दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज की छात्रा ने रविवार को दावा किया था कि उसपर एसिड अटैक हुआ है। अब मामले में लड़की के पिता को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनपर आरोप है कि दोनों ने मिलकर जितेंद्र, ईशान और अरमान को फंसाने के लिए झूठा केस बनाया। पीड़ित के पिता पर जितेंद्र की पत्नी ने परेशान करने का आरोप लगाया था जिसको लेकर उसने पुलिस से शिकायत भी की थी। शिकायत में कहा गया था कि महिला पिछले साल से उसके पिता की फैक्ट्री में काम करती थी, तभी उसके साथ यौन शोषण हुआ और निजी फोटो भी भेजे गए। महिला ने पहले 24 और 25 अक्टूबर को पीसीआर कॉल की, पर लिखित शिकायत बाद में दी। वहीं, पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर आरोपी जितेंद्र और उसकी पत्नी करोल बाग में मौजूद थे। उनके कॉल डिटेल व सीसीटीवी फुटेज इसकी पुष्टि करते हैं। CCTV में नहीं दिखी बाइक शिकायत के मुताबिक तीन संदिग्धों की बाइक भी करोल बाग में मिली और घटनास्थल के आसपास कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला जिसमें तीनों बाइक पर दिखे हो। इसके अलावा घटनास्थल पर तेजाब की कोई निशानी, बोतल या कांच नहीं मिला। पुलिस ने बताया कि लड़की अपने भाई के साथ स्कूटर से अशोक विहार तक आई थी, वहां से ई-रिक्शा लिया और कॉलेज के मेनगेट से करीब 300 मीटर पहले उतर गई। पुलिस ने जांच में पाया कि इतनी दूरी क्यों तय की, इसका कारण भी स्पष्ट नहीं है। ईशान और अरमान की लोकेशन आगरा में मंगोलपुरी निवासी ईशान और अरमान की मां शबनम ने पुलिस को बताया के वे दोनों उनके साथ आगरा में हैं। वे जल्द ही जांच में पुलिस की मदद के लिए पहुंचेंगे। शबनम ने बताया कि लड़की के परिवार और उनके परिवार के बीच मंगोलपुरी में एक प्रॉपर्टी को लेकर पहले से विवाद चल रहा है। शबनम ने बताया कि इसी विवाद के बीच उसपर 2018 में एसिड अटैक हुआ था जो लड़की के ही पिता ने किया था। पीड़ित के बैग पर नहीं मिले एसिड के निशान पीड़ित का बैग जिस पर तेजाब गिरने का दावा किया गया था, पुलिस ने जब्त किया, लेकिन जांच में उसमें सिर्फ एक कुर्ती मिली। पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है, जिसमें बदला लेने की संभावित वजह से लेकर, पुराने विवाद तक सब शामिल हैं। पीड़ित ने कहा था जितेंद्र उसका पीछा करता है पीड़ित ने पुलिस से कहा था कि जितेंद्र काफी समय से उसका पीछा कर रहा है। उससे एक महीने पहले बहस भी हुई थी। हमले के दौरान जितेंद्र अपने दो साथी इशान और अरमान के साथ आया था। इशान ने अरमान को एक बोतल दी और उसने तेजाब फेंका। पीड़ित ने कहा था कि मैंने अपना चेहरा बचाने की कोशिश की, लेकिन मेरे दोनों हाथ झुलस गए।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज की छात्रा ने रविवार को दावा किया था कि उसपर एसिड अटैक हुआ है। अब मामले में लड़की के पिता को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनपर आरोप है कि दोनों ने मिलकर जितेंद्र, ईशान और अरमान को फंसाने के लिए झूठा केस बनाया। पीड़ित के पिता पर जितेंद्र की पत्नी ने परेशान करने का आरोप लगाया था जिसको लेकर उसने पुलिस से शिकायत भी की थी। शिकायत में कहा गया था कि महिला पिछले साल से उसके पिता की फैक्ट्री में काम करती थी, तभी उसके साथ यौन शोषण हुआ और निजी फोटो भी भेजे गए। महिला ने पहले 24 और 25 अक्टूबर को पीसीआर कॉल की, पर लिखित शिकायत बाद में दी। वहीं, पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर आरोपी जितेंद्र और उसकी पत्नी करोल बाग में मौजूद थे। उनके कॉल डिटेल व सीसीटीवी फुटेज इसकी पुष्टि करते हैं। CCTV में नहीं दिखी बाइक शिकायत के मुताबिक तीन संदिग्धों की बाइक भी करोल बाग में मिली और घटनास्थल के आसपास कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला जिसमें तीनों बाइक पर दिखे हो। इसके अलावा घटनास्थल पर तेजाब की कोई निशानी, बोतल या कांच नहीं मिला। पुलिस ने बताया कि लड़की अपने भाई के साथ स्कूटर से अशोक विहार तक आई थी, वहां से ई-रिक्शा लिया और कॉलेज के मेनगेट से करीब 300 मीटर पहले उतर गई। पुलिस ने जांच में पाया कि इतनी दूरी क्यों तय की, इसका कारण भी स्पष्ट नहीं है। ईशान और अरमान की लोकेशन आगरा में मंगोलपुरी निवासी ईशान और अरमान की मां शबनम ने पुलिस को बताया के वे दोनों उनके साथ आगरा में हैं। वे जल्द ही जांच में पुलिस की मदद के लिए पहुंचेंगे। शबनम ने बताया कि लड़की के परिवार और उनके परिवार के बीच मंगोलपुरी में एक प्रॉपर्टी को लेकर पहले से विवाद चल रहा है। शबनम ने बताया कि इसी विवाद के बीच उसपर 2018 में एसिड अटैक हुआ था जो लड़की के ही पिता ने किया था। पीड़ित के बैग पर नहीं मिले एसिड के निशान पीड़ित का बैग जिस पर तेजाब गिरने का दावा किया गया था, पुलिस ने जब्त किया, लेकिन जांच में उसमें सिर्फ एक कुर्ती मिली। पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है, जिसमें बदला लेने की संभावित वजह से लेकर, पुराने विवाद तक सब शामिल हैं। पीड़ित ने कहा था जितेंद्र उसका पीछा करता है पीड़ित ने पुलिस से कहा था कि जितेंद्र काफी समय से उसका पीछा कर रहा है। उससे एक महीने पहले बहस भी हुई थी। हमले के दौरान जितेंद्र अपने दो साथी इशान और अरमान के साथ आया था। इशान ने अरमान को एक बोतल दी और उसने तेजाब फेंका। पीड़ित ने कहा था कि मैंने अपना चेहरा बचाने की कोशिश की, लेकिन मेरे दोनों हाथ झुलस गए।