पूर्णिया में शुक्रवार सुबह दशहरे का मेला देखकर लौट रहे 5 बच्चे वंदे भारत की चपेट में आ गए। इनमें से 4 बच्चों की मौके पर मौत हो गई। एक की हालत गंभीर है। घायल को पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। सभी एक ही परिवार से थे और रिश्ते में भाई थे। बच्चे बनमनखी प्रखंड के जानकीनगर थाना क्षेत्र के ठाकुरपट्टी वार्ड 4 के रहने वाले हैं। मृतकों की पहचान सुंदर कुमार (15), सिंटू कुमार (14), जिगर कुमार (14) और रोहित कुमार (15) के रूप में हुई है। घायल का नाम कुलदीप कुमार (12) है। सभी महादलित परिवार से हैं। ट्रेन की चपेट में आने से एक का कमर से नीचे का हिस्सा और दोनों हाथ कट गया। दूसरे के सिर के पीछे हिस्से में चोट लगी और तीसरे के ब्रेन में चोट लगी। एक का हाथ कटकर अलग हो गया। जबकि घायल के दोनों पैर ट्रेन की चपेट में आ गए हैं। हादसा कसबा थाना क्षेत्र के कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर जवनपुर के पास हुआ। हादसे के बाद की तस्वीरें देखिए… चश्मदीद बोले- स्पीड इतनी थी कि संभलने का मौका नहीं मिला हादसे के वक्त मौके पर मौजूद लोगों ने बताया, सभी लोग रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। जोगबनी से दानापुर जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस वहां से गुजरी। ट्रेन सभी को उड़ाते हुए निकल गई। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। एक ही परिवार के हैं सभी बच्चे मृतक श्यामसुंदर के पिता ब्रह्मदेव ऋषि ने बताया कि सभी मेला देखने कसबा गए थे। मृतकों में उनका बेटा, भतीजा और भगना शामिल है। वे लोग ठाकुरपट्टी के रहने वाले हैं। घर की माली हालत खराब होने की वजह से सभी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सपनी में रहकर मखाना फोड़ी का काम करते हैं। डेढ़ महीने से सभी वहां दरभंगा के ठेकेदार के अंदर रहकर मखाना फोड़ी का काम करते हैं। उन्हें मेहनताना के तौर पर 350 रुपए रोजाना के मिलते थे। विधायक बोले- मखाना फोड़ने का काम करते थे बच्चे हादसे पर दुख जताते हुए बनमनखी विधायक कृष्ण कुमार ऋषिदेव ने कहा कि, ‘मृतकों में जान गंवाने वाले सभी महादलित परिवार हैं। सभी बनमनखी के रहने वाले हैं। जिनकी उम्र 12 से 15 साल के बीच है। सभी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सपनी में रहकर मखाना फोड़ने का काम करते थे। मेला देखने कसबा गए थे। उसी दौरान हादसा हो गया।
जानकारी मिली है कि दरभंगा के ठेकेदार के द्वारा नाबालिगों से मखाना फोड़ने का काम कराया जा रहा था। पुलिस प्रशासन इसका पता लगा रही है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।’ पप्पू यादव के प्रतिनिधि ने की 20 लाख के मुआवजे की मांग सांसद पप्पू यादव के प्रतिनिधि राजेश यादव घटना की सूचना मिलते ही GMCH पहुंचे। सांसद प्रतिनिधि ने हादसे में जान गंवाने वाले मृतक के परिवार वालों के लिए 20 लाख कैश और रेलवे में सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की और कहा कि इसी घटना से मालूम पड़ेगा कि जो सरकार खुद को महादलितों का हितैषी बताती है, सही मायने में उसे लेकर कितनी हमदर्दी है। 15 सितंबर को हुआ था शुभारंभ बता दें कि सीमांचल को राजधानी पटना से जोड़ने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। 17 सितंबर से इसका नियमित परिचालन शुरू हुआ था। हादसे की खबर फैलते ही आसपास के गांवों से हजारों की भीड़ जुट गई। स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
पूर्णिया में शुक्रवार सुबह दशहरे का मेला देखकर लौट रहे 5 बच्चे वंदे भारत की चपेट में आ गए। इनमें से 4 बच्चों की मौके पर मौत हो गई। एक की हालत गंभीर है। घायल को पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। सभी एक ही परिवार से थे और रिश्ते में भाई थे। बच्चे बनमनखी प्रखंड के जानकीनगर थाना क्षेत्र के ठाकुरपट्टी वार्ड 4 के रहने वाले हैं। मृतकों की पहचान सुंदर कुमार (15), सिंटू कुमार (14), जिगर कुमार (14) और रोहित कुमार (15) के रूप में हुई है। घायल का नाम कुलदीप कुमार (12) है। सभी महादलित परिवार से हैं। ट्रेन की चपेट में आने से एक का कमर से नीचे का हिस्सा और दोनों हाथ कट गया। दूसरे के सिर के पीछे हिस्से में चोट लगी और तीसरे के ब्रेन में चोट लगी। एक का हाथ कटकर अलग हो गया। जबकि घायल के दोनों पैर ट्रेन की चपेट में आ गए हैं। हादसा कसबा थाना क्षेत्र के कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर जवनपुर के पास हुआ। हादसे के बाद की तस्वीरें देखिए… चश्मदीद बोले- स्पीड इतनी थी कि संभलने का मौका नहीं मिला हादसे के वक्त मौके पर मौजूद लोगों ने बताया, सभी लोग रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। जोगबनी से दानापुर जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस वहां से गुजरी। ट्रेन सभी को उड़ाते हुए निकल गई। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। एक ही परिवार के हैं सभी बच्चे मृतक श्यामसुंदर के पिता ब्रह्मदेव ऋषि ने बताया कि सभी मेला देखने कसबा गए थे। मृतकों में उनका बेटा, भतीजा और भगना शामिल है। वे लोग ठाकुरपट्टी के रहने वाले हैं। घर की माली हालत खराब होने की वजह से सभी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सपनी में रहकर मखाना फोड़ी का काम करते हैं। डेढ़ महीने से सभी वहां दरभंगा के ठेकेदार के अंदर रहकर मखाना फोड़ी का काम करते हैं। उन्हें मेहनताना के तौर पर 350 रुपए रोजाना के मिलते थे। विधायक बोले- मखाना फोड़ने का काम करते थे बच्चे हादसे पर दुख जताते हुए बनमनखी विधायक कृष्ण कुमार ऋषिदेव ने कहा कि, ‘मृतकों में जान गंवाने वाले सभी महादलित परिवार हैं। सभी बनमनखी के रहने वाले हैं। जिनकी उम्र 12 से 15 साल के बीच है। सभी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सपनी में रहकर मखाना फोड़ने का काम करते थे। मेला देखने कसबा गए थे। उसी दौरान हादसा हो गया।
जानकारी मिली है कि दरभंगा के ठेकेदार के द्वारा नाबालिगों से मखाना फोड़ने का काम कराया जा रहा था। पुलिस प्रशासन इसका पता लगा रही है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।’ पप्पू यादव के प्रतिनिधि ने की 20 लाख के मुआवजे की मांग सांसद पप्पू यादव के प्रतिनिधि राजेश यादव घटना की सूचना मिलते ही GMCH पहुंचे। सांसद प्रतिनिधि ने हादसे में जान गंवाने वाले मृतक के परिवार वालों के लिए 20 लाख कैश और रेलवे में सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की और कहा कि इसी घटना से मालूम पड़ेगा कि जो सरकार खुद को महादलितों का हितैषी बताती है, सही मायने में उसे लेकर कितनी हमदर्दी है। 15 सितंबर को हुआ था शुभारंभ बता दें कि सीमांचल को राजधानी पटना से जोड़ने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। 17 सितंबर से इसका नियमित परिचालन शुरू हुआ था। हादसे की खबर फैलते ही आसपास के गांवों से हजारों की भीड़ जुट गई। स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।