
लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दो दिन बाद पुलिस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लेह से गिरफ्तार कर लिया।
यह गिरफ्तारी दोपहर 2:30 बजे उस वक्त की गई जब वांगचुक यहां पत्रकारों को संबोधित करने वाले थे। पुलिस महकमे के मुखिया डीजीपी एसडी सिंह जम्वाल की अगुवाई में पहुंची टीम ने उन्हें हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद वांगचुक को राजस्थान के जोधपुर जिले की जेल भेज दिया गया।लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के एक प्रमुख आवाज वांगचुक लेह और कारगिल के निवासियों के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत सांविधानिक सुरक्षा उपायों के लिए पांच साल से चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। मांगों को लेकर 15 दिनों से चल रही भूख हड़ताल 24 सितंबर को हिंसक हो गई थी। इस घटना में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी जबकि 90 अन्य घायल हैं। वांगचुक पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप है। अब तक इस घटना से जुड़े 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद से लेह में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बाधित है। यहां तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा। स्कूल और सभी शैक्षणिक संस्थान आगामी आदेश तक बंद कर दिया गया है। हालांकि शुक्रवार को कहीं भी हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ। प्रशासन की ओर से हालात काबू में होने और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने की बात कही है। वहीं, कारगिल में स्थिति सामान्य रही है। लेह में प्रशासन ने हालात को काबू में रखने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बल को तैनात किया गया है।
एलएबी ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और बंद में उम्मीद से ज्यादा भीड़ जुट गई। वरिष्ठ सदस्यों के प्रयास के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने भाजपा दफ्तर में तोड़फोड़ थी। प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए थे। इसमें वांगचुक की कोई भूमिका नहीं थी।
लेह एपेक्स बॉडी के को-चेयरमैन चेरिंग दोरजे ने घटना में किसी बाहरी हाथ की संलिप्तता से इन्कार किया। उन्होंने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की। एलएबी के कानूनी सलाहकार हाजी गुलाम मुस्तफा ने वांगचुक की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण और नासमझी भरा फैसला बताया। कहा, इससे हालात सामान्य होने के बजाय और जटिल हो सकते हैं। वांगचुक अहिंसा में विश्वास करते हैं। मुस्तफा ने कहा, गिरफ्तारी से चार सूत्री एजेंडे के लिए आंदोलन नहीं रुक सकता। इससे केंद्र सरकार के बीच चल रही वार्ता में बाधा आने की भी आशंका है।
वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंग्मो ने कहा कि उनके पति के साथ बेवजह अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा। उन्होंने सरकार पर वांगचुक की छवि खराब करने के लिए झूठी कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया। आरोप लगाया, घर में पुलिस ने तोड़फोड़ की और वांगचुक को अनुचित रूप से राष्ट्र-विरोधी के रूप में चित्रित किया जा रहा है। यह लोकतंत्र का सबसे निकृष्ट रूप है
एलएबी ने सह-अध्यक्ष चेरिंग दोर्जे ने बुधवार को हुई घटना की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर गृह मंत्रालय हमें बातचीत के लिए समय पर नहीं बुलाता है, तो हम अपना आंदोलन और तेज कर देंगे। हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण और अहिंसक होगा। उन्होंने कहा कि वांगचुक के भूख हड़ताल शुरू होने के बाद केंद्र ने हमें 6 अक्तूबर को वार्ता के लिए बुलाया था।
वांगचुक की गिरफ्तारी केंद्र का उत्पीड़नात्मक एजेंडा, कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल : विपक्ष
विपक्षी दलों ने वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह कदम सरकार के उत्पीड़न के एजेंडे को स्पष्ट रूप से उजागर करता है और यह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में घोर विफलता है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। केजरीवाल ने कहा, रावण का भी अंत हुआ। कंस का भी अंत हुआ। हिटलर और मुसोलिनी का भी अंत हुआ। और आज लोग उन सभी लोगों से नफरत करते हैं।