
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार (26 जून) को अमरनाथ यात्रा की तैयारियों पर चर्चा के लिए राजनीतिक दलों के साथ बैठक की. इस बैठक में सीएम उमर अब्दुल्ला सहित अलग-अलग दलों ने नेता शामिल हुए. इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है. इस बैठक के बाद अपनी पार्टी के चीफ अल्ताफ बुखारी ने मीडिया से बातचीत की.
‘सभी लोगों ने अपने सुझाव दिए’
अल्ताफ बुखारी ने कहा, “अमरनाथ यात्रा को लेकर ये मीटिंग बुलाई गई थी. एलजी साहब ने ब्रीफ किया कि क्या इंतजाम किए गए हैं. अलग-अलग दलों के नेताओं को बुलाया गया था. सब लोगों ने अपने अपने सुझाव दिए. कुछ सुझाव ये था कि ये कश्मीर की परंपरा की बात है. ये यात्रा कामयाब हो जाए.”
‘स्थानीय लोगों का खयाल रखा जाए’
इसके आगे उन्होंने कहा, “लेकिन साथ में ये ही खयाल रखा जाए कि जो स्थानीय लोग हैं उनको कोई दिक्कत न हो जाए. जब यात्रा चलती है उस वक्त अगर कहीं मरीज या कुछ है तो लोकल स्टेकहोल्डर्स को नहीं लगना चाहिए कि आपके लिए कोई जगह नहीं है. उन चीजों पर भी बात हुई. एलजी साहब ने विस्तार से बताया कि सिक्योरिटी के कैसे इंतजाम किए गए हैं.”
‘सभी की दुआ थी कि ये कामयाब हो जाए’
अपनी पार्टी के चीफ ने कहा, “हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि ये यात्रा कामयाब हो जाए. सदियों से होती रही है. हम हमेशा से बाहर से आने वाले मेहमानों का वेलकम करते रहे हैं. इस बार भी वेलकम करते रहेंगे. सभी की दुआ यही थी कि ये कामयाब हो जाए और कोई ऐसा वाकया पेश न आ जाए जिससे सदियों से चलती आ रही यात्रा पर असर हो जाए.”
उपराज्यपाल ने क्या कहा?
वहीं उपराज्यपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘श्री अमरनाथ जी यात्रा की तैयारियों पर चर्चा के लिए आज श्रीनगर राजभवन में नेताओं के साथ बैठक की. यह यात्रा तीन जुलाई से शुरू हो रही है. इस बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए.’’
इसके आगे उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा जम्मू-कश्मीर के हितधारकों की सामाजिक-सांस्कृतिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, ‘‘सभी राजनीतिक दलों के नेता जम्मू-कश्मीर परिवार के सदस्य हैं और मेरा मानना है कि श्री अमरनाथ जी की तीर्थयात्रा इस परिवार की सामाजिक-सांस्कृतिक जिम्मेदारी है. हमें सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करने और श्री अमरनाथ जी यात्रा को सफल बनाने के संकल्प के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए.’’