
Amarnath Yatra News: जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार (03 जून) को शुरू हो गई है. कश्मीर के स्थानीय लोगों ने एक बार फिर अपना दिल बड़ा करते हुए घाटी में सांप्रदायिक सौहार्द और पारंपरिक आतिथ्य की सदियों पुरानी परंपरा को बरकरार रखा.
पहलगाम के नुनवान और सोनमर्ग के बालटाल के दो बेस कैंपों से एक साथ शुरू हुई 38 दिवसीय तीर्थयात्रा में न सिर्फ भक्ति की भावना देखने को मिली, बल्कि धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर कश्मीरी मुसलमानों ने भी अमरनाथ यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया.
घाटी में एंट्री करने के वक्त से ही तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत और उदारता के नजारे देखने को मिले. श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर काजीगुंड के पास नायवुग सुरंग में युवा स्वयंसेवकों और छात्रों का समूह सुबह-सुबह पेयजल, नाश्ता और शुभकामनाएं देने के लिए इकट्ठा हुए. स्थानीय मुसलमानों की मुस्कुराहट के साथ-साथ ‘बम बम भोले’ के नारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया.
तीर्थयात्रियों पर बरसाए गए फूल
मार्ग पर आगे बढ़ने पर ग्रामीणों ने तीर्थयात्रियों पर फूल बरसाए. सड़क किनारे की बस्तियों की महिलाएं गुज़रने वाले वाहनों को देखकर हाथ हिला रही थीं, कुछ ने सूखे मेवे और केहवा, कश्मीर की प्रसिद्ध केसर-युक्त चाय भेंट की. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अनंतनाग के 62 वर्षीय गुलाम अहमद ने अपने घर के बाहर तीर्थयात्रियों के लिए पानी का इंतजाम किया था.
उन्होंने कहा, “यह हमारी परंपरा है. हम उन्हें बाहरी लोगों के रूप में नहीं, बल्कि हमारे मेहमानों के रूप में देखते हैं. वे यहां भक्ति और आस्था के साथ आते हैं और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बेहतर तरीके से स्वागत हो और वो खुद को सुरक्षित महसूस करें.”
तीर्थयात्रियों ने भी जताया आभार
श्रीनगर के इम्तियाज अहमद अपने छोटे बच्चों के साथ यात्रियों का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे. उन्होंने कहा, “यह एकता का प्रतीक है. हम चाहते हैं कि हमारे मेहमान हमारी भूमि पर सुरक्षित और प्यार महसूस करें.” वहीं तीर्थयात्रियों ने अपार स्नेह और गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया.
दो मार्गों से शुरू हुई 38 दिवसीय तीर्थयात्रा
गौरतलब है कि दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तड़के घाटी से दो मार्ग-अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग से शुरू हुई.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को जम्मू के भगवती नगर में यात्रा आधार शिविर से 5,892 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात किया गया है.