पाकिस्तान की नहर राजस्थान के बॉर्डर इलाकों में फसलों को बर्बाद कर रही है। करीब 12 हजार बीघे की फसल गल चुकी है। बॉर्डर के करीब दुश्मन देश का सादिकिया नहर कच्चा है। उसका खारा पानी रिसता रहता है। वह पानी श्रीगंगानर जिले के खेतों को दलदल बना चुका है। मिट्टी बंजर हो रही है। पिछले 12 साल से श्रीगंगानगर के श्रीकरणपुर के 14 गांवों के हालात भयावह हो चुके हैं। घरों में पानी घुस गया है। दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। घर गिरने की कगार पर हैं। दैनिक भास्कर श्रीगंगानगर के बॉर्डर इलाके के श्रीकरणपुर पहुंचा और हालात जाने… पाकिस्तान की नहर का पानी राजस्थान में आ रहा
भूजल विज्ञानी, भूजल सर्वेक्षण विभाग श्रीगंगानगर के बरकत अली ने बताया- पाकिस्तान की 150 किलोमीटर लंबी कच्ची सादकी नहर ऊंचाई पर बहती है। यह 17 फीट गहरी और 300 फीट से ज्यादा चौड़ी है। इसका खारा (क्षारीय-लवणीय) पानी रिसकर भारत की सीमा में आ रहा है। इस फ्लोराइड युक्त पानी ने खेतों को दलदल बना दिया है। फसलों में जड़ गलन रोग हो रहा है। किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। कपास, मूंग और ग्वार की फसलें बर्बाद हो रहीं
अली ने बताया- श्रीगंगानगर में कई इलाकों में भूजल, खेती और पीने लायक नहीं है। श्रीगंगानगर जिले के बॉर्डर इलाके में नमी आने के दो बड़े कारण सामने आए हैं। जिले में भूजल का बहुत कम उपयोग हो रहा है। इसके कारण वाटर लेवल ऊपर आ रहा है। दूसरा कारण है पाकिस्तान की सादकी नहर से पानी का रिसाव होना। यह नहर कच्ची है, जिसके कारण पानी रिसाव होकर इधर आ गया। यहां का भूजल स्तर (वाटर लेवल) तेजी से बढ़ा है। श्रीकरणपुर विधानसभा के सीमावर्ती गांवों में स्थिति गंभीर है। भूजल स्तर 1 मीटर से भी कम गहराई पर पहुंच चुका है। श्रीकरणपुर के 1 एक्स, 2 एक्स, 3 एक्स, 4 एक्स, 28 एच, 27 एच, 33 एच जोड़किया, 14 एस (माझीवाला), 16 एस, 9 एस, 17 एस, नग्गी, धन्नूर, 7 एस गांव प्रभावित हैं। इन गांवों का भूजल स्तर 1-2 फीट तक पहुंच गया है। इनकी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूरी है। 6 घंटे से फंसी मशीन
भास्कर को किसानों ने खेतों में 14 एस माझीवाडा में जमीन खोदकर दिखाई तो सिर्फ 2 फीट गहराई पर पानी ही निकल आया। कुछ ही दूरी पर एक किसान के खेत में बड़ी कम्बाइन मशीन दलदल में फंसी हुई दिखाई दी। किसान पिछले 6 घंटे से इस मशीन को दलदल से निकालने की कोशिश में लगे थे। यह मशीन खेत में मूंग की फसल काटने आई थी, लेकिन दलदल में फंस गई। बैंकों का कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया
जसविंदर सिंह ने बताया- यहां डेढ़ फीट पर फ्लोराइड युक्त पानी निकल आता है। हमने बैंकों से कर्ज लिया था वह चुकाना भी मुश्किल हो गया। अब आगे की फसल होने की संभावना नहीं है। ट्रैक्टर-ट्राॅली दलदल में फंस रही
जसविंदर बताते हैं- सरसों की बुवाई शुरू हो चुकी है। यहां के किसान बुवाई नहीं कर पा रहे। ट्रैक्टर-ट्राली खेत में दलदल में फंस जाती है। यहां से पाकिस्तान 1 किलोमीटर दूर है। उस साइड बहावलपुर का क्षेत्र है। पाकिस्तान का वह हिस्सा ऊंचा ढलान पर है। पूरा पानी श्रीगंगानगर बॉर्डर से सटे गांवों में आ जाता है। सरकार से मदद की दरकार
किसान गुरदीप सिंह कहते हैं- पाकिस्तान की तरफ से आई नमी ने किसानों को बर्बाद कर दिया। मेरे पास 65 बीघा जमीन बॉर्डर पर है। जमीन में कपास, मूंग व ग्वार की फसल बो रखी है। पूरी फसल नष्ट हो गई है। अब सरकार से ही मदद की दरकार है। किसान बोले- उत्पादन घटा
रणजीत सिंह ने बताया- मेरे पास 20 बीघा जमीन है। नमी के कारण उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। नरमा 5 से 6 क्विंटल प्रति बीघा होता था। वह 1 क्विंटल निकल रहा है। मूंग में दाने नहीं बने, ग्वार की फसल हाथ लगाते ही उखड़ रही है। पानी खेती लायक नहीं
किसान इंद्रदीप बताते हैं- पहले यहां वाटर लेवल 4 फीट से ज्यादा था। अब 1 से 2 फीट रह गया है। यहां का पानी खेती लायक नहीं है। इसमें साल्ट होने के कारण मिट्टी की उर्वरक क्षमता को भी खत्म कर रहा है। बीज भी मिट्टी के संपर्क में आते ही खराब हो जाते हैं। अगर ऐसा ही रहा तो लोगों का यहां से पलायन शुरू हो जाएगा। बॉर्डर से सटे गांव के गांव खाली हो जाएंगे। बलजिंदर सिंह कहते हैं- नमी से फसल और नस्ल दोनों बर्बाद हो रही हैं। उनका जमीनी सर्वेक्षण सिर्फ कागजों में नहीं, धरातल पर कराया जाए ताकि उन्हें इसका लाभ मिले। किसानों ने बताया कि खेत ही नहीं इस नमी का असर घरों पर भी पड़ रहा है। भास्कर की टीम गांव के अंदर पहुंची और घरों का जायजा लिया। बच्ची बोली- यहां रहना मुश्किल
14 एफ गांव से बाहर एक मकान दिखा। मकान में दरारें आ चुकी थीं और घर के बाहर पानी भरा हुआ था। टीम को देख घर से एक बच्ची बाहर आई। उसने अपना नाम बलजीत कौर बताया। बच्ची से जब घर में आई दीवार के बारे में पूछा तो उसने कहा- पाकिस्तान से आया पानी हमारे घर में घुस गया। घर से निकलने का कोई रास्ता भी नहीं बचा। फिर मिट्टी डाली और रास्ता बनाया। पानी अभी भी भरा हुआ है। इसमें मच्छर पनप रहे हैं और बीमारियों का खतरा है। जमे पानी से दुर्गंध आती है। यहां रहना बेहाल है। कहां कितना वाटर लेवल
पाकिस्तान की नहर राजस्थान के बॉर्डर इलाकों में फसलों को बर्बाद कर रही है। करीब 12 हजार बीघे की फसल गल चुकी है। बॉर्डर के करीब दुश्मन देश का सादिकिया नहर कच्चा है। उसका खारा पानी रिसता रहता है। वह पानी श्रीगंगानर जिले के खेतों को दलदल बना चुका है। मिट्टी बंजर हो रही है। पिछले 12 साल से श्रीगंगानगर के श्रीकरणपुर के 14 गांवों के हालात भयावह हो चुके हैं। घरों में पानी घुस गया है। दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। घर गिरने की कगार पर हैं। दैनिक भास्कर श्रीगंगानगर के बॉर्डर इलाके के श्रीकरणपुर पहुंचा और हालात जाने… पाकिस्तान की नहर का पानी राजस्थान में आ रहा
भूजल विज्ञानी, भूजल सर्वेक्षण विभाग श्रीगंगानगर के बरकत अली ने बताया- पाकिस्तान की 150 किलोमीटर लंबी कच्ची सादकी नहर ऊंचाई पर बहती है। यह 17 फीट गहरी और 300 फीट से ज्यादा चौड़ी है। इसका खारा (क्षारीय-लवणीय) पानी रिसकर भारत की सीमा में आ रहा है। इस फ्लोराइड युक्त पानी ने खेतों को दलदल बना दिया है। फसलों में जड़ गलन रोग हो रहा है। किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। कपास, मूंग और ग्वार की फसलें बर्बाद हो रहीं
अली ने बताया- श्रीगंगानगर में कई इलाकों में भूजल, खेती और पीने लायक नहीं है। श्रीगंगानगर जिले के बॉर्डर इलाके में नमी आने के दो बड़े कारण सामने आए हैं। जिले में भूजल का बहुत कम उपयोग हो रहा है। इसके कारण वाटर लेवल ऊपर आ रहा है। दूसरा कारण है पाकिस्तान की सादकी नहर से पानी का रिसाव होना। यह नहर कच्ची है, जिसके कारण पानी रिसाव होकर इधर आ गया। यहां का भूजल स्तर (वाटर लेवल) तेजी से बढ़ा है। श्रीकरणपुर विधानसभा के सीमावर्ती गांवों में स्थिति गंभीर है। भूजल स्तर 1 मीटर से भी कम गहराई पर पहुंच चुका है। श्रीकरणपुर के 1 एक्स, 2 एक्स, 3 एक्स, 4 एक्स, 28 एच, 27 एच, 33 एच जोड़किया, 14 एस (माझीवाला), 16 एस, 9 एस, 17 एस, नग्गी, धन्नूर, 7 एस गांव प्रभावित हैं। इन गांवों का भूजल स्तर 1-2 फीट तक पहुंच गया है। इनकी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूरी है। 6 घंटे से फंसी मशीन
भास्कर को किसानों ने खेतों में 14 एस माझीवाडा में जमीन खोदकर दिखाई तो सिर्फ 2 फीट गहराई पर पानी ही निकल आया। कुछ ही दूरी पर एक किसान के खेत में बड़ी कम्बाइन मशीन दलदल में फंसी हुई दिखाई दी। किसान पिछले 6 घंटे से इस मशीन को दलदल से निकालने की कोशिश में लगे थे। यह मशीन खेत में मूंग की फसल काटने आई थी, लेकिन दलदल में फंस गई। बैंकों का कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया
जसविंदर सिंह ने बताया- यहां डेढ़ फीट पर फ्लोराइड युक्त पानी निकल आता है। हमने बैंकों से कर्ज लिया था वह चुकाना भी मुश्किल हो गया। अब आगे की फसल होने की संभावना नहीं है। ट्रैक्टर-ट्राॅली दलदल में फंस रही
जसविंदर बताते हैं- सरसों की बुवाई शुरू हो चुकी है। यहां के किसान बुवाई नहीं कर पा रहे। ट्रैक्टर-ट्राली खेत में दलदल में फंस जाती है। यहां से पाकिस्तान 1 किलोमीटर दूर है। उस साइड बहावलपुर का क्षेत्र है। पाकिस्तान का वह हिस्सा ऊंचा ढलान पर है। पूरा पानी श्रीगंगानगर बॉर्डर से सटे गांवों में आ जाता है। सरकार से मदद की दरकार
किसान गुरदीप सिंह कहते हैं- पाकिस्तान की तरफ से आई नमी ने किसानों को बर्बाद कर दिया। मेरे पास 65 बीघा जमीन बॉर्डर पर है। जमीन में कपास, मूंग व ग्वार की फसल बो रखी है। पूरी फसल नष्ट हो गई है। अब सरकार से ही मदद की दरकार है। किसान बोले- उत्पादन घटा
रणजीत सिंह ने बताया- मेरे पास 20 बीघा जमीन है। नमी के कारण उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। नरमा 5 से 6 क्विंटल प्रति बीघा होता था। वह 1 क्विंटल निकल रहा है। मूंग में दाने नहीं बने, ग्वार की फसल हाथ लगाते ही उखड़ रही है। पानी खेती लायक नहीं
किसान इंद्रदीप बताते हैं- पहले यहां वाटर लेवल 4 फीट से ज्यादा था। अब 1 से 2 फीट रह गया है। यहां का पानी खेती लायक नहीं है। इसमें साल्ट होने के कारण मिट्टी की उर्वरक क्षमता को भी खत्म कर रहा है। बीज भी मिट्टी के संपर्क में आते ही खराब हो जाते हैं। अगर ऐसा ही रहा तो लोगों का यहां से पलायन शुरू हो जाएगा। बॉर्डर से सटे गांव के गांव खाली हो जाएंगे। बलजिंदर सिंह कहते हैं- नमी से फसल और नस्ल दोनों बर्बाद हो रही हैं। उनका जमीनी सर्वेक्षण सिर्फ कागजों में नहीं, धरातल पर कराया जाए ताकि उन्हें इसका लाभ मिले। किसानों ने बताया कि खेत ही नहीं इस नमी का असर घरों पर भी पड़ रहा है। भास्कर की टीम गांव के अंदर पहुंची और घरों का जायजा लिया। बच्ची बोली- यहां रहना मुश्किल
14 एफ गांव से बाहर एक मकान दिखा। मकान में दरारें आ चुकी थीं और घर के बाहर पानी भरा हुआ था। टीम को देख घर से एक बच्ची बाहर आई। उसने अपना नाम बलजीत कौर बताया। बच्ची से जब घर में आई दीवार के बारे में पूछा तो उसने कहा- पाकिस्तान से आया पानी हमारे घर में घुस गया। घर से निकलने का कोई रास्ता भी नहीं बचा। फिर मिट्टी डाली और रास्ता बनाया। पानी अभी भी भरा हुआ है। इसमें मच्छर पनप रहे हैं और बीमारियों का खतरा है। जमे पानी से दुर्गंध आती है। यहां रहना बेहाल है। कहां कितना वाटर लेवल