
मध्यप्रदेश के महू में हुए विवाद और पथराव के मामले में सोमवार को जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद जावेद का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, तरावीह की नमाज चल रही थी, उसी समय जुलूस यहां से शोर शराबा करते हुए निकल रहा था। नमाज पूरी होकर सब लोग बाहर निकल रहे थे, तभी किसी ने मस्जिद के अंदर सुतली बम फेंका। इससे लोग पैनिक हुए और ये सिचुएशन क्रिएट हुई। बता दें, चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया की जीत के बाद रविवार रात निकल रहे जुलूस के दौरान विवाद हो गया था। शहर में 300 पुलिसकर्मी तैनात हैं। क्षेत्र में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। ग्रामीण एसपी हितिका वासल ने बताया 17 लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है, इनमें से 12 लोगों को गिरफ्तारी कर लिया है। सोमवार देर रात 11.45 बजे प्रताप बाल मंदिर पास स्थित चाट चौपाटी में लगे तीन ठेलों में किसी ने आग लगा दी। स्थानीय लोगों ने फौरन आग बुझाई। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा। जामा मस्जिद के इमाम का पूरा बयान इमाम मो. जावेद ने कहा, तरावीह की नमाज चल रही थी। उसी बीच जुलूस शोर-शराबा करते हुए निकला। जब हम नमाज से फारिग हुए तब जुलूस का शायद आखिरी हिस्सा यहां बचा होगा। हम निकल ही रहे थे तभी किसी ने अंदर की तरफ सुतली बम फेंका और उससे धुआं उठा। उसी से लोग पैनिक हो गए। बात बढ़ती चली गई। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि ये जुलूस कैसे निकला। इस रूट से कैसे निकला? किन लोगों ने परमिशन ली थी और कितने लोगों की ली थी? कितने वाहनों की परमिशन थी? पथराव की नौतब क्यों आई? इसके जवाब में इमाम ने कहा, पथराव की नौबत ऐसे आई कि जिसने बम फेंका था, उससे हाथापाई हुई। मैं बाहर निकला और उस आदमी को बाहर निकाला। फिर अमित जोशी आए। उन्होंने बातचीत शुरू की। मैंने बोला थाने पर आराम से बात करते हैं। यहां से वो गए और वहां वो पहुंचे होंगे तभी उधर से पथराव शुरू हो गया। हम उनके साथ पुलिस के सामने बैठकर बात कर रहे थे। पुलिस के सामने पथराव हुआ। लोगों ने शोर-शराबा सुना तब आसपास के लोग आ गए।
पथराव आपकी तरफ से भी हुआ? इस सवाल के जवाब में इमाम ने कहा- हां, फिर तो होना ही था। जनता तो जनता है। पहले उधर से पथराव हुआ था। अफसरों ने कहा है कि आप सहयोग करें। हम भी अपना फर्ज निभाएंगे। आने वाली सिचुएशन बताएगी कि हम कितने जल्दी हालात को काबू में ले सकते हैं। माहौल बनाने की कोशिश की जा रही
दोपहर बाद इमाम मोहम्मद जावेद का एक और बयान आया। जिसमें उन्होंने कहा कि माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि मुसलमानों की वजह से हालात बिगड़े हैं। हम भी इस देश के ही वासी हैं। बिना परमिशन के जुलूस निकाला
इमाम ने कहा, पहले ही यह तय हुआ था कि जामा मस्जिद के रूट पर कोई जुलूस नहीं निकलेगा। दोनों तरफ के लोगों की सहमति थी। रविवार रात जो जुलूस निकाला गया, उसकी परमिशन नहीं थी। कोई अगवानी करने वाला नहीं था। वह उपद्रवियों की भीड़ थी। भारत की जीत के नाम पर शोरशराबा करना उनका काम था। नमाज से लौटते वक्त मस्जिद पर सुतली बम फेंका गया था। यह बहुत बुरा हुआ है। हम कहना चाहते हैं कि हमारी मस्जिद पाकिस्तान में नहीं है। हम हिंदुस्तान के निवासी हैं, यहीं के रहेंगे। विवाद से आगजनी तक ऐसे बढ़ा मामला… जुलूस को रोका और मारपीट शुरू कर दी
रविवार रात करीब 10 बजे भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के बाद शहर में जुलूस निकाला जा रहा था। 40 बाइक पर 100 से ज्यादा लोग जश्न मनाते हुए जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। इसी दौरान जामा मस्जिद के पास आतिशबाजी को लेकर कुछ लोगों के साथ विवाद हो गया। पीछे चल रहे पांच-छह लोगों को दूसरे पक्ष के लोगों ने रोक लिया और मारपीट शुरू कर दी। लोगों ने दुकानों और वाहनों को आग लगा दी। पेट्रोल बम भी फेंके गए। पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाला। करीब ढाई घंटे बाद हालात काबू में आ सके। 20 बाइक, दो कार और एक ऑटो में आग लगाई
उपद्रवियों ने दो ऑटो, एक कार और 10 बाइक में आग लगाई है। इनमें एक पुलिसकर्मी की बाइक भी शामिल है। इसके अलावा, 5 कार, 10 बाइक में भी तोड़फोड़ की गई है। चार दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई है। इनमें चूड़ी, पापड़, मेडिकल और कॉस्मेटिक्स की दुकान शामिल हैं। दुकानदार बोले- आगजनी-पथराव में नुकसान हुआ
दुकानदार जितेंद्र बत्रा ने बताया, 15 दिन पहले दुकान में रमजान का 5 लाख रुपए का माल भरा था। रात में सब जलकर खाक हो गया है। जो बचा था, उपद्रवी लूट कर ले गए। दुकानदार अज्जू ने बताया, रात करीब 11 बजे हम नमाज पढ़कर बैठे ही थे कि पथराव हो गया। एक समूह आया और हमारे घर को टारगेट बनाकर आगजनी की। शोरूम में काफी नुकसान हुआ है। शहर में लगातार पेट्रोलिंग कर रही पुलिस
इंदौर ग्रामीण क्षेत्र के महू, मानपुर, किशनगंज, बेटमा, सिमरोल, बड़गोंदा, क्षिप्रा, खुड़ैल समेत करीब 10 थाने और एसएएफ की एक बटालियन समेत कुल 300 पुलिसकर्मी तैनात हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र जामा मस्जिद, पत्ती बाजार क्षेत्र और बतख मोहल्ले हैं। यहां हर चौराहे पर पुलिस बल तैनात है। इसके अलावा शहर में गाड़ियों से पेट्रोलिंग की जा रही है। अब शांति है, लेकिन हालात तनावपूर्ण: कलेक्टर
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि घटना की शुरुआत मस्जिद के पास से हुई। जुलूस के एक टुकड़े के साथ वारदात हुई है। घटना की शुरुआत पटाखे फोड़ने से हुई या अन्य कारण से इसकी जांच की जाएगी, लेकिन पहले वाद-विवाद हुआ है फिर मारपीट भी हुई। किन परिस्थितियों में हुई, कौन-कौन जिम्मेदार हैं, ये जांच के बाद सामने आएगा। 4 घायलों में से कोई भी गंभीर नहीं है। मामले में कुछ लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करेंगे। कुछ और भी एफआईआर भी की जाएंगी। अब वहां शांति है, बंद करने जैसे हालात नहीं हैं, लेकिन तनावपूर्ण हैं। सोशल मीडिया पर भी कोई इस तरह की अफवाह फैलाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अभी तैनात रहेगी। तस्वीरों में सिलसिलेवार देखिए पूरा घटनाक्रम…
मध्यप्रदेश के महू में हुए विवाद और पथराव के मामले में सोमवार को जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद जावेद का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, तरावीह की नमाज चल रही थी, उसी समय जुलूस यहां से शोर शराबा करते हुए निकल रहा था। नमाज पूरी होकर सब लोग बाहर निकल रहे थे, तभी किसी ने मस्जिद के अंदर सुतली बम फेंका। इससे लोग पैनिक हुए और ये सिचुएशन क्रिएट हुई। बता दें, चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया की जीत के बाद रविवार रात निकल रहे जुलूस के दौरान विवाद हो गया था। शहर में 300 पुलिसकर्मी तैनात हैं। क्षेत्र में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। ग्रामीण एसपी हितिका वासल ने बताया 17 लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है, इनमें से 12 लोगों को गिरफ्तारी कर लिया है। सोमवार देर रात 11.45 बजे प्रताप बाल मंदिर पास स्थित चाट चौपाटी में लगे तीन ठेलों में किसी ने आग लगा दी। स्थानीय लोगों ने फौरन आग बुझाई। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा। जामा मस्जिद के इमाम का पूरा बयान इमाम मो. जावेद ने कहा, तरावीह की नमाज चल रही थी। उसी बीच जुलूस शोर-शराबा करते हुए निकला। जब हम नमाज से फारिग हुए तब जुलूस का शायद आखिरी हिस्सा यहां बचा होगा। हम निकल ही रहे थे तभी किसी ने अंदर की तरफ सुतली बम फेंका और उससे धुआं उठा। उसी से लोग पैनिक हो गए। बात बढ़ती चली गई। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि ये जुलूस कैसे निकला। इस रूट से कैसे निकला? किन लोगों ने परमिशन ली थी और कितने लोगों की ली थी? कितने वाहनों की परमिशन थी? पथराव की नौतब क्यों आई? इसके जवाब में इमाम ने कहा, पथराव की नौबत ऐसे आई कि जिसने बम फेंका था, उससे हाथापाई हुई। मैं बाहर निकला और उस आदमी को बाहर निकाला। फिर अमित जोशी आए। उन्होंने बातचीत शुरू की। मैंने बोला थाने पर आराम से बात करते हैं। यहां से वो गए और वहां वो पहुंचे होंगे तभी उधर से पथराव शुरू हो गया। हम उनके साथ पुलिस के सामने बैठकर बात कर रहे थे। पुलिस के सामने पथराव हुआ। लोगों ने शोर-शराबा सुना तब आसपास के लोग आ गए।
पथराव आपकी तरफ से भी हुआ? इस सवाल के जवाब में इमाम ने कहा- हां, फिर तो होना ही था। जनता तो जनता है। पहले उधर से पथराव हुआ था। अफसरों ने कहा है कि आप सहयोग करें। हम भी अपना फर्ज निभाएंगे। आने वाली सिचुएशन बताएगी कि हम कितने जल्दी हालात को काबू में ले सकते हैं। माहौल बनाने की कोशिश की जा रही
दोपहर बाद इमाम मोहम्मद जावेद का एक और बयान आया। जिसमें उन्होंने कहा कि माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि मुसलमानों की वजह से हालात बिगड़े हैं। हम भी इस देश के ही वासी हैं। बिना परमिशन के जुलूस निकाला
इमाम ने कहा, पहले ही यह तय हुआ था कि जामा मस्जिद के रूट पर कोई जुलूस नहीं निकलेगा। दोनों तरफ के लोगों की सहमति थी। रविवार रात जो जुलूस निकाला गया, उसकी परमिशन नहीं थी। कोई अगवानी करने वाला नहीं था। वह उपद्रवियों की भीड़ थी। भारत की जीत के नाम पर शोरशराबा करना उनका काम था। नमाज से लौटते वक्त मस्जिद पर सुतली बम फेंका गया था। यह बहुत बुरा हुआ है। हम कहना चाहते हैं कि हमारी मस्जिद पाकिस्तान में नहीं है। हम हिंदुस्तान के निवासी हैं, यहीं के रहेंगे। विवाद से आगजनी तक ऐसे बढ़ा मामला… जुलूस को रोका और मारपीट शुरू कर दी
रविवार रात करीब 10 बजे भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के बाद शहर में जुलूस निकाला जा रहा था। 40 बाइक पर 100 से ज्यादा लोग जश्न मनाते हुए जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। इसी दौरान जामा मस्जिद के पास आतिशबाजी को लेकर कुछ लोगों के साथ विवाद हो गया। पीछे चल रहे पांच-छह लोगों को दूसरे पक्ष के लोगों ने रोक लिया और मारपीट शुरू कर दी। लोगों ने दुकानों और वाहनों को आग लगा दी। पेट्रोल बम भी फेंके गए। पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाला। करीब ढाई घंटे बाद हालात काबू में आ सके। 20 बाइक, दो कार और एक ऑटो में आग लगाई
उपद्रवियों ने दो ऑटो, एक कार और 10 बाइक में आग लगाई है। इनमें एक पुलिसकर्मी की बाइक भी शामिल है। इसके अलावा, 5 कार, 10 बाइक में भी तोड़फोड़ की गई है। चार दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई है। इनमें चूड़ी, पापड़, मेडिकल और कॉस्मेटिक्स की दुकान शामिल हैं। दुकानदार बोले- आगजनी-पथराव में नुकसान हुआ
दुकानदार जितेंद्र बत्रा ने बताया, 15 दिन पहले दुकान में रमजान का 5 लाख रुपए का माल भरा था। रात में सब जलकर खाक हो गया है। जो बचा था, उपद्रवी लूट कर ले गए। दुकानदार अज्जू ने बताया, रात करीब 11 बजे हम नमाज पढ़कर बैठे ही थे कि पथराव हो गया। एक समूह आया और हमारे घर को टारगेट बनाकर आगजनी की। शोरूम में काफी नुकसान हुआ है। शहर में लगातार पेट्रोलिंग कर रही पुलिस
इंदौर ग्रामीण क्षेत्र के महू, मानपुर, किशनगंज, बेटमा, सिमरोल, बड़गोंदा, क्षिप्रा, खुड़ैल समेत करीब 10 थाने और एसएएफ की एक बटालियन समेत कुल 300 पुलिसकर्मी तैनात हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र जामा मस्जिद, पत्ती बाजार क्षेत्र और बतख मोहल्ले हैं। यहां हर चौराहे पर पुलिस बल तैनात है। इसके अलावा शहर में गाड़ियों से पेट्रोलिंग की जा रही है। अब शांति है, लेकिन हालात तनावपूर्ण: कलेक्टर
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि घटना की शुरुआत मस्जिद के पास से हुई। जुलूस के एक टुकड़े के साथ वारदात हुई है। घटना की शुरुआत पटाखे फोड़ने से हुई या अन्य कारण से इसकी जांच की जाएगी, लेकिन पहले वाद-विवाद हुआ है फिर मारपीट भी हुई। किन परिस्थितियों में हुई, कौन-कौन जिम्मेदार हैं, ये जांच के बाद सामने आएगा। 4 घायलों में से कोई भी गंभीर नहीं है। मामले में कुछ लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करेंगे। कुछ और भी एफआईआर भी की जाएंगी। अब वहां शांति है, बंद करने जैसे हालात नहीं हैं, लेकिन तनावपूर्ण हैं। सोशल मीडिया पर भी कोई इस तरह की अफवाह फैलाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अभी तैनात रहेगी। तस्वीरों में सिलसिलेवार देखिए पूरा घटनाक्रम…