थी। ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाने के बाद इसे भारत की पहली ठोस प्रतिक्रिया मानी गई थी। पूरी खबर पढ़ें…