बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान सोमवार को हो गया है। 243 विधानसभा सीटों पर 2 फेज में वोटिंग होगी। मतदान 6 और 11 नवंबर को होंगे और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। पहले फेज में पटना समेत बिहार की 121 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में बॉर्डर से सटे 122 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव के ऐलान से काउंटिंग तक की प्रक्रिया 40 दिन चलेगी। इस विधानसभा चुनाव में करीब 7.42 करोड़ वोटर हैं। इनमें 14 लाख नए वोटर्स हैं। वहीं, 100 साल ऊपर के 14 हजार वोटर शामिल हैं। पोलिंग बूथ जाने में असमर्थ लोग फॉर्म 12 D भरकर घर से वोट डाल सकेंगे। आपके विधानसभा में कब होगी वोटिंग, देखिए पूरी लिस्ट… फेज-1, 121 सीटों पर वोटिंग फेज-2, 122 सीटों पर वोटिंग… बिहार में 40 साल बाद 2 फेज में चुनाव बिहार में 40 साल बाद दो फेज में चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले 1985 में चुनाव 2 फेज में हुए थे। भाजपा और आरजेडी ने 2 फेज में चुनाव कराने की मांग की थी। जेडीयू ने एक फेज में चुनाव कराने को कहा था। पिछले चुनाव यानी 2020 में 3 फेज में 20 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच वोटिंग हुई थी। 10 नवंबर को नतीजे घोषित हुए थे। इससे पहले 2015 में 5 फेज में 12 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच वोटिंग और 8 नवंबर को नतीजे आए थे। 2010 में इलेक्शन प्रोसेस 61 दिन, 2015 में 60 दिन और 2020 में 47 दिन चली थी। इस तरह पिछले 3 चुनावों में इस बार सबसे कम अवधि में चुनाव होंगे। वोटर्स की सुविधा का रखा जा रहा ख्याल- EC निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां औसतन प्रति केंद्र 818 मतदाता रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 76,801 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं, जबकि 13,911 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था (100%) की गई है। साथ ही, 1,350 मॉडल मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। पोलिंग बूथों की 100% वेबकास्टिंग की जाएगी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया, बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां औसतन प्रति केंद्र 818 मतदाता रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 76,801 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं, जबकि 13,911 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था (100%) की गई है। साथ ही, 1,350 मॉडल मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
क्या आप हैं बिहार की राजनीति के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम बिहार की राजनीति से जुड़े 5 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। चुनावी क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें – https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb ———————————– ये खबर भी पढ़ें… बिहार की 243 सीटों पर कब-कब वोटिंग:40 साल बाद 2 फेज में चुनाव, छठ के 8 दिन बाद मतदान, 14 को फैसला 985 के चुनाव में भी 2 चरण में वोट डाले गए थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने 196 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था, जबकि लोक दल मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा था। भाजपा को 16 सीटें मिली थीं। उस समय जनता पार्टी भी चुनावी मैदान में थी जो बाद में जनता दल में शामिल हो गई। जनता पार्टी को 229 में से 13 सीटें मिली थीं। इस चुनाव के बाद बिहार में एक ही कार्यकाल में चार मुख्यमंत्री बने थे। 1985 से 1988 तक बिंदेश्वरी दुबे बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उनके बाद लगभग एक साल भागवत झा आजाद, फिर कुछ महीनों के लिए सत्येंद्र नारायण सिन्हा और जगन्नाथ मिश्र बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। पूरी खबर पढ़ें…
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान सोमवार को हो गया है। 243 विधानसभा सीटों पर 2 फेज में वोटिंग होगी। मतदान 6 और 11 नवंबर को होंगे और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। पहले फेज में पटना समेत बिहार की 121 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में बॉर्डर से सटे 122 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव के ऐलान से काउंटिंग तक की प्रक्रिया 40 दिन चलेगी। इस विधानसभा चुनाव में करीब 7.42 करोड़ वोटर हैं। इनमें 14 लाख नए वोटर्स हैं। वहीं, 100 साल ऊपर के 14 हजार वोटर शामिल हैं। पोलिंग बूथ जाने में असमर्थ लोग फॉर्म 12 D भरकर घर से वोट डाल सकेंगे। आपके विधानसभा में कब होगी वोटिंग, देखिए पूरी लिस्ट… फेज-1, 121 सीटों पर वोटिंग फेज-2, 122 सीटों पर वोटिंग… बिहार में 40 साल बाद 2 फेज में चुनाव बिहार में 40 साल बाद दो फेज में चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले 1985 में चुनाव 2 फेज में हुए थे। भाजपा और आरजेडी ने 2 फेज में चुनाव कराने की मांग की थी। जेडीयू ने एक फेज में चुनाव कराने को कहा था। पिछले चुनाव यानी 2020 में 3 फेज में 20 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच वोटिंग हुई थी। 10 नवंबर को नतीजे घोषित हुए थे। इससे पहले 2015 में 5 फेज में 12 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच वोटिंग और 8 नवंबर को नतीजे आए थे। 2010 में इलेक्शन प्रोसेस 61 दिन, 2015 में 60 दिन और 2020 में 47 दिन चली थी। इस तरह पिछले 3 चुनावों में इस बार सबसे कम अवधि में चुनाव होंगे। वोटर्स की सुविधा का रखा जा रहा ख्याल- EC निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां औसतन प्रति केंद्र 818 मतदाता रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 76,801 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं, जबकि 13,911 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था (100%) की गई है। साथ ही, 1,350 मॉडल मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। पोलिंग बूथों की 100% वेबकास्टिंग की जाएगी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया, बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां औसतन प्रति केंद्र 818 मतदाता रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 76,801 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं, जबकि 13,911 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था (100%) की गई है। साथ ही, 1,350 मॉडल मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
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