हरियाणा में कांग्रेस पार्टी द्वारा नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह की नियुक्ति को लेकर जहां कांग्रेसी ही सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि “सिर मुंडाते ही ओले पड़ गए”, इनको अध्यक्ष बनाया और कानाफूसी शुरू हो गई। कानाफूसी चली है तो कांग्रेसी ही उसे भुगतेंगे। गुरुग्राम के भाजपा कार्यालय गुरुकमल में मनोहर लाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं, जिससे पार्टी की एकजुटता पर सवालिया निशान लग गया है। कांग्रेस के भीतर इस नियुक्ति को लेकर असंतोष और चर्चाएं तेज हैं। हालांकि उन्होंने इसे कांग्रेस का आंतरिक मामला करार देते हुए कहा कि उन्हें इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन जब जनता के बीच इस तरह की बातें उठती हैं, तो वह जवाब देने से नहीं चूकते। विपक्ष का नेता चुनने में लगा दिया एक साल
मनोहर लाल खट्टर ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष का नेता चुने जाने के सवाल पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह भी कांग्रेस के घर का मामला है, लेकिन जनता के बीच जब बात उठती है, तो मैं बता देता हूं कि उनके यहां निर्णय लेने में असमंजस रहता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के पास 37 विधायकों की अच्छी संख्या है, फिर भी विपक्ष का नेता चुनने में उन्हें एक साल लग गया। कांग्रेस अभी तक दुविधा में
उन्होंने इसे कांग्रेस की दुविधा का प्रतीक बताया और कहा कि जनता भी इसे समझती है और हम भी समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष का नेता चुन लिया जाना सत्ता पक्ष के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इससे विपक्ष के नेता एकजुट होकर बोलेंगे और अलग-अलग बयानबाजी नहीं होगी। उन्होंने कांग्रेस की इस देरी को उनकी कमजोरी करार देते हुए कहा कि यह उनकी संगठनात्मक कमियों को दर्शाता है। नायब सरकार अच्छा काम कर रही
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सीएम नायब सिंह सैनी सरकार बहुत अच्छे और प्रभावी ढंग से काम कर रही है। पिछले 10 सालों में हमने जो भी योजनाएं शुरू की थीं, वे सभी उनके तहत ही लागू की जा रही हैं। कभी-कभी छोटी-मोटी विसंगतियां होती हैं, क्योंकि ये योजनाएं मेरे कार्यकाल के दौरान बनाई गई थीं, और नौकरशाही के पास अक्सर उनके बारे में अधिक जानकारी होती है। कई बार तो नौकरशाह भी मुझसे सलाह लेते हैं, और इस तरह हम साथ मिलकर काम करते रहते हैं। पलवल तक ड्रेन बनाने का प्रस्ताव उन्होंने बताया कि अब तक गुरुग्राम में वर्षा का पानी केवल नजफगढ़ ड्रेन के माध्यम से ही यमुना नदी में पहुंचता है, लेकिन नजफगढ़ ड्रेन की भी एक क्षमता है। ऐसे में गुरुग्राम शहर की समस्या के स्थाई समाधान के लिए हमें नए विकल्पों पर काम करना होगा। पलवल जिला में यमुना तक नई ड्रेन एक प्रमुख विकल्प है। भारत सरकार की ओर से भी दिल्ली और गुरुग्राम में वर्षा जलभराव की समस्या के स्थाई समाधान के लिए नई परियोजना पर कार्य करने की सहमति है। उन्होंने बैठक में उपस्थित सिंचाई व अन्य विभागों के विशेषज्ञों से परियोजना पर खुलकर चर्चा की तथा इस परियोजना को लेकर आवश्यक सुझाव भी लिए। एक महीने के भीतर डीपीआर तैयार करें
केंद्रीय मंत्री ने बैठक में अधिकारियों के साथ गुरुग्राम से पलवल तक कनेक्टिविटी को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया। उन्होंने ड्रेन के मार्ग में भौगोलिक परिस्थितियों को भी देखते हुए अपने सुझाव रखते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र का अध्ययन किया जाए, पानी के प्राकृतिक प्रवाह के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र में लिफ्ट करने के विकल्प पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस परियोजना के लिए जीएमडीए व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी मिलकर विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट एक महीना के भीतर तैयार करें ताकि आगामी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में इसको रखा जा सके। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिन के भीतर वे स्वयं भी इस कार्य की प्रगति की समीक्षा करेंगे। साथ ही गुरुग्राम व आस-पास सरकारी भूमि पर बने जलाशयों की रिपोर्ट भी तैयार करने के निर्देश दिए।
हरियाणा में कांग्रेस पार्टी द्वारा नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह की नियुक्ति को लेकर जहां कांग्रेसी ही सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि “सिर मुंडाते ही ओले पड़ गए”, इनको अध्यक्ष बनाया और कानाफूसी शुरू हो गई। कानाफूसी चली है तो कांग्रेसी ही उसे भुगतेंगे। गुरुग्राम के भाजपा कार्यालय गुरुकमल में मनोहर लाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं, जिससे पार्टी की एकजुटता पर सवालिया निशान लग गया है। कांग्रेस के भीतर इस नियुक्ति को लेकर असंतोष और चर्चाएं तेज हैं। हालांकि उन्होंने इसे कांग्रेस का आंतरिक मामला करार देते हुए कहा कि उन्हें इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन जब जनता के बीच इस तरह की बातें उठती हैं, तो वह जवाब देने से नहीं चूकते। विपक्ष का नेता चुनने में लगा दिया एक साल
मनोहर लाल खट्टर ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष का नेता चुने जाने के सवाल पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह भी कांग्रेस के घर का मामला है, लेकिन जनता के बीच जब बात उठती है, तो मैं बता देता हूं कि उनके यहां निर्णय लेने में असमंजस रहता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के पास 37 विधायकों की अच्छी संख्या है, फिर भी विपक्ष का नेता चुनने में उन्हें एक साल लग गया। कांग्रेस अभी तक दुविधा में
उन्होंने इसे कांग्रेस की दुविधा का प्रतीक बताया और कहा कि जनता भी इसे समझती है और हम भी समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष का नेता चुन लिया जाना सत्ता पक्ष के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इससे विपक्ष के नेता एकजुट होकर बोलेंगे और अलग-अलग बयानबाजी नहीं होगी। उन्होंने कांग्रेस की इस देरी को उनकी कमजोरी करार देते हुए कहा कि यह उनकी संगठनात्मक कमियों को दर्शाता है। नायब सरकार अच्छा काम कर रही
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सीएम नायब सिंह सैनी सरकार बहुत अच्छे और प्रभावी ढंग से काम कर रही है। पिछले 10 सालों में हमने जो भी योजनाएं शुरू की थीं, वे सभी उनके तहत ही लागू की जा रही हैं। कभी-कभी छोटी-मोटी विसंगतियां होती हैं, क्योंकि ये योजनाएं मेरे कार्यकाल के दौरान बनाई गई थीं, और नौकरशाही के पास अक्सर उनके बारे में अधिक जानकारी होती है। कई बार तो नौकरशाह भी मुझसे सलाह लेते हैं, और इस तरह हम साथ मिलकर काम करते रहते हैं। पलवल तक ड्रेन बनाने का प्रस्ताव उन्होंने बताया कि अब तक गुरुग्राम में वर्षा का पानी केवल नजफगढ़ ड्रेन के माध्यम से ही यमुना नदी में पहुंचता है, लेकिन नजफगढ़ ड्रेन की भी एक क्षमता है। ऐसे में गुरुग्राम शहर की समस्या के स्थाई समाधान के लिए हमें नए विकल्पों पर काम करना होगा। पलवल जिला में यमुना तक नई ड्रेन एक प्रमुख विकल्प है। भारत सरकार की ओर से भी दिल्ली और गुरुग्राम में वर्षा जलभराव की समस्या के स्थाई समाधान के लिए नई परियोजना पर कार्य करने की सहमति है। उन्होंने बैठक में उपस्थित सिंचाई व अन्य विभागों के विशेषज्ञों से परियोजना पर खुलकर चर्चा की तथा इस परियोजना को लेकर आवश्यक सुझाव भी लिए। एक महीने के भीतर डीपीआर तैयार करें
केंद्रीय मंत्री ने बैठक में अधिकारियों के साथ गुरुग्राम से पलवल तक कनेक्टिविटी को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया। उन्होंने ड्रेन के मार्ग में भौगोलिक परिस्थितियों को भी देखते हुए अपने सुझाव रखते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र का अध्ययन किया जाए, पानी के प्राकृतिक प्रवाह के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र में लिफ्ट करने के विकल्प पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस परियोजना के लिए जीएमडीए व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी मिलकर विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट एक महीना के भीतर तैयार करें ताकि आगामी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में इसको रखा जा सके। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिन के भीतर वे स्वयं भी इस कार्य की प्रगति की समीक्षा करेंगे। साथ ही गुरुग्राम व आस-पास सरकारी भूमि पर बने जलाशयों की रिपोर्ट भी तैयार करने के निर्देश दिए।