एमपी में कार्बाइड गन से करीब 300 लोगों की आंखों को नुकसान होने के बाद जिम्मेदार जागे हैं। भोपाल में कार्बाइड पाइप गन बेचने, खरीदने और स्टॉक पर रोक लगा दी गई है। यदि ऐसा करते हुए कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।एडीएम प्रकाश नायक ने गुरुवार रात में यह आदेश जारी किए। जांच की जिम्मेदारी एसडीएम को सौंपी गई है, जो पटाखा की रिटेल और थोक दुकानों पर जाएंगे और पड़ताल करेंगे। हालांकि, दिवाली से पहले ये आदेश जारी नहीं हुए। इस कारण खुलेआम गन की बिक्री हुई और कई लोगों की जान जोखिम में आ गई। भोपाल में कार्बाइड गन के मामले में गुरुवार देर रात एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। एहसान नगर निवासी मोहम्मद ताहा पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। वहीं ग्वालियर में भी कार्बाइड गन बेचने वाले एक युवक के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि देसी पटाखा गन (कार्बाइड) से प्रदेशभर में अब तक 300 लोगों की आंखों में जलन के मामले सामने आ चुके हैं। अकेले भोपाल में ही करीब 162 से लोगों की आंखें की रोशनी प्रभावित हुई हैं। ग्वालियर, इंदौर, विदिशा समेत कई जगहों पर मामले सामने आए। ज्यादातर घटनाओं में 7 से 14 साल तक के बच्चे प्रभावित हुए। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के नेत्र विभाग में 36 मरीजों का इलाज चल रहा है। अब तक 15 की सर्जरी की जा चुकी है। दो बच्चों की आंखों में डॉक्टरों ने एमनियोटिक मेम्ब्रेन (झिल्ली) लगाई है। यह वही झिल्ली है जो प्रसव के दौरान गर्भ से निकलती है। देवउठनी एकादशी पर भी होती है बिक्री
बता दें कि दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी पर भी कार्बाइड पाइप गन की बिक्री होती है। इसलिए कलेक्टर ने संशोधित आदेश जारी करते हुए सभी एसडीएम को कार्रवाई करने को कहा है। हमीदिया अस्पताल में मरीजों से मिले कलेक्टर
इधर, गुरुवार रात में ही कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह हमीदिया अस्पताल पहुंचे और मरीज व उनके परिजनों से बात की। उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा भी दिया। कलेक्टर ने बताया कि दिवाली से पहले ही कार्बाइड पाइप गन को लेकर सभी एसडीएम को कार्रवाई करने को कहा था। इसके चलते पटाखा मार्केट में जांच की गई। बैरसिया, गोविंदपुरा समेत कई पटाखा मार्केट से 55 गन जब्त की जा चुकी है। जिनकी आंखें जली उनको 5 हजार रुपए बांटे
एक मरीज ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि थोड़ी देर में एक डॉक्टर आए और उन्होंने हर मरीज के अटेंडेंट को 5-5 हजार रुपए दिए। जब डॉक्टर से पूछा गया कि यह पैसे किस लिए तो उन्होंने जबाव दिया कि यह भोपाल कलेक्टर की तरफ से दिए जा रहे हैं। जो उन्होंने रेड क्रॉस सोसाइटी के जरिए दिलवाए हैं। जिनसे कार्बाइड गन जब्त हुई, उन पर एफआईआर होगी
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भोपाल में कार्रवाई की गई। वहीं, सभी एसडीएम को कार्रवाई करने को कहा था। इसके चलते 55 गन जब्त की। जिन लोगों से यह गन जब्त की गई, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। आमतौर पर यह गन शादियों में ज्यादा उपयोग की जाती है। आगे से यह गन न बिके, इसलिए आदेश जारी किए हैं। आदेश में यह बातें…
प्रतिबंधनात्मक पटाखा, आतिशबाजी, लोहा स्टील अथवा पीवीसी पाइपों में विस्फोटक पदार्थ भरकर अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले अवैध संशोधित पटाखे (कार्बाइड गन) तैयार कर विक्रय किए जा रहे हैं। जिससे आम नागरिकों की सुख, शांति एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए लोक हित में और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से ये प्रतिबंधनात्मक आदेश जारी किए जाते हैं। ग्वालियर में पहली FIR दर्ज, एक गिरफ्तार
ग्वालियर में कार्बाइड गन से आंख चोटिल होने के अब तक 36 केस सामने आ गए हैं। गुरुवार प्रशासन ने कार्बाइड गन के क्रय-विक्रय और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया दिया। इसका आदेश आने के बाद पुलिस ने छानबीन की तो इंदरगंज थाना स्थित झाडू वाला मोहल्ले में एक युवक कार्बाइड गन बेचते मिला। पुलिस ने शाहिद अली नाम के इस युवक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
ऑल इंडिया आप्थाल्मालॉजिकल सोसायटी ने जारी की एडवाइजरी
ऑल इंडिया आप्थाल्मालॉजिकल सोसायटी ने गुरुवार देर शाम को एडवाइजरी जारी की है। जिसमें देशभर के सभी नेत्र रोग विशेषज्ञ से कार्बाइड गन से घायल हुए मरीजों की जानकारी मांगी गई है। समिति के अनुसार देश में सबसे ज्यादा केस भोपाल में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा पटना, पुणे और चंडीगढ़ समेत देश के अन्य कई शहरों में भी कार्बाइड गन से घायल हुए मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। ये खबर भी पढ़ें.. देसी पटाखा गन से 300 लोगों की आंखें जलीं: भोपाल में 162 केस, विदिशा में 51 केस सामने आए देसी पटाखा गन (कार्बाइड) से प्रदेश भर में अब तक 300 लोगों की आंखों में जलन के मामले सामने आए हैं। अकेले भोपाल में ही 162 लोगों की आंखें जल चुकी हैं। ग्वालियर में भी बुधवार शाम को ही ऐसे 21 मामले सामने आए हैं। अभी आंकड़े और बढ़ सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें..
एमपी में कार्बाइड गन से करीब 300 लोगों की आंखों को नुकसान होने के बाद जिम्मेदार जागे हैं। भोपाल में कार्बाइड पाइप गन बेचने, खरीदने और स्टॉक पर रोक लगा दी गई है। यदि ऐसा करते हुए कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।एडीएम प्रकाश नायक ने गुरुवार रात में यह आदेश जारी किए। जांच की जिम्मेदारी एसडीएम को सौंपी गई है, जो पटाखा की रिटेल और थोक दुकानों पर जाएंगे और पड़ताल करेंगे। हालांकि, दिवाली से पहले ये आदेश जारी नहीं हुए। इस कारण खुलेआम गन की बिक्री हुई और कई लोगों की जान जोखिम में आ गई। भोपाल में कार्बाइड गन के मामले में गुरुवार देर रात एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। एहसान नगर निवासी मोहम्मद ताहा पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। वहीं ग्वालियर में भी कार्बाइड गन बेचने वाले एक युवक के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि देसी पटाखा गन (कार्बाइड) से प्रदेशभर में अब तक 300 लोगों की आंखों में जलन के मामले सामने आ चुके हैं। अकेले भोपाल में ही करीब 162 से लोगों की आंखें की रोशनी प्रभावित हुई हैं। ग्वालियर, इंदौर, विदिशा समेत कई जगहों पर मामले सामने आए। ज्यादातर घटनाओं में 7 से 14 साल तक के बच्चे प्रभावित हुए। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के नेत्र विभाग में 36 मरीजों का इलाज चल रहा है। अब तक 15 की सर्जरी की जा चुकी है। दो बच्चों की आंखों में डॉक्टरों ने एमनियोटिक मेम्ब्रेन (झिल्ली) लगाई है। यह वही झिल्ली है जो प्रसव के दौरान गर्भ से निकलती है। देवउठनी एकादशी पर भी होती है बिक्री
बता दें कि दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी पर भी कार्बाइड पाइप गन की बिक्री होती है। इसलिए कलेक्टर ने संशोधित आदेश जारी करते हुए सभी एसडीएम को कार्रवाई करने को कहा है। हमीदिया अस्पताल में मरीजों से मिले कलेक्टर
इधर, गुरुवार रात में ही कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह हमीदिया अस्पताल पहुंचे और मरीज व उनके परिजनों से बात की। उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा भी दिया। कलेक्टर ने बताया कि दिवाली से पहले ही कार्बाइड पाइप गन को लेकर सभी एसडीएम को कार्रवाई करने को कहा था। इसके चलते पटाखा मार्केट में जांच की गई। बैरसिया, गोविंदपुरा समेत कई पटाखा मार्केट से 55 गन जब्त की जा चुकी है। जिनकी आंखें जली उनको 5 हजार रुपए बांटे
एक मरीज ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि थोड़ी देर में एक डॉक्टर आए और उन्होंने हर मरीज के अटेंडेंट को 5-5 हजार रुपए दिए। जब डॉक्टर से पूछा गया कि यह पैसे किस लिए तो उन्होंने जबाव दिया कि यह भोपाल कलेक्टर की तरफ से दिए जा रहे हैं। जो उन्होंने रेड क्रॉस सोसाइटी के जरिए दिलवाए हैं। जिनसे कार्बाइड गन जब्त हुई, उन पर एफआईआर होगी
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भोपाल में कार्रवाई की गई। वहीं, सभी एसडीएम को कार्रवाई करने को कहा था। इसके चलते 55 गन जब्त की। जिन लोगों से यह गन जब्त की गई, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। आमतौर पर यह गन शादियों में ज्यादा उपयोग की जाती है। आगे से यह गन न बिके, इसलिए आदेश जारी किए हैं। आदेश में यह बातें…
प्रतिबंधनात्मक पटाखा, आतिशबाजी, लोहा स्टील अथवा पीवीसी पाइपों में विस्फोटक पदार्थ भरकर अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले अवैध संशोधित पटाखे (कार्बाइड गन) तैयार कर विक्रय किए जा रहे हैं। जिससे आम नागरिकों की सुख, शांति एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए लोक हित में और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से ये प्रतिबंधनात्मक आदेश जारी किए जाते हैं। ग्वालियर में पहली FIR दर्ज, एक गिरफ्तार
ग्वालियर में कार्बाइड गन से आंख चोटिल होने के अब तक 36 केस सामने आ गए हैं। गुरुवार प्रशासन ने कार्बाइड गन के क्रय-विक्रय और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया दिया। इसका आदेश आने के बाद पुलिस ने छानबीन की तो इंदरगंज थाना स्थित झाडू वाला मोहल्ले में एक युवक कार्बाइड गन बेचते मिला। पुलिस ने शाहिद अली नाम के इस युवक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
ऑल इंडिया आप्थाल्मालॉजिकल सोसायटी ने जारी की एडवाइजरी
ऑल इंडिया आप्थाल्मालॉजिकल सोसायटी ने गुरुवार देर शाम को एडवाइजरी जारी की है। जिसमें देशभर के सभी नेत्र रोग विशेषज्ञ से कार्बाइड गन से घायल हुए मरीजों की जानकारी मांगी गई है। समिति के अनुसार देश में सबसे ज्यादा केस भोपाल में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा पटना, पुणे और चंडीगढ़ समेत देश के अन्य कई शहरों में भी कार्बाइड गन से घायल हुए मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। ये खबर भी पढ़ें.. देसी पटाखा गन से 300 लोगों की आंखें जलीं: भोपाल में 162 केस, विदिशा में 51 केस सामने आए देसी पटाखा गन (कार्बाइड) से प्रदेश भर में अब तक 300 लोगों की आंखों में जलन के मामले सामने आए हैं। अकेले भोपाल में ही 162 लोगों की आंखें जल चुकी हैं। ग्वालियर में भी बुधवार शाम को ही ऐसे 21 मामले सामने आए हैं। अभी आंकड़े और बढ़ सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें..