
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में नौकरी गंवा चुके करीब टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ का पिछले 6 दिनों से प्रदर्शन जारी है। सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि आंदोलन करने वालों में शिक्षक कम, बाहरी लोगों की संख्या ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं किसी भी प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन एक लक्ष्मण रेखा होती है। जैसे मैं किसी को नहीं रोक सकती, वैसे ही मुझे भी कोई नहीं रोक सकता। आंदोलन करने के बजाय उन्हें कोर्ट में अपना केस लड़ना चाहिए। हम पूरी मदद करेंगे।’ ममता ने कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। दरअसल, 15 मई को शिक्षकों ने कोलकाता में शिक्षा विभाग के मुख्यालय ‘विकास भवन’ के बाहर प्रदर्शन शुरू किया था। इस दौरान सुबह 11 बजे से रात 8.30 बजे तक एक प्रेग्नेंट महिला सहित कई सौ सरकारी कर्मचारी बिल्डिंग के अंदर फंसे रहे। रात में प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और विकास भवन परिसर में घुस गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें करीब 100 शिक्षक घायल हो गए थे। 19 पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए। ममता बोलीं- हमारी वजह से शिक्षकों की नौकरी नहीं गई ममता ने घटना की आलोचना करते हुए कहा, ‘प्रदर्शन के दौरान एक प्रेग्नेंट महिला को घर जाने नहीं दिया गया। वह 20 घंटे तक बिल्डिंग के अंदर फंसी। एक छात्रा घर जाने के चलते बिल्डिंग से कूद गई। इसके कारण उसके पैर में चोट लग गई।’ CM ने कहा, ‘मैं शिक्षकों को उकसाने वालों से परेशान हूं। मुझे नहीं पता कि प्रदर्शनकारियों को कौन भड़का रहा है। उन्होंने हमारी वजह से अपनी नौकरी नहीं खोई। मुझे शिक्षकों से सहानुभूति है। हम सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेंगे, लेकिन कोर्ट जो फैसला देगा, तो हमें उसे मानना होगा।’ सुप्रीम कोर्ट 3 अप्रैल को हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रखा था
पश्चिम बंगाल में SSC ने 2016 में 25 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षकों को नियुक्ति की थी। 2023 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 2016 की भर्ती के 25,753 टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति को अवैध बताया था। हालांकि, कोर्ट ने बंगाल सरकार को 3 महीने के भीतर नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू कराने को कहा है। शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि उन्हें फिर से बहाल किया जाए और दोबारा परीक्षा देने की शर्त न रखी जाए। कोर्ट ने 17 अप्रैल को कहा- जिनका नाम स्कैम में नहीं, वह पढ़ा सकेंगे
17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने करीब 26,000 बर्खास्त शिक्षकों को राहत दी थी। कोर्ट ने कहा कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हुई है, वे नई चयन प्रक्रिया पूरी होने तक पढ़ाना जारी रख सकते हैं। हालांकि, ये राहत सिर्फ उन शिक्षकों के लिए है, जिनका नाम 2016 के घोटाले मामले में नहीं आया हो। हालांकि, ग्रुप C और ग्रुप D के नॉन टीचिंग स्टाफ के कर्मचारियों को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने कहा- इनमें से ज्यादातर कर्मचारियों पर आरोप सिद्ध हुए हैं। ममता बनर्जी ने शिक्षकों को काम पर लौटने को कहा था
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 अप्रैल को मिदनापुर के एक कार्यक्रम में शिक्षकों से काम पर लौटने और स्कूलों में पढ़ाना शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा- आपको यह सोचने की जरूरत नहीं कि कौन दोषी है और कौन नहीं। आपको सिर्फ यह सोचना है कि आपकी नौकरी और वेतन सुरक्षित है। हम भरोसा दिलाते हैं कि आपकी तनख्वाह मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को CBI की जांच के बाद बेदाग पाए गए बर्खास्त शिक्षकों की नौकरी 31 दिसंबर तक बढ़ा दी थी। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगी और शिक्षकों से भरोसा बनाए रखने की अपील की। ममता ने कहा था कि नौकरी गंवा चुके Group C और Group D कर्मचारियों के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। दो पॉइंट में पूरा मामला समझें… मंत्री की करीबी मॉडल के घर से 49 करोड़ कैश, करोड़ों की ज्वेलरी मिली थी ED ने 22 जुलाई, 2022 को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। घोटाले में बंगाल की एक मॉडल अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी जानकारी भी सामने आई। छापेमारी के दौरान अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। अर्पिता के फ्लैट से करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन मिले थे। 24 जुलाई को ED ने अर्पिता और पार्थ को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद एक और छापेमारी में अर्पिता के घर से फिर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला था। इसमें 2000 रुपए और 500 रुपए के नोटों के बंडल थे। इसके अलावा 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला। इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा-आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल थी। 30 सितंबर को मामले में पहली CBI चार्जशीट दाखिल हुई थी
CBI ने पिछले साल 30 सितंबर, 2024 को पहली चार्जशीट पेश की थी। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी तब ED की गिरफ्त में थे। पार्थ 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं, उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। ED ने 11 अक्टूबर, 2024 को TMC विधायक और स्टेट प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया। इस साल जनवरी में एजेंसी ने पार्थ चटर्जी, माणिक भट्टाचार्य और 52 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप दायर किए थे। ……………………………. यह खबर भी पढ़ें… ममता बनर्जी बोलीं- योगी सबसे बड़े भोगी:इमामों की बैठक में कहा- मुर्शिदाबाद दंगा में भाजपा-BSF की मिलीभगत इमामों की सभा में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा- यूपी के सीएम योगी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। वह सबसे बड़े भोगी हैं। महाकुंभ में कई लोगों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ों में कई लोग मारे गए। योगी लोगों को रैलियां नहीं निकालने देते। पूरी खबर पढ़ें…
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में नौकरी गंवा चुके करीब टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ का पिछले 6 दिनों से प्रदर्शन जारी है। सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि आंदोलन करने वालों में शिक्षक कम, बाहरी लोगों की संख्या ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं किसी भी प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन एक लक्ष्मण रेखा होती है। जैसे मैं किसी को नहीं रोक सकती, वैसे ही मुझे भी कोई नहीं रोक सकता। आंदोलन करने के बजाय उन्हें कोर्ट में अपना केस लड़ना चाहिए। हम पूरी मदद करेंगे।’ ममता ने कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। दरअसल, 15 मई को शिक्षकों ने कोलकाता में शिक्षा विभाग के मुख्यालय ‘विकास भवन’ के बाहर प्रदर्शन शुरू किया था। इस दौरान सुबह 11 बजे से रात 8.30 बजे तक एक प्रेग्नेंट महिला सहित कई सौ सरकारी कर्मचारी बिल्डिंग के अंदर फंसे रहे। रात में प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और विकास भवन परिसर में घुस गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें करीब 100 शिक्षक घायल हो गए थे। 19 पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए। ममता बोलीं- हमारी वजह से शिक्षकों की नौकरी नहीं गई ममता ने घटना की आलोचना करते हुए कहा, ‘प्रदर्शन के दौरान एक प्रेग्नेंट महिला को घर जाने नहीं दिया गया। वह 20 घंटे तक बिल्डिंग के अंदर फंसी। एक छात्रा घर जाने के चलते बिल्डिंग से कूद गई। इसके कारण उसके पैर में चोट लग गई।’ CM ने कहा, ‘मैं शिक्षकों को उकसाने वालों से परेशान हूं। मुझे नहीं पता कि प्रदर्शनकारियों को कौन भड़का रहा है। उन्होंने हमारी वजह से अपनी नौकरी नहीं खोई। मुझे शिक्षकों से सहानुभूति है। हम सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेंगे, लेकिन कोर्ट जो फैसला देगा, तो हमें उसे मानना होगा।’ सुप्रीम कोर्ट 3 अप्रैल को हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रखा था
पश्चिम बंगाल में SSC ने 2016 में 25 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षकों को नियुक्ति की थी। 2023 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 2016 की भर्ती के 25,753 टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति को अवैध बताया था। हालांकि, कोर्ट ने बंगाल सरकार को 3 महीने के भीतर नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू कराने को कहा है। शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि उन्हें फिर से बहाल किया जाए और दोबारा परीक्षा देने की शर्त न रखी जाए। कोर्ट ने 17 अप्रैल को कहा- जिनका नाम स्कैम में नहीं, वह पढ़ा सकेंगे
17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने करीब 26,000 बर्खास्त शिक्षकों को राहत दी थी। कोर्ट ने कहा कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हुई है, वे नई चयन प्रक्रिया पूरी होने तक पढ़ाना जारी रख सकते हैं। हालांकि, ये राहत सिर्फ उन शिक्षकों के लिए है, जिनका नाम 2016 के घोटाले मामले में नहीं आया हो। हालांकि, ग्रुप C और ग्रुप D के नॉन टीचिंग स्टाफ के कर्मचारियों को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने कहा- इनमें से ज्यादातर कर्मचारियों पर आरोप सिद्ध हुए हैं। ममता बनर्जी ने शिक्षकों को काम पर लौटने को कहा था
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 अप्रैल को मिदनापुर के एक कार्यक्रम में शिक्षकों से काम पर लौटने और स्कूलों में पढ़ाना शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा- आपको यह सोचने की जरूरत नहीं कि कौन दोषी है और कौन नहीं। आपको सिर्फ यह सोचना है कि आपकी नौकरी और वेतन सुरक्षित है। हम भरोसा दिलाते हैं कि आपकी तनख्वाह मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को CBI की जांच के बाद बेदाग पाए गए बर्खास्त शिक्षकों की नौकरी 31 दिसंबर तक बढ़ा दी थी। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगी और शिक्षकों से भरोसा बनाए रखने की अपील की। ममता ने कहा था कि नौकरी गंवा चुके Group C और Group D कर्मचारियों के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। दो पॉइंट में पूरा मामला समझें… मंत्री की करीबी मॉडल के घर से 49 करोड़ कैश, करोड़ों की ज्वेलरी मिली थी ED ने 22 जुलाई, 2022 को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। घोटाले में बंगाल की एक मॉडल अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी जानकारी भी सामने आई। छापेमारी के दौरान अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। अर्पिता के फ्लैट से करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन मिले थे। 24 जुलाई को ED ने अर्पिता और पार्थ को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद एक और छापेमारी में अर्पिता के घर से फिर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला था। इसमें 2000 रुपए और 500 रुपए के नोटों के बंडल थे। इसके अलावा 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला। इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा-आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल थी। 30 सितंबर को मामले में पहली CBI चार्जशीट दाखिल हुई थी
CBI ने पिछले साल 30 सितंबर, 2024 को पहली चार्जशीट पेश की थी। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी तब ED की गिरफ्त में थे। पार्थ 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं, उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। ED ने 11 अक्टूबर, 2024 को TMC विधायक और स्टेट प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया। इस साल जनवरी में एजेंसी ने पार्थ चटर्जी, माणिक भट्टाचार्य और 52 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप दायर किए थे। ……………………………. यह खबर भी पढ़ें… ममता बनर्जी बोलीं- योगी सबसे बड़े भोगी:इमामों की बैठक में कहा- मुर्शिदाबाद दंगा में भाजपा-BSF की मिलीभगत इमामों की सभा में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा- यूपी के सीएम योगी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। वह सबसे बड़े भोगी हैं। महाकुंभ में कई लोगों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ों में कई लोग मारे गए। योगी लोगों को रैलियां नहीं निकालने देते। पूरी खबर पढ़ें…