भारतीय सेना के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले पर जवाब देना अनिवार्य था। भारत की सेनाओं ने पहले से इसको लेकर तैयारी कर ली थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सेना के मरणोपरांत दिए गए पुरस्कारों की सूची से पता चलता है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान LOC पर पाकिस्तान के 100 से ज़्यादा सैनिक मारे गए। घई ने UNTCC सम्मेलन में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में 32 देशों के सैन्य अध्यक्षों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हमले का जवाब देर से दिया गया, लेकिन यह सोच-समझकर लिया गया कदम था। अधिकारी ने कहा कि मई में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने कम से कम 12 विमान खो दिए थे। कुछ दिन पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने भी इसकी जानकारी दी थी। अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। ‘9-10 मई की रात सटीक हमले किए’ उन्होंने कहा कि इन हमलों के कारण 9 और 10 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक हमले किए। हमने उनके 11 हवाई ठिकानों पर हमला किया। अगर आप देखें, तो 8 हवाई अड्डे, 3 हैंगर और 4 रडार को नुकसान पहुंचा। ज़मीन पर भी पाकिस्तानी हवाई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। ज़मीन पर हुए नुकसान में एक C-130 श्रेणी का विमान और 1 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल(AEWC), 4 से 5 लड़ाकू विमान शामिल हैं। ’96 दिन लगे, तीन आतंकवादियों को मार गिराया’ लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि हमें 96 दिन लगे, लेकिन हमने उन्हें चैन से नहीं बैठने दिया। उन्होंने कहा कि जब इन तीनों आतंकवादियों को ढूंढकर मार गिराया गया, तो ऐसा लग रहा था जैसे वे भागते-भागते थक गए हों। उन्होंने कहा कि दोनों DGMO के बातचीत करने के बाद भी पाकिस्तान ने ड्रोन भेजे। हमारे जवानों और सामान को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में कई प्रकार के ड्रोनों का इस्तेमाल किया गया। लेकिन सब कुछ बुरी तरह नाकाम रहा। आर्मी चीफ ने पूरी छूट दी थी घई ने बताया कि 22 अप्रैल से 6-7 मई तक सेना ने सीमा पर सतर्कता बढ़ाई थी। एयर डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों को सीमा पर तैनात किया गया। आर्मी चीफ ने पूरी छूट दी थी कि कैसे और कब हमला किया जाए। ‘जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवाद के कारण 15,000 से ज़्यादा नागरिक मारे गए’ राजीव घई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में यह समस्या 80 के दशक के अंत में शुरू हुई थी। तब से, 28,000 से ज़्यादा आतंकवादी घटनाएं हो चुकी हैं। 90 के दशक से 1 लाख से ज़्यादा अल्पसंख्यकों को जम्मू-कश्मीर से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 60 हजार से ज़्यादा परिवारों का पलायन हुआ है। 15,000 निर्दोष नागरिक और 3,000 से ज़्यादा सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यह सब कहां से आ रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर रातों रात नही हुआ’ उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि ऑपरेशन सिंदूर रातोंरात हुआ हो। अगर आप 2001 में हमारी संसद पर हुए हमले को याद करें, तो हमें अपनी सीमाओं पर लामबंदी करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हम लगभग एक साल तक वहां रहे। हमने तब भी मामले को आगे नहीं बढ़ाया। 14 से 16 अक्टूबर तक चलेगा UNTCC सम्मेलन UNTCC का उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। ये कार्यक्रम 14 से 16 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें 30 से अधिक देशों के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन सहयोग और स्वदेशी तकनीकों के उपयोग पर केंद्रित है ताकि शांति मिशन अधिक प्रभावी और भविष्य के लिए तैयार हों। पूरी खबर पढ़ें… 3 अक्टूबर: एयर चीफ मार्शल ने कहा था- पाकिस्तान के 12 एयरक्राफ्ट तबाह किए वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने 3 अक्टूबर को कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के करीब 12 से 13 विमान तबाह किए गए थे। अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने हमारे (भारत) 15 जेट मार गिराए हैं, तो उन्हें सोचने दीजिए। मैं इसके बारे में बात क्यों करूं? आज भी, मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा कि क्या हुआ, कितना नुकसान हुआ, कैसे हुआ, क्योंकि उन्हें पता करने दीजिए। पूरी खबर पढ़ें… ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानिए…. भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को रात डेढ़ बजे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। सेना ने कहा था कि इस स्ट्राइक में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। पाकिस्तान के सरकारी मीडिया के मुताबिक भारत ने कोटली, बहावलपुर, मुरीदके, बाग और मुजफ्फराबाद में अटैक किया थे। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वॉर्टर और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का ठिकाना भी शामिल था।
भारतीय सेना के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले पर जवाब देना अनिवार्य था। भारत की सेनाओं ने पहले से इसको लेकर तैयारी कर ली थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सेना के मरणोपरांत दिए गए पुरस्कारों की सूची से पता चलता है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान LOC पर पाकिस्तान के 100 से ज़्यादा सैनिक मारे गए। घई ने UNTCC सम्मेलन में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में 32 देशों के सैन्य अध्यक्षों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हमले का जवाब देर से दिया गया, लेकिन यह सोच-समझकर लिया गया कदम था। अधिकारी ने कहा कि मई में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने कम से कम 12 विमान खो दिए थे। कुछ दिन पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने भी इसकी जानकारी दी थी। अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। ‘9-10 मई की रात सटीक हमले किए’ उन्होंने कहा कि इन हमलों के कारण 9 और 10 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक हमले किए। हमने उनके 11 हवाई ठिकानों पर हमला किया। अगर आप देखें, तो 8 हवाई अड्डे, 3 हैंगर और 4 रडार को नुकसान पहुंचा। ज़मीन पर भी पाकिस्तानी हवाई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। ज़मीन पर हुए नुकसान में एक C-130 श्रेणी का विमान और 1 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल(AEWC), 4 से 5 लड़ाकू विमान शामिल हैं। ’96 दिन लगे, तीन आतंकवादियों को मार गिराया’ लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि हमें 96 दिन लगे, लेकिन हमने उन्हें चैन से नहीं बैठने दिया। उन्होंने कहा कि जब इन तीनों आतंकवादियों को ढूंढकर मार गिराया गया, तो ऐसा लग रहा था जैसे वे भागते-भागते थक गए हों। उन्होंने कहा कि दोनों DGMO के बातचीत करने के बाद भी पाकिस्तान ने ड्रोन भेजे। हमारे जवानों और सामान को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में कई प्रकार के ड्रोनों का इस्तेमाल किया गया। लेकिन सब कुछ बुरी तरह नाकाम रहा। आर्मी चीफ ने पूरी छूट दी थी घई ने बताया कि 22 अप्रैल से 6-7 मई तक सेना ने सीमा पर सतर्कता बढ़ाई थी। एयर डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों को सीमा पर तैनात किया गया। आर्मी चीफ ने पूरी छूट दी थी कि कैसे और कब हमला किया जाए। ‘जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवाद के कारण 15,000 से ज़्यादा नागरिक मारे गए’ राजीव घई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में यह समस्या 80 के दशक के अंत में शुरू हुई थी। तब से, 28,000 से ज़्यादा आतंकवादी घटनाएं हो चुकी हैं। 90 के दशक से 1 लाख से ज़्यादा अल्पसंख्यकों को जम्मू-कश्मीर से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 60 हजार से ज़्यादा परिवारों का पलायन हुआ है। 15,000 निर्दोष नागरिक और 3,000 से ज़्यादा सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यह सब कहां से आ रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर रातों रात नही हुआ’ उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि ऑपरेशन सिंदूर रातोंरात हुआ हो। अगर आप 2001 में हमारी संसद पर हुए हमले को याद करें, तो हमें अपनी सीमाओं पर लामबंदी करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हम लगभग एक साल तक वहां रहे। हमने तब भी मामले को आगे नहीं बढ़ाया। 14 से 16 अक्टूबर तक चलेगा UNTCC सम्मेलन UNTCC का उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। ये कार्यक्रम 14 से 16 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें 30 से अधिक देशों के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन सहयोग और स्वदेशी तकनीकों के उपयोग पर केंद्रित है ताकि शांति मिशन अधिक प्रभावी और भविष्य के लिए तैयार हों। पूरी खबर पढ़ें… 3 अक्टूबर: एयर चीफ मार्शल ने कहा था- पाकिस्तान के 12 एयरक्राफ्ट तबाह किए वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने 3 अक्टूबर को कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के करीब 12 से 13 विमान तबाह किए गए थे। अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने हमारे (भारत) 15 जेट मार गिराए हैं, तो उन्हें सोचने दीजिए। मैं इसके बारे में बात क्यों करूं? आज भी, मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा कि क्या हुआ, कितना नुकसान हुआ, कैसे हुआ, क्योंकि उन्हें पता करने दीजिए। पूरी खबर पढ़ें… ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानिए…. भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को रात डेढ़ बजे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। सेना ने कहा था कि इस स्ट्राइक में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। पाकिस्तान के सरकारी मीडिया के मुताबिक भारत ने कोटली, बहावलपुर, मुरीदके, बाग और मुजफ्फराबाद में अटैक किया थे। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वॉर्टर और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का ठिकाना भी शामिल था।